Sunday, September 15, 2024

लेफ्टिनेंट गवर्नर व्यवस्था क्या है?

केंद्रशासित प्रदेशों में लेफ्टिनेंट गवर्नर होते हैं। लेफ्टिनेंट शब्द का अर्थ है उप या सहायक। अमेरिका के 50 में से 45 राज्यों में लेफ्टिनेंट गवर्नर होते हैं। इनमें तीन राज्यों के लेफ्टिनेंट गवर्नर राज्य की सीनेट के स्पीकर होते हैं। वहाँ लेफ्टिनेंट गवर्नर वास्तव में उप-गवर्नर हैं। गवर्नर की अनुपस्थिति में काम करने वाले, पर भारत में लेफ्टिनेंट गवर्नर की भूमिका फर्क है। उन्हें केंद्रशासित प्रदेश में राष्ट्रपति का सहायक माना जा सकता है। हमारी व्यवस्था ब्रिटिश संसदीय प्रणाली पर आधारित है। राष्ट्रमंडल के ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में लेफ्टिनेंट गवर्नर का मतलब राज्यों में सम्राट का प्रतिनिधि है। वर्तमान समय में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान-निकोबार, दिल्ली और पुदुच्चेरी में यह व्यवस्था है। शेष केंद्रशासित क्षेत्रों में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशासक होते हैं। पुदुच्चेरी 1962 के पहले फ्रांस के अधीन था। उसके विलय के बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद बनाया गया। अंडमान-निकोबार में 1982 के पहले चीफ कमिश्नर का पद होता था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम 1991 बनने के बाद दिल्ली में 1992 में लेफ्टिनेंट गवर्नर की नियुक्ति हुई। 2019 में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन के बाद यह पद बना।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 14 सितंबर, 2024 को प्रकाशित

 

Saturday, September 7, 2024

संयुक्त राष्ट्र महासभा को जानिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने अमेरिका जा रहे हैं। 22 सितंबर को वे न्यूयॉर्क के नसाऊ स्टेडियम में ‘मोदी एंड यूएस प्रोग्रेस टुगैदर’ कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। पहले खबर थी कि इस यात्रा के दौरान, संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनका संबोधन 26 सितंबर को होगा, पर अब तय हुआ है कि उनके स्थान पर 28 सितंबर को विदेशमंत्री एस जयशंकर का संबोधन होगा। जनरल असेंबली का यह 79वाँ सत्र है। संरा के मुख्य निकाय छह हैं। 1,महासभा, 2.सुरक्षा परिषद, 3.आर्थिक और सामाजिक परिषद, 4.ट्रस्टीशिप परिषद, 5.अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और 6.संरा सचिवालय। इनके अलावा भी संरा के दूसरे अंग हैं। कई मायनों महासभा इनमें सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आमतौर पर संरा के नीति संबंधी विषयों पर यहीं विचार होता है और संरा का बजट भी यहाँ से पास होता है। सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों और संगठन के महासचिव की नियुक्ति भी महासभा करती है। संरा के विविध अंगों से प्राप्त रिपोर्टों पर भी महासभा विचार करती है और महासभा के प्रस्तावों के रूप में उन्हें पास भी करती है। संरा महासचिव या महासभा के सभापति की अध्यक्षता में नियमित अधिवेशन हर साल सितंबर में होते हैं। इस साल यह 10 सितंबर को शुरू होगा और इसमें 24 सितंबर से देशों के बीच चर्चा चलेगी।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 7 सितंबर, 2024 को प्रकाशित

 

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