Monday, September 15, 2025

हिंदी दिवस की शुरुआत

भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343(1) में कहा गया है कि संघ की राज भाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। राजभाषा से जुड़े प्रस्ताव को संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को स्वीकार किया था। इसी निर्णय को प्रतिपादित करने और हिंदी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने के इरादे से राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन 1954 से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। 10-11नवंबर 1953 को काका साहब न.वि. गाडगिल की अध्यक्षता में नागपुर में हुए 'अखिल भारतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सम्‍मेलन' के पाँचवें अधिवेशन में इस आशय का औपचारिक प्रस्ताव पारित हुआ। हिंदी दिवस मूलतः राजभाषा से जुड़ा होने के कारण सरकारी संस्थानों में हिंदी सप्ताह और हिंदी पखवाड़े के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान हिंदी से जुड़े कार्यक्रम और समारोह भी होते हैं. राजभाषा के रूप में दो पुरस्कार उल्लेखनीय हैं. एक है राजभाषा गौरव पुरस्कार, जो हिंदी में तकनीकी या विज्ञान के विषय पर लिखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाता है। दूसरा है राजभाषा कीर्ति पुरस्कार, जो सरकारी कार्यों में हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाले 39 कर्मियों को दिया जाता है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 30 अगस्त, 2025 को प्रकाशित


Tuesday, August 12, 2025

एक से ज्यादा नामों वाले देश

 संविधान में देश के दो नाम हैं, भारत और इंडिया। हिंदुस्तान या हिंदुस्थान भी कहते हैं। पुराने ग्रंथों में जम्बूद्वीप नाम भी है। जापानी भाषा में देश का नाम ‘निप्पॉन’ या ‘निहोन’ है, यानी ‘सूर्य का उद्गम’। ‘जापानअंग्रेजी नाम है, जो संभवतः चीनी उच्चारण ‘रि-बेन’ से लिया गया है। आधिकारिक नाम ‘नीदरलैंड्स’, लेकिन दो प्रमुख प्रांतों (उत्तरी और दक्षिणी हॉलैंड) के कारण ‘हॉलैंड’ भी प्रचलित। ‘म्यांमार’ नाम, 1989 में सैन्य सरकार ने अपनाया। ‘बर्मा’ औपनिवेशिक काल का नाम था। औपनिवेशिक काल में श्रीलंका का नाम सीलोन था, जो 1972 के बाद से श्रीलंका है। हिंदी में चीन कहते हैं, पर चीनी भाषा में ‘चेंग ग्वो’, यानी ‘मध्य साम्राज्य’। ‘चायनाअंग्रेजी में, जो संभवतः छिन वंश से प्रेरित है। कोरिया को कोरियाई भाषा में हानगुक’ कहते हैं। जर्मनी का जर्मन नाम ‘ड्यूशलैंड’ है। फ्रेंच में ‘आलमानी’ और रूसी में ‘निम्स्को’। अरबी भाषा में देश का नाम ‘मिस्र’ है। प्राचीन मिस्रवासी इसे ‘किमेट’ कहते थे, यानी ‘काली भूमि’ (नील नदी की मिट्टी के कारण)। ग्रीक भाषा में देश का नाम ‘हेलास’ है। फ़ारसी और तुर्की प्रभाव के कारण हम इसे ‘यूनान’ भी कहते हैं। ‘स्विस कॉनफेडरेशन’ का ‘हेल्वेटिया’ रोमन काल से लिया गया नाम है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 2 अगस्त, 2025 को प्रकाशित

 

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