Thursday, August 8, 2013

अंग्रेजी राज के साथ आया अंग्रेजी कैलेंडर


हमारे देश में इंग्लिश कैलेंडर कब से चलन में आया ? 

सन 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी का शासन स्थापित होने की शुरूआत हो गई और तभी अंग्रेजी कैलेंडर का चलन शुरू हो गया। उसके पहले तक भारत में या तो विक्रमी पंचांग चलता था या इस्लामी काल पद्धति।

एफएम गोल्ड के एक ही नम्बर पर आप अलग-अलग कीवर्ड क्यों माँगते हैं? –बजाज स्नोस मार्क, शिवाजी पार्क

दरअसल आपके एसएमएस एक कम्प्यूटर प्रग्राम के ज़रिए एकत्र किए जाते हैं। यदि एक नम्बर पर आने वाल सारे एसएमएस को एकबार में पढ़ने की कोशिश की जाए तो उनकी बड़ी तादाद होने की वजह से मुश्किल होगा। हमारा कार्यक्रम है बारिश सवालों की इसका कीवर्ड है बीएसके। जब आप बीएसके लिखकर अपना संदेश भेजते हैं तब कम्प्यूटर अपने आप आपके सवाल को बारिश सवालों की सूची में डाल देता है। और वह सवाल हमारे पास आ जाता है।

कंप्यूटर की मेमोरी ज्यादा होती है या दिमाग की ?

कुदरत ने हमें जो दिमाग दिया है, उसके रहस्य पूरी तरह हमें नहीं मालूम, पर जितना हम जानते हैं उसके हिसाब से कम्प्यूटर की मैमरी मनुष्य के दिमाग की नकल पर होती है। एक स्वस्थ दिमाग में 200 अरब नर्व सेल होते हैं, जो एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। अक्सर हम अपनी मेमरी का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं, पर यदि करना चाहें तो अकेले एक व्यक्ति के दिमाग में इतनी मेमरी होती है कि दुनियाभर के सारे कम्प्यूटरों की मेमरी से ज्यादा बैठेगी।


यलो स्टोन ज्वालामुखी क्या है? और इसकी वर्तमान स्थिति क्या है?-कन्हैया नागर

अमेरिका के वायोमिंग राज्य में यलो स्टोन नेशनल पार्क है। इस सुन्दर इलाके में तकरीबन साढ़े छह लाख साल पहले ज्वालामुखी का विस्फोट हुआ था। अब इसके मुख पर सुन्दर बाग-बगीचे, झीलें झरने और फव्वारे हैं। यह छोटा-मोटा पार्क नहीं है, बलिक् लगभग नौ हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला वन क्षेत्र है और दुनिया का पहला नेशनल पार्क है। इसके बीच से होकर यलोस्टोन नदी गुजरती है। इस इलाके में करीबन ग्यारह हजार साल से मनुष्य रह रहा है। यहाँ गरम जल के प्राकृतिक फौवारे भी हैं, जिनकी भाप से बादलों के खम्भे जैसे बन जाते हैं। वहां 200 सक्रिय गीज़र बताए जाते हैं। हजारों किस्म के पशु-पक्षी इस इलाके में रहते हैं।

ब्लड में डीएनए होता है। अगर किसीको ब्लड चढ़ाया जाए तो डीएनए का क्या होता है?

इस दिशा में वैज्ञानिक अध्ययन चल ही रहे हैं। अलबत्ता अभी तक का ज्ञान यह है कि खून चढ़ाने के बाद कुछ दिन तक वे डीएनए बने रहते है, पर उनका प्रभाव इतना नहीं होता कि वे व्यक्ति की जेनेटिक संरचना पर असर डाल सकें। आमतौर पर खून चढ़ाने की ज़रूरत लाल रक्त कणों के लिए होती है। उनका कोई न्यूक्लियस नहीं होता इसलिए उनमें डीएनए भी नहीं होता। सफेद रक्त कणों यानी ल्यूकोसाइट्स में डीएनए होता है। जाँचकर्ताओं ने पता लगाया है कि खून चढ़ाने के बाद दाता के डीएनए बने रहते हैं। यदि पुरुष का रक्त स्त्री को चढ़ाया जाए तो पुरुष डीएनए भी उसमें रहते हैं। इनकी उपस्थिति एक हफ्ते से लेकर साल-डेढ़ साल तक देखी गई है। पर जब दोनों डीएनए के प्रभाव की बात करें तो जिस व्यक्ति के शरीर में खून चढ़ाया गया है उसके डीएनए ही प्रभावी रहते हैं।

दिल्ली में सबसे ज्यादा सर्दी कब पड़ी थी ?

