Friday, December 30, 2016

‘एंग्लो इंडियन’ कौन हैं?

एंग्लो इंडियन का मतलब है ऐसे लोग जिनके माता-पिता में से कोई एक भारतीय और यूरोपीय मूल का हो. 15 अगस्त 1947 को भारत से अंग्रेज विदा हो गए, पर लगभग 30,000 लोग ऐसे नहीं गए जो या तो यूरोपीय समुदाय से थे या यूरोपीय और भारतीय मूल के माता-पिताओं की संतान थे. भारत में रह गए अंग्रेजों को एंग्लो इंडियन कहा जाता है. पर एंग्लो इंडियन केवल भारत में ही नहीं रहते दुनिया के कई देशों में रहते हैं. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में काफी बड़ी संख्या में एंग्लो इंडियन हैं. इस एंग्लो में एंग्लो ज्यादा है इंडियन कम. इनकी मातृभाषा अंग्रेजी है और रीति-रिवाज भी. कहना मुश्किल है कि भारत में अभी एंग्लो-इंडियन समुदाय के कितने लोग हैं क्योंकि 1941 की जनगणना के बाद से भारत में जातीय और सामुदायिक आधार पर जनगणना नहीं की गई है. पर अनुमान है कि इनकी संख्या लगभग सवा लाख है जिनमें से ज्यादातर कोलकाता और चेन्नई में रह रहते हैं.
भारतीय संविधान में अनुच्छेद 366(2) के तहत एंग्लो इंडियन की परिभाषा इस प्रकार की गई है- ''आंग्ल-भारतीय'' से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसका पिता या पितृ-परंपरा में कोई अन्य पुरुष जनक यूरोपीय उद्भव का है या था, किन्तु जो भारत के राज्य क्षेत्र में अधिवासी है और जो ऐसे राज्य क्षेत्र में ऐसे माता-पिता से जन्मा है या जन्मा था जो वहाँ साधारणतया निवासी रहे हैं और केवल अस्थायी प्रयोजनों के लिए वास नहीं कर रहे हैं . संविधान के अनुच्छेद 331 के तहत एंग्लो इंडियन समुदाय को लोकसभा में विशेष प्रतिनिधित्व दिया जाता है. सोलहवीं लोक सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि शिक्षक प्रो0 रिचर्ड हे और फिल्मी अभिनेता जॉर्ज बेकर हैं. जॉर्ज बेकर असमिया और बंगाली फिल्मी जगत के विख्यात अभिनेता हैं. मसूरी में रहने वाले लेखक रस्किन बांड, फिल्म अभिनेत्री लारा दत्ता, क्रिकेटर स्टुअर्ट बिन्नी, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन और क्रिकेटर नासिर हुसेन भी एंग्लो इंडियन हैं.
रेव पार्टी माने क्या?
अंग्रेजी शब्द रेव का मतलब है मौज मस्ती. टु रेव इसकी क्रिया है यानी मस्ती मनाना. पश्चिमी देशों में भी यह शब्द बीसवीं सदी में ही लोकप्रिय हुआ. ब्रिटिश स्लैंग में रेव माने वाइल्ड पार्टी. इसमें डिस्क जॉकी, इलेक्ट्रॉनिक म्यूज़िक का प्राधान्य होता है. अमेरिका में अस्सी के दशक में एसिड हाउस म्यूज़िक का चलन था. रेव पार्टी का शाब्दिक अर्थ हुआ 'मौज मस्ती की पार्टी'. इसमें ड्रग्स, तेज़ पश्चिमी संगीत, नाचना, शोर-गुल और सेक्स का कॉकटेल होता है. भारत में ये मुम्बई, दिल्ली से शुरू हुईं. अब छोटे शहरों तक पहुँच गई हैं, लेकिन नशे के घालमेल ने रेव पार्टी का उसूल बदल दिया है. पहले यह खुले में होती थीं अब छिपकर होने लगी हैं.
महामहिम और महामना में अंतर
