Monday, April 30, 2012

गाड़ी पर लाल और नीली बत्ती लगाने का अधिकार किन अधिकारियों को होता है?

गाड़ी पर लाल और नीली बत्ती लगाने का अधिकार किन अधिकारियों को होता है?
- कैलाश पालीवाल, कानोड़


आपने अक्सर देखा होगा कि कोई एम्बुलेंस खास तरीके का सायरन बजाती आती है और लोग उसे रास्ता देते हैं। इसे आपत्कालीन सेवा संकेत कहते हैं। एम्बुलेंस की छत पर रंगीन बत्तियाँ भी लगी रहती हैं। इसी तरह की व्यवस्था फायरब्रिगेड के साथ भी होती है। पुलिस की गश्ती गाड़ियों पर भी। इसका उद्देश्य ज़रूरी काम पर जा रहे लोगों को पहचानना और मदद करना है। महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारियों, फौजी और नागरिक पदाधिकारियों के लिए भी ज़रूरत के अनुसार ऐसी व्यवस्थाएं की जाती हैं।

भारत में सेंट्रल मोटर ह्वीकल्स रूल्स 1989 के नियम 108(3) के अंतर्गत गाड़ियों पर बत्ती लगाने के जो निर्दश दिए हैं उनके अंतर्गत आने वाले कुछ पदाधिकारियों की सूची नीचे दे रहे हैं। ये केन्द्रीय निर्देश हैं। इनके अलावा राज्य सरकारों के निर्देश भी होते हैं।
लाल बत्ती फ्लैशर के साथ
राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीश, पूर्व प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष, राज्यों के मुख्यमंत्री आदि।
लाल बत्ती बिना फ्लैशर के
मुख्य चुनाव आयुक्त, सीएजी, लोकसभा उपाध्यक्ष, राज्य मंत्री, सचिव स्तर के अधिकारी आदि।
पीली बत्ती
कमिश्नर इनकम टैक्स, रिवेन्यू कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक।
नीली बत्ती
एम्बुलेंस, पुलिस की गाड़ियाँ

भूकंप क्यों आते हैं?
- राजीव व्यास, उदयपुर

पृथ्वी की सतह से उसके केन्द्र की कुल दूरी औसतन लगभग 3960 मील है। धरती की बाहरी सतह ठोस है। इस ठोस सतह पर ही समुद्र हैं। इस सतह के नीचे उच्च तापमान पर पिघला लावा है। बाहरी सतह के हम क्रस्ट या पर्पटी कहते हैं। यह क्रस्ट पूरी तरह एक साथ जुड़ी नहीं है, बल्कि कई जगह से खंडित है। एक तरह से खौलते तरल लावा के ऊपर भूमि के खंड तैरते हैं। इन खंडों को प्लेट्स कहते हैं। दुनिया के नक्शे पर कई प्लेटें हैं। अंदर के दबाव के कारण इन प्लेटों में टकराव होता है तो भूकम्प आते हैं। इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट भारत से होकर गुजरती हैं।

हमारी पलकें क्यों झपकती हैं?
- नवीन शर्मा, बाड़मेर
पलकों का झपकना हमारी आँखों का एक प्रकार का सुरक्षा तंत्र है। बार-बार पलकें झपकने से आँखों में मौजूद पानी पूरी आँख में बराबरी से फैलता है। आँखों में निरंतर नमी की ज़रूरत होती है। नमी न हो तो आँख खराब हो जाएंगी। वे लगातार खुली रहें तो वे सूख जाएंगी, जिससे जलन होने लगेगी। पलकें झपकते हुए आँखों में मौजूद छोटे मोटे बाहरी तत्वों को भी कॉर्निया और कंजक्टिवा से हटाती रहती हैं। तेज हवा और आँधी में पलकें बंद हो जाती हैं ताकि धूल-मिट्टी न चली जाए। छींक आने पर भी पलकें बंद हो जाती हैं ताकि पुतलियाँ बाहर न निकलें।

राजस्थान पत्रिका के कॉलम नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

Wednesday, April 25, 2012

किसी भी स्कैंडल के साथ गेट क्यों जोड़ दिया जाता है ?


