Friday, July 22, 2011

भारतीय सिनेमा में पहला डबल रोल किसने किया?


 भारत की कौन सी ऐसी फिल्म है जिसमें पहली बार मुख्य भूमिका डबल रोल में थी?

अन्ना सालंके


अन्ना सालंके ने 1917 में बनी फाल्के की फिल्म लंका दहन में राम और सीता दोनों के रोल किए। सन 1933 में बनी फिल्म विट्ठल की आवारा शाहज़ादा में साहू मोदक ने राजकुमार और भिखारी की भूमिका डबल रोल में की। 

रेल की पटरियों के बीच पत्थर क्यों डाले जाते हैं?

रेल की पटरियाँ सीधे ज़मीन पर नहीं रखी जातीं हैं। इन्हें लकड़ी या कंक्रीट के स्लीपरों पर रखा जाता है। पटरियों को स्लीपरों से जोड़ने के लिए लोहे के कब्जे लगाए जाते हैंजिन्हें टाई कहा जाता है। पटरियों के नीचे और आसपास पत्थर डालने का उद्देश्य एक तो स्लीपरों और टाई को आधार प्रदान करना है। दूसरे ये पत्थर लचीलापन बनाकर रखते हैं यानी दबाव  के हिसाब से आगे-पीछे हो जाते हैं। इस प्रकार पटरी की सुरक्षा हो जाती है। वह एकदम से मुड़ती नहीं और न टूटती है। तीसरे बारिश होने पर पानी भरता नहींइनके बीच से निकल जाता है। ड्रेनेज आसान है। 


मधुमक्खी  के काटने से हमें तीखी जलन का एहसास क्यों होता है?

मधुमक्खी जब डंक मारती है तो एपिटॉक्सिन और फेरोमोंस दो रसायन छोड़ती है। दर असन मधुमक्खी डंक मारना नहीं चाहती। वह डंक तभी मारती है जब या तो उसपर हमला हो या उसके छत्ते पर। एपिटॉक्सिन से जलन होती है। फेरोमोंस से दूसरी मक्खियों को सावधान किया जाता है। ताकि हमला होने पर उसकी रक्षा के लिए दूसरी मक्खियाँ आ जाएं।


बिल्ली आँख बंद करके दूध क्यों पीती है?

इसकी वजह यह है कि वह अपना ध्यान पूरी तरह दूध पर रखती है। उसकी आँख पूरी तरह बंद नहीं होती। वह बड़ी सफाई से दूध पीती है।

नीद आने पर हमारी आँखें क्यों बंद हो जाती हैं?

हालांकि कुछ लोग आँखें खोलकर भी सो सकते हैं और कुछ लोग नींद में चलते भी हैंपर सोते वक्त आँखें बंद करने के जो मोटे कारण समझ में आते हैं वे इस प्रकार हैः- सोने का काम दिमाग करते हैपर आवाजें और रोशनी दिमाग को अटकाए रखतीं हैं। दिमाग को सोने का संकेत देने के लिए हमें रोशनी और आवाजों से दूर जाना होता है। आँख बंद करने से विजुअल इनपुट कम हो जाता है। सोते समट कोई बाहरी चीज़ आँख में न चली जाए या आँखें सूख न जाएंइसलिए भी आँखों को बंद करना होता है।



 AM और PM का फुल फॉर्म क्या होता है?

Ante Meridiem (a.m., English: "before midday")
and Post Meridiem (p.m., English: "after midday")

माइक्रोफोन का आविष्कार किसने किया? और माइक्रोवेव का भी?

