Thursday, October 27, 2016

भूत मिर्ची क्या होती है?

हाल में अमेरिकन जरनल ऑफ इमर्जेंसी मेडिसन ने जानकारी दी थी कि इस मिर्च को खाने से एक व्यक्ति की ग्रासनली (इसोफेगस) और गले में छेद हो गए. असमिया में इसे भूत जोलोकिया कहते हैं. यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्च है. मिर्चों के तीखेपन की इकाई स्कोवाइल हीट यूनिट्स (एसएचयू) है. भूत जोलोकिया में 10 लाख एसएचयू से ज्यादा तीखापन है. यह तीखापन दुनिया की तीखी से तीखी मिर्चों से काफी ज्यादा है. नारंगी से लाल रंग तक पाई जाने वाली यह मिर्च पूर्वोत्तर भारत मेंविशेषकर असम के तेजपुर जनपद और उस के आसपास मिलती है. मणिपुर में इसे राजा मिर्च और ऊ मोरोक कहते हैं जबकि असम व नगालैंड में उसे भूत जोलोकियाबीह जोलोकिया और नाग जोलोकिया कहते हैं। अंग्रेजी में इसे तेजपुर चिली भी कहते हैं. यह मिर्च लगभग तीन इंच तक लंबी और एक या सवा इंच मोटी होती है. अमेरिकन जरनल पर विवरण यहाँ पढ़ें http://www.jem-journal.com/article/S0736-4679(16)30256-6/fulltext?rss=yes
फीफा रैंकिंग क्या है?
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल एसोसिएशन का संक्षेप नाम है FIFA. यह संगठन अपने सदस्य देशों की टीमों के प्रदर्शन के आधार पर हर महीने उनके पॉइंट्स घोषित करता है. ये पॉइंट टीम के पिछले चार साल के प्रदर्शन के आधार पर होते हैं. इस रैंकिंग की शुरुआत सन 1992 में हुई थी. जबसे रैंकिंग की शुरुआत हुई है दुनिया की पहली आठ टीमें अर्जेंटीना, बेल्जियम, ब्राज़ील, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और स्पेन रहती हैं. केवल इनके क्रम में फर्क पड़ता है. इस साल अक्तूबर की रैंकिंग में 1621 अंक के साथ अर्जेंटीना नम्बर एक पर और 1465 अंक के साथ जर्मनी दूसरे नम्बर पर है. भारत की टीम के पास 230 अंक हैं, जिनके आधार पर उसका रैंक 137 है. इससे पिछले महीने भारत 205 अंकों के साथ 148 वें स्थान पर था. इसमें 11 स्थानों का सुधार हुआ है.

अमेरिका और यूएसए में क्या फर्क है?

अमेरिका एक महाद्वीप का नाम है जो दो बड़े उप महाद्वीपों में बँटा है. एक है उत्तरी अमेरिका और दूसरा दक्षिणी अमेरिका. अमेरिकी महाद्वीप में अनेक देश हैं. उनमें एक है युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका. यह उत्तरी अमेरिका में है. अक्सर हम यूएसए और अमेरिका को एक मान लेते हैं.
चुनाव आचार संहिता कैसे बनी?
चुनाव आचार संहिता का मतलब है चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है. चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती हैं. चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते है. सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश पर काम करते हैं. सरकार न तो कोई नई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन.
देश में आदर्श आचार संहिता की शुरुआत सन 1960 के केरल विधानसभा चुनाव से हुई। शुरू में यह सामान्य से दिशा-निर्देश थे कि क्या करें और क्या न करें. उस समय देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे केवीके सुन्दरम. कल्याण सुन्दरम देश के पहले विधि सचिव और दूसरे चुनाव आयुक्त थे. सन 1962 के आम चुनाव में आयोग ने इस कोड को सभी मान्यता प्राप्त दलों को सौंपा. साथ ही सभी राज्य सरकारों के पास इसकी प्रति भेजी गई और अनुरोध किया गया कि इसपर राजनीतिक दलों की स्वीकृति प्राप्त करें. धीरे-धीरे यह परम्परा पुष्ट होती गई.
पृथ्वी का सूर्य-परिक्रमा पथ गोल है या अंडाकार?
अंतरिक्ष में पूरी तरह वृत्ताकार कक्षा कहीं नहीं मिलती. पूरी तरह वृत्ताकार न तो ग्रह होते हैं और न नक्षत्र. तमाम अंतरिक्षीय पिंड एक-दूसरे की गुरुत्व शक्ति से प्रभावित होते हैं. पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी पूरी परिक्रमा के दौरान घटती-बढ़ती रहती है. दोनों के बीच न्यूनतम दूरी 14 करोड़ 71 लाख66 हजार462 किमी जिसे रविनीच या पेरिहेलियोन (perihelion) कहते हैं। अधिकतम दूरी 15,21,71,522 किमी होती है, जिसे अफेलियोन या सूर्योच्च (aphelion) कहते हैं.
आइफ़िल टॉवर
फ़्रांस की राजधानी पेरिस में कैम्प डि मार्स पर बनी मीनार है आइफ़िल टावर. लोहे की इस मीनार की ऊँचाई 986 फुट है. उसपर लगे टीवी एंटीना को भी जोड़ लिया जाए तो 1058 फ़ुट है. 1889 में जब यह बनकर तैयार हुई तो दुनिया की सबसे ऊंची इमारत थी. इसका निर्माण फ़्रांस की क्रान्ति की शताब्दी मनाने के लिए किया गया था.
विश्व विकलांग दिवस
विश्व विकलांग दिवस 3 दिसंबर को मनाया जाता है. इसका शुरुआती नाम था इंटरनेशनल डे ऑफ़ डिसेबल्ड पर्सन्स. सन 2007 में इसका नाम हो गया इंटरनेशनल डे ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीस. इसकी शुरुआत वर्ल्ड प्रोग्राम ऑफ़ एक्शन कन्सर्निंग डिसेबल्ड पर्सन्स ने की थी और 1992 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने इसे अपनाया.
हॉलमार्क क्या है?
हॉलमार्क बहुमूल्य धातुओं जैसे सोने, चाँदी और प्लेटिनम की गुणवत्ता को व्यक्त करता है. हॉलमार्क शब्द Goldsmiths Hall या सुनार शाला से आया है. सोने की हॉलमार्किंग का काम भारतीय मानक ब्यूरो ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को सौंपा है. जिन ज़ेवरों पर यह लगा होता है उन्हें ख़रीदते हुए ग्राहक को भरोसा रहता है कि सोना ठीक है.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Sunday, October 23, 2016

जीरो एफआईआर क्या होती है?

