दुनिया के कई शहर सबसे पुराना होने का
दावा करते हैं। इनमें सीरिया का दमिश्क, लेबनॉन का बाइब्लोस, अफगानिस्तान का बल्ख और फलस्तीन के जेरिको का नाम
भी है। पर मैं अपने वाराणसी का नाम लूँगा, जो सम्भवतः दुनिया के उन सबसे पुराने शहरों
में एक है जो आज भी आबाद हैं। जनश्रुति है कि इसे भगवान शिव ने बसाया। इसमें दो राय नहीं कि यह शहर तीन से चार हजार साल
पुराना है। मार्क ट्वेन ने इस शहर के बारे में लिखा है,‘वाराणसी, इतिहास से पुराना, परम्पराओं से पुराना, किंवदंतियों से पुराना
है और इन सबको मिलाकर भी उनसे दुगना पुराना है।’
5000 वर्ष पुरानी सोने की खान
जर्मन शहर बोखुम के माइनिंग म्यूजियम के खनन पुरातत्वशास्त्रियों को हैरानी है कि इतनी नीचे जाने के लिए उन्होंने कौन सा रास्ता चुना. खदान का मुहाना खोजते समय इन पुरातत्वशास्त्रियों को एक और आश्चर्यजनक चीज मिली वह थे, पत्थरों के औजार. इन्हीं धारदार औजारों से उस समय इंसान ने खुदाई की थी. पुरातत्वशास्त्री थोमास श्टोएल्नेर बताते हैं, "उनके लिए यह मुश्किल भरा रहा होगा, इस तरह के हथौड़े से पत्थरों को तोड़ना और इतनी संकरी जगह पर खनन करना. हमें बहुत खास हथौड़े मिले जो साफ तौर पर ऐसी संकरी खदान के लिए बनाए गए."
सिर्फ पत्थर को औजार बनाकर प्राचीन काल में लोगों ने यहां 70 मीटर की सुरंग बना डाली. बहुत ही संकरी जगह पर पहले बच्चों को भेजा गया. मृतकों के अवशेष बताएंगे कि इतना जोखिम क्यों उठाया गया. नमूनों में सोने के अंश मिले हैं. नंगी आंखों से इसे देखना मुमकिन नहीं. धीरे धीरे पुरातत्वशास्त्री उस तकनीक तक पहुंच रहे हैं जो सबसे पहले सोना निकालने वालों ने अपनाई. टीम को शोध के दौरान पांच हजार साल पुराना तारकोल भी मिला है.
टीम ने दुनिया की अब तक की सबसे पुरानी सोने की खान खोज निकाली. माना जा रहा है कि यह शुरुआती कांस्य युग की निशानी है. खदान में सोने की कितनी मात्रा है, वह कहां है, इसका पता लगाने के लिए मोबाइल लेजर स्कैनर से सुरंग का खाका बनाया गया. "यह पहली ऐसी सुरंग है जिसके जरिए हम खनन की पुरानी तकनीक के बारे में जान रहे हैं. यहां हमें पहली बार एक बहुत उच्च स्तर की तकनीक का पता चला. ऐसी तकनीक जो खोज के हजार साल बाद लोकप्रिय हुई. जरा सोचिए, यहां जमीन के 25 मीटर नीचे एक सुरंगों वाली खदान है, यह विश्व स्तर की कामयाबी है. यह देखना रोमांचक है कि सोने के खनन में उन्होंने किस तरह की विशेषता का इस्तेमाल किया." दावे साबित कर रहे हैं कि आज से 5000 साल पहले कॉकेशस में इंसान ने चट्टानों को चूर कर सोना निकालना शुरू कर दिया था. यानी इंसान तभी से सोने के मोह में डूबा है.
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में
30 दिसंबर, 2023 को प्रकाशित