Saturday, August 31, 2024

कितने प्रकार के ओलिंपिक?

ओलिंपिक खेलों के बाद इन दिनों पेरिस में पैरालंपिक खेल चल रहे हैं। दुनिया में अब चार तरीके के ओलंपिक खेल होते हैं। एक गर्मियों के ओलंपिक, दूसरे सर्दियों के ओलंपिक। तीसरे पैरालंपिक, यानी शारीरिक रूप से विकल खिलाड़ियों के खेल और चौथे युवा यानी यूथ ओलंपिक। 1896 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के बाद सर्दियों के ओलंपिक 1924 से शुरू हुए थे। यूथ ओलंपिक भी गर्मियों और सर्दियों के अलग-अलग होते हैं। पहले ग्रीष्मकालीन यूथ ओलंपिक 2010 में सिंगापुर में हुए और विंटर ओलंपिक 2012 में जनवरी में इंसब्रुक, ऑस्ट्रिया में। 2018 में ब्यूनस आयर्स में तीसरे ग्रीष्मकालीन यूथ ओलंपिक के बाद 2022 में नहीं हो पाए। अब 2026 में डकार, सेनेगल में होंगे। विंटर यूथ ओलंपिक में व्यवधान नहीं पड़ा। जनवरी 2024 में दक्षिण कोरिया के गैंगवा में चौथे शीतकालीन यूथ ओलंपिक हुए। पैरालंपिक खेल भी ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक के साथ होते हैं। इनकी शुरूआत 1948 में हुई। दक्षिण कोरिया के सोल में 1988 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के तुरंत बाद पैरालंपिक भी हुए और तबसे ये ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के फौरन बाद होने लगे हैं। पैरालंपिक खेलों के लिए आईपीसी नाम की संस्था अलग है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 31 अगस्त, 2024 को प्रकाशित

 

 

Saturday, August 24, 2024

स्पेस स्टेशन में भारतीय गगनयात्री

गत 2 अगस्त को, इसरो ने घोषणा की कि 'गगनयान मिशन' के लिए चुने गए दो अंतरिक्ष यात्री, अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से जुड़ा प्रशिक्षण लेने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को उड़ान के लिए चुना गया है। ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर उनके बैक-अप होंगे। मिशन एक्स-4 ह्यूस्टन स्थित एक निजी कंपनी एक्सिओम स्पेस द्वारा आयोजित आईएसएस के लिए चौथा मानवयुक्त मिशन है। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने इस कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आईएसएस के कार्यक्रम प्रबंधक के अनुसार, एक्स-4 नवंबर 2024 से पहले उड़ान नहीं भरेगा। एक्सिओम की योजना दुनिया का पहला कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन संचालित करने की है। 22 जून, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका-यात्रा के दौरान संयुक्त बयान में 2024 में आईएसएस के लिए एक संयुक्त प्रयास का उल्लेख किया गया था। गत 27 फरवरी को, तिरुवनंतपुरम में प्रधानमंत्री मोदी ने गगनयान मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्री-उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। शुभांशु शुक्ला और प्रशांत नायर के अलावा ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और अंगद प्रताप। चारों वायुसेना में टेस्ट पायलट हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 24 अगस्त, 2024 को प्रकाशित

 

Sunday, August 18, 2024

स्पेस से वापस कैसे आएंगी सुनीता विलियम्स?

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरिक्ष में फँसे गए हैं। उनकी वापसी शायद फरवरी 2025 में हो पाएगी। बोइंग के स्टारलाइनर यान को नासा का सर्टिफिकेट हासिल करने के इरादे से 5 जून को इसे रवाना किया गया था। 13 जून को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से इसकी डॉकिंग हो गई, पर कुछ खराबियों के कारण इसकी सुरक्षित वापसी लेकर संदेह पैदा होने लगे। इन्हें वापस लाने के लिए बोइंग के प्रतिस्पर्धी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्स्यूल का इस्तेमाल करने का विचार नासा कर रहा है। हालांकि बोइंग का कहना है कि उनके यान के दोष ठीक हो गए हैं, पर नासा का संशय बाकी है। आप सोचेंगे कि वे कहाँ रहेंगे? जवाब है स्पेस स्टेशन में। दुनिया में अबतक 11 स्पेस स्टेशनों का निर्माण हुआ है, पर इस वक्त केवल दो स्टेशन कार्यरत हैं। एक आईएसएस और दूसरा चीन का तियोंगयांग-2। आईएसएस का परिचालन नासा की अगुवाई में 16 देशों का ग्रुप करता है। इसमें सात यात्री रह सकते हैं। भारत ने भी 2035 तक एक स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है। उसमें तीन से छह तक यात्री रह सकेंगे।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 17 अगस्त, 2024 को प्रकाशित