किसी भी स्कैंडल के साथ गेट क्यों जोड़ दिया जाता है ? -एसपी गोयल 
वॉटरगेट कॉम्प्लेक्स
 ऐसा पहले होता नहीं था। पर वॉटरगेट मामले के बाद से ऐसा होने लगा है। वॉशिंगटन डीसी में वॉटरगेट होटल कॉम्प्लेक्स में अमेरिका की डेमोक्रेट नेशनल कमेटी का मुख्यालय था। यहां पर सरकारी मशीनरी का उपयोग करते हुए ऐसे टेप लगा दिए गए थे जिससे सारी बातें सुनी जा सकें। उस वक्त देश के राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी के रिचर्ड निक्सन थे। 1972 से 1974 तक चले इस मामले में निक्सन के दुबारा चुनाव लड़ने के लिए जमा की जा रही गैर-कानूनी रकम और दूसरे अवैध कार्यों का खुलासा इस मामले से हुआ। सीनेट और अदालतों के बढ़ते दबाव से रिचर्ड निक्सन को अंततः इस्तीफा देना पड़ा।


भारत में रेल बजट अलग से क्यों पेश किया जाता है ?
संविधान के अनुच्छेद-112 के अनुसार राष्ट्रपति प्रत्येक वित्तीय वर्ष के सम्बंध में संसद के दोनों सदनों के सामने भारत सरकार की उस वर्ष के लिए प्राप्तियों और व्यय का विवरण रखवाएंगे, जिसे वार्षिक वित्तीय विवरण कहा गया है। यह बजट सामान्यतः फरवरी की अंतिम तिथि को पेश किया जाता है और 1 अप्रेल से लागू होता है। भारतीय रेल भी सरकार का उपक्रम है। इसका अलग बजट बनाने की परम्परा सन 1924 से शुरू हुई है। इसके लिए 1920-21 में बनाई गई विलियम एम एकवर्थ कमेटी ने रेल बजट को सामान्य बजट से अलग पेश करने का सुझाव दिया था। 1920-21 मे सरकार का कुल बजट 180 करोड़ का था, जबकि इसमें 82 करोड़ रु का रेल बजट था। अकेला रेल विभाग देश की अकेली सबसे बड़ी आर्थिक गतिविधि संचालित करता था। इसलिए उसका बजट अलग तैयार करने का सुझाव दिया गया। अब अनेक विशेषज्ञ रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बनाने का सुझाव देते हैं। रेल बजट आम बजट से दो दिन पहले पेश होता है और आम बजट में रेलवे की प्राप्तियों और व्यय का विवरण दिया जाता है।

उँगली चटकाने की आदत के कोई नुकसान भी है? क्या मेडिकल परिभाषा में इसके कोई नुकसान भी है जो बुज़ुर्ग लोग बच्चों को ऐसा करने पर टोक-रोक देते है? प्रवीण !
उँगलियाँ ही नहीं शरीर में हड्डियों के जोड़ आवाज़ करते हैं। उँगलियों को खींचने या हथेली पर विपरीत दिशा में मोड़ने पर आवाज़ आती है और थोड़ा आराम भी मिलता है। रक्त का प्रवाह बढ़ने पर मामूली चोट या सूजन ठीक भी हो सकती है। इसके बारे में कुछ अध्ययन हुए हैं, जिनका निष्कर्ष है कि मोटे तौर पर इससे कोई नुकसान नहीं है। अलबत्ता गलत तरीके से चटकाने पर लिगामेंट्स टूटने का खतरा है।

पुलिस सरेंडर करते समय 'hands up' क्यों कहती है ? पवन
चूंकि व्यक्ति की गतिविधियों में हाथ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए हाथों को सिर के ऊपर या पीठ के पीछे करने का निर्देश दिया जाता है। पुलिस को पहला डर होता है कि व्यक्ति के पास हथियार न हो।

पेन ड्राइव का अविष्कार किसने किया था ? गुलशन !
यूएसबी फ्लैश पेन ड्राइव मूलतः डेटा स्टोरेज डिवाइस है। इसमें तमाम पुरानी तकनीकों का समावेश है। अलबत्ता अप्रेल 1999 में इस्रायली कम्पनी एम-सिस्टम्स ने इसके पेटेंट के लिए अमेरिका में अर्जी दी थी। इस कम्पनी के अमीर बैन, डोव मोरान और ओरोन ओग्दान ने इसका आविष्कार किया था। इस पेटेंट के बाद कई कम्पनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के लिए अर्जियाँ दी हैं और इसमें कई तरह के विवाद है।

