Wednesday, October 8, 2025

वित्त वर्ष 1 अप्रैल से क्यों?


ईस्ट इंडिया कम्पनी से ब्रिटिश सरकार को भारत की सत्ता हस्तांतरण होने के बाद 1860 में पहली बार बजट प्रणाली प्रारंभ की गई। 1867 में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की अवधि का पहला बजट प्रस्तुत किया गया। दुनिया के सभी देशों में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू नहीं होता। अमेरिका का वित्तीय वर्ष पहली अक्तूबर से 30 सितंबर तक होता है, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मिस्र, पाकिस्तान में यह पहली जुलाई को शुरू होकर 30 जून तक रहता है। चीन, ब्राजील, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, पुर्तगाल, रूस, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, ताइवान एवं अन्य 60 देशों में 1 जनवरी  से 31 दिसंबर तक अर्थात् कैलेंडर वर्ष को वित्त वर्ष भी माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, आईएमएफ एवं विश्व के बड़े वित्तीय संस्थान कैलेंडर वर्ष को अपने वित्त वर्ष के रूप में अपनाते हैं। भारत में भी कैलेंडर वर्ष को वित्त वर्ष बनाने के लिए सुझाव दिए जाते रहे हैं किन्तु अभी तक बदलाव नहीं आ पाया। इस सिलसिले में भारत सरकार ने पूर्व आर्थिक सलाहकार डॉ शंकर आचार्य की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति ने भी वित्त वर्ष 1 जनवरी से रखने का सुझाव 2016 में दिया था, पर कोई फैसला नहीं हुआ।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 13 सितंबर 2025 को प्रकाशित

 

Saturday, October 4, 2025

डकार और हिचकी में अंतर

 डकार और हिचकी दोनों शरीर की सामान्य प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन इनके कारण, प्रकृति और प्रभाव में अंतर होता है। डकार का अर्थ पेट में जमा अतिरिक्त हवा या गैस का मुँह के रास्ते बाहर निकलना है। यह आमतौर पर खाने या पीने के बाद होता है। हिचकी, डायफ्राम की मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन के कारण होती है, जिससे साँस लेने में रुकावट आती है और हिक जैसी आवाज़ निकलती है। डकार के पीछे कारण होते हैं, खाने या पीने के दौरान हवा निगलना, पेट में गैस बनना, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लेक्स या पाचन संबंधी समस्याएँ। हिचकी का कारण होता है अचानक डायफ्राम में ऐंठन आना। फेफड़ों में अचानक हवा भरने से कंठच्छद(एपिग्लॉटिस) बंद हो जाता है। इससे हिच या हिक् की आवाज आती है। इसीलिए इसे अंग्रेजी में हिक-अप कहते हैं। हिचकी जब आती है तब कई बार आती है। हिचकी एक शारीरिक दोष के कारण भी आती है। उसे सिंग्युलटस कहते हैं। जल्दी-जल्दी खाना, बहुत गर्म या तीखा खाना, हँसना, खाँसना भी हिचकी का कारण बनता है। डकार आमतौर पर कुछ सेकंड में खत्म हो जाती है। हिचकी कुछ मिनट से लेकर घंटों तक चल सकती है। 48 घंटे से अधिक समय तक हिचकी आए, तो यह चिकित्सीय स्थिति हो सकती है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 3 अक्तूबर को प्रकाशित

 

 

Saturday, September 27, 2025

फल और सब्जी में अंतर

वनस्पति शास्त्र के अनुसार फल पौधे का वह हिस्सा होता है जो फूलों से विकसित होता है और जिसमें बीज होते हैं। ये पौधे की प्रजनन प्रक्रिया का हिस्सा हैं। उदाहरण: सेब, संतरा, टमाटर, खीरा।  टमाटर, बैंगन, और शिमला मिर्च फल हैं, क्योंकि ये बीज युक्त होते हैं और फूल से बनते हैं। तमाम फलियाँ, मटर और खीरा तक फल हैं। बादाम, अखरोट, मूँगफली और अनाज भी, क्योंकि सब बीज हैं। सब्जी में पौधे के अन्य हिस्से शामिल होते हैं, जैसे जड़ (गाजर, मूली), तना (आलू, अजवाइन), पत्तियाँ (पालक, लेट्यूस), या फूल (गोभी, ब्रोकली)। ये आमतौर पर बीज युक्त नहीं होते। फल आमतौर पर मीठे या हल्के खट्टे स्वाद वाले होते हैं और इन्हें कच्चा खाया जा सकता है। सब्जियाँ ज्यादातर नमकीन या तटस्थ स्वाद वाली होती हैं और इन्हें पकाकर सलाद, या सूप में उपयोग किया जाता है। आप पूछ सकते हैं कि तब फिर हम बहुत से फलों को सब्जी क्यों कहते हैं? यह परंपराओं की वजह से है। कटहल (जैकफ्रूट) की सब्जी भी बनती है और उसे पके फल की तरह भी खाते हैं। केले और पपीते का इस्तेमाल भी सब्जी की तरह होता है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 23 अगस्त, 2025 को प्रकाशित


Saturday, September 20, 2025

लीग ऑफ नेशंस क्या था?