माइक्रोफोन का आविष्कार पहले टेलीफोन वॉइस ट्रांसमिटर के रूप में हुआ था। इसका श्रेय एमाइल बर्लाइनर को जाता हैजिन्होंने 1876 में इसका आविष्कार किया। माइक्रोफोन का इस्तेमाल टेलीफोनटेपरिकॉर्डरकराओकेहियरिंग एड्सरेडियोटेलीविज़नकम्प्यूटर वगैरह-वगैरह में होता है।

माइक्रोवेव से आपका आशय शायद माइक्रोवेव अवन से है। सन 1946 में पर्सी स्पेंसर नाम के एक इंजीनियर कोई शोधकार्य कर रहे थे। वे मैग्नेट्रोन पर काम कर रहे थे कि अचानक उनकी जेब में रखी कैंडी पिघल गई। वे उसका कारण समझ नही पाए। बाद में उन्होंने पॉपकॉर्न के दाने रखकर देखें वे फूल गए। इसके बाद उन्होंने मैग्नेट्रॉन ट्यूब के पास एक अंडा ले जाकर देखा। थोड़ी देर बाद अंडे के भीतर हलचल होने लगी। और कुछ देरबाद वह पककर फट गया। इसके बाद पर्सी स्पेंसर और उनके साथियों ने निष्कर्ष निकाला कि अंडे के भीतर लो डेंसिटी की माइक्रोवेव इनर्जी बन रही है। सिद्धांत यह बना कि अंडा पक सकता है तो खाना भी पक सकता है। पहला माइक्रोवेव अवन टप्पन नाम की कम्पनी ने 1955 में बाजार में उतारा।  


अंतरिक्ष में पेंसिल क्यों नहीं लेकर जा सकते

पेंसिल कार्बन से बनती है। अंतरिक्ष में कार्बन के टूटकर बिखरने का खतरा होता है। ऐसा होने पर वह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में जा सकरता हैजिससे पूरी उड़ान खतरे में आ सकती है। अंतरिक्ष में लिखने के लिए 1956 में पॉल फिशर नाम के वैज्ञानिक ने विशेष पेन का आविष्कार किया था।


 डॉ हरगोविन्द खुराना कौन हैं और वे किस बात के लिए जाने जाते हैं?

डॉ हरगोविन्द खुराना भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक हैं, जिन्हें सन 1968 मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मिला था। उन्होंने मूलतः जेनेटिक कोड पर काम किया था। उनके साथ मार्शल डब्ल्यू नीरेनबर्ग और रॉबर्ट डब्ल्यू होले को भी नोबेल मिला था। वे 1966 में अमेरिका के नागरिक बन गए थे। इस समय वे कैम्ब्रिज, मैसाच्यूसेट्स में रहते हैं और एमआईटी में अल्फ्रेड पी स्लोन प्रोफेसर ऑफ बायोलजी एंड केमिस्ट्री एमिरेटस हैं।

भारतीय नोटों पर गांधी जी ही क्यों छापे जाते हैं?

नोटों पर राष्ट्रीय नेताओं के चित्र लगाने की परम्परा दुनिया भर में है। महात्मा गांधी हमारे देश के सबसे सम्मानित महापुरुषों में एक हैं, इसलिए उनका चित्र लगाया जाता है। नोटों की वर्तमान सीरीज़ को महात्मा गांधी या एमजी सीरीज़ कहा जाता है। यह 1996 से चल रही है।


जहाज महल कहाँ है?
एक जहाज़ महल दिल्ली में महरौली के पास है। और एक मांडू में।

भारतीय सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज कौन थीं?

जस्टिस फातिमा बीवी जो 1987 में जज बनीं



आकाशवाणी के एफएम गोल्ड से हर गुरुवार को सुबह 10.10 से 11.00 बजे के बीच प्रसारित होने वाले मेरे कार्यक्रम बारिश सवालों की के अंश

Thursday, July 14, 2011

दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?



दुनिया का वह कौन व्यक्ति है, जिसने सबसे ज्यादा शादियाँ की हैं?