हिंदुस्तान में टीवी पर पहली बार समाचार किसने पढ़े थे ! अनमोल
भारत में टीवी प्रसारण 15 सितम्बर 1959 को शुरू हुआ था। यह कार्यक्रम युनेस्को की मदद से शुरू हुआ था। इसमें ही पहले समाचारों का प्रसारण हुआ और जहाँ तक मेरी जानकारी है प्रतिमा पुरी ने पहली बार समाचार पढ़े। सन 2007 में श्रीमती पुरी का देहावसान हो गया।

हिंदी फिल्मों में पहले कॉमेडियन कौन थे ?
                                                
हिन्दी फिल्मों में जिस तरह गीत और संगीत अनिवार्य है तकरीबन उसी तरह कॉमेडी भी उससे जुड़ी है। पहला कॉमेडियन कौन था इस बात के जवाब में इतना ही कहना चाहिए कि किसी एक कॉमेडियन का नाम लेना उचित नहीं होगा। कहा जा सकता है कि 1951 में रिलीज़ हुई भगवान दादा की फिल्म अलबेला शायद पहली कॉमेडी फिल्म थी। कॉमेडी कलाकारों में गोप, आगा, मुकरी, जॉनी वॉकर, आईएस जौहर, महमूद, टुनटुन किशोर कुमार और केश्टो मुखर्जी वगैरह के नाम सबसे पहले जेहन में आते हैं। पुरानी कॉमेडी फिल्मों में चलती का नाम गाड़ी, हाफ टिकट और बेवकूफ का नाम भी लिया जा सकता है।

बॉक्स ऑफिस शब्द फिल्मों के लिए क्यों इस्तेमाल किया जाता है? रुचिका !
फिल्मों के पहले से बॉक्स ऑफिस शब्द का प्रयोग थिएटर में टिकट खिड़की के ले होता रहा है। नाटक और संगीत के कार्यक्रमों को देखने के लिए पहले बॉक्स ऑफिस से टिकट लेना पड़ता था। सिनेमा थेटर भी उसी शैली में बने। फिल्मों की सफलता को बॉक्स ऑफिस से जोड़ने का मतलब है टिकटों बिकना या दर्शकों का आना।

संगीतकार सोनिक ओमी आजकल कहाँ हैं ? उनकी कुछ फिल्मो के नाम बता दें हो सके तो एक गीत भी सुना दीजिए ! चारु !
चाचा-भतीजे की जोड़ी सोनिक ओमी में चाचा मनोहर लाल सोनिक का जन्म 26 नवम्बर 1926 में हुआ था। ढाई साल की उम्र में ही उनकी आँखें छिन गईं थीं। संगीत की शिक्षा उन्होंने लाहौर और लखनऊ में ली। आकाशवाणी में भी काम किया। सन 1949 में उन्हें पहली बार पंजाबी फिल्म कुस्मत में संगीतकार की भूमिका मिली। 1952 में ईश्वर भक्ति और ममता फिल्में आईं। ममता फिल्म में मुकेश का गाया गीत भोर भई एक परी गगन से उतरी लोकप्रिय हआ। उन्हें फिल्में मिलती रहीं। कुछ बड़े निर्देशकों के सहायक के रूप में भी उन्होंने काम किया, पर 1966 में उनकी फिल्म दिल ने फिर याद किया, 1968 में आबरू, 1970 में सावन-भादों ने उन्हें काफी लोकप्रियता दी। उनके कुछ लोकप्रिय गीतों में से ये हैं, पायल की छंकार रस्ते-रस्ते, अल्ला दुहाई है दुहाई है, लो चेहरा सुर्ख गुलाब हुआ, कलियों ने घूँघट खोले, ये क्या किया रे दुनिया वाले, कान में झुमका, चाल में ठुमका वगैरह। 9 जुलाई 1993 को सोनिक का देहांत हो गया। उनकी अनुपस्थिति में भी ओमी ने कुछ फिल्मों में संयुक्त नाम से संगीत दिया। हाल में यह परिवार खबरों में था जब सुनाई पड़ा कि गायिका सुनिधि चौहान की सगाई इस परिवार के हितेष सोनिक से हुई है।

