आपरेशन के रूम को आपरेशन थिएटर क्यों कहते हैं, जबकि वहां न कोई नाटक होता है और ना ही कोई ऑडियंस?
ऑपरेशन रूम अमेरिकी इस्तेमाल है और ऑपरेशन थिएटर ब्रिटिश। इन्हें ऑपरेशन रूम या कक्ष कहना ही बेहतर है, पर इन्हें थिएटर कहने के पीछे बाकायदा प्रदर्शन की व्यवस्था है जो थिएटर का महत्वपूर्ण पक्ष है। मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के सर्जरी से परिचित कराने के लिए ऐसी व्यवस्थाएं की गईं थीं, जिनमें एक गोल थिएटर जैसे मंच के चारों ओर गोल घेरे में बैठने के स्थान बनाए गए। पर मूलतः सन 1884 में जर्मन सर्जन गुस्ताब न्यूबर ने ऑपरेशन के लिए साफ-सुथरी कीटाणु मुक्त व्यवस्था की कल्पना की थी, जिसमें गाउन, कैप, शू कवर तक ऐसे पहनने होते थे, जो डिसइनफैक्टेड होते थे।
ऑपरेशन रूम अमेरिकी इस्तेमाल है और ऑपरेशन थिएटर ब्रिटिश। इन्हें ऑपरेशन रूम या कक्ष कहना ही बेहतर है, पर इन्हें थिएटर कहने के पीछे बाकायदा प्रदर्शन की व्यवस्था है जो थिएटर का महत्वपूर्ण पक्ष है। मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के सर्जरी से परिचित कराने के लिए ऐसी व्यवस्थाएं की गईं थीं, जिनमें एक गोल थिएटर जैसे मंच के चारों ओर गोल घेरे में बैठने के स्थान बनाए गए। पर मूलतः सन 1884 में जर्मन सर्जन गुस्ताब न्यूबर ने ऑपरेशन के लिए साफ-सुथरी कीटाणु मुक्त व्यवस्था की कल्पना की थी, जिसमें गाउन, कैप, शू कवर तक ऐसे पहनने होते थे, जो डिसइनफैक्टेड होते थे।
हालांकि डेंगू शब्द का इस्तेमाल काफी होने लगा है, पर इस शब्द का सही उच्चारण डेंगी है। यह स्पष्ट नहीं है कि शब्द कहां से आया। कुछ लोगों का मानना है कि यह शब्द स्वाहीली के वाक्यांश का-डिंगा पेपो से आया है। यह वाक्यांश बुरी आत्माओं से होने वाली बीमारी के बारे में बताता है। माना जाता है कि स्वाहीली शब्द डिंगा स्पेनी के शब्द डेंगी से बना है। इस शब्द का अर्थ है "सावधान"। वह शब्द एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने के लिए उपयोग किया गया हो सकता है जो डेंगू बुखार के हड्डी के दर्द से पीड़ित हो; वह दर्द उस व्यक्ति को सावधानी के साथ चलने पर मजबूर करता होगा। यह भी संभव है कि स्पेनी शब्द स्वाहीली भाषा से आया हो। कुछ का मानना है कि "डेंगू" नाम वेस्ट इंडीज़ से आया है। वेस्ट इंडीज़ में, डेंगू से पीड़ित लोग कमर दर्द के कारण डैंडी की तरह अकड़े हुए चलते थे। इसी कारण से बीमारी को भी "डैंडी फीवर" कहा जाता था। इसे कमरतोड़ बुखार भी कहते हैं।
मेजर ध्यानचंद ने कितने गोल किए थे अपने पूरे खेल जीवन में ? क्या किसी और हॉकी खिलाडी ने उनके बराबर या उनसे ज्यादा गोल किए हैं?