इस महीने 2 जनवरी को दिल्ली में पिछले 44 साल में सबसे ठंडा दिन था, जब अधिकतम तापमान गिरकर 9.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री हो गया था। पर पिछली एक सदी में दिल्ली में सबसे कम तापमान 10 जनवरी 1935 को दर्ज किया गया था, जो माइनस 0.6 था।

क्या कोई भुगतान के रूप में छोटे करंसी नोट या सिक्के लेने से मना कर सकता है? असली करंसी नोट होते हुए भी नकली होने के शक में क्या कोई वह करंसी नोट लेने से मना कर सकता है?--सत प्रकाश संथोलिया

किसी चीज़ का भुगतान रुपयों में ही हो सकता है। छोटे करेंसी नोटों और सिक्कों को लेने से मना करने के पीछे कारण सुभीते का हो सकता है। कोई यह नहीं कह सकता कि यह मान्य करेंसी नहीं है। यह आपसी लेन-देन का मामला है। कानूनन इसे मना नहीं किया जा सकता। केवल व्यावहारिक दिक्कत के आधार पर मान किया जा सकता है। ऐसे मं बीच का रास्ता निकाला जाता है।

दुनिया में ऐसे कितने देश हैं जहां डेमोक्रेसी नहीं है ?

घना, म्यांमार और वैटिकन सिटी किसी न किसी रूप में लोकतंत्र की परिधि से बाहर के देश हैं। इसके अलावा सउदी अरब, जॉर्डन मोरक्को, भूटान, ब्रूनेई, कुवैत, यूएई, मोरक्को, बहरीन, ओमैन, कतर,स्वाज़ीलैंड वगैरह में राजतंत्र है। इन देशों में लोकतांत्रिक संस्थाएं भी काम करती हैं। नेपाल में कुछ साल पहले तक राजतंत्र था, पर अब वहाँ लोकतंत्र है। दुनिया के 200 के आसपास देश हैं, जिनमें से तीस से चालीस के बीच ऐसे देश हैं, जो लोकतंत्र के दायरे से बाहर हैं या उनमें आंशिक लोकतंत्र है। जिन देशों में लोकतंत्र है भी उनमें भी पूरी तरह लोकतंत्र है या नहीं यह बहस का विषय है।

सिकंदर की मौत कैसे हुई थी ?


सामान्य धारणा है कि सिकन्दर की मृत्यु ईसा पूर्व 323 में 10 से 11 जून के इराक में बेबीलोन के एक महल में हुई थी। सिकंदर यूनान में मकदूनियाँ(मेसेडोनिया) का बादशाह था। उसने अपने कार्यकाल में इरान, सीरिया ,मिस्र मेसोपोटामिया, फिनीशिया, जुडिया, बैक्ट्रिया और भारत में पंजाब तक के इलाके पर जीत हासिल की थी। 329 ई. पू. में अपने पिता की मृत्यु के उपरान्त वह सम्राट बना। वह भारतीय अभियान पर 327 ई. पू. में निकला। 326 ई. पू. में सिन्धु पार कर वह तक्षशिला पहुँचा। व्यास नदी तक वह जीतता गया, पर वहाँ से आगे उसके सैनिक मगध के नन्द शासक की विशाल सेना का सामना करने को तैयार न थे। वापसी में उसे अनेक राज्यों का भीषण प्रतिरोध सहना पड़ा। उनकी मौत का कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया। कहते हैं कि शराब पीने से उसका लिवर खराब हो गया था। एक लेखक ने लिखा है कि उसे मलेरिया जैसी कोई बीमारी हो गई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि उसे ज़हर दिया गया। उसे कहाँ दफनाया गया, इसका ज़िक्र भी नहीं मिलता।

क्या दादा साहेब फाल्के पुरस्कार केवल जिंदा कलाकारों को ही मिलता है.. क्यों ?