प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पुलिस द्वारा तैयार किया गया एक लिखित अभिलेख है, जिसमें संज्ञेय अपराध की जानकारी होती है। मूलतः यह पीड़ित व्यक्ति की शिकायत है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज इसलिए है, क्योंकि इसके आधार पर ही भविष्य में मुकदमा चलता है। दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा- 154 के अनुसार संज्ञेय अपराध के किए जाने से संबंधित प्रत्येक इत्तला, यदि पुलिस थाने के भार-साधक अधिकारी को मौखिक दी गई हैं तो उसके द्वारा या उसके निदेशाधीन लेखबद्ध कर ली जाएगी और इत्तला देने वाले को पढ़कर सुनाई जाएगी और प्रत्येक ऐसी इत्तला पर, चाहे वह लिखित रूप में दी गई हो या पूर्वोक्त रूप में लेखबद्ध की गई हो, उस व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो उसे दे और उसका सार ऐसी पुस्तक में, जो उस अधिकारी द्वारा ऐसे रूप में रखी जाएगी जिसे राज्य सरकार इस निमित्त विहित करें, प्रविष्ट किया जाएगा ।
शून्य एफआईआर एक नई अवधारणा है, जो दिसम्बर 2012 में दिल्ली में हुए गैंगरेप के बाद सामने आई है। इसकी सलाह जस्टिस जेएस वर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई समिति ने की थी। सामान्यतः एफआईआर उस थाने में दर्ज होती है जिसके क्षेत्राधिकार में अपराध हुआ हो। ज़ीरो एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकती है। इसके बाद पुलिस और न्याय प्रक्रिया से जुड़े विभागों को जिम्मेदारी बनती है कि एफआईआर का सम्बद्ध थाने में स्थानांतरण कराएं। मूलतः यह महिलाओं को सुविधा प्रदान कराने की व्यवस्था है। और इसका उद्देश्य यह भी है कि पुलिस फौरन कार्रवाई करे। अभी देश के तमाम पुलिस अधिकारी भी इस व्यवस्था से खुद को अनभिज्ञ बताते हैं।
क्या किसी देश में मोटापे पर भी टैक्स लगता है?
मोटापे पर टैक्स लगाने की एक परिकल्पना है। इसके तहत व्यक्तियों के लिए उनके वज़न या कमर की मोटाई की सीमा तय करके उसके बाहर वालों से शुल्क वसूलने का सुझाव दिया जाता है। इसका दूसरा रूप है उन चीजों पर अतिरिक्त टैक्स लगाना, जिनसे मोटापा बढ़ता है। डेनमार्क में मक्खन, दूध, पनीर, मीट वगैरह पर जिनमें एक सीमा से ज्यादा चिकनाई होती थी, टैक्स लगाया गया। पर 2012 में यह टैक्स हटा लिया गया, क्योंकि देखा गया कि इसका लाभ नहीं मिला। हाल में भारत के केरल सरकार ने पिज्जा और जंक फूड पर 145 फीसदी के अतिरिक्त टैक्स लगाया है।
इस सिलसिले में जापान के मेताबो कानून का उल्लेख जरूरी है, जो देश के लोगों का मोटापा कम करने के उद्देश्य से सन 2008 में बनाया गया था। इसके अंतर्गत 40 से 75 वर्ष की आयु के बीच के लोगों के लिए सालाना अनिवार्य स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है, जिसमें पुरुषों के लिए कमर की सीमा 33.5 इंच और स्त्रियों के लिए 35.4 इंच है। ऐसा नहीं होने पर व्यक्तिगत रूप से दंड की व्यवस्था न होकर स्थानीय प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है कि लोग चुस्त-दुरुस्त रहें।
दुनिया का सबसे पुराना म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट कौन सा है?
इंसान को तकरीबन चालीस हजार साल पुराने बाँसुरी जैसे वाद्य यंत्र मिले हैं। स्लोवेनिया की गुफाओं में मिली यह बाँसुरी भालू की फीमर बोन से बनी है, जिसमें बाँसुरी की तरह के छेद हैं। पर यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि सबसे पुराना वाद्य यंत्र यही है।
अंटार्कटिका का टाइम ज़ोन क्या है?
अंटार्कटिक में कोई टाइम ज़ोन नहीं है। और हो भी नहीं सकता, क्योंकि दुनिया की सभी देशांतर रेखाएं यहाँ आकर मिलती हैं। इस प्रकार दुनिया के सारे टाइम ज़ोन यहाँ आकर मिलते हैं। उसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए वहाँ टाइम ज़ोन का निर्धारण नहीं हुआ है। वहाँ अलग-अलग देशों के जो रिसर्च स्टेशन हैं, वे अपने देश के टाइम ज़ोन का पालन करते हैं या आसपास के निकटवर्ती देशों का। मसलन न्यूज़ीलैंड का।
किसी चीज का प्लेन वनीला प्राइस क्या होता है?
प्लेन वनीला यानी किसी वस्तु का सबसे प्रारम्भिक स्वरूप। मसलन किसी कार का बेसिक मॉडल। उसके बाद उसमें सुविधाओं के साथ दाम बढ़ते जाते हैं। या किसी इंश्योरेंस पॉलिसी में बुनियादी जोखिम को कवर करना। जैसे थर्ड पार्टी इंश्योरेंस। यह शब्द शायद आइसक्रीम से आया है, जहाँ वनीला सबसे बुनियादी स्वाद है, जिसके दाम सबसे कम होते हैं।
डीजे का फुलफॉर्म
डीजे का मतलब होता है डिस्क जॉकी। वह व्यक्ति जो श्रोताओं के लिए संगीत तय करता है या पेश करता है। डिस्क प्ले करता है।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

Thursday, October 20, 2016

समान नागरिक संहिता क्या है?

भारतीय संविधान के अंतर्गत समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) एक अवधारणा है कि देश में एक समय आएगा जब सभी समुदायों और मतावलम्बियों से जुड़े प्रत्येक नागरिक पर एक ही कानून लागू होगा. अभी विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने और अनुरक्षण (भरण-पोषण) से जुड़े मामलों में निपटारा सांविधानिक कानून के स्थान पर धर्मग्रंथों और परम्पराओं के आधार पर होता है. भारतीय संविधान के नीति-निर्देश तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 44 में कहा गया है, राज्य, भारत के समस्त नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा.
कबड्डी ओलिम्पिक खेल क्यों नहीं है?
अभी तक कबड्डी से जुड़ा कोई अंतरराष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल ओलिम्पिक कमेटी से सम्बद्ध नहीं है. अलबत्ता वर्ल्ड कबड्डी फेडरेशन और इंटरनेशनल कबड्डी फेडरेशन नाम की कम से कम दो बड़ी संस्थाएं बन चुकी हैं. इस खेल को एशिया खेलों में 1990 में शामिल किया गया था. तबसे यह उसमें खेला जा रहा है. इसके अलावा दक्षिण एशिया खेलों में भी यह शामिल है. प्रोफेशनल कबड्डी की दो विश्व कप प्रतियोगिताएं भी अलग-अलग हो रही हैं. आधुनिक कबड्डी का पहला अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन 1936 के बर्लिन ओलिम्पिक खेलों में अमरावती, महाराष्ट्र के हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल ने किया था. ओलिम्पिक खेलों में शामिल करने के लिए किसी भी खेल को कम से कम चार महाद्वीपों के 75 देशों में खेला जाना चाहिए. उससे जुड़े खेल संघ के पास कम से कम 50 राष्ट्रीय संघों की सम्बद्धता होनी चाहिए.
वायदा बाज़ार क्या होता है?
ऐसा बाज़ार जो भविष्य के किसी वायदे पर चलता हो उसे वायदा बाज़ार कहते हैं. बाज़ार दो तरह के होते हैं. एक वह जिसमें आप जिस समय कोई सौदा करते हैं उसी समय उसकी रक़म अदा करके माल ले लेते हैं. दूसरा वह जिसमें ख़रीदार और विक्रेता भविष्य की किसी तारीख़ के लिए निश्चित राशि पर सौदा तय करते हैं. इससे उत्पादकों और उपभोक्ताओं को भावी योजना बनाने में सहूलियत होती है और वे भविष्य में दाम बढ़ने या घटने के ख़तरे से बच जाते हैं. हमारे देश में जिंस बाजार में अब वायदा कारोबार भी होता है.
फिफ्थ कॉलम क्या है?
घर के भीतर छिपा दुश्मन. फिफ्थ कॉलम उस गुप्त विद्रोही संगठन को कहते हैं जो किसी देश या संगठन के भीतर रहकर उसका विरोध करे. ये शब्द स्पेन के गृहयुद्ध के दौरान जनरल ऐमीलियो मोला ने सन 1936 में एक पत्रकार से कहे थे. उन्होंने कहा कि राजधानी मैड्रिड को रिपब्लिकन बलों के हाथ से छुड़ाने के लिए सेना के चार दस्ते प्रवेश करेंगे जबकि जनरल फ़्रैंको के समर्थकों का एक दस्ता राजधानी के अंदर मौजूद है जो हमला होते ही उसमें शामिल हो जाएगा. तबसे यह शब्द खासा प्रचलित हो गया. अर्नेस्ट हेमिंग्वे के एकमात्र नाटक का शीर्षक फिफ्थ कॉलम है, जिसे उन्होंने 1938 में प्रकाशित अपनी किताब में शामिल किया.
एमआई-6 का मतलब क्या है?
ब्रिटेन की गुप्तचर सेवा सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (एसआईएस) को कभी-कभी एम आई-6 के नाम से जाना जाता है. इसका मतलब हुआ मिलिट्री इंटेलिजेंस सेक्शन-6. इसकी शुरुआत गुप्तचर सेवा ब्यूरो के विदेश विभाग के रूप में 1909 में हुई थी और इसका काम था विदेशों से ख़ुफ़िया जानकारी जमा करना. आंतरिक जासूसी का काम एमआई-5 का था. 85 साल तक ब्रिटिश सरकार ने इसके बारे में सार्वजनिक रूप से घोषणा नहीं की. यह खुफिया संगठन पूरी तरह गोपनीय था. सन 1994 में देश में इंटेलिजेंस सर्विस एक्ट बनने के बाद इसे औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया.
श्रीलंका कब स्वतंत्र हुआ?
श्रीलंका में 1930 के दशक में अंग्रेजी राज के खिलाफ स्वाधीनता आंदोलन तेज हुआ. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 4 फरवरी 1948 को देश को संयुक्त राजशाही से पूर्ण स्वतंत्रता मिली. सन 1972 तक इस देश का नाम सीलोन था.
दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है?
न्यूयॉर्क शहर का ग्रैंड सेंट्रल टर्मिनल दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन इस आधार पर माना जा सकता है कि इसमें सबसे ज्यादा 44 प्लेटफॉर्म हैं. इनके साथ 67 ट्रैक जुड़े हैं. ये प्लेटफॉर्म दो मंजिलों पर बने हैं.
स्विट्ज़रलैंड में कौन सी भाषा बोली जाती है?
स्विट्ज़रलैंड चार भाषाओं का घर है. यहाँ जर्मन, फ्रेंच, इटैलियन और रोमांच. रोमांच रोमन साम्राज्य की बोली जाने लैटिन की वारिस है। यह स्विट्ज़रलैंड के दक्षिणी कैंटन की राजभाषा भी है. चारों भाषाओं में स्विट्ज़रलैंड को अलग-अलग तरीके से लिखा जाता है.
डीजे माने क्या?
डीजे का मतलब होता है डिस्क जॉकी। वह व्यक्ति जो श्रोताओं के लिए संगीत तय करता है या पेश करता है। डिस्क प्ले करता है।