शब्दकोश के अनुसार महामना (सं.) [वि.] बहुत उच्च और उदार मन वाला; उदारचित्त; बड़े दिलवाला. [सं-पु.] एक सम्मान सूचक संबोधन. और महामहिम (सं.) [वि.] 1. जिसकी महिमा बहुत अधिक हो; बहुत बड़ी महिमा वाला; महामहिमायुक्त 2. अति महत्व शाली. [सं-पु.] एक सम्मान सूचक संबोधन. आधुनिक अर्थ में हम राजद्वारीय सम्मान से जुड़े व्यक्तियों को महामहिम कहने लगे हैं. मसलन राष्ट्रपति और राज्यपालों को. इस शब्द से सामंती गंध आती है और शायद इसीलिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपने पदनाम से पहले 'महामहिम ' जोड़ना पसंद नहीं है. महामना शब्द के साथ सरकारी पद नहीं जुड़ा है. इसका सबसे अच्छा इस्तेमाल महामना मदन मोहन मालवीय के लिए होते देखा गया है.
वर्च्युअल करेंसी किसे कहते हैं?
वर्च्युअल करेंसी का मतलब है आभासी. यानी जो वास्तविक होने का आभास दे. कागजी नोट भी आभासी मुद्रा है. चूंकि सरकार ने जिम्मेदारी ली है, इसलिए कागज पर जिस राशि का भुगतान करने का आश्वासन होता है वह वास्तविक धन होता है. क्रेडिट कार्डों, शॉपिग सेंटरों और एयरलाइंस के लॉयल्टी पॉइंट्स का आप इस्तेमाल करते हैं. यह भी एक प्रकार से मुद्रा है. इसमें बिटकॉइंस का नाम और जुड़ गया है. यह भविष्य की आभासी मुद्रा है. बिटकॉइन एक ऑनलाइन करेंसी और भुगतान-प्रणाली है, जो धन का अंतरराष्ट्रीय संचरण संभव बनाती है. दुनिया भर में हजारों व्यापारी इस क्रिप्टो करेंसी को स्वीकार करते हैं. सुरक्षा की गारंटी देने के लिए क्रिप्टोग्राफी या कूटभाषा का प्रयोग करने के कारण ऐसा कहा जाता है. बिटकॉइन को एक नए प्रकार की करेंसी के रूप में देखा जा रहा है.
राष्ट्रीय गणित दिवस
भारत में  राष्ट्रीय गणित दिवस महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की याद में मनाया जाता है. तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रामानुजन की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर 26 दिसंबर 2011 आयोजित एक कार्यक्रम में वर्ष 2012 को राष्ट्रीय गणित वर्ष घोषित किया. साथ ही उनके जन्मदिन 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस भी घोषित किया. उनका जन्म 22 दिसम्बर 1887 को मद्रास से 400 किलोमीटर दूर इरोड नगर में हुआ था.
Rx (आरएक्स) का निशान डॉक्टर क्यों बनाते हैं?
दरअसल यह निशान Rx (आरएक्स) नहीं होता बल्कि R की अंतिम रेखा को आगे बढ़ाते हुए उसपर क्रॉस लगाकर बनता है. माना जाता है कि यह लैटिन शब्द रेसिपी का निशान है. नुस्खा यानी डॉक्टरी हिदायत. इलाज के लिए इस तरह लें. कुछ लोग इसे यूनानी जुपिटर का चिह्न जियस मानते हैं.
दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग
विश्व की सबसे लंबी रेल सुरंग 1 जून, 2016 को स्विट्ज़रलैंड के ईस्टफील्ड से बोडियो तक शुरू हुई गोटहार्ड रेल सुरंग है. इस लाइन पर पूरी सेवाएं 11 दिसंबर 2016 से शुरू हुईं. स्विट्ज़रलैंड के आल्प्स पहाड़ों के नीचे बनी सुरंग से उत्तरी तथा दक्षिणी यूरोप को रेलवे लाइन से जोड़ा जा सकेगा. इस सुरंग से जर्मनी और इटली के बीच की दूरी कम हो गई है. यह सफर 3.40 घंटे था, जो अब 2.40 घंटे का हो गया है.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Thursday, December 22, 2016