आमतौर पर यह पुरस्कार कलाकार के कृतित्व पर दिया जाता है और कोशिश होती है कि उसके जीवनकाल में ही मिल जाए। पर सन 1972 में पृथ्वीराज कपूर को मरणोपरांत यह पुरस्कार भी दिया जा चुका है।

अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन कैसे बनाए गए? इनकी उपयोगिता क्या है?- मेघा पैराडाइज़, मुज़फ्परनगर

स्पेस स्टेशन एक प्रकार के उपग्रह हैं जो अंतरिक्ष में अनुसंधान के लिए बनाए गए हैं। सबसे पहला स्पेस स्टेशन सैल्यूत-1 था जिसे 1971 में सोवियत संघ ने छोड़ा था। यह स्टेशन पहले धरती पर बनाया गया, फिर छोड़ा गया। इसके बाद सैल्यूत-2, 3, 5, 6 और 7 भेजे गए। इसके बाद 1986 में मीर स्टेशन भेजा गया , जिसने सन 2001 तक काम किया। मीर की खासियत यह थी कि इसका एक हिस्सा सबसे पहले भेजा गया, फिर धीरे-धीरे अंतरिक्ष में इसके छोटे-छोटे दूसरे हिस्से सैटेलाइटों में रखकर भेजे गए और उन्हें जोड़कर इसे बड़ा बनाते गए। स्पेस स्टेशन का एक उद्देश्य यह है कि कई अंतरिक्ष यात्री लम्बे समय तक अंतरिक्ष में रहकर प्रयोग कर सकें। इन दिनों इंटरनेशनल् स्पेस स्टेशन बाहरी अन्तरिक्ष में काम कर रहा है। इसे बनाने में अमेरिका की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (आरकेए), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ईएसए) काम कर रही हैं। हाल में सुनीता विलियम्स ने इसी स्टेशन पर काम किया। अभी इस स्टेशन का विस्तार हो ही रहा है। सामान्यतः यह स्टेशन धरती से 354 किलोमीटर दूर रहता है, इसमें वातावरण के बदलाव के कारण मामूली फर्क पड़ सकता है।

हिम मानव किसे कहते हैं.. और क्या ये वाकई में होते हैं..?

भारत, नेपाल और तिब्बत के दुर्गम तथा निर्जन हिमालयी क्षेत्रों में सैकड़ों वर्षों से रहस्यमयी हिममानव के अस्तित्व को लेकर अनेक किस्से - कहानियां प्रचलित हैं। ‘येति’ नाम से प्रसिद्ध इस कथित हिममानव को अब तक सैकड़ों लोगों द्वारा देखने का दावा किया जाता रहा है। येति को देखने का दावा करने वालों का कहना है कि शरीर पर काले भूरे घने बालों वाला ये रहस्यमय प्राणी सात से नौ फीट लंबा दिखता है जो किसी दावन की तरह दिखता है, जबकि इसका वजन तक़रीबन दो सौ किलो हो सकता है और इसकी ख़ासियत है कि ये इंसान की तरह दो पैरो पर चलता है। हिम मानव होते हैं या नहीं, हम नहीं कह सकते। कुछ लोगों की मान्यता है कि हिमालय में कोई ऐसा प्राणी रहता है, जिसके शरीर में बाल होते हैं और जिसके पैर काफी बड़े होते हैं। पर ऐसा प्राणी कभी मिला नहीं।

दुनिया की सबसे पुरानी कॉमिक बुक कौन सी है ?