Thursday, October 13, 2016

क्यों महत्वपूर्ण है पेरिस समझौता

जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता चार नवंबर को प्रभाव में आएगा. इस समझौते को लागू करने के लिए 55 प्रतिशत वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार कम से कम 55 देशों के हस्ताक्षर आवश्यक थे और यह आंकड़ा पार करने के साथ ही इस समझौते को लागू किए जाने का रास्ता साफ हो गया. कुल 72 देशों ने इस समझौते का अनुमोदन किया है जो 56 प्रतिशत वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं. शर्त यह थी कि यह समझौता तभी लागू होगा, जब कम से कम 55 देश इसमें शामिल हों जो कम के कम 55 वैश्विक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं. यह शर्त 2 अक्तूबर 2016 को भारत के इसमें शामिल होने के बाद पूरी हो गई है.

सिडबी क्या है?
स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI) देश में लघु, छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमों के विकास में सहायता देने के लिए बनाया गया स्वतंत्र वित्तीय संस्थान है. प्रारम्भ में यह इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (IDBI) का अनुषंगी संगठन था. इस वक्त इसका स्वामित्व भारत सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाली 34 संस्थाओं के पास है. शुरू में इसने छोटे उद्यमों के लिए बैंकों और राज्य-स्तरीय संस्थाओं के पुनर्वित्त पोषण का काम किया था. बाद में इसने अपनी 100 शाखाओं के मार्फत अपनी गतिविधियाँ बढ़ा दीं, जिनमें छोटे उद्यमों को सीधे कर्ज देना भी शामिल है.

नए संयुक्त राष्ट्र महासचिव
पुर्तगाल के एंतोनियो गुतेख (António Guterres)  संयुक्त राष्ट्र के अगले महासचिव होंगे. गुरुवार 6 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में उनके नाम की पुष्टि के लिए औपचारिक मतदान हुआ. 66 वर्षीय गुटेरेश संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संस्था की 10 साल तक अगुवाई कर चुके हैं. वे अगले साल बान की मून की जगह लेंगे. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों ने बुधवार 5 अक्तूबर को 10 उम्मीदवारों के लिए गुप्त मतदान किया. किसी ने भी गुटेरेश का विरोध नहीं किया. गुटेरेश ने यूरोपीय संघ बजट कमिश्नर बुगुरियाई क्रस्टलीना जॉर्जिवा और नौ अन्य प्रत्याशियों को परास्त किया. इस बार उम्मीद थी कि कोई महिला संयुक्त राष्ट्र महासचिव बन सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

भारत का पहला बैंक
अठारहवीं सदी के अंतिम दशक में देश के पहले बैंक खुले थे. इनके नाम थे जनरल बैंक ऑफ इंडिया, जो 1786 में खुला और दूसरा बैंक था बैंक ऑफ हिन्दुस्तान जो 1790 में शुरू हुआ. दोनों बैंक बंद हो गए. इस वक्त देश के सक्रिय बैंकों में सबसे पुराना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया है, जो जून 1806 में बैंक ऑफ कैलकटा के नाम से शुरू हुआ. इसका नाम बाद में बैंक ऑफ बंगाल हो गया. उस वक्त देश में इसके अलावा दो प्रेसीडेंसी बैंक और खुले बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास. सन 1921 में तीनों बैंकों को मिलाकर इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया बनाया गया. भारत के स्वतंत्र होने पर इसका नाम हुआ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया.
  
राहुल की किसान यात्रा
उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान के लिए निकले कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक महीने के दौरान देवरिया से दिल्ली तक की क़रीब 35 सौ किमी की यात्रा की और 6 अक्तूबर को दिल्ली वापस पहुँचे. उन्होंने 6 सितम्बर को यह यात्रा शुरू की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने 26 दिन किसानों के साथ बिताए, 48 ज़िलों में 26 खाट सभाएं कीं, 26 रोड शो किए और क़रीब सात सौ जगहों पर कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात की.

भारत का पहला संचार उपग्रह
भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-18 का फ्रेंच गुयाना में कोउरू के अंतरिक्ष केंद्र से एरियान स्पेस रॉकेट के जरिए गुरुवार (6 अक्टूबर) को प्रक्षेपण किया गया. ऐसे में यह जान लेना उपयोगी हगा कि देश का पहला संचार उपग्रह एरियान पैसेंजर पेलोड एक्सपैरिमेंट (APPLE) था जिसे 19 जून, 1981 को इसी कोउरू से एरियान-1 द्वारा सफलता पूर्वक छोड़ा गया था. एपल ने इसरो को त्रि-अक्षीय स्थिरीकृत भूस्थिर संचार उपग्रहों के डिजाइन इत्यादि के लिए बहुमूल्य अनुभव प्रदान किया. एपल का टीवी कार्यक्रमों के प्रसारण एवं रेडियो नेटवर्किंग सहित कई संचार परीक्षणों में उपयोग किया गया. इसे 13 अगस्त, 1981 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने राष्ट्र को समर्पित किया. इसके बाद 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री का संबोधन एपल के मार्फत द्वारा सीधा प्रसारित किया गया.

