पृथ्वी अपनी धुरी पर किस गति से घूमती है?
23 घंटे 56 मिनट 4.09 सेकंड में धरती अपनी धुरी पर पूरी तरह घूम जाती है. ऐसा माना जाता है कि धरती की घूमने की रफ्तार धीरे-धीरे कम होती जा रही है. अब से 4.8 अरब साल पहले धरती अपनी धुरी पर लगभग 10 घंटे में एक चक्कर लगा लेती थी. इस प्रकार तब दिन और रात आज के मुकाबले काफी छोटे होते थे. वैज्ञानिकों का आकलन है कि सौ साल में धरती के घूमने की गति में करीब तीस सेकंड का इजाफा हो रहा है. इससे धीरे-धीरे साल के दिनों की संख्या कम होती जाएगी. तकरीबन साठ करोड़ साल पहले 455 दिन का साल होता था. एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि पृथ्वी के कोर में हो रही उथल-पुथल दिनों की लंबाई को प्रभावित करती है. यों पृथ्वी का अपनी धुरी पर दूसरी बातों से भी तय होता है. जैसे हवा के विपरीत पर्वत श्रृंखलाओं का होना भी गति धीमी करता है. ब्रिटेन के लिवरपूल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने वर्ष 1962 से 2010 के दिनों की लंबाई और पृथ्वी के कोर के अध्ययन के दौरान दिन की लंबाई में फर्क देखा. सन 2011 में जापान के भूकंप से धरती कुछ इतनी हिली कि यह कुछ तेज घूमने लगी और इसके कारण दिन सामान्य से थोड़ा छोटा हो गया. उस समय अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के भू-भौतिकी विज्ञानी रिचर्ड ग्रास ने गणना करने के बाद बताया कि पृथ्वी की अपनी धुरी पर चक्कर लगाने की गति 1.6 माइक्रोसेकंड बढ़ गई. यों वर्ष 2004 में सुमात्रा के भूकंप से दिन 6.8 माइक्रोसेकंड छोटा हो गया था. यानी भूकम्पों के कारण गति का बढ़ना और घटना दोनों बातें सम्भव हैं.