कॉमिक्स से आपका आशय चित्रकथाओं से है तो हजारों साल से, बल्कि सभ्यताओं के जन्म के पहले से मनुष्य कहानियों को केन्द्र में रखकर चित्र बना रहा है। पुराने गुफा चित्रों में ऐसी कहानियाँ हैं. सभ्यता के जन्म के बाद मिस्र, चीन, मेसोपोटामिया और भारत में कथाचित्र मिलते हैं। अजंता-एलोरा की गुफाओं में बने चित्र कहानियाँ कहते हैं। पर यदि आप आधुनिक कथा चित्रो की बात कह रहे हैं तो उन्नीसवीं सदी में कार्टून कला के विकसित होने के बाद कॉमिक्स की शुरूआत भी हुई। सन 1841 में शुरू हुई ब्रिटिश पत्रिका पंच ने पहली बार आधुनिक किस्म के कार्टून छापने शुरू किए। शुरू में एक तस्वीर होती थी, फिर यह स्ट्रिप बनी। उन्हीं दिनों स्विस कलाकार रोडोल्फे टॉफर ने चित्रकथाएं बनाना शुरू कर दिया था। सन 1865 में जर्मन लेखक, कलाकार विल्हेम बुश ने ‘मेक्स एंड मॉरिट्ज़’ नाम के दो कॉमिक चरित्रों को तैयार किया। पर 1895 में रिचर्ड आउटकॉल्ट ने यलो किड नाम से कॉमिक स्ट्रिप शुरू की जिन्हें पहले कॉमिक्स कह सकते हैं, क्योंकि उनमें चित्र में बैलून बनाकर पात्रों के संवाद लिखे गए थे। इसके बाद वॉल्ट डिस्ने के मशहूर पात्र मिकी माउस और डोनाल्ड डक आए, सुपरमैन, फैंटन, मैनड्रेक, फ्लैश गार्डन आए।

हाथ की रेखाएं कैसे बनती और बिगड़ती हैं ?

हाथ की रेखाएं व्यक्ति के शारीरिक विकास का हिस्सा हैं। चूंकि हाथ से किसी चीज़ को पकड़ना होता है इसलिए उसकी ग्रिप के अनुसार हथेली में जहाँ-जहाँ मोड़ होते हैं, वहाँ रेखाएं बन जाती हैं। स्वास्थ्य और उम्र में बदलाव के साथ ये बदलती भी रहती हैं। पर भारत तथा पूर्वी देशों में इनके आधार पर व्यक्ति के भविष्य की पता लगाने का दावा भी किया जाता है।

दुनिया का सबसे पुराना ग्रंथ (EPIC) कौन सा है और कब लिखा गया ?


सबसे पुराना ग्रंथ कहना काफी मुश्किल है, क्योंकि मुद्रण कला का जन्म काफी बाद में हुआ है। फिर भी महाभारत, रामायण और मेसोपोटामिया की गिल्गमेश कथा दुनिया के सबसे पुराने ग्रंथों में शामिल किए जा सकते हैं। तमिल अन्नामार कथाई भी लगभग इतनी ही पुरानी है। पुराने चीन, मिस्र और फारस की अनेक कथाएं दुनिया की प्रचीनतम कथाओं में गिनी जा सकती हैं।

लोकतंत्र व गणतंत्र में क्या अंतर है ?

लोकतंत्र एक व्यवस्था का नाम है, जिसकी एक संवैधानिक व्यवस्था भी हो। जब शासन पद्धति पर यह लागू हो तो शासन व्यवस्था लोकतांत्रिक होती है। इसमें हिस्सा लेने वाले या तो आमराय से फैसले करते हैं और यदि ऐसा न हो तो मत-विभाजन से करते हैं। ये निर्णय सामान्य बहुमत से और कई बार ज़रूरी होने पर विशेष बहुमत से भी होते हैं। मसलन कुछ परिस्थितियों में दो तिहाई मत से भी निर्णय किए जाते हैं। गणतंत्र का अर्थ वह शासन पद्धति जहाँ राज्यप्रमुख का निर्वाचन सीधे जनता करे या जनता के प्रतिनिधि करें। यानी राष्ट्रप्रमुख वंशानुगत या तानाशाही तरीके से सत्ता पर कब्जा करके न आया हो। कुछ ऐसे देश भी हैं, जहाँ शासन पद्धति लोकतांत्रिक होती है, पर राष्ट्राध्यक्ष लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चुना जाता। जैसे युनाइटेड किंगडम, जहाँ राष्ट्राध्यक्ष सम्राट होता है, जिसके परिवार के सदस्य ही राष्ट्राध्यक्ष बनते हैं। भारत में लोकतांत्रिक सरकार है और राष्ट्रपति का चुनाव होता है इसलिए यह गणतंत्रात्मक व्यवस्था है।
7.02.2013



Saturday, August 3, 2013

ब्लैक बॉक्स क्या होता है? यह किस काम आता है ?

