अमरीका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में डी.सी. का क्या अर्थ है?
- देवराज शर्मा, शाहपुरा
सुपरकंप्यूटर का आविष्कार कब व कहां हुआ?
भारत में इसका प्रयोग कब शुरू हुआ?
राहुल पारीक, गुढ़ागौरजी, जिला झुंझुनूं
जापानी के सुपरकम्प्यूटर |
सुपरकंप्यूटर उन कंप्यूटरों को कहते है जो
गणना-शक्ति तथा कुछ अन्य मामलों में सबसे आगे होते हैं। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस
सुपरकंप्यूटर बहुत बड़ी और अति सूक्ष्म गणनाएं तेजी से कर सकता है। इसमें कई माइक्रोप्रोसेसर
एक साथ काम करते हुए किसी भी जटिलतम समस्या का तुरंत हल निकाल लेते हैं। आधुनिक परिभाषा
के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते
हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता
है। इसकी गति को मेगा फ्लॉप से नापते है। इनका इस्तेमाल खासकर ऐसे क्षेत्रों में किया
जाता है, जिनमें कुछ ही क्षणों में बड़े पैमाने पर गणनाएं करने की जरूरत पड़ती है।
मसलन, मौसम संबधी अनुसंधान, नाभिकीय हथियारों, क्वांटम
फिजिक्स और रासायनिक यौगिकों के अध्ययन में सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है।
सुपरकंप्यूटरों की शुरूआत साठ के दशक से मानी
जा सकती है। अमेरिका के कंट्रोल डेटा कॉरपोरेशन के इंजीनियर सेमूर क्रे ने सबसे पहले
सुपर कंप्यूटर बनाया। बाद में क्रे ने अपनी कम्पनी क्रे रिसर्च बना ली। यह कम्पनी सुपर
कंप्यूटर बनाने के क्षेत्र मेंएक दौर तक सबसे आगे थी। आज भी क्रे के अलावा आईबीएम और
ह्यूलेट एंड पैकर्ड इस क्षेत्र में शीर्ष कम्पनियाँ हैं। पर हाल में जापान और चीन इस
मामले में काफी तेजी से आगे बढ़े हैं। पिछले साल जून में जारी दुनिया के 500 सुपर कम्प्यूटरों की सूची में चीन
का कम्प्यूटर दूसरे नम्बर पर था। पहले दस में दो चीनी कम्प्यूटर थे। जापान का एक भी
कंप्यूटर इस सूची में नहीं था। जून 2011 की सूची में जापान का के कंप्यूटर सूची में
सबसे ऊपर है। जापान के इस कंप्यूटर की गति 8.2 पेटाफ्लॉप है। यह एक सेकंड में आठ क्वाड्रीबिलियन
गणनाएं कर सकता है। एक क्वाड्रीबिलियन का अर्थ है 1 के आगे पन्द्रह शून्य। इसे और आसानी
से समझना है तो समझें कि हम जो सामान्य पीसी देखते हैं वैसे दस लाख पीसी एक साथ काम
पर लगा दिए जाएं तो इस कंप्यूटर के बराबर होंगे।
1980 के अंतिम दशक में भारत को अमेरिका ने
क्रे सुपर कंप्यूटर देने से इनकार कर दिया था। वह एक ऐसा दौर था, जब
भारत और चीन में तकनीकी क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी। सुपर कंप्यूटर के उपयोग से रॉकेट
प्रक्षेपण, परमाणु विस्फोट के समय गणनाओं में आसानी हो जाती है, इसलिए
भी अमेरिका के मन में भय था कि कहीं इसके द्वारा भारत अपने नाभिकीय ऊर्जा प्रसार कार्यक्रम
को एक नया रूप न दे दे। भारतीय वैज्ञानिकों ने सी-डेक परम-8000 कंप्यूटर बनाकर अपनी
क्षमताओं का एहसास करा दिया। 1988 में रूस ने भारत को सुपर कंप्यूटर देने की बात कही
थी। लेकिन हार्डवेयर सही न होने के कारण रूस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। भारत
ने सुपर कंप्यूटर बनाने के बाद परम 8000 जर्मनी, यूके और रूस को दिया। दुनिया के 500 सुपरकंप्यूटरों
की नवीनतम सूची में चार भारत में हैं। भारत ने टेराफ्लॉप क्षमता के सुपर कंप्यूटर बनाए
हैं। अब भारत पेटा फ्लॉप क्षमता का सुपर कंप्यूटर भी बना रहा है।
तीसरी दुनिया के देश कौन-कौनसे हैं? यह नाम किस तरह पड़ा?
योगेश कुमार शर्मा, लक्ष्मणगढ़
तीसरी दुनिया शीतयुद्ध के समय का शब्द है।
शीतयुद्ध यानी मुख्यतः अमेरिका और रूस का
प्रतियोगिता काल। फ्रांसीसी डेमोग्राफर, मानवविज्ञानी
और इतिहासकार अल्फ्रेड सॉवी ने 14 अगस्त 1952 को पत्रिका ल ऑब्जर्वेतो में प्रकाशित एक लेख में पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल किया था। इसका आशय उन देशों से था जो न तो कम्युनिस्ट
रूस के साथ थे और न पश्चिमी पूँजीवादी खेमे के नाटो देशों के साथ थे। इस अर्थ में गुट
निरपेक्ष देश तीसरी दुनिया के देश भी थे। इनमें भारत, मिस्र, युगोस्लाविया, इंडोनेशिया,
मलेशिया, अफगानिस्तान समेत एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के तमाम विकासशील देश थे।
यों माओत्से तुंग का भी तीसरी दुनिया का एक विचार था। पर आज तीसरी दुनिया शब्द का इस्तेमाल
कम होता जा रहा है।
क्या सांप दूध
पीता है?
शिवरतन, अहमदाबाद
दूध स्तनपायी
प्राणियों का भोजन है। साँप दूध पीने वाला प्राणी नहीं है। हो सकता है कभी वह दूध पर
मुँह लगाता या चाटता दीख जाए, पर यह दूध पीना नहीं है। प्यास बुझाने के लिए भी वह पानी
पीना पसन्द करेगा।
राजस्थान पत्रिका में मेरे कॉलम नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
आज पहली बार वाशिगंटन डी सी के बारे में जान पाया
ReplyDeleteसाँप दूध नहीं पीता है, आश्चर्य हुआ पढकर
जानकारी के लिए आभार।
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आज पहली बार वशिंगटन डि. सी के बारे मे जाना
ReplyDeleteThanks.
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