Saturday, April 12, 2025

आईवी लीग क्या होता है?

आईवी लीग से अकादमिक उत्कृष्टता, प्रतिष्ठा और परंपराओं से जुड़े आठ अमेरिकी विश्वविद्यालयों को पहचाना जाता है। पूर्वोत्तर अमेरिका के ये आठ निजी विश्वविद्यालय, जो अपनी कठिन प्रवेश-प्रक्रिया, उच्चस्तरीय प्रोफेसरों और प्रभावशाली पूर्व छात्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। एक तिहाई से अधिक अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने आईवी लीग स्कूलों में पढ़ाई की है, और इन संस्थानों में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की एक प्रभावशाली हिस्सेदारी है। ये सभी पुराने, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से सात की स्थापना अमेरिका के औपनिवेशिक काल के दौरान हुई थी। ये सभी एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन युनिवर्सिटीज़ का हिस्सा हैं, जिसमें अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालय शामिल हैं। ये आठ विश्वविद्यालय हैं: हार्वर्ड (मैसाचुसेट्स), येल (कनेक्टिकट), प्रिंसटन (न्यू जर्सी), कोलंबिया (न्यूयॉर्क), ब्राउन (रोड आइलैंड), डार्टमाउथ (न्यू हैम्पशर), पेन्सिलवेनिया  (पेन्सिलवेनिया) और कॉर्नेल (न्यूयॉर्क)। आईवी लीग जैसा कि नाम से प्रकट होता है, इसकी शुरुआत इन शिक्षा संस्थानों के एथलेटिक सम्मेलन से हुई थी। पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल 1933 में न्यूयॉर्क हैरल्ड ट्रिब्यून में एक खेल पत्रकार ने इन आठ ऐतिहासिक कॉलेजों के बीच प्रतिद्वंद्विता का वर्णन करने के लिए ‘आईवी कॉलेज’ वाक्यांश का इस्तेमाल किया था। इन कॉलेजों में आईवी लताओं के कारण समानता भी देखी जाती थी। 

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 12 अप्रेल, 2025 को प्रकाशित



Saturday, April 5, 2025

अमेरिका नाम कैसे पड़ा?

अमेरिकी महाद्वीप की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने 1492 में की थी, पर इसका नाम रखने में उनकी भूमिका नहीं है। कोलंबस समझते थे कि उन्होंने जिस जमीन को खोजा, वह भारत है। अमेरिका नाम इतालवी यात्री अमेरिगो वेसपुच्ची के नाम पर है, जो कोलंबस की यात्रा के सात साल बाद 1499 में चार पोतों के एक यात्री दल के साथ अटलांटिक पार करके दक्षिणी अमेरिका के पूर्वी तट पर पहुँचा। जब वह वापस आया तो उसने इस नई जगह को नाम दिया ‘मुंडस नोवस’ यानी नई दुनिया। वेसपुच्ची ने यह साबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि कोलंबस जहाँ गए, वह एशिया का मार्ग नहीं था, बल्कि एक अलग महाद्वीप था। 1507 में जर्मन कार्टोग्राफर मार्टिन वॉल्डसीम्यूलर और उनके सहयोगी मठायस रिंगमान ने नए नक्शे में इस ‘नई दुनिया’ को दिखाया। इसका नाम लिखा अमेरिका, जो अमेरिगो से प्रेरित था। शुरू में उनके नक्शे में दक्षिण अमेरिका ही था। बाद में उत्तरी अमेरिका भी इसमें शामिल किया गया। भूगोलवेत्ता जेराल्ड मर्केटर ने 1538 में दोनों भूखंडों को एक नाम दिया अमेरिका। कुछ अन्य व्याख्याएं भी हैं, पर वेसपुच्ची सिद्धांत व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। 

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 5 अप्रेल, 2025 को प्रकाशित



Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...