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Saturday, August 12, 2023

अक्षय ऊर्जा क्या होती है?

अक्षय मायने जिसका अंत नहीं है। अक्षय-ऊर्जा ऐसे स्रोत से प्राप्त ऊर्जा है, जिसका बार-बार इस्तेमाल होता रहे। मसलन पेट्रोल या लकड़ी जल जाने के बाद उसका दूसरी बार इस्तेमाल नहीं हो सकता। अक्षय-ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली बनाने, वाहनों को चलाने, गर्मी पैदा करने या कूलिंग के लिए किया जाता है। ज्यादातर ऐसी ऊर्जा प्रदूषण भी पैदा नहीं करती या कम से कम करती है। इनमें प्राकृतिक प्रक्रिया के तहत सौर, पवन, सागर, पनबिजली, बायोमास, भूतापीय संसाधनों और जैव ईंधन और हाइड्रोजन वगैरह शामिल हैं। दुनिया में इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। सन 2011 में ऊर्जा के वैश्विक इस्तेमाल में इसका प्रतिशत 20 था, जो 2021 में बढ़कर 28 हो गया।

इंटरनेशनल इनर्जी एजेंसी के अनुसार 2022 में केवल सौर, पवन, जल और भूतापीय ऊर्जा में 8 फीसदी की वृद्धि हुई। इस प्रकार वैश्विक ऊर्जा में इनकी हिस्सेदारी 5.5 प्रतिशत हो गई। इसी तरह आधुनिक जैव-ऊर्जा की हिस्सेदारी 6.8 प्रतिशत हो गई। 2022 का वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ढीला रहा, क्योंकि कोविड-19 के कारण ऊर्जा की माँग घट रही थी, पर अक्षय-ऊर्जा में तेजी से वृद्धि हो रही थी।

भारत में फरवरी 2023 तक 122 गीगावॉट अक्षय-ऊर्जा की क्षमता का निर्माण हो चुका था। इसमें पनबिजली और नाभिकीय ऊर्जा शामिल नहीं है। यह लक्ष्य से कम है, क्योंकि सरकार ने 2022 के अंत तक 175 गीगावॉट क्षमता के निर्माण का लक्ष्य रखा था। भारत ने 2030 तक देश में गैर-जीवाश्म (गैर-पेट्रोलियम) ऊर्जा का स्तर 50 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है। फरवरी 2023 तक देश में कोयले से चलने वाले ताप-बिजलीघर कुल बिजली का 78.2 प्रतिशत बना रहे थे।

ह्वाइट कॉलर जॉब?

ह्वाइट कॉलर शब्द एक अमेरिकी लेखक अपटॉन सिंक्लेयर ने 1930 के दशक में गढ़ा. औद्योगीकरण के साथ शारीरिक श्रम करने वाले फैक्ट्री मजदूरों की यूनीफॉर्म डेनिम के मोटे कपड़े की ड्रेस हो गई। शारीरिक श्रम न करने वाले कर्मचारी सफेद कमीज़ पहनते। इसी तरह खदानों में काम करने वाले ब्लैक कॉलर कहलाते। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कर्मियों के लिए अब ग्रे कॉलर शब्द चलने लगा है।

राजस्थान पत्रिका के 12 अगस्त, 2023 के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित 

Thursday, July 16, 2015

युनाइटेड किंगडम, इंग्लैंड और ग्रेट ब्रिटेन में अंतर क्या है?

युनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड को युनाइटेड किंगडम, यूके और ब्रिटेन भी कहते हैं. कई बार लोग इसे इंग्लैंड भी कहते हैं. दरअसल यूके, ग्रेट ब्रिटेन और इंग्लैंड एक ही जगह के नाम नहीं हैं. युनाइटेड किंगडम एक स्वतंत्र सम्प्रभु देश है. ग्रेट ब्रिटेन एक द्वीप है और इंग्लैंड द्वीप का एक हिस्सा है. यूके में ऐतिहासिक कालक्रम में चार देश शामिल हो गए. इनके नाम हैं इंग्लैंड, नॉर्दर्न आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स. यूके में संसदीय राजतंत्र है, जिसकी एक संसद है. इसकी राजधानी लंदन है. इसमें ग्रेट ब्रिटेन द्वीप के अलावा आयरलैंड द्वीप का उत्तरी हिस्सा शामिल है. उत्तरी आयरलैंड को छोड़कर शेष यूके की जमीनी सीमा किसी दूसरे देश की सीमा से नहीं मिलती. उत्तरी आयरलैंड की सीमा आयरलैंड गणराज्य से मिलती है.

