Saturday, July 12, 2025

रेअर अर्थ क्या होता है?

रेअर अर्थ 17 रासायनिक तत्वों का समूह है, जिसमें 15 लैंथनाइड तत्व (लैंथेनम से ल्यूटेटियम) और स्कैंडियम व इट्रियम शामिल हैं। ये तत्व अपने विशेष भौतिक और रासायनिक गुणधर्मों के कारण उच्च तकनीकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, और अक्षय ऊर्जा उद्योगों में महत्वपूर्ण हैं। इन्हें रेअर या दुर्लभ इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये पृथ्वी की सतह पर केंद्रित रूप में कम पाए जाते हैं, पर ये पूरी तरह से दुर्लभ नहीं हैं। दुनिया में रेअर अर्थ भंडार का सबसे बड़ा स्रोत चीन में है, जहाँ अनुमानित 4.4 करोड़ टन का भंडार है, जो विश्व के सकल भंडार का करीब आधा है। चीन से वैश्विक उत्पादन का लगभग 60-70 प्रतिशत हिस्सा आता है, खासकर बायन ओबो खदान (इनर मंगोलिया) से। ऑस्ट्रेलिया दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक, जिसका भंडार लगभग 40 लाख टन है। भारत में करीब 69 लाख टन के भंडार हैं, जो मुख्यतः मोनाज़ाइट रेत में पाए जाते हैं, जो केरल, तमिलनाडु, और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में हैं। खनन और प्रोसेसिंग में बाधाओं के कारण उत्पादन करीब 2,900 टन है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और भारत जैसे देश अब अपने संसाधनों को विकसित करने पर ध्यान दे रहे हैं ताकि आपूर्ति श्रृंखला में बाहरी निर्भरता कम हो।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 12 जुलाई 2025 को प्रकाशित

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...