तितली की कितनी आँखें?                                   
तितली की भी दो आँखें होती हैं, पर उसकी आँखें कम्पाउंड यानी संयुक्त होती हैं. उसके अनेक फोटोरिसेप्टर होते हैं. इस तरह देखें तो उसके हजारों आँखें होती हैं. मोटे तौर पर करीब बारह से बीस हजार. इनकी आंखें बड़ी और गोलाकार होती हैं. इनमें हज़ारों सेंसर होते हैं जो अलग- अलग कोण में लगे रहते हैं. वे ऊपर, नीचे, आगे, पीछे, दाएँ, बाएँ सभी दिशाओं में एक साथ देख सकती हैं. पर वे किसी चीज़ पर अपनी दृष्टि एकाग्र नहीं कर पातीं और उन्हें धुंधला दिखाई देता है.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Sunday, October 9, 2016

आंख के चश्मे की खोज कब हुई?

आँख के चश्मे या तो नज़र ठीक करने के लिए पहने जाते हैं या फिर धूपधूल या औद्योगिक कार्यों में उड़ती चीजों से आँखों को बचाने के लिए भी इन्हें पहना जाता है। शौकिया फैशन के लिए भी। स्टीरियोस्कोपी जैसे कुछ विशेष उपकरण भी होते हैंजो कलाशिक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान में काम करते हैं। सामान्यतः ज्यादा उम्र के लोगों को पढ़ने और नजदीक देखने के लिए चश्मा लगाने की जरूरत होती है।

सम्भवतः सबसे पहले 13वीं सदी में इटली में नजर के चश्मे पहने गए। पर उसके पहले अरब वैज्ञानिक अल्हाज़न बता चुके थे कि हम इसलिए देख पाते हैंक्योंकि वस्तु से निकला प्रकाश हमारी आँख तक पहुँचता है न कि आँखों से निकला प्रकाश वस्तु तक पहुँचता है। सन 1021 के आसपास लिखी गई उनकी किताब अल-मनाज़िर किसी छवि को बड़ा करके देखने के लिए उत्तल(कॉनवेक्सलेंस के इस्तेमाल का जिक्र था। बारहवीं सदी में इस किताब का अरबी से लैटिन में अनुवाद हुआ। इसके बाद इटली में चश्मे बने।

अंग्रेज वैज्ञानिक रॉबर्ट ग्रोसेटेस्ट की रचना ऑन द रेनबो में बताया गया है कि किस प्रकाश ऑप्टिक्स की मदद से महीन अक्षरों को दूर से पढ़ा जा सकता है। यह रचना 1220 से 1235 के बीच की है। सन 1262 में रोजर बेकन ने वस्तुओं को बड़ा करके दिखाने वाले लेंस के बारे में लिखा। बारहवीं सदी में ही चीन में धूप की चमक से बचने के लिए आँखों के आगे धुंधले क्वार्ट्ज पहनने का चलन शुरू हो गया था। बहरहाल इतना प्रमाण मिलता है कि सबसे पहले सन 1286 में इटली में चश्मा पहना गया। यह स्पष्ट नहीं है कि उसका आविष्कार किसने किया। चौदहवीं सदी की पेंटिंगों में एक या दोनों आँखों के चश्मा धारण किए पात्रों के चित्र मिलते हैं।

डूरंड रेखा कहाँ है?

अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर 2,640 किलोमीटर लम्बी सीमा रेखा को डूरंड रेखा कहते हैं। सन 1893 में ब्रिटिश इंडिया और अफ़ग़ान प्रतिनिधियों के बीच एक सहमति हुई, जिसके अधीन अफ़ग़ानिस्तान को ब्रिटिश भारत से अलग करने के लिए एक रेखा तय की गई। इसका नाम ब्रिटिश इंडिया के तत्कालीन विदेश मंत्री सर मॉर्टिमर डूरंड के नाम पर रखा गया। अफगानिस्तान में इसका विरोध हुआ, क्योंकि इससे अफ़ग़ान कबीले बँट गए। अफगानिस्तान ने इस रेखा को कभी स्वीकार नहीं किया। यह इलाका अब पाकिस्तान के उत्तरी इलाक़ोंसरहदी सूबे और बलूचिस्तान में शामिल है। 1949 में अफ़ग़ानिस्तान की लोया जिरगा ने इस रेखा को अवैध घोषित कर दिया था। डूरंड रेखा अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अन्तर्राष्ट्रीय सीमारेखा के रूप में नक्शों पर दर्ज है हालांकि अफगानिस्तान का विरोध अब भी है।
  
फिटकरी क्या है?

फिटकरी एक प्रकार का खनिज है जो प्राकृतिक रूप में पत्थर की शक्ल में मिलता है। इस पत्थर को एल्युनाइट कहते हैं। इससे परिष्कृत फिटकरी तैयार की जाती है। नमक की तरह है, पर यह सेंधा नमक की तरह चट्टानों से मिलती है। यह एक रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है। इसका रासायनिक नाम है पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट। संसार को इसका ज्ञान तकरीबन पाँच सौ से ज्यादा वर्षों से है। इसे एलम भी कहते हैं। पोटाश एलम का इस्तेमाल रक्त में थक्का बनाने के लिए किया जाता है। इसीलिए दाढ़ी बनाने के बाद इसे चेहरे पर रगड़ते हैं ताकि छिले-कटे भाग ठीक हो जाएं। इसके कई तरह के औषधीय उपयोग हैं।

मेरी स्टोप्स कौन थीं?

मेरी स्टोप्स अंग्रेज लेखिका, पुरा वनस्पति विज्ञानी और परिवार नियोजन के सिलसिले में स्त्रियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली महिला थीं। उनका जन्म 15 अक्तूबर 1880 को और निधन 2 अक्तूबर 1958 को हुआ था।  उन्होंने बर्थ कंट्रोल न्यूज़ नाम से न्यूज़ लेटर निकाला था, जिसके मार्फत उन्होंने स्त्रियों को जो सलाह दी उसे लेकर चर्च से उनकी ठन गई। उनके नाम से चलने वाली संस्था मेरी स्टोप्स इंटरनेशनल आज चालीस से ज्यादा देशों में काम कर रही है और इसकी 560 से ज्यादा शाखाएं हैं। 

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

Thursday, October 6, 2016

मैग्ना कार्टा का मतलब क्या है?

मैग्ना कार्टा (Magna Carta) का मतलब है आजादी का चार्टर. इसका व्यवहारिक मतलब है कि व्यवस्था पर कानून का शासन. दुनिया में लोकतांत्रिक व्यवस्था के विकास का यह महत्वपूर्ण पड़ाव है. यह इंग्लैण्ड का एक कानूनी दस्तावेज है जो 15 जून 1215 में जारी हुआ था. यह लैटिन भाषा में लिखा गया है, जिसकी केवल चार मूल प्रतिलिपियाँ मौजूद हैं. मैग्ना कार्टा में इंग्लैण्ड के राजा जॉन ने सामन्तों को कुछ अधिकार दिये. कुछ कानूनी प्रक्रियाओं के पालन का वचन दिया और स्वीकार किया कि उनकी इच्छा कानून के सीमा में बंधी रहेगी. इसके तहत राजा की प्रजा के कुछ अधिकारों को स्वीकार किया गया, जिनमें बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका शामिल है। इसका सार इस बात में है कि राजा को कानून का सम्मान अनिवार्यतः करना चाहिए.

ग्रीनफील्‍ड प्रोजेक्ट किसे कहते हैं?


ग्रीनफील्‍ड (Greenfield project) पूरी तरह से नयी परियोजना को कहते हैं. यानी ऐसी जमीन पर कारखाना लगाना जो अभी नयी या हरी है. जिसमें पहले के किसी निर्माण को ढहाना या विस्तार करना शामिल नहीं हो. आजकल सॉफ्टवेयर सहित विभिन्न उद्योगों में इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा एक शब्द और चलता है ब्राउनफील्‍ड परियोजना, जिसका मतलब है किसी मौजूदा प्लांट का विस्तार करके क्षमता बढ़ाना होता है. ब्राउनफील्ड बिलकुल नयी परियोजना नहीं होती.