रिअलिटी शो में क्या वाकई रियल्टी होती है ? हुसैन !
रियलिटी शो मनोरंजन शो हैं। उनमें रियलिटी मनोरंजन के स्तर पर ही है। हाल में आपने रियलिटी शो में शादियाँ भी होते देखी हैं, पर उनका उद्देश्य मनोरंजन था। इनमें खौफनाक कारनामे होते हैं, संगीत, नृत्य, पकवान बनाने की कलाएं शामिल हैं। काफी रियल भी है, काफी अनरियल। आखिरकार इनका उद्देश्य मनोरंजन है।

क्या अब तक हमारे देश के कोई राष्टपति पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान गए हैं? निजाम 
मेरी जानकारी में हमारे राष्ट्रपति पाकिस्तान नहीं गए हैं। अलबत्ता 13 अप्रेल 1955 में पाकिस्तान के तत्कालीन हाई कमिश्नर ने तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पास जाकर उनसे 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया था। पर यह यात्रा हो नहीं पाई।

एफिल टावर किस लिए मशहूर हैं ? इसका निर्माण कब और किस वजह से किया गया ? क्या हमारे देश में ऐसा कोई टावर है ? अंजू

फ्रांस के पेरिस शहर में सन 1889 में बनाई गई ईफेल टावर मूलतः 1989 वर्ल्ड फेयर के प्रवेश द्वार के रूप में बनी थी। आज यह फ्रांस की सबसे बड़ी प्रतीक है। इसका नाम इंजीनियर गुस्ताव ईफेल के नाम पर है, जिन्होंने इसे डिजाइन किया था। हमारे देश में कुतुब मीनार है। इस्पात से बनी टावर अब बिजली की लाइनों को जेड़ने के लिए बनती हैं, पर उनका कोई सांस्कृतिक महत्व नहीं है।
एफएम गोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में शामिल

Sunday, April 15, 2012

गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत क्यों होती है?


गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत क्यों होती है?
- विजय, जयपुर 

गाड़ी चलाना व्यक्तिगत कार्य लगता है, पर वस्तुतः यह एक सामूहिक क्रिया है। सड़क पर आप कुछ नियमों के अंतर्गत चलते हैं। उन नियमों को जानना ज़रूरी है। इसके अलावा शारीरिक विकलांगता भी नहीं होनी चाहिए। गाड़ी चलाना एक प्रकार की शासकीय अनुमति है। यह अनुमति ही लाइसेंस है। व्यक्ति का नियमों को जानना, शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना और अनुशासन में रहना लाइसेंस पाने की बुनियादी शर्त है। यह विशेषाधिकार है, जो सरकार आपको देती है।
साइंस ओलम्पियाड क्या होता है?
सीमा, पाली

साइंस ओलम्पियाड मूलतः एक अमेरिकी अवधारणा है। इसके अंतर्गत स्कूली शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर छात्रों की प्रतियोगिता होती है। इसके अंतर्गत जीव विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरी से जुड़े विषय होते हैं। इस प्रतियोगिता में अमेरिका के 49 राज्यों के छात्र भाग लेते हैं। 23 नवम्बर 1974 को पहला साइंस ओलम्पियाड हुआ था। आप सम्भवतः उस साइंस ओलम्पियाड के बारे में जानना चाहते हैं, जो भारत में सुनाई पड़ता है। अमेरिका के उपरोक्त ओलम्पियाड का भारत तथा कुछ अन्य देशों में होने वाले ओलम्पियाड से सम्बन्ध नहीं है।

साइंस ओलम्पियाड का आयोजन साइंस ओलम्पियाड फाउंडेशन नामक संस्था करती है। इसका उद्देश्य साइंस, कम्प्यूर साइंस, गणित और अंग्रेजी की शिक्षा को बढ़ावा देना है। इसके लिए भारत के अलावा सिंगापुर, ओमान, कतर, नेपाल, बहरीन, श्रीलंका, यूएई और डर्बन में हर साल चार ओलम्पियाड होते हैं, जिनके नाम हैं नेशनल सायबर ओलम्पियाड, नेशनल साइंस ओलम्पियाड, इंटरनेशनस मैथेमेटिक्स ओलम्पियाड और इंटरनेशनल इंग्लिश ओलम्पियाड। इसकी एक परीक्षा पद्धति है। इस संगठन के साथ विप्रो, रिलायंस, एलजी, आकाश स्टीट्यूट, विद्यालंकार ध्यानपीठ जैसी संस्थाएं भी जुड़ी हैं।

