नेट न्यूट्रैलिटी क्या है?
नेट न्यूट्रैलिटी तकनीकी जटिलताओं से घिरी वैश्विक-अवधारणा
है. इसका वास्ता इंटरनेट के सेवा शुल्क से है. टेलीकॉम ऑपरेटर, फोन कम्पनियाँ और
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर इस स्थिति में होते हैं कि वे उपभोक्ता को प्राप्त सेवा
को नियंत्रित कर सकें. मसलन आपकी पहुँच किस साइट तक हो, किस स्पीड से हो और आप से
किस सेवा का क्या शुल्क वसूला जाए. नेट न्यूट्रैलिटी उस अवधारणा का नाम है जो यह
कहती है कि दुनिया को सूचना और जानकारी देने तथा अभिव्यक्ति की निर्बाध स्वतंत्रता
तथा ऑनलाइन कारोबार को सहूलियत के साथ चलाने के लिए जरूरी है कि नेट तक यह पहुँच
निर्बाध और तटस्थ हो. सभी साइटों तक समान रूप से उपभोक्ता की पहुँच हो. सबकी स्पीड
समान हो और प्रति किलोबाइट-मेगाबाइट डेटा-मूल्य समान हो. इंटरनेट कम्पनियों की न
तो लाइसेंसिंग जैसी कोई व्यवस्था हो और न गेटवे हों. इसी तरह किसी साइट को
निःशुल्क बनाने जैसी विशिष्ट सुविधा भी नहीं हो. उन्हें किसी सेवा को न तो ब्लॉक
करना चाहिए और न ही उसकी स्पीड स्लो करनी चाहिए. वैसे ही जैसे सड़क पर हर तरह के
ट्रैफिक के साथ समान बर्ताव किया जाए. यह विचार उतना ही पुराना है जितना कि
इंटरनेट लेकिन 'इंटरनेट निरपेक्षता' शब्द दस साल पहले चलन में आया.