जियोना चाना की पत्नियाँ

जियोना चाना का परिवार
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं। 
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ना नौ मन तेल होगा और ना राधा नाचेगी। ऐसा क्यों कहा जाता है?                                                                                                                                                                                                                                      

यह कहावत कब से चली आ रही है, बताना मुश्किल है। क्यों कहा जाता है इसे बताने वाले भी मुझे नहीं मिले। बस कहते हैं, कहा जाता है। बहरहाल एक-दो जगह मुझे कुछ कहानियाँ मिली हैं जो राधा के नाच से जुड़ती हैं। बताते हैं कि किसी गांव में राधा नाम की नाचने वाली रहती थी। एक दिन किसी बात पर नाराज होकर उसने कह दिया अब नाचना बंद। बहरहाल लोग उसे मनाने गए तो उसने एक शर्त रखी जब नौ मन तेल के दियों की रोशनी की जाएगी तभी वह नाचेगी। बताते हैं कि उस साल गाँव में सूखा पड़ा था सो नौ मन तेल होना नामुमकिन था . 

काले धन को काला धन क्यों कहा जाता है?
  
काला धन माने जो पैसा साफ-सुथरे सफेद ढंग से कमाया नहीं गया है। और जिसका हिसाब नहीं दिया गया है। काली कमाई का पैसा। सफेद पैसा वह है जिसपर टैक्स वगैरह चुकाया गया हो। It is like black hole we cant see through it.                                                                                                                                                                                                                                

शादी के बाद लड़की लड़के के घर क्यों जाती है? क्या कहीं ऐसी परम्परा है जहाँ लड़का विदा होकर लड़की के घर जाता है?         

विवाह नाम की संस्था का जन्म सभ्यता के काफी पहले हो गया लगता है। और तब से ही मनुष्य समाज पुरुष केन्द्रित है। लड़की शादी के बाद पति के घर में जाती रही है। यों मातृ प्रधान समाज का भी ज़िक्र मिलता है। कुछ जनजातीय समूहों में मातृ प्रधान व्यवस्था भी मिलती है, पर यह न तो व्यापक है और न इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं।

टाटा शब्द किस भाषा का है? बाई के साथ टाटा क्यों कहते हैं?

अंग्रेजी में विदाई के वक्त टाटा कहने का चलन है। यह शब्द बोली का है। इसका प्रचलन उन्नीसवीं सदी से हुआ है। 

दर्द तो तकलीफदेह होता है, फिर लोग दर्द को मीठा क्यों कहते हैं?

दर्द या तकलीफ आनन्द का विलोम है। दोनों का अतिरेक हृदय विदारक होता है। पर दोनों की क्षणिक या आंशिक अनुभूति मनुष्य को स्वीकार्य है। दर्द या तकलीफ एक जीवन अनुभव है। हम तकलीफ उठाकर ही कुछ हासिल करते हैं। उसमें जो आनन्द है वह सारे दर्द दूर कर देता है। दुख और दर्द भी हमारे साथी हैं। दर्द के साथ हमारे संघर्ष की स्मृतियाँ भी होती हैं, इसलिए उसे भी हम सँजोकर रखते हैं। बच्चन जी की कविता है
साथी, साथ न देगा दुख भी!

काल छीनने दु:ख आता है,
जब दु:ख भी प्रिय हो जाता है,
नहीं चाहते जब हम दु:ख के बदले चिर सुख भी!
साथी साथ ना देगा दु:ख भी!
महाभारत के पात्र कौन सी भाषा में बोलते थे?
आर्यों की पुरानी भाषा ऋग्वेद की वैदिक संस्कृत ही थी। ऋग्वेद की भी एक काल अथवा एक स्थान पर रचना नहीं हुई। कुछ मन्त्रों की रचना कन्धार में, कुछ की सिन्धु तट पर, कुछ की यमुना गंगा के तट पर हुई। ऋग्वेद के बाद ब्राह्मण ग्रन्थों और सूत्र ग्रन्थों का सृजन हुआ। शास्त्रीय संस्कृत और लो-भाषा (लौकिक) में पर्याप्त अंतर था। विद्वान् ही केवल शुद्ध संस्कृत बोल पाते होंगे, साधारण लोग जो बोली बोलते थे, शायद वही कालान्तर में प्राकृत कहलाई। भाषा के इन दोनों रूपों का उदाहरण वाल्मीकि रामायण में मिलता है, जबकि अशोक वाटिका में पवन पुत्र ने सीता से द्विजी’ (संस्कृत) भाषा में बात करके मानुषी’ (प्राकृत) भाषा में बातचीत की। महावीर स्वामी ने जैन मत के तथा महात्मा बुद्ध ने बौद्ध मत के प्रसार के लिए लोकभाषा को ही अपनी वाणी का माध्यम बनाया। भास, कालिदास आदि के नाटकों में सुशिक्षित व्यक्ति तो संस्कृत बोलते हैं, परन्तु अशिक्षित पात्र -विट-चेट विदूषक तथा दास-दासियाँ आदि प्राकृत में बात करते हैं। 
भारत में कुल कितने पोस्ट ऑफिस हैं?                                                                                                                                                                                                    
फरवरी 2010 में इनकी संख्या 1,55,333 थी। 


