ज्ञान क्या है? पहला सवाल यही होना चाहिए। मेरा आशय सामान्य जानकारी से है, जिसे कुछ लोग जनरल नॉलेज कहते हैं, पर जैसे-जैसे विचार करते जाएं ज्ञान के व्यापक अर्थ होते जाते हैं। खासतौर से यदि आध्यात्मिक ज्ञान को भी इसमे शामिल किया जाए तो परतें खुलती जाती हैं। नया ज़माना इनफॉरमेशन टेक्नॉलजी का है। यह भी ज्ञान है। इसे नॉलेज बेस्ड इंडस्ट्री कहते हैं। लोकतांत्रिक अर्थ में सूचना भी ज्ञान है।
ज्ञान का विलोम है अज्ञान। जानकारी न होना। इसके साथ-साथ होते हैं अधूरा ज्ञान, सायास तोड़ा-मरोड़ा गया ज्ञान वहैरह। इसके अलावा जानकारी को रोकना भी ज्ञान से जुड़े व्यक्ति की जिज्ञासा के दायरे में होता है। मनुष्य एक बालक है जो जिज्ञासा में जीता है। वह जितना जानता जाता है उतना ही स्वयं को अज्ञानी पाता है।
मेरा यह ब्लॉग जीवन की बुनियादी जानकारी से जुड़ा है। यह जानकारी सार्थक भी हो ऐसा प्रयास मैं करूँगा। इसमें आपका हर कदम पर सहयोग चाहिए।
पिछले कुछ साल से मैं मासिक पत्रिका कादम्बिनी में ज्ञानकोश नाम से एक कॉलम लिखता हूं। यह कॉलम इस पत्रिका के एक पुराने कॉलम गोष्ठी का संवर्धित रूप है। हाल में राजस्थान पत्रिका के मी नेक्स्ट सप्लीमेंट में Knowledge Corner नाम से एक और कॉलम शुरू किया है। प्रभात खबर के सप्लीमेंट अवसर में जिज्ञासा 360 नाम से साप्ताहिक कॉलम प्रकाशित होता है। इस ब्लॉग में मैं इन कॉलमों में प्रकाशित सामग्री को रखूँगा। इसके अलावा भी कुछ और जानकारी-परक सामग्री दूँगा।
ब्लॉग के मार्फत पाठक सीधे संवाद भी कर सकते हैं। जानकारी के अनेक आयाम होते हैं। आप उचित समझें तो किसी जानकारी के दूसरे आयाम मेरे पास भेजें। मैं उन्हें प्रकाशित करूँगा। मेरी जानकारी की भी सीमा है। भूल-सुधार की संभावना हमेशा रहेगी। आप इसमें भी मेरी मदद करें।
ज्ञान का विलोम है अज्ञान। जानकारी न होना। इसके साथ-साथ होते हैं अधूरा ज्ञान, सायास तोड़ा-मरोड़ा गया ज्ञान वहैरह। इसके अलावा जानकारी को रोकना भी ज्ञान से जुड़े व्यक्ति की जिज्ञासा के दायरे में होता है। मनुष्य एक बालक है जो जिज्ञासा में जीता है। वह जितना जानता जाता है उतना ही स्वयं को अज्ञानी पाता है।
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