स्टाम्प पेपर क्या होता है? इस पर लिखा बयान इतना महत्वपूर्ण क्यों होता है?
- वेदप्रकाश तंवर

स्टाम्प पेपर आमतौर पर सरकारी शुल्क प्राप्त करने का तरीका है। तमाम तरह के समझौतों, सम्पत्ति की खरीद-फरोख्त, हलफनामों आदि के लिए शुल्क या कर की वसूली के लिए सरकार इन्हें जारी करती है। यह दुनिया भर में प्रचलित व्यवस्था है। अब नेट बैंकिंग और दूसरी तकनीक के विकास के बाद यह विचार किया जा रहा है कि स्टाम्प पेपर की व्यवस्था खत्म करके सीधे शुल्क ले लिया जाए।


राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

पहली मिस इंडिया कौन थी?

पहली मिस इंडिया कौन थी.. अब तक कितनी मिस इंडिया विश्व सुंदरी बनी हैं..?

माना जाता है कि पहली मिस इंडिया एस्थर अब्राहम थीं, जो 1947 में चुनी गईं। उन्होंने प्रमिला नाम से फिल्मों में भी काम किया। अलबत्ता पहली बार मिस युनीवर्स में भारत की ओर से भाग लेने 1952 में गईं इन्द्राणी रहमान। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में पहली बार 1959 में हिस्सा लेने गईं फ्लोर एज़ीकेल। 1966 में पहली बार किसी भारतीय स्त्री को विश्व प्रतियोगिता जीतने का मौका मिला जब रीता फारिया मिस वर्ल्ड बनीं। इसके बाद 1994 में ऐश्वर्या राय, 97 में डायना हेडेन, 99 में युक्ता मुखी और 2000 में प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं। इसी तरह 1994 में सुष्मिता सेन और 2000 में लारा दत्ता मिस युनीवर्स बनीं। सन 2010 में निकोल फारिया मिस अर्थ बनीं। मिस एशिया पैसिफिक में भी भारतीय सुन्दरियों को पुरस्कार मिले हैं। सन 1970 में ज़ीनत अमान, 1973 में तारा अन्ना फोनेस्का और 2000 में दिया मिर्ज़ा मिस एशिया पैसिफिक बनीं।

टीम इंडिया हाल ही में 800 इंटरनेशनल वनडे मैच खेलने वाली दुनिया की पहली टीम बन गई है.. भारत ने अपना पहला वनडे किसके खिलाफ खेला था और उसका क्या नतीजा रहा था..?
भारत ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय एकदिनी मैच 23 जुलाई 1974 को इंग्लैंड के विरुद्ध हैडिंग्ले में खेला। यह प्रूडेंशियल ट्रॉफी का पहला मैच था। इसमें इंग्लैंड ने भारत को चार विकेट से हराया।

निगेटिव ब्लड ग्रुप किसे कहते हैं.. और ये इतना रेयर क्यों होता है..?

खून के ग्रुप सिस्टम में सबसे कॉमन एबीओ सिस्टम है। रेड ब्लड सेल्स पर परोटीन की कोटिंग के आधार पर चार ग्रुप बनते हैं ए बी एबी और ओ। इसके बाद ए1, ए2 ए1बी या ओ2बी सब ग्रुप बनते हैं। इसके अलावा एक प्रोटीन इन ग्रुपों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे आरएच फैक्टर कहते हैं। यदि यह खून में होता है तो खून के टाइप को पॉज़िटिव और नहीं होता तो निगेटिव कहते हैं। इनमें ओ निगेटिव का सभी रक्त समूहों से मेल हो सकता है। इसलिए इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है।

ब्लड मनी क्या होता है? ब्लड मनी का अर्थ है किसी हत्यारे से खून की कीमत लेना। दुनिया के कई देशों में पुरानी परम्परा है कि यदि कोई व्यक्ति की हत्या कर देता है तो उसे एक राशि मृतक के वारिसों को देनी होगी।

जागते हुए हम कभी भी कोई ऐसा चेहरा इमेजिन नहीं कर सकते जिसे कभी न कभी देखा न हो.. पर सपने में हम ऐसा चेहरा कैसे देख लेते हैं..?
सपनों का मनोविज्ञान काफी जटिल है, पर सामान्य धारणा है कि आपके सपने आपके अवचेतन से ही बनते हैं। जैसे जागते समय आप विचार करते हैं वैसे ही सोते समय आपके विचार आपको दिखाई पड़ते हैं। इनमें काल्पनिक चेहरों की रचना कोई मुश्किल काम नहीं है। दूसरी बात यह है कि आप रोज जितने चेहके देखते हैं सबको याद नहीं रख पाते। सपनों में ऐसे चेहरे भी आ सकते हैं।


