Saturday, December 21, 2024

कभी ताइवान ही असली चीन था

ताइवान का आधिकारिक नाम है ‘रिपब्लिक ऑफ़ चाइना’। पहले मेनलैंड चीन का यही नाम था, पर आज वह ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ है, जो 1949 के बाद बना।1949 में माओ-जे-दुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने च्यांग काई शेक के नेतृत्व वाली कुओमिंतांग सरकार को लड़ाई में हरा दिया, पर वे समुद्र पार करके ताइवान पर कब्जा नहीं कर सके। ताइवान तथा कुछ द्वीप कुओमिंतांग के कब्जे में रहे।1945 में जब संयुक्त राष्ट्र बन रहा था, तब चीन में कुओमिंतांग सरकार ही थी। शुरू में दुनिया ने साम्यवादी चीन को मान्यता नहीं दी, ताइवान को ही चीन माना।1971 तक चीन की जगह वही संरा का सदस्य था। 25 अक्टूबर 1971 को संरा महासभा ने प्रस्ताव 2758 पास किया, जिसके तहत ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ को वैध प्रतिनिधि माना गया। ताइवान को हटा दिया गया। प्रशांत क्षेत्र के 12 छोटे देशों को छोड़कर शेष विश्व समुदाय उसे स्वतंत्र देश नहीं मानता। अमेरिका का एक विशेष कानून उसके साथ विशेष-संबंध रखने की अनुमति देता है। ऐसे प्रयास भी होते हैं कि उसे संरा में पर्यवेक्षक का दर्जा मिल जाए। उसकी प्रगति को देखते हुए काफी देश उसके साथ आर्थिक-संबंध रखते हैं। 

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 21 दिसंबर, 2024 को प्रकाशित 







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