सलीम अनारकली की कहानी सच है या झूठी?
लाहौर में अनारकली का मकबरा

सलीम-अनारकली की कहानी इतिहास सम्मत नहीं है, पर वह इतनी लोकप्रिय है कि लोग उसे ऐतिहासिक मानते हैं। यों मान्यता है कि अनारकली पंजाब में लाहौर के आसपास की रहने वाली थी। लाहौर में अनारकली की एक मज़ार भी है। लाहौर का अनारकली बाजार शहर का सबसे पुराना बाजार है।  

Saturday, July 9, 2011

वाशिंगटन डी.सी. में डी.सी. माने क्या है?


अमरीका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में डी.सी. का क्या अर्थ है?
देवराज शर्माशाहपुरा



वॉशिंगटन डीसी का अर्थ है वॉशिंगटन डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलम्बिया। अमेरिकी संविधान के अनुसार संघीय राजधानी एक अलग डिस्ट्रिक्ट के रूप में बनाई जा सकती है, जो किसी राज्य का हिस्सा न हो। यह शहर जॉर्ज वॉशिंगटन की स्मृति में बसाया गया है। अमेरिका में एक राज्य भी वॉशिंगटन है। उसका वॉशिंगटन डीसी से कोई सम्बन्ध नहीं है।



सुपरकंप्यूटर का आविष्कार कब व कहां हुआ? भारत में इसका प्रयोग कब शुरू हुआ?
राहुल पारीक, गुढ़ागौरजी, जिला झुंझुनूं


जापानी के सुपरकम्प्यूटर

सुपरकंप्यूटर उन कंप्यूटरों को कहते है जो गणना-शक्ति तथा कुछ अन्य मामलों में सबसे आगे होते हैं। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस सुपरकंप्यूटर बहुत बड़ी और अति सूक्ष्म गणनाएं तेजी से कर सकता है। इसमें कई माइक्रोप्रोसेसर एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिलतम समस्या का तुरंत हल निकाल लेते हैं। आधुनिक परिभाषा के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। इसकी गति को मेगा फ्लॉप से नापते है। इनका इस्तेमाल खासकर ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है, जिनमें कुछ ही क्षणों में बड़े पैमाने पर गणनाएं करने की जरूरत पड़ती है। मसलन, मौसम संबधी अनुसंधान, नाभिकीय हथियारों, क्वांटम फिजिक्स और रासायनिक यौगिकों के अध्ययन में सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है।
सुपरकंप्यूटरों की शुरूआत साठ के दशक से मानी जा सकती है। अमेरिका के कंट्रोल डेटा कॉरपोरेशन के इंजीनियर सेमूर क्रे ने सबसे पहले सुपर कंप्यूटर बनाया। बाद में क्रे ने अपनी कम्पनी क्रे रिसर्च बना ली। यह कम्पनी सुपर कंप्यूटर बनाने के क्षेत्र मेंएक दौर तक सबसे आगे थी। आज भी क्रे के अलावा आईबीएम और ह्यूलेट एंड पैकर्ड इस क्षेत्र में शीर्ष कम्पनियाँ हैं। पर हाल में जापान और चीन इस मामले में काफी तेजी से आगे बढ़े हैं। पिछले साल जून में  जारी दुनिया के 500 सुपर कम्प्यूटरों की सूची में चीन का कम्प्यूटर दूसरे नम्बर पर था। पहले दस में दो चीनी कम्प्यूटर थे। जापान का एक भी कंप्यूटर इस सूची में नहीं था। जून 2011 की सूची में जापान का के कंप्यूटर सूची में सबसे ऊपर है। जापान के इस कंप्यूटर की गति 8.2 पेटाफ्लॉप है। यह एक सेकंड में आठ क्वाड्रीबिलियन गणनाएं कर सकता है। एक क्वाड्रीबिलियन का अर्थ है 1 के आगे पन्द्रह शून्य। इसे और आसानी से समझना है तो समझें कि हम जो सामान्य पीसी देखते हैं वैसे दस लाख पीसी एक साथ काम पर लगा दिए जाएं तो इस कंप्यूटर के बराबर होंगे।