तमिलनाडु की पार्टी डीएमके का इतिहास

डीएमके शब्द द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम का अंग्रेजी में संक्षिप्त रूप है. यह पार्टी तमिलनाडु और पांडिचेरी में सक्रिय है. इस द्रविड़ पार्टी की स्थापना सन 1949 में सीएन अन्नादुराई ने की थी. इसके पहले द्रविड़ कषगम नाम का दल था, जिससे टूटकर यह पार्टी बनी. द्रविड़ कषगम भी सन 1944 तक जस्टिस पार्टी के नाम से प्रसिद्ध था, जिसके नेता ईवी रामासामी नाइकर (पेरियार) थे. जस्टिस पार्टी की स्थापना सन 1916 में साउथ इंडियन लिबरल फेडरेशन के रूप में मद्रास प्रेसीडेंसी में हुई थी.
इसके जन्मदाता थे टीएम नायर, पी त्यागराय चेट्टी, पीटी राजन और डॉ सी नटेश मुदलियार आदि नेता थे. मूलतः यह गैर-ब्राह्मण संगठन था, जिसका उद्देश्य सामाजिक बराबरी स्थापित करना था. सन 1920 में मद्रास प्रेसीडेंसी में हुए पहले चुनाव में यह संगठन जीतकर सत्तारूढ़ हुआ. ईवी रामासामी नाइकर सन 1919 में कांग्रेस संगठन में ब्राह्मणों के वर्चस्व को खत्म करने के इरादे से शामिल हुए थे.
पेरियार के नेतृत्व में सन 1926 में वाइकोम सत्याग्रह चला, जो ब्राह्मण-विरोधी आंदोलन था. सन 1935 में वे कांग्रेस को छोड़कर जस्टिस पार्टी में शामिल हो गए. उधर 1937 के चुनाव में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नेतृत्व में कांग्रेस मद्रास का चुनाव जीती. राजाजी ने स्कूलों में हिंदी भाषा की अनिवार्यता का फैसला किया, जिसके विरोध में पेरियार ने हिंदी-विरोधी आंदोलन चलाया और लोकप्रियता हासिल की.
सन 1969 में अन्नादुराई के निधन के बाद डीएमके का भी विभाजन हो गया. 17 अक्तूबर 1972 को एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) के नेतृत्व में इससे टूटकर अन्ना द्रमुक नाम से एक नई पार्टी और बन गई.
मेडे कॉल क्या होती है?
रेडियो संचार की भाषा में मेडे कॉल आपातकालीन संदेश है. हवाई या समुद्री यात्रा के दौरान जब भी जीवन संकट में पड़ता है तब यह संदेश जारी किया जाता है. कुछ देशों में पुलिस, दमकल दस्ते और परिवहन संगठन भी इसका इस्तेमाल करते हैं.
इस संदेश में तीन बार मेडे, मेडे, मेडे बोला जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि शोर या व्यवधान के कारण एक बार में कही गई बात को किसी दूसरे अर्थ में न ले लिया जाए. मेडे प्रक्रिया को सबसे पहले 1923 में लंदन के क्रॉयडॉन एयरपोर्ट के वरिष्ठ रेडियो ऑफिसर फ्रेडरिक स्टैनली मॉकफोर्ड ने इस्तेमाल किया. चूंकि उस वक्त लंदन और पेरिस के हवाई अड्डों के बीच ट्रैफिक का संदर्भ था, इसलिए मेडे शब्द फ्रांसीसी मायडर से निकला, जो वेनेज मायडर (मेरी मदद करो) का संक्षिप्त रूप था.
पीएसएलवी क्या है?
पोलर सैटेलाइट लांच वेहिकल का संक्षिप्त नाम है पीएसएलवी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का यह रॉकेट अब तक का सबसे सफल प्रक्षेपक है. मूल रूप में इसे भारत के दूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) सैटेलाइट को सौर समकालिक कक्षा (सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट) में प्रक्षेपण के लिए बनाया गया था. पीएसएलवी अपेक्षाकृत हल्के उपग्रहों को इससे ऊपर की जियो-स्टेशनरी कक्षा में भी स्थापित कर सकता है. इस रॉकेट को केरल में तिरुवनंतपुर के पास स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में नब्बे के दशक में डिजाइन किया गया. इसका पहला प्रक्षेपण 20 सितम्बर 1993 को हुआ. उस प्रक्षेपण में इसके पहले और दूसरे चरण ने ठीक काम किया, पर दूसरे और तीसरे चरण में खराबी के कारण यह प्रयोग पूरी तरह सफल नहीं हो पाया. इस शुरुआती धक्के के बाद 1994 में इसका दूसरा प्रक्षेपण सफल हुआ. इसके बाद 1997 में इसके चौथे प्रक्षेपण में आंशिक खराबी आई. उसके बाद से यह किसी परीक्षण में विफल नहीं हुआ है. इस प्रकार 7 दिसंबर 2016 तक इसकी 39 उड़ानों में से केवल दो में बाधाएं आईं है.
राइट टु रिकॉल क्या है?
राइट टु रिकॉल का मतलब है चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाना. प्राचीन काल में एथेंस के नगर लोकतंत्र में यह व्यवस्था थी. अमेरिका की राज्य क्रांति के मूल तत्वों में नागरिक के इस अधिकार का ज़िक्र भी है. पर संविधान में इसकी व्यवस्था नहीं है. फिर भी देश के 18 राज्यों में इसकी व्यवस्था है. सन 2011 में 150 रिकॉल चुनाव हुए, जिनमें 75 पदाधिकारियों को उनके पद से हटाया गया. ये रिकॉल सिटी काउंसिल, मेयर, स्कूल बोर्ड वगैरह में हुए हैं. कनाडा के ब्रिटिश कोलम्बिया प्रांत में इसकी व्यवस्था है. स्विट्ज़रलैंड में संघीय स्तर पर तो नहीं, पर छह कैंटनों में इसकी व्यवस्था है. वेनेजुएला में सन 2004 में राष्ट्रपति ह्यूगो शावेस को हटाने के लिए जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें जनता ने उन्हें अपने पद पर बने रहने का आदेश दिया. भारत में भी इस अधिकार की माँग की जा रही है.
बंदूक चलाने पर पीछे की तरफ झटका क्यों लगता है?
न्यूटन का गति का तीसरा नियम है कि प्रत्येक क्रिया की सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है. जब बंदूक की गोली आगे बढ़ती है तब वह पीछे की ओर भी धक्का देती है. गोली तभी आगे बढ़ती है जब बंदूक का बोल्ट उसके पीछे से प्रहार करता है. तोप से गोला दगने पर भी यही होता है. आप किसी हथौड़े से किसी चीज पर वार करें तो हथौड़े में भी पीछे की ओर झटका लगता है.
नक्षत्र क्या होते हैं?
नक्षत्र यानी स्टार या सितारे जो ऊर्जा पैदा करते हैं. जैसे हमारा सूर्य. संपूर्ण सूर्य के गोले में 13 लाख पृथ्वी समा सकती हैं. सूर्य की सतह का तापमान 6000 डिग्री सैल्शियस है. उसके केंद्र में तापमान 1.5 करोड़ डिग्री सैल्शियस है.
दुनिया की सबसे बड़ी ऐतिहासिक प्रतिमा
चीन के हेनान प्रांत के लुशान में बनी बुद्ध प्रतिमा, जो 128 मीटर ऊँची है. कुतुब मीनार (72.5) से भी ऊँची.
भारत में सबसे पहली ट्रेन यात्रा
16 अप्रैल 1853 को मुम्बई और ठाणे के बीच पहली ट्रेन चली. ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के 14 डिब्बों वाली उस गाड़ी के आगे एक छोटा फॉकलैंड नाम का भाप इंजन लगा था. पहली ट्रेन ने 34 किलोमीटर का सफर किया.

Sunday, December 18, 2016

नींद क्या होती है?