ब्लैक बॉक्स क्या होता है? यह किस काम आता है ?
हवाई जहाज की उड़ान के दौरान उसके बारे में तमाम जानकारियाँ एक जगह दर्ज होती जाती हैं। विमान की गति, ऊँचाई, इंजन तथा अन्य यंत्रों की ध्वनि, यात्रियों और पायलटों की बातचित आदि, दर्ज होती रहती है। इन सूचनाओं के विश्लेषण द्वारा विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में दुर्घटना के कारणों की पहचान की जाती है।इसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर या फ़्लाइट रिकॉर्डर कहते हैं। इसके अलावा क़ॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर भी होता है। इसे कहते हैं ब्लैक बॉक्स। 1953-1954 में हवाई हादसों की श्रंखला के बाद हवाई जहाज में एक ऐसा उपकरण लगाने की जरूरत महसूस की गई थी जो कि दुर्घटना के समय या उससे तुरंत पहले वायुयान में होने वाले हलचलों और आँकड़ों को संग्रहीत कर रख सके तथा जो दुर्घटनाओं में सुरक्षित रहे। इसका रंग काला नहीं लाल या नारंगी होता है। इसीलिए शुरू में इसे रेड एगकहा जाता था। इसके शुरुआती प्रारूपों में उसकी भीतरी दीवार को काला रखा जाता था, क्योंकि उसमें फोटो फिल्म आधारित जानकारी भी दर्ज होती थी। वहीं से इसका नाम ब्लैक बॉक्स पड़ा। इसे इस तरह बनाया जाता है कि तेज आग, भीषण विस्फोट और कई टन मलबे के दबाव के बावजूद नष्ट नहीं होता

भारतीय रुपए की तुलना हमेशा अमेरिकी डॉलर से क्यों की जाती है?
त्रिलोक नायक, triloknayak07@gmail.com
 आप चाहें तो इसकी तुलना किसी दूसरी करेंसी से भी कर सकते है, पर चूंकि दुनिया में सबसे मजबूत करेंसी इस वक्त डॉलर है, इसलिए आमतौर पर तुलना डॉलर से की जाती है। दुनिया की मजबूत मुद्राओं को हार्ड करेंसी कहते हैं। डॉलर के अलावा विश्व में यूरो, पौंड स्टर्लिंग, जापानी येन और स्विस फ्रैंक को हार्ड करेंसी की श्रेणी में रख सकते हैं। इन करेंसियों के मार्फत दुनिया के तमाम देश एक-दूसरे से व्यापार करते हैं। इस वक्त दुनिया के ज्यादातर देशों के पास मुद्रा कोष के नाम पर सबसे बड़ा भंडार डॉलर का है। हमारे देश में भी जब विदेशी मुद्रा कोष की बात होती है तो डॉलर का नाम ही लिया जाता है।

मोबाइल जेमर कैसे काम करता है?
 पहले यह समझ लें कि फोन जैमर की ज़रूरत क्यों होती है। इसकी ज़रूरत या तो सुरक्षा कारणों से होती है या अस्पताल जैसी जगह पर जहाँ शांति की ज़रूरत हो। आपने देखा होगा पिछले दिनों चुनाव के दिन भी मोबाइल सेवाएं ब्लॉक की गईं। कई बार पुलों और रक्षा संस्थानों के आसपास फोन जैम हो जाते हैं। उस इलाके से बाहर आने पर फोन फिर से काम करने लगते हैं। युद्ध के समय सीमा पर रेडियो जैमिंग की जाती है ताकि शत्रु के रेडियो संदेश न जा सकें। फोन जैमिंग एक प्रकार से रेडियो जैमिंग है। इसमें जैमिंग डिवाइस उसी फ्रीक्वेंसी पर रेडियो तरंगे प्रवाहित करते हैं, जिसपर आमतौर से फोन डिवाइस काम कर रही हैं। इससे फोन सेवाओं में व्यवधान पैदा हो जाता है और कुछ देर के लिए टावर से सम्पर्क टूट जाता है। इस इलाके से बाहर आने पर सेवा फिर से शुरू हो जाती है। 

मुझे कुतुब मीनार के बारे में जानकारी चाहिए। यह किस काम आता था?