1980 के अंतिम दशक में भारत को अमेरिका ने क्रे सुपर कंप्यूटर देने से इनकार कर दिया था। वह एक ऐसा दौर था, जब भारत और चीन में तकनीकी क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी। सुपर कंप्यूटर के उपयोग से रॉकेट प्रक्षेपण, परमाणु विस्फोट के समय गणनाओं में आसानी हो जाती है, इसलिए भी अमेरिका के मन में भय था कि कहीं इसके द्वारा भारत अपने नाभिकीय ऊर्जा प्रसार कार्यक्रम को एक नया रूप न दे दे। भारतीय वैज्ञानिकों ने सी-डेक परम-8000 कंप्यूटर बनाकर अपनी क्षमताओं का एहसास करा दिया। 1988 में रूस ने भारत को सुपर कंप्यूटर देने की बात कही थी। लेकिन हार्डवेयर सही न होने के कारण रूस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। भारत ने सुपर कंप्यूटर बनाने के बाद परम 8000 जर्मनी, यूके और रूस को दिया। दुनिया के 500 सुपरकंप्यूटरों की नवीनतम सूची में चार भारत में हैं। भारत ने टेराफ्लॉप क्षमता के सुपर कंप्यूटर बनाए हैं। अब भारत पेटा फ्लॉप क्षमता का सुपर कंप्यूटर भी बना रहा है।

तीसरी दुनिया के देश कौन-कौनसे हैं? यह नाम किस तरह पड़ा
योगेश कुमार शर्मा, लक्ष्मणगढ़


तीसरी दुनिया शीतयुद्ध के समय का शब्द है। शीतयुद्ध यानी मुख्यतः अमेरिका और रूस का 
प्रतियोगिता काल। फ्रांसीसी डेमोग्राफर, मानवविज्ञानी और इतिहासकार अल्फ्रेड सॉवी ने 14 अगस्त 1952 को पत्रिका ल ऑब्जर्वेतो में प्रकाशित एक लेख में पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल किया था। इसका आशय उन देशों से था जो न तो कम्युनिस्ट रूस के साथ थे और न पश्चिमी पूँजीवादी खेमे के नाटो देशों के साथ थे। इस अर्थ में गुट निरपेक्ष देश तीसरी दुनिया के देश भी थे। इनमें भारत, मिस्र, युगोस्लाविया, इंडोनेशिया, मलेशिया, अफगानिस्तान समेत एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के तमाम विकासशील देश थे। यों माओत्से तुंग का भी तीसरी दुनिया का एक विचार था। पर आज तीसरी दुनिया शब्द का इस्तेमाल कम होता जा रहा है।  


क्या सांप दूध पीता है?
शिवरतन, अहमदाबाद

दूध स्तनपायी प्राणियों का भोजन है। साँप दूध पीने वाला प्राणी नहीं है। हो सकता है कभी वह दूध पर मुँह लगाता या चाटता दीख जाए, पर यह दूध पीना नहीं है। प्यास बुझाने के लिए भी वह पानी पीना पसन्द करेगा। 

राजस्थान पत्रिका में मेरे कॉलम नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
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