भारत में सामान्यतः एक शैक्षिक कार्यक्रम को सभी परीक्षणों के बाद सफलता के साथ पूरा करने के बाद दिया गया प्रमाणपत्र डिग्री है। आमतौर पर स्नातक स्तर या उससे ऊपर की उपाधि विश्वविद्यालय देते हैं। उससे नीचे के कोर्स विभिन्न संस्थाएं देती हैं। विश्वविद्यालयों के अलावा कुछ दूसरे मान्यता प्राप्त संगठन भी शैक्षिक प्रमाणपत्र देते हैं। इन्हें डिप्लोमा कहते हैं। इसका अर्थ भी शैक्षिक कार्यक्रम को पूरा करने के बाद दिया गया प्रमाणपत्र है। इनका स्तर भी स्नातक या स्नातकोत्तर हो सकता है। पर यदि उनका गठन विश्वविद्यालय के रूप में नहीं है तो वे डिप्लोमा देते हैं।
छातों का रंग काला क्यों होता है?
यह कहना पूरी तरह सही नहीं है, क्योंकि आजकल तो कई तरह के रंगों के छाते आने लगे हैं। अलबत्ता आम इस्तेमाल में आने वाले छाते ज्यादातर काले होते हैं। काला रंग ज्यादा गर्मी को सोखता है, इसलिए भारत जैसे देशों में छातों का रंग सफेद, आसमानी या की हल्का रंग होना चाहिए। भारत में आधुनिक किस्म के छातों का इस्तेमाल अंग्रेजी राज में शुरू हुआ था। अंग्रेजों के परिधान में काला रंग प्रमुखता रखता है। खासतौर से सूट के साथ काला रंग मेल खाता है। यों वहाँ छाता केवल धूप से बचाने के लिए ही नहीं वर्षा और हिमपात से बचाने का काम भी करता है। गर्मी में काला छाता धूप की चमक को भी कम करता है। जिन इलाकों में बर्फ गिरती है वहाँ धूप की चमक भी ज्यादा होती है। इसके अलावा वह जल्द गंदा नजर नहीं आता। इन सब बातों के बावजूद काले के अलावा दूसरे रंग के छातों का चलन बढ़ रहा है।
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