मुझे कुतुब मीनार के बारे में जानकारी चाहिए। यह किस काम आता था?
राकेश फलवारिया, सुजानगढ़, चुरू-331507
दिल्ली की कुतुब मीनार, ईंट से बनी दुनिया की सबसे ऊँची मीनार है। इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर (237.86 फुट) और व्यास 14.3 मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फुट) हो जाता है। इसमें 379 सीढियाँ हैं। अफ़गानिस्तान की जाम मीनार से प्रेरित एवं उससे आगे निकलने की इच्छा से, दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक, ने कुतुब मीनार का निर्माण सन 1193 में आरम्भ करवाया, परन्तु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। बाद में उनके दामाद और उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया, और सन 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अन्तिम मंजिल बनवाई। इस मीनार में ऐबक से तुगलक तक के स्थापत्य एवं वास्तु शैली में बदलाव को देखा जा सकता है। मीनार को लाल पत्थर से बनाया गया है, जिस पर कुरान की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है। यह मीनार पुराने दिल्ली शहर, ढिल्लिका के प्राचीन किले लालकोट के अवशेषों पर बनी है। ढिल्लिका आखिरी हिन्दू राजाओं तोमर और चौहान की राजधानी थी। इस क्यों बनाया गया? माना जाता कि कुतुब मीनार का इस्तेमाल पास ही में बनी कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद की मीनार के रूप में होता था और यहां से अजान दी जाती थी। यह भी कहते हैं कि इस्लाम की दिल्ली पर विजय के प्रतीक रूप में बनी। कुछ पुरातत्व शास्त्री मानते हैं कि इसका नाम पहले तुर्क सुल्तान कुतुबुद्दीन एबक के नाम पर पडा, वहीं कुछ यह मानते हैं कि इसका नाम बग़दाद के प्रसिद्ध सन्त कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर है, जो भारत में रहने आए थे। यहाँ लगे शिलालेख में लिखा है कि इसकी मरम्मत फ़िरोज शाह तुगलक ने (1351-88) और सिकंदर लोधी (1489-1517) ने करवाई। मेजर आर.स्मिथ ने इसका जीर्णोद्धार 1829 में करवाया था।

मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट नमूने हैं, जिनमें से अनेक इसके निर्माण काल सन 1193 या और पहले के हैं। इनमें कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा बनाई गई भारत की पहली मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम, चौथी सदी का चंद्र लोह स्तम्भ (आयरन पिलर), अलाई दरवाजा, इल्तुतमिश का मकबरा (1235 इसवी) प्रमुख हैं। लोह स्तम्भ की खासियत यह है कि 1700 साल के लंबे अर्से से यह खुले आसमान में खड़ा है। इसके ऊपर सालों से धूप, बारिश और धूल गिरती रही है, लेकिन इसके बावजूद भी इस पर जंग नहीं लगा है।

कुतुब मीनार के पास ही एक और मीनार बनाने की शुरूआत की गई थी। इसे अलाई मीनार कहते हैं। अलाउद्दीन खिलजी ने इसका निर्णाण शुरू कराया था। वे कुतुब मीनार से दुगनी ऊँची मीनार बनाना चाहते थे। इस मीनार की बुनियाद के अलावा करीब 80 फुट की ऊँचाई तक काम हो गया था, पर सन 1316 में अलाउद्दीन की मौत के बाद यह काम अधूरा रह गया।