ध्यानचंद ने तीन ओलिम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा तीनों बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया। वे जिस ज़माने में खेलते थे उन दिनों हॉकी के रिकॉर्ड रखने की परम्परा नहीं थी। आज भी नहीं है मैने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ की साइट पर सबसे ज़्यादा गोल स्कोर के आँकड़ों को देखना चाहा तो नहीं मिले। बहरहाल जो जानकारियाँ हैं वह बताता हूँ। तब एक ओलिम्पिक प्रतियोगिता होती थी, वह भी चार साल में। आज कई तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं। भारत ने 1932 में 37 मैच में 338 गोल किए, जिसमें 133 गोल ध्यानचंद ने किए थे। दूसरे विश्व युद्ध से पहले ध्यानचंद ने 1928 (एम्सटर्डम), 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) में लगातार तीन ओलिंपिक में भारत को हॉकी में गोल्ड मेडल दिलाए। बहरहाल इन दिनों माना जाता है कि पाकिस्तान के सुहेल अब्बास ने 9 अगस्त 2012 तक अंतरराष्ट्रीय मैचों में 348 गोल किए हैं। इसे विश्व रिकॉर्ड माना जाता है।
यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड यरलैंड के डाक टिकटों पर देश का नाम नहीं होता। इसकी वजह यह है कि इन देशों में ही डाक टिकटों की शुरूआत हुई थी और इन्होंने तब अपने देशों के नाम डिकट पर नहीं डाले थे। हाँ इन टिकटों पर देश राजतंत्र की छवि ज़रूर होती है।
हिंदी को खड़ी बोली क्यों कहा जाता है?
हिन्दी को खड़ी बोली नहीं कहा जाता, बल्कि कहा यह जाता है कि आज की जो मानक हिन्दी है वह खड़ी बोली से निकली है। खड़ी बोली पश्चिम रुहेलखंड, गंगा के उत्तरी दोआब तथा अंबाला जिले की उपभाषा है जो ग्रामीण जनता के द्वारा मातृभाषा के रूप में बोली जाती है। इसे कौरवी भी कहते हैं। कौरवों की बोली। इस प्रदेश में रामपुर, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, देहरादून का मैदानी भाग, अंबाला तथा कलसिया और भूतपूर्व पटियाला रियासत के पूर्वी भाग आते हैं। मुसलमानी प्रभाव के निकटतम होने के कारण इस बोली में अरबी फारसी के शब्दों का व्यवहार हिंदी प्रदेश की अन्य उपभाषाओं की अपेक्षा अधिक है। इससे ही उर्दू निकली। हिन्दी में ब्रज, अवधी, भोजपुरी, राजस्थानी, मागधी वगैरह बोलियाँ हैं। खड़ी बोली अनेक नामों से पुकारी गई है, जैसे हिंदुई, हिंदवी, दक्खिनी, दखनी या दकनी, रेखता, हिंदोस्तानी, हिंदुस्तानी आदि। डा. ग्रियर्सन ने इसे वर्नाक्युलर हिंदुस्तानी तथा डा. सुनीति कुमार चटर्जी ने इसे जनपदीय हिंदुस्तानी का नाम दिया है। डा. चटर्जी खड़ी बोली के साहित्यिक रूप को साधु हिंदी या नागरी हिंदी कहते थे और डा. ग्रियर्सन ने इसे हाई हिंदी का नाम दिया। अनेक विद्वान खड़ी का अर्थ सुस्थित, प्रचलित, सुसंस्कृत, परिष्कृत या परिपक्व ग्रहण करते हैं। खड़ी बोली को खरी बोली भी कहा गया है।
क्या किसी मंदिर में भारत माता की पूजा की जाती है?
देश में कई जगह भारता माता मंदिर बनाए गए हैं। वाराणसी में राजघाट पर स्थित अपने ढंग का अनोखा भारतमाता मंदिर है। इस मंदिर की आराध्य भारत माता हैं। यहां पर पूजा, कर्मकाण्ड या दूसरे मंदिरों जैसे घंटा घड़ियाल नहीं बजते हैं और न ही पंडितों पुरोहितों की खींचतान होती है। यह मंदिर हिन्दू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई जैसे जाति या साम्प्रदायिक और उन्मादी धार्मिक भावना से कोसों दूर सर्वधर्म समभाव का संदेश देता है। मंदिर का उद्घाटन 25 अक्टूबर 1931 को महात्मा गांधी ने किया था। मंदिर के 81 वर्ष पूरे हो गए हैं। मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा था कि इस मंदिर में किसी देवता या देवी की मूर्ति नहीं है, यहां संगमरमर पर उभरा हुआ भारत का एक मानचित्र भर है। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा मंदिर है, जहां भारत माता की पूजा होती है। इस मंदिर में कोई आरती नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति गीतों की गूंज सुनाई देती है। सद्गुरु धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट ने आम जन में राष्ट्रीय भावना जागृत करने के मकसद से सुखलिया इलाके में भारत माता मंदिर का निर्माण कराया है। मंदिर में बॉर्डर वाली गहरे रंग की साड़ी पहने हाथ में तिरंगा थामे भारत माता की प्रतिमा के पीछे भारत का नक्शा बना हुआ है। इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं। हिसार की एम.सी. कॉलोनी में भी एक भारत माता मंदिर बनाया गया है।
क्या पेंगुइन सामूहिक आत्महत्या करते हैं? क्यों?
