Wednesday, September 28, 2011

सिकंदर को महान क्यों कहते हैं?


सिकन्दर को महान क्यों कहा गया?
सुनील कुमार, मुज़फ्फरनगर


सिकन्दर यूनानी प्रायद्वीप के छोटे से देश मकदूनिया का राजा था। उसका जन्म 356 ईपू हुआ था। वह प्रसिद्ध विचारक सुकरात का शिष्य था। युरोप से शुरू करके एशिया माइनर, फारस, मिस्र और फिर भारत तक लड़ाइयाँ जीतकर वह एक अर्थ में पहला विश्व विजेता था। वह बेहद महत्वाकांक्षी था और दुनिया के अंत तक पहुँचना चाहता था। उसे महान बनाने वाली दो-तीन बातें हैं। एक, वह अपने सैनिकों के आगे खुद रहकर लड़ाई लड़ता था। दूसरे, जिस राज्य पर विजय पाता था, कोशिश करके उसे ही अपना राज-पाट चलाने देता था, सिर्फ अपनी अधीनता स्वीकार कराता था। उसका युद्ध कौशल आज भी दुनियाभर की सेनाओं के कोर्स में शामिल है। सबसे बड़ी बात यह कि वह 33 साल की उम्र में दुनिया से विदा हो गया। इतनी कम उम्र में इतनी उपलब्धियों के साथ।

Thursday, September 22, 2011

जेट लैग क्या है?

जेट लैग क्या है? 
प्रेम जी 
premdhamu.bkn@gmail.com>





जेट लैग एक मनो-शारीरिक दशा है, जो शरीर के सर्केडियन रिद्म में बदलाव आने के कारण पैदा होती है। इसे सर्केडियन रिद्म स्लीप डिसॉर्डर भी कहते हैं। इसका कारण लम्बी दूरी की हवाई यात्रा खासतौर से पूर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व एक टाइम ज़ोन से दूसरे टाइम ज़ोन की यात्रा होती है। अक्सर शुरुआत में नाइट शिफ्ट पर काम करने आए लोगों के साथ भी ऐसा होता है। आपका सामान्य जीवन एक खास समय के साथ जुड़ा होता है। जब उसमें मूलभूत बदलाव होता है तो शरीर कुछ समय के लिए सामंजस्य नहीं बैठा पाता। अक्सर दो-एक दिन में स्थिति सामान्य हो जाती है। इसमें सिर दर्द, चक्कर आना, उनींदा रहना, थकान जैसी स्थितियाँ पैदा हो जाती है।

प्याज़ काटते वक्त आँखों में आँसू क्यों आते हैं?


जब हम प्याज़ काटते हैं तो आँखों में जलन क्यों होती है?
MAHJABI from BIJNOR


जब आप प्याज़ को काटते हैं तो उसके अंदर के कई सैल कटते हैं, जिनमें मिला अमीनो एसिड सल्फॉक्साइड और सल्फेनिक एसिड मिलकर प्रोपैनथियॉल एस-ऑक्साइड बनाते हैं। सल्फर के इस कम्पाउंड की तीखी भाप हमारी आँखों में जलन पैदा करती है। आँख की प्रकृति है कि उसमें कोई बाहरी तत्व आता है तो वह आँसू निकाल कर उसे धोने की कोशिश करती है।

Friday, September 16, 2011

च्यूइंग गम खाने पर पाबंदी किस देश में है?


च्यूइंग गम खाना किस देश में मना है?
विजय




सिंगापुर में 1992 से चयूइंग गम खाने और बेचने पर पाबंदी है। । इस कानून में 2004 और 2010 में कुछ मामूली बदलाव हुए हैं। सिडनी के हवाई अड्डे में च्यूइंग गम की बिक्री पर रोक है। अमेरिका के फ्लोरिडा हवाई अड्डे में भी इस तरह की रोक थी, जो बाद में हटा ली गई। इस रोक के पीछे वजह है सफाई। च्यूइंग गम का सेवन करने वाले इसका बचा हुआ पदार्थ कु4सियों और मेजों के नीचे चिपका जाते हैं, जिससे गंदगी फैलती है।

Thursday, September 1, 2011

इंसान के नाम रखने का चलन कब से शुरू हुआ?





यह बताना मुश्किल है कि नाम रखने का चलन कब और कहाँ से शुरू हुआ। इतना समझ में आता है कि नाम का रिश्ता पहचान से है। नाम व्यक्ति का ही नहीं वस्तु, वर्ग, समूह, समुदाय, स्थान, जाति, विषय वगैरह-वगैरह के होते हैं। यानी पहली बात पहचान की है। इस पहचान को कोई ध्वनि दी गई। वही नाम है। शुरू में नाम किसी जानवर को दिया गया होगा या किसी फल को या किसी तालाब, नदी या पेड़ को। पेड़ और फल को अलग-अलग पहचानने के लिए ऐसा करना पड़ा होगा। जबतक थोड़े से लोग होंगे नाम की जरूरत नहीं रही होगी, पर जब लोगों की संख्या बढ़ी होगी तब नाम भी बने होंगे। भाषा और लेखन का विकास होने पर इसमें सुधार हुए होंगे। बहरहाल दुनिया की सभी सभ्यताओं में व्यक्तियों के नाम मिलते हैं। यानी मनुष्य का नामकरण प्रागैतिहासिक काल में हो गया था।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...