इंटरनेट पर पब्लिक साइट्स का स्टोरेज लिमिट क्या है? क्या यू ट्यूब और गूगल के पास अनलिमिटेड स्टोरेज है?
आयुष पोखरना, विजयनगर, अजमेर
इंटरनेट के इतिहास को देखें तो पता लगेगा कि शुरू में यह अनुसंधान प्रयोगशालाओं के बीच का नेटवर्क था। जैसे-जैसे इसकी सम्भावनाओं के दरवाजे खुले तब इंटरनेट सेवाओं के व्यावसायिक इस्तेमाल का रास्ता भी खुला और तब इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के रूप में संस्थाएं बनीं। सन 1990 में द वर्ल्ड नाम से पहली इंरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) का जन्म हुआ। यूट्यूब, गूगल, पिकासा, याहू वगैरह तकनीक और कारोबार के नए मानक गढ़ रहे हैं। वैब स्टोरेज का एक समानांतर कारोबार चल रहा है। आप जिस स्टोरेज की बात पूछ रहे हैं, वह अब कोई समस्या नहीं है। वह अनलिमिटेड है।

क्या नेता लोग टैक्स भरते हैं?
त्रिलोक नायक, triloknayak07@gmail.com
नेता भी देश के नागरिक हैं। उन्हें भी हर तरह के टैक्स भरने होते हैं। वह हाउस टैक्स हो या इनकम टैक्स नेताओं को भी नियमानुसार उन्हें भरना होता है।


क्या कोई ऐसा देश भी है जहाँ जेल नहीं हैं?


क्या कोई ऐसा देश भी है जहाँ जेल नहीं हैं?

वैटिकन सिटी में जेल नहीं है। अलबत्ता वहाँ पुलिस व्यवस्था है और न्याय व्यवस्था भी। यहाँ किसी व्यक्ति को सजा होती भी है तो उसे इटली की जेलों में रखा जाता है। वैटिकन सिटी को सम्प्रभुता सम्पन्न राज्य की मान्य परिभाषाओं में रखा जा सकता है, पर वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं केवल स्थायी पर्यवेक्षक है। इस देश की अपनी सेना नहीं है।

धरती से कितने ऊपर अंतरिक्ष शुरू होता है?
हालांकि ऐसी कोई सीमा नहीं है जहाँ से अंतरिक्ष की शुरुआत मानी जाए, पर सामान्यतः समुद्र की सतह से 100 किमी की ऊँचाई के बाद हम अंतरिक्ष की शुरूआत मानने लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1967 में पारित वाह्य अंतरिक्ष संधि में भी यही सीमा मानी गई है। इसे कामान रेखा कहा जाता है।

वो दो दिन कौन से होते हैं, जब दिन और रात बराबर होते हैं?
विषुव अंग्रेज़ी में इसे इक्विनॉक्स कहते हैं। यानी ऐसा समय-बिंदु, जिसमें दिन और रात बराबर। किसी इलाके में दिन और रात की लंबाई पर असर डालने वाली कई बातें होतीं हैं। धरती अपनी धुरी पर 23½° झुककर सूर्य के चक्कर लगाती है, इस प्रकार वर्ष में एक बार पृथ्वी इस स्थिति में होती है, जब वह सूर्य की ओर झुकी रहती है, व एक बार सूर्य से दूसरी ओर झुकी रहती है। इसी प्रकार वर्ष में दो बार ऐसी स्थिति भी आती है, जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है, और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इसे इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है। ऐसा भूमध्य रेखा पर होगा। आजकल ऐसा 20/21 मार्च और 22/23 सितम्बर को होता है। पर यह भी अलग-अलग अक्षांश यानी लैटीट्यूड पर अलग-अलग दिन होता है।

मैकमहोन लाइन क्या होती है?
मैकमहोन रेखा भारत और तिब्बत के बीच सीमा रेखा है। सन् 1914 में भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और तिब्बत के बीच शिमला समझौते के तहत यह रेखा तय की गई थी। 1914 के बाद कई साल तक इस रेखा को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ, पर 1937 में ओलफ केरो नामक एक अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी ने तत्कालीन अंग्रेज सरकार को इसे आधिकारिक तौर पर लागू करने का अनुरोध किया। 1937 में सर्वे ऑफ इंडिया के एक मानचित्र में मैकमहोन रेखा को आधिकारिक भारतीय सीमारेखा के रूप में पर दिखाया गया था। इस सीमारेखा का नाम सर हैनरी मैकमहोन के नाम पर रखा गया था, जिनकी इस समझौते में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। वे भारत की तत्कालीन अंग्रेज सरकार के विदेश सचिव थे।



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