हिंदी को खड़ी बोली क्यों कहा जाता है?
हिन्दी को खड़ी बोली नहीं कहा जाता, बल्कि कहा यह जाता है कि आज की जो मानक हिन्दी है वह खड़ी बोली से निकली है। खड़ी बोली पश्चिम रुहेलखंड, गंगा के उत्तरी दोआब तथा अंबाला जिले की उपभाषा है जो ग्रामीण जनता के द्वारा मातृभाषा के रूप में बोली जाती है। इसे कौरवी भी कहते हैं। कौरवों की बोली। इस प्रदेश में रामपुर, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, देहरादून का मैदानी भाग, अंबाला तथा कलसिया और भूतपूर्व पटियाला रियासत के पूर्वी भाग आते हैं। मुसलमानी प्रभाव के निकटतम होने के कारण इस बोली में अरबी फारसी के शब्दों का व्यवहार हिंदी प्रदेश की अन्य उपभाषाओं की अपेक्षा अधिक है। इससे ही उर्दू निकली। हिन्दी में ब्रज, अवधी, भोजपुरी, राजस्थानी, मागधी वगैरह बोलियाँ हैं। खड़ी बोली अनेक नामों से पुकारी गई है, जैसे हिंदुई, हिंदवी, दक्खिनी, दखनी या दकनी, रेखता, हिंदोस्तानी, हिंदुस्तानी आदि। डा. ग्रियर्सन ने इसे वर्नाक्युलर हिंदुस्तानी तथा डा. सुनीति कुमार चटर्जी ने इसे जनपदीय हिंदुस्तानी का नाम दिया है। डा. चटर्जी खड़ी बोली के साहित्यिक रूप को साधु हिंदी या नागरी हिंदी कहते थे और डा. ग्रियर्सन ने इसे हाई हिंदी का नाम दिया। अनेक विद्वान खड़ी का अर्थ सुस्थित, प्रचलित, सुसंस्कृत, परिष्कृत या परिपक्व ग्रहण करते हैं। खड़ी बोली को खरी बोली भी कहा गया है।
क्या किसी मंदिर में भारत माता की पूजा की जाती है?
देश में कई जगह भारता माता मंदिर बनाए गए हैं। वाराणसी में राजघाट पर स्थित अपने ढंग का अनोखा भारतमाता मंदिर है। इस मंदिर की आराध्य भारत माता हैं। यहां पर पूजा, कर्मकाण्ड या दूसरे मंदिरों जैसे घंटा घड़ियाल नहीं बजते हैं और न ही पंडितों पुरोहितों की खींचतान होती है। यह मंदिर हिन्दू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई जैसे जाति या साम्प्रदायिक और उन्मादी धार्मिक भावना से कोसों दूर सर्वधर्म समभाव का संदेश देता है। मंदिर का उद्घाटन 25 अक्टूबर 1931 को महात्मा गांधी ने किया था। मंदिर के 81 वर्ष पूरे हो गए हैं। मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर महात्मा गांधी ने कहा था कि इस मंदिर में किसी देवता या देवी की मूर्ति नहीं है, यहां संगमरमर पर उभरा हुआ भारत का एक मानचित्र भर है। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा मंदिर है, जहां भारत माता की पूजा होती है। इस मंदिर में कोई आरती नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति गीतों की गूंज सुनाई देती है। सद्गुरु धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट ने आम जन में राष्ट्रीय भावना जागृत करने के मकसद से सुखलिया इलाके में भारत माता मंदिर का निर्माण कराया है। मंदिर में बॉर्डर वाली गहरे रंग की साड़ी पहने हाथ में तिरंगा थामे भारत माता की प्रतिमा के पीछे भारत का नक्शा बना हुआ है। इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं। हिसार की एम.सी. कॉलोनी में भी एक भारत माता मंदिर बनाया गया है।
क्या पेंगुइन सामूहिक आत्महत्या करते हैं? क्यों?