दुनिया का सबसे सूखा इलाका कौन सा है?

सामान्यतः रेगिस्तानों को सबसे शुष्क माना जाता है, पर रेगिस्तानों में भी सबसे ज्यादा सूखा रेगिस्तान चिली का एटाकामा रेगिस्तान है. तकरीबन 1,40,000 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैले इस रेगिस्तान में पिछले साढ़े चार सौ साल से वर्षा की एक बूँद नहीं पड़ी है. अनुमान है कि यह सूखा इससे भी ज्यादा पुराना हो सकता है. एटाकामा दुनिया का सबसे पुराना रेगिस्तान भी माना जाता है. इसका निर्माण करीब एक करोड़ साल पहले हो गया था. यहाँ दुनिया का सबसे सख्तजान बैक्टीरिया भी जीवित नहीं रह सकता.

अंटार्कटिका का टाइम ज़ोन क्या है?
अंटार्कटिक में कोई टाइम ज़ोन नहीं है. और हो भी नहीं सकता, क्योंकि दुनिया की सभी देशांतर रेखाएं यहाँ आकर मिलती हैं. इस प्रकार दुनिया के सारे टाइम ज़ोन यहाँ आकर मिलते हैं. उसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए वहाँ टाइम ज़ोन का निर्धारण नहीं हुआ है. वहाँ अलग-अलग देशों के जो रिसर्च स्टेशन हैं, वे अपने देश के टाइम ज़ोन का पालन करते हैं या आसपास के निकटवर्ती देशों का. मसलन न्यूज़ीलैंड का.

ह्वाट्सएप की शुरूआत किसने की?

ह्वाट्सएप इनकॉरपोरेट की स्थापना सन 2009 में अमेरिकी ब्रायन एक्टन और यूक्रेन के जैन काऊम ने की थी. ये दोनों याहू के पूर्व कर्मचारी थे. यह कम्पनी माउंटेन व्यू, सेंटा क्लारा काउंटी, कैलिफोर्निया में है. जो काम एसएमएस ने मोबाइल फोन पर और स्काइप ने कम्प्यूटर पर किया, तकरीबन वैसा ही काम ह्वाट्सएप ने किया है. यह नाम रखने के पीछे मंशा ह्वाट्सअप और एप्लीकेशंस के एप को जोड़ने की रही होगी. ह्वाट्सअप आमतौर पर अंग्रेजी में क्या चल रहा है के लिए बोला जाता है.

इंग्लैंड का ह्वाइट सिटी स्टेडियम क्यों मशहूर है?

ह्वाइट सिटी स्टेडियम का मूल नाम ग्रेट स्टेडियम था। यह लंदन के ह्वाइट सिटी इलाके में सन 1908 के ओलिम्पिक खेलों के लिए तैयार किया गया था. इसे आधुनिक स्टेडियमों का पिता कहा जाता है, क्योंकि इसमें 68 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था थी. यह क्षमता बाद में बढ़कर 90 हजार से ज्यादा की हो गई थी. इस स्टेडियम में ओलिम्पिक खेलों के अलावा सन 1966 के विश्व कप का एक मैच भी खेला गया, पर मुख्यतः इसका इस्तेमाल ग्रेहाउंड कुत्तों की रेस के लिए होता रहा. सन 1985 में इसे गिराने के पहले यानी सन 1984 तक यहाँ इंग्लिश ग्रेहाउंड डर्बी प्रतियोगिता होती रही. इस जमीन को बीबीसी ने ले लिया और यहाँ अपना टेलीविजन केंद्र बनाया.

अहिंसा सिल्क क्या है?

महात्मा गांधी सिल्क पहनने का विरोध करते थे, क्योंकि इसे तैयार करने में रेशम के कीड़े की हत्या की जाती है. पर दुनिया में सिल्क तैयार करने की केवल एक विधि ही नहीं है. अहिंसा सिल्क अलग ढंग के कीड़ों से बनाई जाती है. इसमें जब कीड़ा सिल्क छोड़ देता है तब उसे एकत्र किया जाता है. इसे वाइल्ड सिल्क भी कहा जाता है. दुनिया में वाइल्ड सिल्क के कीड़ों की 500 प्रजातियाँ हैं. इस सिल्क में एक धागा नहीं मिलता, बल्कि कपास की तरह की रुई मिलती है इससे धागा बनाया जाता है.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Wednesday, October 5, 2016

पॉलीग्राफी टेस्ट व नार्को टेस्ट क्या हैं?

गौरीशंकर खीची, ‘प्रयास’, 42 बी, काटजू नगर, मेहरा नर्सिंग होम के पीछे, रतलाम-457001 (म.प्र.)
नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफ टेस्ट और ब्रेन मैपिंग जैसे परीक्षणों का जिक्र आमतौर पर फोरेंसिक साइंस या आपराधिक छानबीन के काम में किया जाता है। नार्को परीक्षण में व्यक्ति के शरीर में एक विशेष प्रकार के रासायनिक यौगिक का प्रवेश कराया जाता है। इसे ट्रुथ ड्रग के नाम से भी जाना जाता है। ट्रुथ ड्रग एक साइकोएक्टिव दवा है, जो ऐसे लोगों को दी जाती है जो सच नहीं बताना चाहते हैं या बता पाने में असमर्थ होते हैं। दूसरे शब्दों मे यह किसी व्यक्ति के मन से सत्य निकलवाने लिए किया प्रयोग जाता है।

दवा के कारण व्यक्ति कृत्रिम निद्रा में आ जाता है। इस दौरान उसके दिमाग का त्वरित प्रतिक्रिया देने वाला हिस्सा काम करना बंद कर देता है। ऐसे में व्यक्ति बातें बनाना और झूठ बोलना भूल जाता है। यों यह भी संभव है कि नार्को टेस्ट के दौरान भी व्यक्ति सच न बोले। भारत में हाल के कुछ वर्षों से ही ये परीक्षण आरंभ हुए हैं। पर इन टेस्टों से प्राप्त जानकारी को साक्ष्य नहीं माना जाता। अलबत्ता यह जानकारी आगे पड़ताल करने में सहायक हो सकती है।

सन 1922 में अमेरिका में रॉबर्ट हाउस नामक टेक्सास के डॉक्टर ने स्कोपोलामिन नामक ड्रग का दो कैदियों पर प्रयोग किया था। नार्को विश्लेषण शब्द नार्क से लिया गया है, जिसका अर्थ है नार्कोटिक। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत ट्रुथ ड्रग के अनैतिक प्रयोग को यातना के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मूल रूप में यह चिकित्सा कार्य है। मनोरोगियों का उपचार करने में इसका उपयोग होता है। इसका पहली बार प्रयोग डॉ. विलियम ब्लीकवेन ने किया था।

पॉलीग्राफ ऐसा उपकरण है जो रक्तचाप, नब्ज, सांसों की गति, त्वचा की स्निग्धता आदि को उस वक्त नापता और रिकॉर्ड करता है, जब किसी व्यक्ति से लगातार प्रश्न पूछे जाते हैं। इस दौरान पॉलीग्राफिक मशीन की मदद से उसका बीपी, धड़कन, सांसों की गति, त्वचा की स्निग्धता आदि रिकॉर्ड कर ली जाती है। सही जवाब और गलत जवाब के दौरान शरीर की प्रतिक्रिया में उतार-चढ़ाव होने लगता है। इसके आधार पर सच और झूठ का फैसला किया जाता है। वैज्ञानिकों के बीच इसकी विश्वसनीयता कम है।

ब्रेन मैपिंग तंत्रिकाविज्ञान की मदद से तैयार की गई तकनीक है। इसमें मस्तिष्क की अलग-अलग तस्वीरों के आधार पर सच और झूठ का फैसला किया जाता है। सभी प्रकार की न्यूरो इमेजिंग ब्रेन मैपिंग का हिस्सा हैं। ब्रेन मैपिंग में डाटा प्रोसेसिंग या एनालिसिस जैसे मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों के व्यवहार का खाका खींचा जाता है। यह तकनीक लगातार विकसित हो रही है और इस पर विश्वास भी किया जाता है।