हम दिनभर की मेहनत में जो ऊर्जा खर्च करते हैं, वह आराम करने से ठीक हो जाती है। पर सच यह है कि एक रात की नींद में हम करीब 50 केसीएल कैलरी बचाते हैं। एक रोटी के बराबर। वास्तविक जरूरत शरीर की नहीं मस्तिष्क की है। यदि हम लम्बे समय तक न सोएं तो हमारी सोचने-विचारने की शक्ति, वाणी और नजरों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। नींद से हमारा मानसिक विकास भी होता है। रात में सोने की प्रवृत्ति हमारे जैविक विकास का हिस्सा है।

हम दिन के प्राणी हैं। अनेक जंगली जानवरों की तरह रात में शिकार करके नहीं खाते हैं। हमारी निगाहें दिन की रोशनी में बेहतर काम करती हैं। ऐसा करते हुए कई लाख साल बीत गए हैं। हमारे शरीर में एक घड़ी है जिसे जैविक घड़ी कहते हैं। उसने हमारे रूटीन दिन और रात के हिसाब से बनाए हैं। जब हम निरंतर रात की पालियों में काम करते हैं तो शरीर उसके हिसाब से काम करने लगता है, पर शुरूआती दिनों में दिक्कतें पेश आती हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि नींद के कई चरण होते हैं। इन्हें कच्ची नींद और पक्की नींद कहा जाता है। पक्की नींद में दिमाग इतना शांत हो चुका होता है कि सपने नहीं देखता। कच्ची नींद में बहुत हलचल होती है। इस दौरान आंखों की पुतलियां भी हिलती रहती हैं। इसे ही रैपिड आई मूवमेंट या आरईएम कहा जाता है। यह अचेतन मन की स्थिति है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जगे होने और आरईएम के बीच भी एक चरण होता है। इसे चेतन और अवचेतन के बीच की स्थिति कहते हैं। इसमें व्यक्ति को पता होता है कि वह सपना देख रहा है और अगर वह कोशिश करे तो अपने सपनों पर नियंत्रण भी कर सकता है।

स्वप्न क्यों आते हैं?

सपनों का मनोविज्ञान काफी जटिल है, पर सामान्य धारणा है कि आपके सपने आपके अवचेतन से ही बनते हैं। जैसे जागते समय आप विचार करते हैं वैसे ही सोते समय आपके विचार आपको दिखाई पड़ते हैं। इनमें काल्पनिक चेहरों की रचना कोई मुश्किल काम नहीं है। दूसरी बात यह है कि आप रोज जितने चेहरे देखते हैं सबको याद नहीं रख पाते। सपनों में ऐसे चेहरे भी आ सकते हैं।

हमें ज्यादातर सपने याद नहीं रहते। जिस वक्त हम सपने देखते हैं उस वक्त की हमारी नींद को मनोचिकित्साविद आरईएम (रैपिड आई मूवमेंट) कहते हैं। उस वक्त मस्तिष्क की न्यूरोकेमिकल स्थिति ऐसी होती है कि हमें बहुत कुछ याद नहीं रहता। इसके अलावा दूसरे कारण भी हो सकते हैं। एक कारण यह बताया जाता है कि मस्तिष्क के उस हिस्से में जिसे सेरेब्रल कॉर्टेक्स कहते हैं एक हॉर्मोन नोरेपाइनफ्राइन की कमी होती है। यह हॉर्मोन याददाश्त के लिए ज़रूरी होता है।

विश्व विकलांग दिवस कब मनाते हैं?

विश्व विकलांग दिवस 3 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका शुरुआती नाम था इंटरनेशनल डे ऑफ़ डिसेबल्ड पर्सन्स। सन 2007 में इसका नाम हो गया इंटरनेशनल डे ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीस। इसकी शुरुआत वर्ल्ड प्रोग्राम ऑफ़ एक्शन कन्सर्निंग डिसेबल्ड पर्सन्स ने की थी और 1992 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने इसे अपनाया।राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

Thursday, December 15, 2016

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन क्या है?