 

Saturday, August 10, 2024

वीडियो रेफरल यानी थर्ड अंपायर

खेलों में पहले रेफरी या अंपायर नहीं होते थे। सबसे पहले फुटबॉल में रेफरी बने। पहले टीमों के कप्तान मिलकर तय कर लेते थे कि गोल हुआ या नहीं। अब सभी खेलों में वीडियो रेफरल का चलन बढ़ रहा है और अंपायर के फैसलों को चुनौती देने की व्यवस्था भी है। फुटबॉल में इसे 2018 में मान्यता मिली, पर क्रिकेट और हॉकी में इसने पहले जगह बना ली थी। साठ के दशक में टीवी प्रसारण में इंस्टेंट रिप्ले होते थे। इसी रिप्ले के सहारे क्रिकेट में थर्ड अंपायर की शुरुआत नवंबर 1992 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच डरबन टेस्ट मैच में हुई। मैच के दूसरे दिन थर्ड अंपायर के फैसले से सचिन तेंदुलकर रन आउट हुए थे। फिर डीआरएस (डिसीज़न रिव्यू सिस्टम) की ईज़ाद हुई और 2008 में भारत-श्रीलंका टेस्ट मैच में इसका परीक्षण हुआ। 23-26 जुलाई के बीच खेले गए टेस्ट मैच में वीरेंद्र सहवाग इस सिस्टम के तहत आउट पहले खिलाड़ी थे। नवंबर 2009 में ड्यूनेडिन में न्यूज़ीलैंड-पाकिस्तान टेस्ट में आधिकारिक रूप से इसे लागू किया गया। जनवरी 2011 में इंग्लैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई, तब पहली बार एकदिनी मैचों में और 2017 में टी-20 में इसकी अनुमति मिली। इसमें तकनीकी सुधार होते गए और हो रहे हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 10 अगस्त, 2024 को प्रकाशित

 

Saturday, August 3, 2024

ओलिंपिक खेलों में महिलाओं का मुश्किल सफर

ओलिंपिक खेलों में महिलाएं धूम मचा रही हैं, पर यह सफर आसान नहीं रहा है। दुनिया के दूसरे मसलों की तरह खेल-कूद को भी केवल पुरुषों तक ही सीमित रखा गया था। 1996 में आधुनिक ओलिंपिक पुरुषों के उत्सव के रूप में ही शुरू हुए थे। स्त्रियों को नाजुक मानकर शामिल नहीं किया गया। बावजूद इसके यूनान की महिला स्तामाता रेविती ने मैराथन दौड़ में शामिल होने का फैसला किया, पर उसे अनुमति नहीं मिली। शहर के बुजुर्ग धर्मगुरु ने पुरुष खिलाड़ियों को आशीर्वाद दिया, रेविती को नहीं। बावजूद इसके दौड़ के अगले दिन उसने अकेले साढ़े पाँच घंटे में दौड़ पूरी की, पर उसे स्टेडियम के अंदर जाने नहीं दिया गया। बहरहाल 1900 के पेरिस ओलिंपिक में महिलाओं को भी भाग लेने की अनुमति मिली, पर उनके लिए केवल गोल्फ और टेनिस, दो खेल स्पर्धाएं हुईं। 1904 में, तीरंदाजी की अनुमति भी मिली। महिलाओं का समर्थन करने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय तैराकी महासंघ था, जिसने 1912 के खेलों में तैराकी में महिलाओं को शामिल करने के लिए मतदान किया। एक बड़ी भूमिका फ्रांसीसी महिला एलिस मिलियात ने अदा की, जिन्होंने 1919 में फ्रांसीसी महिला खेल संघ और 1921 में अंतरराष्ट्रीय महिला खेल महासंघ बनाए और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति पर दबाव डाला। 1922 से 1934 तक महिला ओलिंपियाड आयोजित किए गए। यह क्रम जारी रहा और 1997 में ओलिंपिक महासंघ के चार्टर में महिलाओं को बढ़ावा देने की बात भी शामिल हो गई।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 3 अगस्त, 2024 को प्रकाशित

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