छत्रपति शिवाजी के जीवन प्रसंग में ‘गढ़ आया मगर सिंह चला गया’ का प्रसंग बहुत ही प्रसिद्ध है। उसमें ‘गोह’ नाम के एक प्राणी का जिक्र आता है। वह क्या है? विस्तार से बताइए?
डॉ. हूंदराज बलवाणी, 172, महारथी सोसाइटी, सरदारनगर, अहमदाबाद-382475

गोह (Monitor lizard) सरीसृपों (रेप्टाइल) के स्क्वामेटा (Squamata) गण के वैरानिडी (Varanidae) कुल के जीव हैं, जिनका शरीर छिपकली जैसा लेकिन उससे बहुत बड़ा होता है। ये अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, अरब और एशिया आदि देशों में फैले हुए हैं। ये छोटे बड़े सभी तरह के होते है, जिनमें से कुछ की लंबाई तो 10 फुट तक पहुँच जाती है। इनकी जबान साँप की तरह दुफंकी, पंजे मजबूत, दुम चपटी और शरीर गोल रहता है। इनकी कई जातियाँ हैं। इनमें सबसे बड़ा ड्रैगन ऑव द ईस्ट इंडियन ब्लैंड लंबाई में लगभग 10 फुट तक होता है। नील का गोह नाइल मॉनिटर अफ्रीका का बहुत प्रसिद्ध गोह है और तीसरा अफ्रीका के पश्चिमी भागों में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। भारत में गोहों की छह जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कवरा गोह सबसे प्रसिद्ध है।

गोह की पकड़ बहुत ही मज़बूत होती है। यह अगर अपने पंजे से किसी चीज को पकड़ ले तो एक साथ दो आदमी भी मिलकर छुड़ाना चाहें तो नहीं छुड़ा सकते| इसी ख़ासियत की वजह से पुराने समय में युद्ध के समय दुश्मन के किले पर ऊँची दीवार पर चढ़ने में इसकी मदद ली जाती थी। शिवाजी के सेनापति तानाजी के पास एक गोह थी। जिसका नाम यशवंती था। इसकी कमर में रस्सी बाँध कर तानाजी क़िले की दीवार पर ऊपर फेंकते थे। यह गोह दीवार से चिपक जाती थी। इस रस्सी को पकड़ कर वे क़िले की दीवार चढ़ जाते थे।

इनकी दूसरी ख़ासियत है इसकी मजबूत शारीरिक संरचना इससे यह प्रतिकूल परिस्थितियों में भी ज़िंदा रह सकता है| इसकी चमड़ी भी बहुत मजबूत होती है| राजस्थान की घुमंतू कालबेलिया,बनजारे, भील, बावरिया आदि जातियों के लोग इसकी चमड़ी से जूतियाँ बनवाते हैं, जो बहुत टिकाऊ होती हैं। भारत में इन्हें वन्य जीव अधिनियम के अंतर्गत संरक्षित जीव घोषित किया गया है। इन्हें पालने, पकड़ने पर पाबंदी है।

रंगों का आविष्कार एवं प्रचलन कब और किस काल में शुरू हुआ था?
श्रीकांत व्यास, डी-750, एम.डी. व्यास नगर, बीकानेर-334004 (राज.)

मनुष्य की आँखों का एक गुण है रंगों की पहचान करना। लाल, नीले, हरे, पीले या और बहुत सारे लाखों, करोड़ों रंग प्रकृति में बिखरे हैं। इनका आविष्कार नहीं हुआ, यह प्रकृति का गुण है। मनुष्य सभ्यताओं ने इन्हें कब अपनाया कहना मुश्किल है, पर उसके परिधानों, उपकरणों, घरों वगैरह-वगैरह में रंग अनादि काल से चले आ रहे हैं। रंग हज़ारों वर्षों से हमारे जीवन में अपनी जगह बनाए हुए हैं। यहाँ आजकल कृत्रिम रंगों का उपयोग जोरों पर है वहीं प्रारंभ में लोग प्राकृतिक रंगों को ही उपयोग में लाते थे। मोहेन-जोदाड़ो और हड़प्पा की खुदाई में सिंधु घाटी सभ्यता की जो चीजें मिलीं उनमें ऐसे बर्तन और मूर्तियाँ भी थीं, जिन पर रंगाई की गई थी। उनमें एक लाल रंग के कपड़े का टुकड़ा भी मिला। विशेषज्ञों के अनुसार इस पर मजीठ या मजिष्‍ठा की जड़ से तैयार किया गया रंग चढ़ाया गया था। हजारों वर्षों तक मजीठ की जड़ और बक्कम वृक्ष की छाल लाल रंग का मुख्य स्रोत थी। पीपल, गूलर और पाकड़ जैसे वृक्षों पर लगने वाली लाख की कृमियों की लाह से महावर रंग तैयार किया जाता था। पीला रंग और सिंदूर हल्दी से प्राप्‍त होता था। प्राकृतिक नील था।

रंग क्या है? ये क्यों दिखाई पड़ते हैं, इस विषय की पहली व्यवस्थित पड़ताल आइजक न्यूटन ने की। यह बहुत पहले से पता था कि सफ़ेद रोशनी काँच के प्रिज़्म से देखने पर रंगीन दिखाई देती है। न्यूटन ने इस पर प्रयोग करके यह निष्कर्ष निकाला कि सफ़ेद रंग प्रिज़्म द्वारा सात रंगों में विभाजित हो जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि जो प्रकाश से मिलकर रंग दिखाई देता है, वह वास्तव में सात रंगों के प्रकाश से मिलकर बना है। न्यूटन ने एक गोल चकती को इंद्रधनुष के सात रंगों से उसी अनुपात में रंग दिया जिस अनुपात में वे इंद्रधनुष में है। इस चकती को तेजी से घुमाने पर यह सफ़ेद दिखाई देती थी। इससे यह भी सिद्ध होता है कि सफ़ेद प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना है। वर्ण या रंग का आभास बोध मानवीय गुण धर्म है।

मूल रंग लाल, नीला, और पीला हैं। इनमें सफेद और काला भी मूल रंग में अपना योगदान देते है। लाल रंग में अगर पीला मिला दिया जाए, तो केसरिया रंग बनता है। यदि नीले में पीला मिल जाए, तब हरा बन जाता है। इसी तरह से नीला और लाल मिला दिया जाए, तब जामुनी बन जाता है। हालांकि हजारों साल से हम रंगों का इस्तेमाल जीवन में देखते रहे हैं, पर औद्योगिक क्रांति के बाद से रंग भी एक औद्योगिक उत्पाद के रूप में शामिल हो गया। कपड़ा उद्योग के साथ रंगों की खपत बढ़ी। प्राकृतिक रंग सीमित मात्रा में उपलब्ध थे इसलिए बढ़ी हुई मांग की पूर्ति के लिए कृत्रिम रंगों की तलाश आरंभ हुई। उन्हीं दिनों रॉयल कॉलेज ऑफ़ केमिस्ट्री, लंदन में विलियम पार्कीसन एनीलीन से मलेरिया की दवा कुनैन बनाने में जुटे थे। तमाम प्रयोग के बाद भी कुनैन तो नहीं बनी, लेकिन बैंगनी रंग ज़रूर बन गया। महज संयोगवश 1856 में तैयार हुए इस कृत्रिम रंग को मोव कहा गया। आगे चलकर 1860 में रानी रंग, 1862 में एनलोन नीला और एनलोन काला, 1865 में बिस्माई भूरा, 1880 में सूती काला जैसे रासायनिक रंग अस्तित्व में आए। वानस्पतिक रंगों के मुक़ाबले रासायनिक रंग काफ़ी सस्ते थे। इनमें चमक-दमक भी खूब थी। यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाते थे। इसलिए हमारी प्राकृतिक रंगों की परंपरा में ये रंग आसानी से क़ब्ज़ा जमाने में कामयाब हो गए।

कादम्बिनी के मई 2016 अंक में प्रकाशित

Tuesday, October 4, 2016

वेटर को ‘टिप’ क्यों दी जाती है?