इस देश का यह नाम सन 1927 से प्रचलन में है. इसके पहले 1801 में युनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड आयरलैंड बना था. पर 1922 तक आयरलैंड का काफी हिस्सा इससे अलग हो चुका था. इसके पहले सन 1707 में किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन बना था जिसमें किंगडम ऑफ इंग्लैंड तथा किंगडम ऑफ स्कॉटलैंड का विलय हुआ था. आपने देखा होगा कि कॉमनवैल्थ गेम्स में यूके के चारों देशों की टीमों ने हिस्सा लिया था. हाल के वर्षों तक उत्तरी आयरलैंड की स्वायत्तता को लेकर हिंसक आंदोलन भी चलता रहा. उत्तरी आयरलैंड के नेशनलिस्ट, जो रोमन कैथलिक थे इसे आयरलैंड का हिस्सा बनाना चाहते थे और यूनियनिस्ट्स जो प्रोटेस्टेंट थे इसे यूके के साथ रखना चाहते थे. फिलहाल 1998 के गुडफ्रायडे समझौते के बाद उत्तरी आयरलैंड में सशस्त्र संग्राम खत्म हो गया.

कुछ लोगों के गाल में हँसते समय डिंपल क्यों पड़ते हैं?
गालों के गड्ढे फेशियल मसल्स की डिफॉर्मिटी है. कोई कमी रह जाती है गाल की मसल में कि गड्ढा बन जाता है, पर हम इसे सौन्दर्य के रूप में देखते हैं. सभी के इसलिए नहीं पड़ते क्योंकि कुदरत ने सब के गाल जैसे बनाने चाहे वैसे ही बने. कही-कहीं उससे गलती हो गई.

ह्वाइट कॉलर जॉब किसे कहते हैं?
ह्वाइट कॉलर शब्द एक अमेरिकी लेखक अपटॉन सिंक्लेयर ने 1930 के दशक में गढ़ा. औद्योगीकरण के साथ शारीरिक श्रम करने वाले फैक्ट्री मजदूरों की यूनीफॉर्म डेनिम के मोटे कपड़े की ड्रेस हो गई. शारीरिक श्रम न करने वाले कर्मचारी सफेद कमीज़ पहनते. इसी तरह खदानों में काम करने वाले ब्लैक कॉलर कहलाते. सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कर्मियों के लिए अब ग्रे कॉलर शब्द चलने लगा है.

क्या कोई ऐसा देश भी है जहाँ जेल नहीं हैं?
वैटिकन सिटी में जेल नहीं है. अलबत्ता वहाँ पुलिस व्यवस्था है और न्याय व्यवस्था भी. यहाँ किसी व्यक्ति को सजा होती भी है तो उसे इटली की जेलों में रखा जाता है. वैटिकन सिटी को सम्प्रभुता सम्पन्न राज्य की मान्य परिभाषाओं में रखा जा सकता है, पर वह संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं केवल स्थायी पर्यवेक्षक है. इस देश की अपनी सेना नहीं है.

वकील काले कोट क्यों पहनते हैं?
अदालतों की वेशभूषा हमारे यहाँ अंग्रेजी राज की निशानी है. यूरोप में न्यायाधीश और वकील लबादे पहनते हैं. ये लबादे पुराने राज दरबारों और गिरजाघरों के पादरी भी पहनते हैं. दरबारों में इनके रंग लाल, काले और सफेद भी होते हैं. विश्वविद्यालयों के दीक्षा समारोहों में भी से लबादे पहने जाते हैं. ये लबादे उत्तम कर्म यानी नोबेल प्रोफेशन से जुड़े हैं. न्यायाधीश लबादों के अलावा सिर पर खास प्रकार की टोपी भी पहनते थे.

बहरहाल इन परिधानों में दुनिया भर में बदलाव हो रहे हैं. हमारे यहाँ भी ऐसी माँग उठती है कि वकीलों के परिधान में बदलाव किया जाए. हमारे वकील सफेद कपड़ों पर काले कोट और सफेद रंग की नेकटाई लगाते हैं, जिसमें दो पट्टियाँ सामने की ओर होती हैं. इसे अब वकील अब अपने चिह्न की तरह इस्तेमाल में लाते हैं. इस काले और सफेद के पीछे कुछ कारण बताए जाते हैं. सबसे बड़ा कारण हैं इस व्यवसाय की अंतर्विरोधी प्रवृत्ति का. न्याय से जुड़े लोगों को दो विपरीत धारणाओं के बीच में से न्यायपूर्ण निर्णय को निकालना होता है. सफेद और काले रंग विपरीत धारणाओं के प्रतीक है. एक बात यह भी कही जाती है कि काला रंग सुरक्षा का रंग है. वकील अपने मुवक्किल की रक्षा का प्रयास करता है.

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
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