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन इस्तानबूल प्रक्रिया का हिस्सा है. अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण अफगानिस्तान को एशिया का हृदय कहा जाता है. इसीलिए इस सम्मेलन का नाम हार्ट ऑफ एशिया रखा गया. 
अफगानिस्तान में स्थिरता कायम करने के लिए सन 2011 में पहली बार तुर्की के इस्तानबूल शहर में यह सम्मेलन हुआ था. हाल में अमृतसर में इसका छठा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हुआ था. सातवाँ सम्मेलन सन 2017 में अजरबैजान में होगा.  इस प्रयास में 14 सदस्य देश और 17 बाहरी देशों के अलावा 12 क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हैं. इसके 14 सदस्य देश हैं अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गीजिस्तान, पाकिस्तान, रूस, सउदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात.
डिप्लोमेसी में नॉन पेपर क्या होते हैं?
अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एड मैमॉयर (aide-mémoire) ऐसे अनौपचारिक दस्तावेज होते हैं, जो हस्ताक्षरित नहीं होते. इनके स्रोत का उल्लेख नहीं होता, पर ये विचार-विमर्श का अंग होते हैं. ऐसे दस्तावेज को नॉन पेपर भी कहते हैं. इन्हें स्मरण पत्र भी कह सकते हैं. इनकी औपचारिक उपस्थिति नहीं होती है, पर इन्हें नकारा भी नहीं जाता.
हॉकी इंडिया लीग क्या है?
कोल इंडिया हॉकी इंडिया लीग भारत में प्रोफेशनल हॉकी लीग प्रतियोगिता है. इसका आयोजन देश में हॉकी से जुड़ी संस्था हॉकी इंडिया कराती है. हर साल जनवरी-फरवरी में होने वाली इस प्रतियोगिता में देश की छह टीमें हिस्सा लेती हैं. हरेक टीम 10 मैच खेलती है. इनमें से चार टॉप की टीमें सेमी फाइनल में और दो टीमें फाइनल में प्रवेश करती हैं. यह प्रतियोगिता सन 2013 से शुरू हुई है. इसका उद्देश्य भारत में हॉकी के स्तर को सुधारना है. इसमें दुनिया के नामी खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनके साथ खेलकर भारतीय खिलाड़ियों को अनुभव मिलता है. इस प्रतियोगिता का दूसरा पहलू यह है कि इसके कारण हॉकी इंडिया की माली हालत बेहतर हुई है, जिसके सहारे देश में हॉकी का माहौल बेहतर बनाने का अवसर मिला है. सन 2016 में जेपी पंजाब वॉरियर्स की टीम इस प्रतियोगिता में चैम्पियन हुई थी.  
प्लास्टिक सर्जरी क्या है?
प्लास्टिक सर्जरी का मतलब है, शरीर के किसी हिस्से को ठीक करना या पुनर्जीवित करना. इसमें प्लास्टिक शब्द-ग्रीक शब्द "प्लास्टिको" से आया है. ग्रीक में प्लास्टिको का अर्थ होता है बनाना या तैयार करना. प्लास्टिक सर्जरी  में सर्जन शरीर के किसी हिस्से के सेल निकालकर दूसरे हिस्से में जोड़ता है और वे स्वयं उस अंग की जगह ले लेते हैं. प्रायः दुर्घटना या किसी कारण से अंग भंग होने पर इसका इस्तेमाल होता है. हाथ-पैर कट जाने, चेहरे, नाक, कान वगैरह में विकृति आने पर इसकी मदद ली जाती है. प्लास्टिक सर्जरी का श्रेय छठी शताब्दी ईसा पूर्व के भारतीय शल्य चिकित्सक सुश्रुत को जाता है.
गारंटी और वॉरंटी
सामान्य अर्थ में गारंटी है किसी वस्तु की पूरी जिम्मेदारी. वह खराब हो तो या तो दुरुस्त करने या पूरी तरह बदलने का आश्वासन. वॉरंटी का मतलब है एक कीमत लेकर उस वस्तु को कारगर बनाए रखने का वादा. जरूरी नहीं कि पूरी चीज को बदल कर नई दे दी जाए.
ओएसडी का फुलफॉर्म
ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी का संक्षिप्त रूप है ओएसडी. इसके माने हैं किसी खास काम के लिए नियुक्त अधिकारी. कई बार ऐसा होता है, जब ऐसे अधिकारी की जरूरत होती है जो खास अवसर, खास कार्यक्रम या खास समय पर काम करे.
मैग्सेसे पुरस्कार
फिलिपीन्स के पूर्व राष्ट्रपति रैमन मैगसायसाय के नाम से शुरू हुए इस पुरस्कार को अंग्रेजी वर्तनी के कारण हिन्दी में मैग्सेसे लिखा जाता है. 17 मार्च 1957  को विमान दुर्घटना में उनके निधन के बाद अप्रेल 1957 में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी. रैमन मैगसायसाय की शासन के प्रति निष्ठा, साहसिक जनसेवा और लोकतांत्रिक आदर्शों की स्थापना को देखते हुए यह पुरस्कार शुरू किया गया.
इस्लामिक महीनों के नाम
इस्लामिक कैलेंडर को हिजरी या इस्लामी पंचांग कहते हैं. यह चंद्र काल गणना पर आधारित पंचांग है. इस पंचांग के अनुसार महीनों के नाम हैं 1.मुहर्रम, 2.सफ़र, 3.रबीउल अव्वल, 4.रबीउल आख़िर, 5.जमादी-उल-अव्वल, 6.जमादी-उल-आख़िर, 7.रजब, 8.शाबान, 9.रमज़ान, 10.शव्वाल, 11.ज़िलक़ाद, 12.ज़िलहिज्ज.
आरटीजीएस और आईएफएससी कोड
भारतीय बैंक रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर प्रणाली के मार्फत काम करते हैं. आमतौर पर धनराशि का ट्रांसफर इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विसेज (ईसीएस) के मार्फत होता है. इस व्यवस्था के तहत बैंकों की ब्रांचों के इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड (आईएफएससी) प्रदान किए गए हैं. यह कोड चेक पर लिखा रहता है.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Tuesday, December 13, 2016

जीरो (शून्य) एफआईआर क्या होती है?