सुनीता वार्ष्णेय, पत्नी: राजीव वार्ष्णेय, पुरानी पैंठ, चंदौसी (उ.प्र.)
अंग्रेजी में टिप का मतलब है ग्रैच्युटी यानी अनुग्रह राशि। किसी की सेवा से खुश होकर दिया गया उपहार। जैसे पुराने बादशाह किसी कलाकार को दिया करते थे। ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार टिप शब्द की व्युत्पत्ति स्पष्ट नहीं है और यह बोलचाल से निकला है। इसका इस्तेमाल सन 1600 के आसपास शुरू हुआ होगा। अकसर घर में आने वाले मेहमान जाते वक्त घर के सेवकों को कुछ नजराना देते थे। यही टिप है। हमारे देश में मुग़लकाल से भी पहले से नजराने, इनाम-इकराम, बख्शीश या पुरस्कार का चलन चला आ रहा है। सत्रहवीं सदी में लंदन के कॉफी हाउसों से इसका प्रचलन बढ़ा। धीरे-धीरे साहित्य में भी इसका इस्तेमाल होने लगा।

हींग कहां से और कैसे प्राप्त होती है? असली हींग की क्या कोई खास पहचान होती है?
-मधुलिका राठौर, अजमेर (राज.)


हींग एशिया में पाए जाने वाले सौंफ की प्रजाति के फेरूला फोइटिस नामक पौधे का चिकना रस है। ये पौधे-ईरान, अफगानिस्तान, तुर्की, बलूचिस्तान, अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों में अधिक होते हैं। भारत में हींग की खेती बहुत कम मात्रा में होती है। इस पौधे की टहनियाँ 6 से 10 फ़ुट ऊँची हो जाती हैं और इसपर हरापन लिए पीले रंग के फूल निकलते हैं। इसकी जड़ों को काटा जाता है जहाँ से एक दूधिया रस निकलता है। फिर इसे इकट्ठा कर लिया जाता है। सूखने पर ये भूरे रंग के गोंद जैसा हो जाता है जिसे हींग कहा जाता है। ईरान में लगभग हर तरह के भोजन में इसका प्रयोग किया जाता है। भारत में भी हींग का भरपूर इस्तेमाल होता है। इसे संस्कृत में 'हिंगु' कहा जाता है। इसमें ओषधीय गुण भी अनेक हैं। हाजमे के लिए हींग बहुत अच्छी है। यह खाँसी भी दूर करती है। अगर कोई अफ़ीम खा ले तो हींग उसके असर को ख़त्म कर सकती है।

हींग अब ज्यादातर पाउडर के रूप में मिलती है, जिसे आटे या आरारोट में हींग को मिलाकर बनाया जाता है। ऐसे में उसकी पहचान करना काफी मुश्किल है। अलबत्ता टुकड़े वाली हींग भी बाजार में उपलब्ध है। मिलावटी हींग की पहचान के कुछ तरीके यहाँ बताए गए हैं, जो अनुभव से प्राप्त किए गए हैं। माचिस की जलती तीली हींग के करीब ले जाने पर उस की लौ चमकदार हो जाती है। हींग नकली होगी तो ऐसा नहीं होगा। इसी तरह शुद्ध हींग पर पानी डाल कर रगड़ने से पानी का रंग दूधिया हो जाता है, जबकि नकली हींग से पानी का रंग दूधिया यानी सफेद नहीं होता। चूंकि यह पौधे की जड़ के दूध से बनी होती है इसलिए इसका दूधिया होना सम्भव है।

‘पीत-पत्रकारिता’ क्या होती है? इसका आरंभ कब और कैसे हुआ?
-महेंद्र प्रसाद सिंगला, शिव कॉलोनी, रेलवे रोड, शांति पब्लिक स्कूल के पास, पलवल-121102


पीत पत्रकारिता (Yellow journalism) उस पत्रकारिता को कहते हैं जिसमें सही समाचारों की उपेक्षा करके सनसनी फैलाने वाले समाचार या ध्यान-खींचने वाले शीर्षकों का बहुतायत में प्रयोग किया जाता है। इससे समाचारपत्रों की बिक्री बढ़ाने का घटिया तरीका माना जाता है। पीत पत्रकारिता में समाचारों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है; घोटाले खोदने का काम किया जाता है; सनसनी फैलाई जाती है; या पत्रकारों द्वारा अव्यावसायिक तरीके अपनाए जाते हैं। मूलतः अब इससे आशय अनैतिक और भ्रष्ट पत्रकारिता है।

जिन दिनों यह शब्द चला था तब इसका मतलब लोकप्रिय पत्रकारिता था। इसका इस्तेमाल अमेरिका में 1890 के आसपास शुरू हुआ था। उन दिनों जोज़फ पुलिट्जर के अख़बार ‘न्यूयॉर्क वर्ल्ड’ और विलियम रैंडॉल्फ हर्स्ट के ‘न्यूयॉर्क जर्नल’ के बीच जबर्दस्त गलाकाट प्रतियोगिता चली थी। दोनों अखबारों पर ‘सर्कुलेशन वॉर’ का आरोप लगा। हालांकि उन्हें अखबारों को उबाऊ बनने से रोकने का श्रेय भी मिलना चाहिए। इस पत्रकारिता को यलो कहने के बीच प्रमुख रूप से पीले रंग का इस्तेमाल है, जो दोनों अखबारों के कार्टूनों का प्रभाव बढ़ाता था। दोनों अखबारों का हीरो पीले रंग का कुत्ता था। अलबत्ता यलो जर्नलिज्म शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल उन्हीं दिनों न्यूयॉर्क प्रेस के सम्पादक एरविन वार्डमैन ने किया।

वॉट्सएप के सिक्योरिटी फीचर के बारे में बताएं?
-रजनी गुप्ता, 9-एमआईजी ममफोर्ड गंज, त्रिपाठी चौराहे के पास, इलाहाबाद-211002

वॉट्सएप मैसेंजर स्मार्ट फोनों पर चलने वाली तत्क्षण मैसेजिंग सेवा है। इसकी सहायता से इन्टरनेट के द्वारा दूसरे वॉट्सएप उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन पर टेक्स्ट संदेश के अलावा ऑडियो, छवि, वीडियो तथा अपनी स्थिति (लोकेशन) की जानकारी भी भेजी जा सकती है। वॉट्सएप ने हाल में चैट्स के लिए 256 बिट सिक्योरिटी से एंड टु एंड एनक्रिप्शन की घोषणा की है। हालांकि भारत सरकार ने अभी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है, पर कानूनी जानकार बताते हैं कि देश में अभी ऐसा कानून नहीं है जो इसे रोक सके। पिछले साल सरकार ने राष्ट्रीय एनक्रिप्शन (कूटलेखन) नीति का मसौदा तैयार करके उसे कानून की शक्ल देने की योजना बनाई थी। इसके अनुसार एनक्रिप्टेड डेटा को 90 दिन तक सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी नागरिक पर डाली गई थी। पर भारी विरोध के कारण वह मसौदा वापस ले लिया गया।

