Saturday, July 28, 2012

गर्मियों में पसीना ज़्यादा क्यों आता है, जबकि सर्दियों में नहीं आता?



रवि शर्मा, सीकर

गर्मियों में पसीना आने की सबसे बड़ी वजह है त्वचा को ठंडा रखने की कोशिश। स्तनधारियों की त्वचा में पसीने की ग्रंथियों से निकलने वाला एक तरल पदार्थ है, जिसमें पानी मुख्य रूप से शामिल हैं और साथ ही विभिन्न क्लोराइड तथा यूरिया की थोडी सी मात्रा होती है। तेज़ गर्मी में त्वचा की सतह गर्म होने पर शरीर पानी छोड़कर उसे ठंडा करने की कोशिश करता है। गर्म मौसम में, या व्यक्ति की मांसपेशियों को मेहनत के काम करने के कारण, शरीर पसीने का उत्पादन करता है। सर्दियों में उसकी ज़रूरत नहीं होती इसलिए वह नहीं निकलता। हमारे मस्तिष्क के हायपोथेलेमस के प्रियॉप्टिक और एंटेरियर क्षेत्रों के एक केंद्र से पसीना नियंत्रित होता है, जहां तापमान से जुड़े न्यूरॉन्स होते हैं। त्वचा में तापमान रिसेप्टर्स से प्राप्त सूचनाओं से मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है और पसीना निकलने लगता है।

तन्दूरी खाना बनाना कहाँ शुरू हुआ? 
अंकित चौहान, इन्दौर
तन्दूर भारत-पाकिस्तान, पश्चिमी और मध्य एशिया के देशों में सबसे ज्यादा प्रचलित है। सबसे पुराने तन्दूरों के अवशेष सिंधु घाटी की सभ्यता में मिले हैं। उसके पुराने अवशेष भी इसी इलाके में मिले हैं। स्वाभाविक है कि तन्दूरी खाना इसी इलाके में शुरू हुआ होगा। पुराने ज़माने में आग के अलाव में खाना सीधे पकाया जाता था। उस आग को घेरकर चारों ओर मिट्टी की दीवारें बनाने का विचार आया होगा। धीरे-धीरे इन दीवारों का इस्तेमाल भी होने लगा। 

जुलाई महीने को जुलाई क्यों कहते हैं?
अर्चना शुक्ला, रायपुर

हम जिस कैलेंडर में जुलाई के महीने का ज़िक्र कर रहे हैं, उसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहते हैं। इसका एक नाम जूलियन कैलेंडर भी है। इसकी वजह है कि इसे जूलियस सीज़र ने सुधार कर लागू कराया। जूलियस सीज़र के नाम पर ही इस महीने का नाम जुलाई है। यह नाम कैसे पड़ा इसपर बात करने के पहले बता दें कि पहले रोमन कैलेंडर में दस महीने होते थे। मार्च से शुरू होकर दिसम्बर तक। उनके नाम होते थे मार्शियस, एप्रिलिस, मेईयस, जूनियस, क्विंटिलिस, सेक्स्टिलिस, सेप्टेम्बर, ऑक्टोबर, नोवेम्बर और डेसेम्बर। भारी सर्दियों वाले दो महीनों के नाम नहीं होते थे। ईसा पूर्व 700 साल पहले रोम के राजा न्यूमा पोम्पिलस ने इनके नाम जैनुआरिस और फेब्रुआरिस रख दिए। और साल की शुरूआत जैनुआरिस से कर दी। ईपू 46 में जूलियस सीज़र ने साल के महीनों को व्यवस्थित कर दिया। इसके दो साल बाद उनकी हत्या कर दी गई। उनका जन्म क्विंटिलिस महीने में हुआ था। सीज़र के उत्तराधिकारी ऑगस्टस सीज़र ने इस महीने के नाम जुलाई रख दिया। ग्यारह साल बाद जब ऑगस्टस का निधन हुआ तो उनकी याद में सेक्स्टिलिस महीने का नाम ऑगस्ट रख दिया गया।

राजस्थान पत्रिका के 22 जुलाई 2012 के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

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