हींग क्या होती है?
हींग एशिया में पाए जाने
वाले सौंफ की प्रजाति के फेरूला फोइटिस नामक पौधे का चिकना रस है। ये पौधे-ईरान, अफगानिस्तान, तुर्की, बलूचिस्तान, अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों
में अधिक होते हैं। भारत में हींग की खेती बहुत कम मात्रा में होती है। इस पौधे की
टहनियाँ 6 से 10 फ़ुट तक ऊँची हो जाती
हैं। इस पर हरापन लिए पीले रंग के फूल निकलते हैं। इसकी जड़ों को काटा जाता है
जहाँ से एक दूधिया रस निकलता है। फिर इसे इकट्ठा कर लेते हैं। सूखने पर यह भूरे
रंग के गोंद जैसा हो जाता है, यही हींग है। ईरान में लगभग हर तरह के भोजन में इसका
प्रयोग किया जाता है। भारत में हींग का काफी इस्तेमाल होता है। इसे संस्कृत में 'हिंगु' कहा जाता है। इसमें औषधीय
गुण भी अनेक हैं। हाजमे के लिए हींग बहुत अच्छी है। यह खाँसी भी दूर करती है।
सनातन धर्म क्या है?
सनातन धर्म अपने मूल रूप हिन्दू
धर्म का नाम है। वैदिक काल में भारतीय भूखंड के धर्म के लिए 'सनातन धर्म' नाम मिलता है। 'सनातन' का अर्थ है-शाश्वत या 'हमेशा बना रहने वाला'। जिसका न आदि है न अन्त। यह मूलत: भारतीय धर्म है, जो किसी ज़माने में वृहत्तर भारत में व्याप्त था। सिन्धु
नदी को यूनानियों ने इंडस कहा जिसके आधार पर हमारे देश को यूरोप ने इंडिया नाम दिया।
अरबी फारसी में स का उच्चारण ह की तरह करने पर सिन्धु नदी पार के लोगों को हिन्दू और
स्थान को हिन्दुस्तान कहा गया। भारत के अपने पुराने साहित्य में हिन्दू शब्द नहीं मिलता।
जी-20 क्या है?
26 सितंबर 1999 को अमेरिका
की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में विश्व के सात प्रमुख देशों के संगठन जी-7 ने एक नया संगठन
बनाने की घोषणा की थी। उभरती आर्थिक ताक़तों की खराब वित्तीय स्थिति से बने चिंता के
माहौल के बीच गठित इस संगठन का नाम दिया गया-जी 20। उस वक्त यह विश्व की 20 प्रमुख
अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के संगठन के रूप में
सामने आया था, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल थे। जी-20 के सदस्य देशों में फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ
शामिल हैं। इन देशों के अलावा इसके सम्मेलनों में दुनिया भर के तमाम संगठनों और देशों
को समय-समय पर निमंत्रित किया जाता है। वस्तुतः इस समय दुनिया की आर्थिक परिघटनाओं,
खासतौर से वैश्विक मंदी के मद्दे-नजर यह सबसे प्रभावशाली संगठन है। इस संगठन का कोई
स्थायी सचिवालय नहीं है, पर अब प्रयास किया जा रहा है कि स्थायी सचिवालय बने। इसकी
अध्यक्षता हर साल बदलती है। इस समय यह भारत के पास है। इस साल इसका शिखर सम्मेलन 9-10
सितंबर को नई दिल्ली में होगा।
राजस्थान पत्रिका के
नॉलेज कॉर्नर में 11 मार्च, 2023 को प्रकाशित