दुनियाभर में इन दिनों एनक्रिप्शन को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। एक तरफ लोगों की निजता का सवाल है और दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का, क्योंकि इस्लामी स्टेट जैसे संगठन अब अपने संदेशों के लिए एनक्रिप्शन का इस्तेमाल करने लगे हैं। भारत सरकार की नीति का उद्देश्य इंटरनेट पर कूटभाषा में भेजे जाने वाले संदेशों पर निगरानी रखने का था। इनमें वॉट्सएप, फेसबुक जैसे संदेश भी आते हैं, जिन्हें कूटभाषा के माध्यम से भेजा जाता है। सारी दुनिया में इन दिनों ऐसे संदेशों पर निगरानी बढ़ाई जा रही है, क्योंकि सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी है। आतंकवादी और संगठित अपराधी भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। पश्चिम एशिया में इस्लामी स्टेट के उदय में ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल किया गया। इसी तरह तालिबान जैसे संगठन इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर आतंकी ऐसे एनक्रिप्शन टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं जो पहले केवल सरकारी एजेंसियों को ही उपलब्ध थे।

एपल भी अपने आई-मैसेज के लिए एंड टू एंड एनक्रिप्शन का इस्तेमाल करता है। हाल में एपल और अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई के बीच कानूनी लड़ाई चल चुकी है। वॉट्सएप के यूजर्स की संख्या एपल के यूजर्स की तुलना में बहुत अधिक है। खबर है कि इस बारे में सुरक्षा एजेंसियां दूरसंचार मंत्रालय से बात करेंगी। वे चाहती हैं कि इस फीचर को ध्यान में रखते हुए कुछ एहतियाती कदम उठाए जाएं।
कादम्बिनी के जून 2016 अंक में प्रकाशित




Saturday, October 1, 2016

संयुक्त राष्ट्र महासचिव का चुनाव कब होगा?

वर्तमान महासचिव बान की मून का कार्यकाल 31 दिसम्बर 2016 को समाप्त हो जाएगा. इस साल चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. अभी प्रत्याशियों के नाम सामने आ रहे हैं.
यह चुनाव होता कैसे है?
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 97 के अनुसार महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सलाह पर महासभा करेगी. इसका सीधा मतलब है इस नियुक्ति प्रक्रिया में पाँच स्थायी सदस्यों में से किसी का वीटो हो सकता है. सन 1946 में महासभा ने एक प्रस्ताव पास किया कि सुरक्षा परिषद को महासभा के पास एक नाम ही भेजना चाहिए. परम्परा यह भी है कि पाँच स्थायी सदस्य देशों में से किसी का प्रतिनिधि महासचिव नहीं बनता. संयुक्त राष्ट्र का यह चुनाव आमतौर पर लगभग गोपनीयता जैसी खामोशी से सुरक्षा परिषद के भीतर होता है. इस पद के लिए प्रशासनिक योग्यता का कोई अर्थ नहीं है. शुद्ध रूप से यह राजनीतिक पद है जिसे सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य चुनते हैं. चूंकि आज तक किसी महिला को यह पद नहीं मिला है, इसलिए इस बार उम्मीद की जा रही है कि किसी महिला को यह पद मिले.  
‘डेंगू’ का मतलब क्या है?
हालांकि ‘डेंगू’ शब्द का इस्तेमाल काफी होने लगा है, पर इसका सही उच्चारण डेंगी है. कुछ लोगों का मानना है कि यह शब्द स्वाहीली भाषा के वाक्यांश का-डिंगा पेपो से आया है. यह वाक्यांश बुरी आत्माओं से होने वाली बीमारी के बारे में बताता है. माना जाता है कि स्वाहीली शब्द डिंगा स्पेनी के शब्द डेंगी से बना है. इस शब्द का अर्थ है "सावधान". वह शब्द एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने के लिए उपयोग किया गया हो सकता है जो डेंगू बुखार के हड्डी के दर्द से पीड़ित हो; वह दर्द उस व्यक्ति को सावधानी के साथ चलने पर मजबूर करता होगा. यह भी संभव है कि स्पेनी शब्द स्वाहीली भाषा से आया हो. कुछ का मानना है यह नाम वेस्टइंडीज़ से आया है. वेस्टइंडीज़ में, डेंगू से पीड़ित लोग डैंडी की तरह तनकर खड़े होने वाले और चलने वाले कहे जाते थे और इसी कारण से बीमारी को भी "डैंडी फीवर" कहा जाता था.
उपवास/भूख हड़ताल का प्रचलन कब शुरू हुआ?
केवल भारतीय संस्कृति में ही नहीं ईसाईयत में और ईसाईयत पूर्व के यूरोप में अहिंसक प्रतिरोध के रूप में उपवास के उदाहरण मिलते हैं. आयरलैंड के ईसाई-पूर्व समाज में अन्याय के प्रति क्षोभ व्यक्त करने के लिए पीड़ित व्यक्ति आरोपी के घर के सामने जाकर भूख से मरने की धमकी देता था. किसी ने किसी का पैसा उधार लिया होता और लौटाता नहीं था तब भी.
वाल्मीकि रामायण में अयोध्या कांड के एक सौ ग्यारहवें सर्ग में एक प्रसंग है जब बनवास पर गए राम को मनाने के लिए भरत जाते हैं. राम नहीं मानते तो भरत अपने सारथी सुमंत्र से कहते हैं, मैं तब तक आर्य राम के सामने बैठा रहूँगा जब तक वे मुझपर प्रसन्न नहीं हो जाते. तब तक न भोजन करूँगा, न आँखें खोलूँगा और इसी पर्णकुटी के सामने पड़ा रहूँगा, जब तक राम अयोध्या को लौट नहीं जाते.
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह नाम से विरोध प्रदर्शन की इस पद्धति का सहारा लिया. बीसवीं सदी के शुरू में ब्रिटिश महिलाओं को मतदान का अधिकार दिलाने के आंदोलन में इसका सहारा लिया गया. सन 1920 में आयरिश रिपब्लिकन आंदोलन में कॉर्क टेरेंस मैक्स्विनी के लॉर्ड मेयर की 74 दिन के अनशन के बाद मृत्यु हो गई. 1923 में आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के 8000 कार्यकर्ताओं ने एक साथ अनशन किया. भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त और उनके साथियों का अनशन प्रसिद्ध है. वह अनशन 116 दिन चला. इस दौरान 63 दिन के अनशन के बाद जतिन दास की मृत्यु हो गई थी. आज़ादी के बाद आंध्र प्रदेश के लिए अनशन करने वाले पोट्टी श्रीमालु की मृत्यु आमरण अनशन के दौरान हुई थी.
पैरालिम्पिक खेल
आज दुनिया में चार तरीके के ओलिम्पिक खेल होते हैं. एक गर्मियों के ओलिम्पिक, दूसरे सर्दियों के ओलिम्पिक, एक पैरालिम्पिक, यानी शारीरिक रूप विकल खिलाड़ियों के ओलिम्पिक और एक यूथ ओलिम्पिक. पैरालिम्पिक खेल ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन खेलों के साथ ही होते हैं. इनकी शुरूआत 1948 में हुई. पैरालिम्पिक खेल आयोजित कराने के लिए इंटरनेशनल पैरालिम्पिक कमेटी (आईपीसी) नाम की संस्था अलग है.
आधी रात में सूरज
उत्तरी ध्रुव के काफी करीब है नॉर्वे. इस इलाके में गर्मियों में रात के बारह बजे के बाद तक सूरज चमकता है. रातें कुछ घंटे की होती हैं, उस दौरान भी सूरज क्षितिज के करीब होता है इसलिए रातें अंधियारी नहीं होतीं. उसे अर्धरात्रि के सूर्य वाला देश कहते हैं.
रेनबो डाइट
रेनबो यानी इन्द्रधनुषी डाइट. तरह-तरह के रंगों के फलों और सब्जियों का भोजन जो स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन होता है. फलों और सब्जियों के हर रंग का अपना गुण होता है.
पुलिस का नम्बर 100
भारत में पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 होता है. ऐसा नम्बर जो आसानी से याद रहे. यूरोप के कई देशों में यह 112 है. इंग्लैंड में 999 और अमेरिका तथा कनाडा में 911. बांग्लादेश में भी 999 है. जापान, चीन और इंडोनेशिया में 110, पाकिस्तान में 15, श्रीलंका में 119.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...