हाँ ऐसी खबरें मिली हैं कि अंटार्कटिक में पेंग्विन बड़ी संख्या में किसी बर्फीली चोटी पर खड़े होकर बड़ी संख्या में सागर में कूदकर जान दे रही हैं। यों जानवर उस तरह आत्महत्या नहीं करते जिस तरह इंसान करते हैं। केवल वे अपनी मौत के वक्त खुद को इस स्थिति में ले आते हैं कि जान चली जाए। मसलन खरगोश खुले में आ जाते हैं ताकि कोई चील उन्हें उठा ले जाए। असम के पेंग्विन की मौतों के पीछे ग्लोबल वार्मिंग है या कोई और बात है अभी कहना मुश्किल है।
ऑडिटोरियम में ग्रीन रूम को ग्रीन रूम क्यों कहते हैं?
कहा जाता है कि सन 1599 में लंदन के ब्लैकफ्रायर्स थिएटर में मंच के ठीक पीछे उन कलाकारों के बैठने की व्यवस्था की गई, जिन्हें बाद में मंच पर जाना था। इस कमरे में हरे रंग की पुताई की गई थी। धीरे-धीरे सका नाम ग्रीन रूम हो गया। एक बात यह भी कही जाती है कि मंच की रोशनी से कलाकारों की आँखें चौंधिया जाती थीं। उन्हें कुछ आराम देने के लिए ऐसे कमरे को हरे रंग से पोतते थे।
टेलीफोन उठाते ही हम ज़्यादातर हेलो क्यों कहते हैं?
हेलो या हलो मूलतः अपनी तरफ ध्यान खींचने वाला शब्द है। यह पुरानी जर्मन भाषा के हाला या होला से बना है। पर यह शब्द लोकप्रिय हुआ टेलीफोन के कारण। 10 मार्च 1876 को अलेक्जेंडर ग्राहम बैल के टेलीफोन आविष्कार को पेटेंट मिला। वे शुरू में टेलीफोन पर बात शुरू करने के लिए अहोय शब्द का इस्तेमाल करते थे। यह शब्द समुद्री नाविक एक-दूसरे का ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल करते हैं। सन 1877 में टॉमस एडीसन ने हेलो शब्द का इस्तेमाल करने की सलाह दी जो अंततः सभी ने मान ली।
रेलवे में कितने दिन पहले यात्रा बुकिंग करवाई जा सकती है? और टिकट रद्द करवाने यानी कैंसिलेशन चार्जेज क्या हैं?
भारतीय रेलवे में 90 दिन पहले आरक्षण कराया जा सकता है। जिस टिकट पर बर्थ या सीट आरक्षित नहीं है और उसे वापस करना है तो गाड़ी जाने के तीन घंटे बाद तक उसमें से 10 रुपया काटकर शेष राशि टिकट धारक को दी जा सकती है।
(a) If a ticket is presented for cancellation more than 24 hours before the scheduled departure of the train cancellation charge shall be deducted at the flat rate of Rs. 70/- for A.C First Class/Executive Class, Rs. 60/- for A.C. 2 Tier sleeper class/ A.C. 3 Tier sleeper class/ First class/A.C Chair Car, Rs. 40/- for Sleeper class and Rs. 20/- for Second class.
(b) If the ticket is presented for cancellation within 24 hours and up to four hours before the scheduled departure of the train, cancellation charges shall be 25% of the fare subject to the min. flat rate mentioned in clause (a).
(c) If the ticket is presented for cancellation within four hours before the scheduled departure of the train and up to :
Three hours, when the ticket is for a destination station up to 200 KM.,
Six hours, when the ticket is for a destination station of more than 200 KM but up to 500 KM., and
Twelve hours , when the ticket is for a destination station of more than 500 KM.,
after the actual departure of the train, cancellation charges shall be 50 % of the fare subject to the min. flat rate mentioned in clause (a).
यश चोपड़ा के माता पिता क्या करते थे? फिल्म वक़्त के गाने ऐ मेरी जोहरा जबीं में हीरोइन कौन हैं? यानी गाना किस पर फिल्माया गया है?