कहते हैं ताजमहल का सपना शाहजहां ने देखा.. जिसे हजारों मजदूरों ने अपना खून-पसीना एक करके साकार किया.. लेकिन सवाल ये है कि इतने खूबसूरत शाहकार का चीफ आर्किटेक्ट कौन था..? ताजमहल का वास्तुकार कौन है यह दावे के साथ आज भी नहीं कहा जा सकता। इतना जरूर समझ में आता है कि वास्तुकारों और निर्माण विशेषज्ञों के समूह के साथ शाहजहाँ स्वयं भी सक्रिय रूप से इसमें शामिल थे। उस्ताद अहमद लाहौरी को इसके श्रेय का सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति विचार किया जाता है, एक प्रधान वास्तुकार के रूप में। यह भी माना जाता है कि तुर्की के इस्माइल अफांदी से भी सलाह ली गई थी।


क्या एलियंस यानी पराग्रही जीव वाकई होते हैं..? फैक्ट्स के साथ बताइए..?
एलियन का शाब्दिक अर्थ है अजनबी या परदेसी। पर हम इसका मतलब अब दूसरे ग्रहों पर रहने वाले प्राणियों के रूप में भी लेने लगे हैं। यह बात आज भी कल्पना के स्तर पर है। अभी तक ऐसे प्रमाण नहीं हैं, जिनसे साबित हो कि धरती से बाहर कहीं जीवन है भी या नहीं। हाँ ऐसी सम्भावनाएं हैं कि बाहर कहीं जीवन हो सकता है, पर वह जीवन कैसा है यह कहना भी मुश्किल है।

चीन में बुलेट ट्रेन शुरू हो गई.. हमारे देश में बुलेट कब दौड़ेगी..?
बुलेट ट्रेन से आपका आशय तेज गति से चलने वाली ट्रेनों से है। हमारे यहाँ राजधानी, शताब्दी और दूरंतो गाड़ियाँ सबसे तेज चलती हैं। इनकी गति ज्यादा से ज्यादा 160 किमी प्रति घंटा है। जापान की बुलेट ट्रेन 350 किमी की गति से चलती है। भारत में इस प्रकार की रेलगाड़ियाँ चलाने का कार्यक्रम बन रहा है। देश के छह कॉरीडोर इसके लिए पहचाने गए हैं। संसद में जल्द ही नेशनल हाई स्पीड रेल ऑथरिटी विधेयक पेश किया जाएगा। यह संस्था इसके लिए कार्यक्रम बनाएगी। इस काम में जापान सरकार से सहयोग लेने की योजना है।

लोहा ज्यादा काम की चीज है.. फिर हीरा बेशकीमती क्यों..? किसी भी चीज़ की कीमत उसकी माँग और आपूर्ति पर भी निर्भर करती है। हीरा अपने कलर क्लैरिटी और कट के कारण जितना रेयर होगा उतना महंगा होता जाएगा। लोहा कितना ही उपयोगी हो उसकी उपलब्धि उसे सस्ता बनाएगी। हमारे जीवन के लिए तो हवा और पानी लोहे और हीरे से ज्यादा ज़रूरी हैं, पर मुफ्त में मिलते हैं।

 दुनिया के सबसे छोटे और सबसे लंबे कद के इंसान कौन हैं.. और उनकी हाइट कितनी है..? गिनीज़ बुक के अनुसार नेपाल के चन्द्रबहादुर डांगी इस वक्त दुनिया के सबसे छोटे कद के व्यक्ति हैं। उनका कद है 54.6 सेंमी यानी 21.5 इंच। तुर्की का सुलतान कोसेन इस वक्त संसार का सबसे लम्बा व्यक्ति है। 10 दिस 1982 को जन्मे सुलतान की लम्बाई 251 सेंमी यानी 8 फुट 3 इंच है। यह माप 8 फरवरी 2011 को ली गई थी।


