अंग्रेजी में यह शब्द फ्रेंच शब्द vigilant
से
या सीधे लैटिन शब्द vigilantem से आया है. इनका अर्थ है निगरानी, चौकसी वगैरह.
हिस्पानी भाषा में vigilante का मतलब
चौकीदार है. उन्नीसवीं सदी में अमेरिका में नागरिकों की सुरक्षा समितियों को
विजिलांट कमेटी कहा जाता था.
यह शब्द हाल में गोरक्षा के नाम पर हो रही
हिंसा के संदर्भ में इस्तेमाल हो रहा है. ऐसी मान्यता है कि सजग नागरिकों और सजग
राजनेताओं के रहते लोकतंत्र में कोई ताकत जन-हित की उपेक्षा नहीं कर सकती. और यह
भी कि सजग नागरिक फिर किसी भी हद तक जाकर हस्तक्षेप कर सकते हैं, भले
ही वे इसके लिए अधिकृत नहीं हों.
इस प्रवृत्ति को समर्थक कहते हैं कि जब समाज
में न्याय व्यवस्था बची नहीं रहती या बेहद सुस्त होती है तब नागरिक सीधे हस्तक्षेप
करते हैं. इसे भीड़ का न्याय भी कह सकते हैं. यह प्रवृत्ति राज-व्यवस्था के जन्म
के पहले से चली आ रही है. मध्य युग में एशिया, अफ्रीका और यूरोप में ऐसे तमाम
मिलते हैं जब भीड़ ने किसी को चोर या अपराधी बताकर मार डाला. लोक कथाओं में रॉबिनहुड
और सुलताना डाकू की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं, जो जनता के हित में कार्रवाई करते थे.
ऑडिटोरियम में ग्रीन रूम को
ग्रीन रूम क्यों कहते हैं?
कहा जाता है कि सन 1599 में लंदन
के ब्लैकफ्रायर्स थिएटर में मंच के ठीक पीछे उन कलाकारों के बैठने की व्यवस्था की
गई, जिन्हें
बाद में मंच पर जाना था. इस कमरे में हरे रंग की पुताई की गई थी. धीरे-धीरे सका
नाम ग्रीन रूम हो गया. एक बात यह भी कही जाती है कि मंच की रोशनी से कलाकारों की
आँखें चौंधिया जाती थीं. उन्हें कुछ आराम देने के लिए ऐसे कमरे को हरे रंग से
पोतते थे.
मैकमोहन लाइन क्या होती है?-
यह भारत और तिब्बत के बीच सीमा
रेखा है. सन् 1914 में भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और तिब्बत के बीच शिमला समझौते
के तहत यह रेखा तय की गई थी. 1914 के बाद कई साल तक इस रेखा को लेकर कोई विवाद
नहीं हुआ, पर 1937
में ओलफ केरो नामक एक अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी ने तत्कालीन अंग्रेज सरकार को इसे
आधिकारिक तौर पर लागू करने का अनुरोध किया. 1937 में सर्वे ऑफ इंडिया के एक
मानचित्र में मैकमहोन रेखा को आधिकारिक भारतीय सीमारेखा के रूप में पर दिखाया गया
था. इस सीमारेखा का नाम सर हैनरी मैकमाहोन (Henry
McMahon) के नाम पर रखा गया था, जिनकी इस समझौते में महत्त्वपूर्ण भूमिका थी. वे भारत की
तत्कालीन सरकार के विदेश सचिव थे. इसे मैकमाहोन रेखा कहना चाहिए, पर प्रचलन में
मैकमोहन रेखा है.
क्या चींटियाँ सोती नहीं हैं?
ऐसा माना जाता था कि चीटियाँ
सोती नहीं. पर वैज्ञानिक रिसर्च से पता लगा है कि उनके सोने का ढंग अलग है. जुलाई
2009 में द जरनल ऑफ इनसेक्ट बिहेवियर में में Deby
L. Cassill, Skye Brown, Devon Swick and George Yanev के
शोधपत्र में बताया गया कि चींटियों की एक प्रजाति फायर एंट जरीर सोती है. इनमें
श्रमिक चीटियाँ 24 घंटे में करीब साढ़े चार घंटे और रानी चीटियाँ करीब साढ़े नौ
घंटे सोती हैं. आमतौर पर चीटियाँ काम करते-करते एक से डेढ़ मिनट की झपकी लेती हैं.
इस तरह वे चौबीस घंटे में दो सवा दो सौ बार सोती हैं. आप उन्हें गौर से देखें तो वे
एक जगह थोड़ी देर के लिए ठहर जाती हैं. यही उनकी झपकी या नैप है.
क्षेत्रफल में सबसे बड़ा देश
श्रेणी में रूस सबसे बड़ा देश है.
रूस का कुल क्षेत्र 1 करोड़ 70 लाख 98 हजार 242 वर्ग किलोमीटर है. दूसरे स्थान पर
कनाडा है जिसका क्षेत्रफल 99 लाख, 46 हजार 670 वर्ग किलोमीटर है. पहले सात देशों की सूची
इस प्रकार है: 1.रूस
1,70,98,242, 2.कनाडा
99,84,670, 3.संरा
अमेरिका 96, 29, 091, 4.चीन
95,96,961, 5.ब्राजील
85,14,877, 6.ऑस्ट्रेलिया
76,92,024, 7.भारत
32,87,263.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
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