यश चोपड़ा का जन्म 1932 में लाहौर में हुआ था। उनके पिता पीडब्ल्यूडी में एकाउंटेंट थे। जिस गीत के बारे में आप पूछ रहे हैं वह बलराज साहनी और अचला सचदेव पर फिल्माया गया था।
एफएमगोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में शामिल
ऑडिटोरियम में ग्रीन रूम को ग्रीन रूम क्यों कहते हैं?
कहा जाता है कि सन 1599 में लंदन के ब्लैकफ्रायर्स थिएटर में मंच के ठीक पीछे उन कलाकारों के बैठने की व्यवस्था की गई, जिन्हें बाद में मंच पर जाना था। इस कमरे में हरे रंग की पुताई की गई थी। धीरे-धीरे सका नाम ग्रीन रूम हो गया। एक बात यह भी कही जाती है कि मंच की रोशनी से कलाकारों की आँखें चौंधिया जाती थीं। उन्हें कुछ आराम देने के लिए ऐसे कमरे को हरे रंग से पोतते थे।
टेलीफोन उठाते ही हम ज़्यादातर हेलो क्यों कहते हैं?
हेलो या हलो मूलतः अपनी तरफ ध्यान खींचने वाला शब्द है। यह पुरानी जर्मन भाषा के हाला या होला से बना है। पर यह शब्द लोकप्रिय हुआ टेलीफोन के कारण। 10 मार्च 1876 को अलेक्जेंडर ग्राहम बैल के टेलीफोन आविष्कार को पेटेंट मिला। वे शुरू में टेलीफोन पर बात शुरू करने के लिए अहोय शब्द का इस्तेमाल करते थे। यह शब्द समुद्री नाविक एक-दूसरे का ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल करते हैं। सन 1877 में टॉमस एडीसन ने हेलो शब्द का इस्तेमाल करने की सलाह दी जो अंततः सभी ने मान ली।
रेलवे में कितने दिन पहले यात्रा बुकिंग करवाई जा सकती है? और टिकट रद्द करवाने यानी कैंसिलेशन चार्जेज क्या हैं?
भारतीय रेलवे में 90 दिन पहले आरक्षण कराया जा सकता है। जिस टिकट पर बर्थ या सीट आरक्षित नहीं है और उसे वापस करना है तो गाड़ी जाने के तीन घंटे बाद तक उसमें से 10 रुपया काटकर शेष राशि टिकट धारक को दी जा सकती है।
(a) If a ticket is presented for cancellation more than 24 hours before the scheduled departure of the train cancellation charge shall be deducted at the flat rate of Rs. 70/- for A.C First Class/Executive Class, Rs. 60/- for A.C. 2 Tier sleeper class/ A.C. 3 Tier sleeper class/ First class/A.C Chair Car, Rs. 40/- for Sleeper class and Rs. 20/- for Second class.
(b) If the ticket is presented for cancellation within 24 hours and up to four hours before the scheduled departure of the train, cancellation charges shall be 25% of the fare subject to the min. flat rate mentioned in clause (a).
(c) If the ticket is presented for cancellation within four hours before the scheduled departure of the train and up to :
Three hours, when the ticket is for a destination station up to 200 KM.,
Six hours, when the ticket is for a destination station of more than 200 KM but up to 500 KM., and
Twelve hours , when the ticket is for a destination station of more than 500 KM.,
after the actual departure of the train, cancellation charges shall be 50 % of the fare subject to the min. flat rate mentioned in clause (a).
यश चोपड़ा के माता पिता क्या करते थे? फिल्म वक़्त के गाने ऐ मेरी जोहरा जबीं में हीरोइन कौन हैं? यानी गाना किस पर फिल्माया गया है?
यश चोपड़ा का जन्म 1932 में लाहौर में हुआ था। उनके पिता पीडब्ल्यूडी में एकाउंटेंट थे। जिस गीत के बारे में आप पूछ रहे हैं वह बलराज साहनी और अचला सचदेव पर फिल्माया गया था।
एफएमगोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में शामिल
किस देश के डाक टिकट पर देश का नाम नहीं होता?
उपयोगी और दिलचस्प जानकारी .. सराहनीय प्रयास।
ReplyDeleteऐसी जानकारियां इण्टरनेट के युग में ही इतनी सुलभता से प्राप्त हो सकती हैं ।
ReplyDeleteधन्यवाद ।
कमाल की जानकारियां दी हैं .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया .
बेहतर प्रस्तुति !!
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