कोई इंसान नींद में कैसे चल सकता है..? नींद में चलना एक प्रकार का स्लीप डिसॉर्डर है। इसे अधूरी नीद या अधूरी चेतना की स्थिति कह सकते हैं। मनोचिकित्सक इसका अध्ययन कर ही रहे हैं। व्यक्ति को ऐसी स्थित में याद कुछ नहीं रहता। अक्सर ऐसे मामले भी हुए हैं, जब व्यक्ति नीद में रहते हुए भी कई तरह के काम कर लेता है। खाना बनाना, ईमेल करना और मित्रों को फोन करना भी। यह 30 सेकंड से 30 मिनट तक रहता है।


हर हिंदी मूवी में गाने क्यों होते हैं.. क्या ऐसी कोई फिल्म है..जिसमे गाने नहीं हैं..?

बगैर गीत की हिन्दी फिल्म की कल्पना बहुत कम लोग करते हैं, पर कुछ फिल्में बनी हैं। इनमें 1937 में बनी फिल्म नौजवान है, मुन्ना, कानून, पुष्पक, अचानक और हाल में बनी ब्लैक ऐसी फिल्में हैं।


इलेक्शन पांच साल बाद ही क्यों होते हैं..? हमारे संविधान के अनुच्छेद 63(2) के अनुसार लोकसभा का कार्यकाल पाँच वर्ष है। इसलिए चुनाव पाँच साल में होते हैं। विधानसभाओं के साथ भी ऐसा ही है। लोकसभा पाँच साल के पहले भी भंग की जा सकती है और आपत्काल में उसका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है। राज्.सभा में एक सदस्. का कार्यकाल छह साल होता है, पर चुनाव हर दो साल में होते हैं।

सम्राट अशोक से जुड़ी चीजें देखनी हों.. तो कौन से म्यूजियम में जाएं..? किसी एक संग्रहालय में सम्राट अशोक से जुड़ी सामग्री नहीं मिल पाएगी। मेरा सुझाव है कि आप उनके बारे में कोई एक पुस्तक लें और फिर देश-विदेश में उन स्थानों पर जाएं जहाँ उनके लगाए शिलालेख या अन्य ऐतिहासिक धरोहर है।


मैरिज सिस्टम को किसने बनाया.. सबसे पहले किसकी शादी हुई.. और अब तक की सबसे बड़ी शाही शादी कौन सी है..? विवाह एक सामाजिक संस्था है। इसका विकास सनाज के साथ हुआ है। यह कहना मुश्किल है कि समाज किसने बनाया। विवाह का अर्थ केवल स्त्री-पुरुष का संयोग या बच्चों को जन्म देने तक सीमित नहीं है, बल्कि परिवार और समाज-व्यवस्था को चलाना है। अब तक की सबसे बड़ी शाही शादी के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। पिछले साल इंगलैंड के राजकुमार विलियम की शादी कैथरीन मिडलटन से हुई। उसके पहले 1981 में पिर्स चार्ल्स की शादी डायना स्पेंसर से हुई। सन 1947 में राजकुमारी एलिजाबेथ की शादी फिलिप माउंटबेटन से हुई थी। हर शादी का जश्न शानदार होता है। अब तो फिल्म कलाकारों और पूँजीपतियों की शादियाँ ज्यादा शानदार होती हैं।


पेट्रोल को लेकर अभी इतनी मारामारी मची है.. पचास सौ साल बाद जब पेट्रोल और कम हो जाएगा.. और जब कभी ये खत्म हो जाएगा.. फिर दुनिया कैसे दौड़ेगी..?
फिलहाल नाभिकीय ऊर्जा सबसे बड़ा विकल्प है। इसके अलावा हाईड्रोजन, सौर ऊर्जा और भूगर्भीय ऊर्जा के इस्तेमाल की कोशिशें चल रही हैं। उम्मीद है इंसान रास्ते और साधन खोज लेगा।


फोन या मोबाइल पर या किसी से मिलते वक्त हम सबसे पहले हलो क्यों बोलते हैं..?
हेलो या हलो मूलतः अपनी तरफ ध्यान खींचने वाला शब्द है। यह पुरानी जर्मन भाषा के हाला या होला से बना है। संयोग से इसे टेलीफोन ने बहुत लोकप्रियता दी। 10 मार्च 1876 को अलेक्जेंडर ग्राहम बैल के टेलीफोन आविष्कार को पेटेंट मिला। वे शुरू में टेलीफोन पर बात शुरू करने के लिए अहोय शब्द का इस्तेमाल करते थे। यह शब्द समुद्री नाविक एक-दूसरे का ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल करते हैं। सन 1877 में टॉमस एडीसन ने हेलो शब्द का इस्तेमाल करने की सलाह दी जो अंततः सभी ने मान ली।

एफएम गोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में शामिल

Sunday, April 1, 2012

ज्यादातर शर्ट्स में बटन बीच में ही क्यों होते हैं?