प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) पुलिस द्वारा तैयार किया गया एक लिखित अभिलेख है, जिसमें संज्ञेय अपराध की जानकारी होती है। मूलतः यह पीड़ित व्यक्ति की शिकायत है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज इसलिए है, क्योंकि इसके आधार पर ही भविष्य की न्यायिक प्रक्रिया चलती है। दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा- 154 के अनुसार संज्ञेय अपराध के किए जाने से संबंधित प्रत्येक इत्तला, यदि पुलिस थाने के भार-साधक अधिकारी को मौखिक दी गई हैं तो उसके द्वारा या उसके निदेशाधीन लेखबद्ध कर ली जाएगी और इत्तला देने वाले को पढ़कर सुनाई जाएगी और प्रत्येक ऐसी इत्तला पर, चाहे वह लिखित रूप में दी गई हो या पूर्वोक्त रूप में लेखबद्ध की गई हो, उस व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे, जो उसे दे और उसका सार ऐसी पुस्तक में, जो उस अधिकारी द्वारा ऐसे रूप में रखी जाएगी जिसे राज्य सरकार इस निमित्त विहित करें, प्रविष्ट किया जाएगा ।

शून्य एफआईआर एक नई अवधारणा है, जो दिसम्बर 2012 में दिल्ली में हुए गैंगरेप के बाद सामने आई है। इसकी सलाह जस्टिस जेएस वर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई समिति ने की थी। सामान्यतः एफआईआर उस थाने में दर्ज होती है जिसके क्षेत्राधिकार में अपराध हुआ हो। ज़ीरो एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज कराई जा सकती है। इसके बाद पुलिस और न्याय प्रक्रिया से जुड़े विभागों को जिम्मेदारी बनती है कि एफआईआर का सम्बद्ध थाने में स्थानांतरण कराएं। मूलतः यह महिलाओं को सुविधा प्रदान कराने की व्यवस्था है। और इसका उद्देश्य यह भी है कि पुलिस फौरन कार्रवाई करे। अभी देश के तमाम पुलिस अधिकारी भी इस व्यवस्था से खुद को अनभिज्ञ बताते हैं। 

सरकारी गाड़ियों पर लाल-नीली बत्ती क्यों लगी रहती हैं?


आपने अक्सर देखा होगा कि कोई एम्बुलेंस खास तरीके का सायरन बजाती आती है और लोग उसे रास्ता देते हैं। इसे आपातकालीन सेवा संकेत कहते हैं। एम्बुलेंस की छत पर रंगीन बत्तियाँ भी लगी रहती हैं। इसी तरह की व्यवस्था फायर ब्रिगेड के साथ भी होती है। पुलिस की गश्ती गाड़ियों पर भी। इसका उद्देश्य ज़रूरी काम पर जा रहे लोगों को पहचानना और मदद करना है। महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारियों, फौजी और नागरिक पदाधिकारियों के लिए भी ज़रूरत के अनुसार ऐसी व्यवस्थाएं की जाती हैं।

भारत में सेंट्रल मोटर ह्वीकल्स रूल्स 1989 के नियम 108(3) के अंतर्गत गाड़ियों पर बत्ती लगाने के जो निर्देश दिए हैं उनके अंतर्गत लाल, नीली और पीली बत्तियाँ गाड़ियों में लगाई जाती है। ये केन्द्रीय निर्देश हैं। इनके अलावा राज्य सरकारों के निर्देश भी होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिसम्बर 2013 में सभी राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों को अपने नियम युक्तिसंगत बनाने का निर्देश दिया था। इन नियमों में आवश्यकतानुसार बदलाव होता रहता है।

हॉलमार्क क्या होता है?
हॉलमार्क बहुमूल्य धातुओं जैसे सोने, चाँदी और प्लेटिनम की गुणवत्ता को व्यक्त करता है। हॉलमार्क शब्द Goldsmiths Hall या सुनार शाला से आया है। सोने की हॉलमार्किंग का काम भारतीय मानक ब्यूरो ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को सौंपा है। जिन ज़ेवरों पर यह लगा होता है उन्हें ख़रीदते हुए ग्राहक को भरोसा रहता है कि सोना ठीक है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

Friday, December 9, 2016

क्रिकेट में डीआरएस क्या है?

भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही क्रिकेट टेस्ट मैचों की सीरीज में इस बार डीआरएस सिस्टम को ट्रायल के तौर पर लागू किया जा रहा है. इसका पूरा नाम है यूडीआरएस यानी अंपायर डिसीजन रिव्यू सिस्टम. इसमें कोई खिलाड़ी अंपायर के फैसले को चुनौती दे सकता है. इस तकनीक के तीन मुख्य कारक हैं. 1.हॉक-आई, 2.हॉट स्पॉट, 3.स्निकोमीटर. वीडियो रिप्ले में बॉल ट्रैकर, हॉक-आई, हॉट स्पॉट, पिच मैपिंग जैसी तकनीक मदद से फैसले का रिव्यू किया जाता है. इस सिस्टम का पहली बार इस्तेमाल सन 2008 में भारत और श्रीलंका के बीच मैच में प्रायोगिक रूप से किया गया. आधिकारिक रूप से इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल (आईसीसी) ने 24 नवंबर 2009 को न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच टेस्ट मैच से इसे लागू किया. एकदिनी क्रिकेट में इसका इस्तेमाल जनवरी 2011 में इंग्लैंड के ऑस्ट्रेलिया दौरे से हुआ. शुरू में आईसीसी ने इसे सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों में अनिवार्य किया, पर बाद में इस बात पर सहमति हुई कि इसका इस्तेमाल तभी होगा, जब एक-दूसरे से खेलने वाली दोनों टीमें इसपर सहमत होंगी. सितम्बर 2013 में आईसीसी ने घोषणा की कि टेस्ट मैच के दौरान किसी भी टीम को 80 ओवरों के एक दौर में दो रेफरल मिलेंगे. इसके पहले नियम था कि टीम को एक पाली में दो विफल रेफरल मिलेंगे.
01 जनवरी को नया साल मनाना कब शुरू हुआ?
नया साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को होता है. अलग-अलग संस्कृतियों के अपने कैलेंडर और अपने नव वर्ष होते हैं. दुनिया के देश अलग-अलग समय पर नया साल मनाते हैं. नए साल का उत्सव 4000 साल से भी पहले बेबीलोन में मनाया जाता था. तब यह पर्व 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि थी. प्राचीन रोम में नव वर्षोत्सव तभी मनाया जाता था. रोम के बादशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45 वें वर्ष में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना कीतब विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए साल का उत्सव मनाया गया. ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को उससे पिछला साल यानी ईसा पूर्व ईसवी 46 को 445 दिन का करना पड़ा था. हिब्रू मान्यताओं के अनुसार ईश्वर ने दुनिया को सात दिन में बनाया. इन सात दिनों के बाद नया वर्ष मनाया जाता है. यह दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक 5 सितम्बर से 5 अक्टूबर के बीच आता है. हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के पहले दिन आता है. चीनी कैलेंडर के अनुसार पहले महीने का पहला चन्द्र दिवस नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है. यह आमतौर पर 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच पड़ता है.
फॉग और स्मॉग में क्या अंतर है?
कोहरा यानी फॉग नमी वाली हवा में बनता है. इसके बनने की प्रक्रिया बादलों जैसी होती है. गर्म हवा के मुकाबले ठंडी हवा ज्यादा नमी ग्रहण करती है. पानी के कण ही कोहरे की शक्ल में नजर आते हैं. भाप से भी हवा नमी लेती है. बादल का वह भाग जो जमीन के करीब होता है, वस्तुतः कोहरा ही होता है. कोहरा कई तरह से बनता है. मोटे तौर पर इसे दो एडवेक्शन फॉग और रेडिएशन फॉग नाम दिए जाते हैं. स्मॉग शब्द स्मोक से बना है. यानी जब नम हवा में धुआँ भी शामिल हो जाता है तो उसे स्मॉग कहते हैं. फॉग में कुछ स्मॉग और स्मॉग में फॉग भी मिला होता है. इसलिए दोनों के बीच कई बार विभाजक रेखा खींचना मुश्किल होता है. जब प्रदूषणकारी धुएं की बहुतायत हो तो उसे स्मॉग कहेंगे.
एनसीसी की स्थापना कब हुई?
एनसीसी की स्थापना 1948 में भारतीय संसद से पास एक अधिनियम के अंतर्गत हुई. इसका उद्देश्य था देश के युवा वर्ग का चरित्र निर्माण करना, उनमें साहस, भाईचारे, अनुशासन, नेतृत्व, खेल की भावना, निस्वार्थ सेवा और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का समावेश करना. सन 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना के बाद सुरक्षा की ज़िम्मेदारी एनसीसी के कैडेट्स पर थी. सभी छात्र और छात्राएं एनसीसी में शामिल हो सकते हैं.
सड़क पर बाईं ओर चलने का नियम क्यों है?
दुनिया के सभी देशों में बाईं और चलने का नियम नहीं है. दुनिया के 163 (दो तिहाई) देशों में ट्रैफिक दाईं और चलता है और एक तिहाई देशों (76) में बाईं ओर. इनमें से ज्यादातर देश कभी ब्रिटेन के उपनिवेश हुआ करते थे. अमेरिका में वाहन सड़क पर दाईं और चलते हैं. पुराने ज़माने में बाईं और चलने की पद्धति इसलिए बनी क्योंकि घुड़सवारों के लिए बाईं तरफ़ से घोड़े पर चढ़ना आसान होता है जिससे उनका दायां हाथ तलवार चलाने के लिए खाली रहे.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
गत 25 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में हमारा विदेशी मुद्रा रिजर्व 365.49 अरब डॉलर था.
प्रॉक्सी युद्ध
प्रॉक्सी माने किसी के बदले काम करना. मुख्तारी, किसी का प्रतिनिधित्व. वह चाहे वोट देना हो या युद्ध लड़ना. दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर लड़ना या लड़ाना. यह युद्ध दो गुटों के बीच हो सकता है. या एक किसी का प्रॉक्सी युद्ध दूसरे से लड़ा जाए.
सिटी ऑफ टूथपिक्स

अमेरिका के एक कलाकार स्टैन मनरो ने टूथपिक्स को गोंद से जोड़कर इमारतें, पुल और सड़कें बनाकर एक अद्भुत संसार की रचना की है. इसे टूथपिक सिटी कहा जाता है. उन्होंने दुनिया की प्रसिद्ध इमारतों को इसमें शामिल किया है. ये मॉडल न्यूयॉर्क के म्यूजियम ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सायरेक्यूज़ में रखे गए हैं. इसमें ताजमहल है, ईफेल टावर और कम्बोडिया का अंगकोरवाट भी है. 
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

Saturday, December 3, 2016

चींटियां एक पंक्ति में क्यों चलती हैं?