लीग ऑफ नेशंस (राष्ट्रसंघ) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन था, जिसकी स्थापना 10 जनवरी 1920 को प्रथम विश्व युद्ध के बाद वर्साय की संधि के तहत की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र का पूर्ववर्ती संगठन था। इसकी स्थापना प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) की भयावहता के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन के 14 सूत्री प्रस्ताव के आधार पर गई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में था। इसका उद्देश्य युद्धों को रोकना और शांति स्थापित करना, देशों के बीच विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, जैसे कि स्वास्थ्य, श्रम, और मानवाधिकार के क्षेत्र में। इसमें एक असेंबली होती थी, जिसमें सभी सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व होता था। काउंसिल: प्रमुख शक्तियों और कुछ अन्य देशों का समूह, जो महत्वपूर्ण निर्णय लेता था। सेक्रेट्रिएट: प्रशासनिक कार्यों के लिए। अंतरराष्ट्रीय विवादों के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय। शुरुआत में 42 देश इसके सदस्य थे, जो बाद में बढ़कर 58 तक पहुँच गए। अमेरिका कभी इसका हिस्सा नहीं बना, क्योंकि अमेरिकी सीनेट ने वर्साय संधि को अस्वीकार कर दिया। संगठन की अनेक कमज़ोरियों के कारण 1946 में लीग ऑफ नेशंस को भंग कर दिया गया, और इसके कई कार्यों को संयुक्त राष्ट्र ने संभाल लिया।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 20 सितंबर, 2025 को प्रकाशित

Monday, September 15, 2025

हिंदी दिवस की शुरुआत

भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343(1) में कहा गया है कि संघ की राज भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। राजभाषा से जुड़े प्रस्ताव को संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को स्वीकार किया था। इसी निर्णय को प्रतिपादित करने और हिंदी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने के इरादे से राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन 1954 से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। 10-11नवंबर 1953 को काका साहब न.वि. गाडगिल की अध्यक्षता में नागपुर में हुए 'अखिल भारतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सम्‍मेलन' के पाँचवें अधिवेशन में इस आशय का औपचारिक प्रस्ताव पारित हुआ। हिंदी दिवस मूलतः राजभाषा से जुड़ा होने के कारण सरकारी संस्थानों में हिंदी सप्ताह और हिंदी पखवाड़े के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान हिंदी से जुड़े कार्यक्रम और समारोह भी होते हैं. राजभाषा के रूप में दो पुरस्कार उल्लेखनीय हैं. एक है राजभाषा गौरव पुरस्कार, जो हिंदी में तकनीकी या विज्ञान के विषय पर लिखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाता है। दूसरा है राजभाषा कीर्ति पुरस्कार, जो सरकारी कार्यों में हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाले 39 कर्मियों को दिया जाता है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 30 अगस्त, 2025 को प्रकाशित


Tuesday, August 12, 2025

एक से ज्यादा नामों वाले देश

 संविधान में देश के दो नाम हैं, भारत और इंडिया। हिंदुस्तान या हिंदुस्थान भी कहते हैं। पुराने ग्रंथों में जम्बूद्वीप नाम भी है। जापानी भाषा में देश का नाम ‘निप्पॉन’ या ‘निहोन’ है, यानी ‘सूर्य का उद्गम’। ‘जापानअंग्रेजी नाम है, जो संभवतः चीनी उच्चारण ‘रि-बेन’ से लिया गया है। आधिकारिक नाम ‘नीदरलैंड्स’, लेकिन दो प्रमुख प्रांतों (उत्तरी और दक्षिणी हॉलैंड) के कारण ‘हॉलैंड’ भी प्रचलित। ‘म्यांमार’ नाम, 1989 में सैन्य सरकार ने अपनाया। ‘बर्मा’ औपनिवेशिक काल का नाम था। औपनिवेशिक काल में श्रीलंका का नाम सीलोन था, जो 1972 के बाद से श्रीलंका है। हिंदी में चीन कहते हैं, पर चीनी भाषा में ‘चेंग ग्वो’, यानी ‘मध्य साम्राज्य’। ‘चायनाअंग्रेजी में, जो संभवतः छिन वंश से प्रेरित है। कोरिया को कोरियाई भाषा में हानगुक’ कहते हैं। जर्मनी का जर्मन नाम ‘ड्यूशलैंड’ है। फ्रेंच में ‘आलमानी’ और रूसी में ‘निम्स्को’। अरबी भाषा में देश का नाम ‘मिस्र’ है। प्राचीन मिस्रवासी इसे ‘किमेट’ कहते थे, यानी ‘काली भूमि’ (नील नदी की मिट्टी के कारण)। ग्रीक भाषा में देश का नाम ‘हेलास’ है। फ़ारसी और तुर्की प्रभाव के कारण हम इसे ‘यूनान’ भी कहते हैं। ‘स्विस कॉनफेडरेशन’ का ‘हेल्वेटिया’ रोमन काल से लिया गया नाम है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 2 अगस्त, 2025 को प्रकाशित

 

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