Saturday, October 4, 2025

डकार और हिचकी में अंतर

 डकार और हिचकी दोनों शरीर की सामान्य प्रक्रियाएँ हैं, लेकिन इनके कारण, प्रकृति और प्रभाव में अंतर होता है। डकार का अर्थ पेट में जमा अतिरिक्त हवा या गैस का मुँह के रास्ते बाहर निकलना है। यह आमतौर पर खाने या पीने के बाद होता है। हिचकी, डायफ्राम की मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन के कारण होती है, जिससे साँस लेने में रुकावट आती है और हिक जैसी आवाज़ निकलती है। डकार के पीछे कारण होते हैं, खाने या पीने के दौरान हवा निगलना, पेट में गैस बनना, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लेक्स या पाचन संबंधी समस्याएँ। हिचकी का कारण होता है अचानक डायफ्राम में ऐंठन आना। फेफड़ों में अचानक हवा भरने से कंठच्छद(एपिग्लॉटिस) बंद हो जाता है। इससे हिच या हिक् की आवाज आती है। इसीलिए इसे अंग्रेजी में हिक-अप कहते हैं। हिचकी जब आती है तब कई बार आती है। हिचकी एक शारीरिक दोष के कारण भी आती है। उसे सिंग्युलटस कहते हैं। जल्दी-जल्दी खाना, बहुत गर्म या तीखा खाना, हँसना, खाँसना भी हिचकी का कारण बनता है। डकार आमतौर पर कुछ सेकंड में खत्म हो जाती है। हिचकी कुछ मिनट से लेकर घंटों तक चल सकती है। 48 घंटे से अधिक समय तक हिचकी आए, तो यह चिकित्सीय स्थिति हो सकती है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 3 अक्तूबर को प्रकाशित

 

 

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