प्रकृति ने सभी जीव-जंतुओं को दिशा ज्ञान और आपस में सम्पर्क की सामर्थ्य दी है। मधुमक्खियाँ अपने छत्ते की के आस-पास एक तरह की महक फैलाती हैं ताकि उनकी साथी मधुमक्खियाँ रास्ते से न भटकें। चींटियाँ दिशा ज्ञान के लिए फ़ैरोमोंस रसायन की मदद लेती हैं। वे सामाजिक प्राणी हैं और मिलकर काम करती हैं। उन्हें अपने भोजन के लिए अपने बिल से दूर बाहर जाना होता है। उनके पास कोई नक्शा नहीं होता। वे अपने शरीर से एक प्रकार का सेंट जमीन पर छोड़ती जाती हैं। शेष चीटियाँ अपनी नेता के पीछे चलती जाती हैं। चींटियों की ग्रंथियों से इस रसायन का स्राव होता है। यह स्राव दूसरी चींटियों को रास्ता बताने का काम करता है। इस रसायन की महक ज्यादा देर टिकती नहीं है इसलिए पीछे आने वाली चींटियाँ उसे ताज़ा बनाए रखने के लिए उसपर फेरोमोंस लगाती हुई एक के पीछे एक चलती रहती हैं।
चींटियों के दो स्पर्शश्रंगिकाएं या एंटीना होते हैं जिनसे वे सूंघने या टोह लेने का काम करती हैं। रानी चींटी भोजन की तलाश में निकलती है तो फ़ैरोमोंस छोड़ती जाती है। दूसरी चींटियाँ अपने एंटीना से उसे सूंघती हुई रानी चींटी के पीछे-पीछे चलती हैं। जब रानी चींटी फ़ैरोमोन बनाना बंद कर देती है तो चीटियाँ, नई चींटी को रानी चुन लेती हैं। फ़ैरोमोंस का इस्तेमाल दूसरी जगह भी होता है। कोई चींटी कुचल जाए तो चेतावनी के फ़ैरोमोन का रिसाव करती है जिससे बाकी चींटियाँ सतर्क हो जाती हैं।

कंप्यूटर कुकीज क्या होती हैं? 
कुकी एक छोटी फाइल होती है जो कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क में सेव होती जाती है। अक्सर कम्प्यूटर सेव करने से पहले आपकी वरीयता पूछता भी है। हम कुकीज को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं। ज्यादातर वैब ब्राउजर स्वत: इन्हें स्वीकार करते हैं। पर आप चाहें तो ब्राउजर की सैटिंग में संशोधन कर सकते हैं। कई बार होता है कि कोई वेबसाइट विशेष नहीं खुलती तो मैसेज आता है कि अपनी कुकीज सैटिंग चेंज करें। यह फाइल वैब ट्रैफिक का विश्लेषण करने तथा किसी विशेष वैबसाइट पर जाने में मदद करती है। कूकी उन वेब एप्‍लीकेशनों को संचालित करने मददगार होती है जो इंटरनेट पर हमारी प्राथमिकताओं, रुचि आदि पर निगाह रखते हैं। इनकी मदद से वैबसाइट संचालक यह जान पाता है कि वैबसाइट पर कौन, कितनी देर रहता है और क्या देखता है।
कुकीज एक छोटा सा टेक्स्ट मैसेज होता है। यदि हम ब्राउजर की मदद से कुकीज को अस्वीकार कर दें तो कुछ साइट खुलने से इंकार कर देती हैं। गूगल भी आप तक पहुँचने में कुकी का प्रयोग करता है। आपने देखा होगा कि आप नेट के मार्फत जब कोई खरीदारी करते हैं तब उसके बाद ज्यादातर वैबसाइट पर उन्हीं वस्तुओं के विज्ञापन नजर आने लगते हैं। गूगल एडसेंस के विज्ञापन आपकी जानकारी और पसंद के हिसाब से ही दिखाए जाते हैं।

फीफा रैंकिंग क्या है?
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल एसोसिएशन का संक्षेप नाम है FIFA। यह संगठन अपने सदस्य देशों की टीमों के प्रदर्शन के आधार पर हर महीने उनके पॉइंट्स घोषित करता है। ये पॉइंट टीम के पिछले चार साल के प्रदर्शन के आधार पर होते हैं. इस रैंकिंग की शुरुआत सन 1992 में हुई थी। जबसे रैंकिंग की शुरुआत हुई है दुनिया की पहली आठ टीमें अर्जेंटीना, बेल्जियम, ब्राज़ील, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और स्पेन रहती हैं। केवल इनके क्रम में फर्क पड़ता है। इस साल अक्तूबर की रैंकिंग में 1621 अंक के साथ अर्जेंटीना नम्बर एक पर और 1465 अंक के साथ जर्मनी दूसरे नम्बर पर है। भारत की टीम के पास 230 अंक हैं, जिनके आधार पर उसका रैंक 137 है। इससे पिछले महीने भारत 205 अंकों के साथ 148 वें स्थान पर था. इसमें 11 स्थानों का सुधार हुआ है।

विश्व विकलांग दिवस कब होता है?
विश्व विकलांग दिवस 3 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका शुरुआती नाम था इंटरनेशनल डे ऑफ़ डिसेबल्ड पर्सन्स। सन 2007 में इसका नाम हो गया इंटरनेशनल डे ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीस। इसकी शुरुआत वर्ल्ड प्रोग्राम ऑफ़ एक्शन कन्सर्निंग डिसेबल्ड पर्सन्स ने की थी और 1992 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने इसे अपनाया।


राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...