ज्यादातर शर्ट्स में बटन बीच में ही क्यों होते हैं?
आशीष कुमार., चुरू

आज आप जो शर्ट पहन रहे हैं वह तकरीबन तीन हजार से ज्यादा समय से किसी न किसी रूप में विकसित होती रही है। मिस्र के पिरामिडों का अध्ययन करने वाले विद्वान फ्लिंडर्स पर्ट्री ने ईसा से तकरीबन तीन हजार साल पुरानी शर्ट तरकन के मकबरे से हासिल की थी। उन्नीसवीं सदी तक शर्ट अंडर गार्मेंट की तरह पहनी जाती थी। यानी उसके ऊपर किसी तरह का लबादा पहना जाता था। भारतीय कुर्ता, बंडी या अंगरखा भी शर्ट का एक रूप है। यह कमीज़ एक ज़माने में इतनी लम्बी होती थी कि अधोवस्त्र की जगह ले लेती थी। आज भी आप निहंग सिखों को लम्बा कुर्ता पहने देख सकते हैं।
आज शर्ट की अनेक किस्में प्रचलित हैं। इनमें कैम्प शर्ट, डिनर शर्ट, टी शर्ट, पोलो शर्ट, रग्बी शर्ट और ड्रेस शर्ट प्रचलित हैं। आप जिस शर्ट की बात कर रहे हैं वह ड्रेस शर्ट है, जिसमें कॉलर के बाद बटनों की कतार सीने के पास खत्म होती है। एक शर्ट ऐसी भी होती है जिसमें आगे वाला हिस्सा दो भागों में बँटा होता है और बटनों से जुड़ता है। बहरहाल आपने जानना चाहा है कि ज्यातर शर्ट्स में बटन बीच में ही क्यों होते हैं। इसकी वजह है औपचारिक परिधान के रूप में इसकी स्वीकृति। इसे टाई और कोट के साथ भी पहना जा सकता है और अनौपचारिक पोशाक के रूप में भी। तमाम तरह की कमीजों में कॉलर का फर्क होता है। कई में कॉलर नहीं होते या सीधे खड़े कॉलर होते हैं। पर सबसे ज्यादा कमीजें मुड़े और मध्यम लम्बाई के कॉलरों वाली होती हैं। एक अरसे तक प्रयोगों के बाद सारी दुनिया के लोगों को जो कमीज़ पसंद आई वह यह है।

ओम जय जगदीश हरे आरती गीत किसने लिखा?
ओम जय जगदीश हरे आरती गीत के रचयिता थे पं. श्रध्दाराम शर्मा फिल्लौरी। प. श्रध्दाराम शर्मा का जन्म 1837 में पंजाब के लुधियाना के पास फिल्लौर में हुआ था। 1870 में उन्होंने ओम जय जगदीश की आरती की रचना की। लगता है उन्हें जय जगदीश हरे शब्द की प्रेरणा जयदेव के गीत गोविन्द की इस पंक्ति से मिली थी
प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम् ॥
विहितवहित्रचरित्रमखेदम्॥
केशवाधृतमीन शरीर जय जगदीश हरे॥

मोमबत्ती का आविष्कार कैसे हुआ?
मोमबत्ती पुरानी मशालों का सुधरा रूप है। पुराने राजमहलों में लगने वाले शैंडलेयर कैंडिल लगाने के लिए ही थे। सबसे पुरानी मोमबत्ती का उल्लेख ईसा से 200 साल पहले चीन में मिलता है। उस समय तक मोम का आविष्कार नहीं हुआ था। चीन में ह्वेल मछली की चर्बी से प्रकाश-बत्ती बनती थी। युरोप में चर्बी, ऑलिव ऑयल और प्राकृतिक मोम को मिलाकर कैंडल बनाई गईं। पैराफिन वैक्स जिसे आज हम मोम कहते हैं 1830 में खोजा गया।


राजस्थान पत्रिका के कॉलम नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
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