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Monday, January 20, 2025

ग्रैंड मास्टर कौन होते हैं?

ग्रैंड मास्टर (जीएम) विश्व शतरंज संगठन फिडे (फ्रेंच फेडरेशन इंटरनेशनेल द एचे) द्वारा प्रदत्त सर्वोच्च उपाधि है। यह उपाधि जीवन भर के लिए होती है।  जीएम बनने की योग्यताएँ बदलती रही हैं। इस समय आधार है 2500+ फिडे क्लासिकल (या मानक) रेटिंग। मानदंड के कई नियम हैं। व्यक्ति को नौ-राउंड वाले फिडे टूर्नामेंट में प्रदर्शन रेटिंग की जरूरत होती है। ग्रैंड मास्टर के अलावा सुपर-ग्रैंडमास्टर शब्द भी प्रचलन में है, पर यह अनौपचारिक है। इसका तात्पर्य 2700+ रेटिंग वाले खिलाड़ी से है। 1950 में दुनिया के 27 खिलाड़ियों को पहला जीएम खिताब दिया गया था। ग्रैंड मास्टर्स में बड़ी संख्या पुरुषों की है।  2024 तक कुल 2000 ग्रैंड मास्टर में से 42 महिलाओं को यह खिताब मिला। महिला ग्रैंडमास्टर खिताब भी होता है, जिसके मापदंड कम कठोर हैं। भारत में 84 ग्रैंड मास्टर हैं, जिनमें तीन महिलाएँ हैं। इसके अलावा 136 इंटरनेशनल मास्टर हैं, जिनमें नौ महिलाएँ हैं। 18 महिला ग्रैंड मास्टर और 43 महिला अंतर्राष्ट्रीय मास्टर भे हैं। मैनुअल आरोन पहले भारतीय थे, जिन्हें 1961 में इंटरनेशनल मास्टर खिताब मिला। विश्वनाथन आनंद 1988 में पहले भारतीय ग्रैंडमास्टर बने।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 18 जनवरी, 2025 को प्रकाशित



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