यूएसबी फ्लैश पेन ड्राइव मूलतः डेटा स्टोरेज डिवाइस है. इसमें तमाम पुरानी तकनीकों का समावेश है. मूलतः यूनिवर्सल बस इंटरफेस (यूएसबी) इसका माध्यम है. अलबत्ता अप्रेल 1999 में इसरायली कम्पनी एम-सिस्टम्स ने इसके पेटेंट के लिए अमेरिका में अर्जी दी थी. इस कम्पनी के अमीर बैन, डोव मोरान और ओरोन ओग्दान ने इसका आविष्कार किया था.
इस पेटेंट में मेमरी यूनिट और यूएसबी कनेक्टर के बीच एक केबल का ज़िक्र किया गया था. उसी साल सितम्बर में शिमॉन श्मुएली की ओर से प्रस्तुत आईबीएम के एक पेटेंट में इस यूएसबी फ्लैश ड्राइव का पूरा विवरण दिया गया था. अलबत्ता आईबीएम और एम-सिस्टम्स ने मिलकर इस बाजार में उतारा. इस पेटेंट के बाद कई कम्पनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के लिए अर्जियाँ दी हैं और इसमें कई तरह के विवाद है.
गाडियों के टायर
काले क्यों होते हैं?
टायर बनाने की प्रक्रिया
को वल्कनाइजेशन कहते हैं. आमतौर पर रबर का रंग स्लेटी होता है. प्राकृतिक रबर यानी
लेटेक्स में कार्बन ब्लैक मिलाते हैं ताकि वह मजबूत रहे, रबर जल्दी न घिसे. अगर
सादा रबर का टायर 8 हज़ार किलोमीटर चल सकता है तो कार्बन युक्त टायर एक लाख
किलोमीटर चल सकता है. काले कार्बन की भी कई श्रेणियां होती हैं. इसमें सल्फर भी
मिलाते हैं.
कार्बन ब्लैक के कारण यह
काला हो जाता है. इससे यह अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से बच जाता है. यों आपने बच्चों
की साइकिलों में सफेद, पीले और दूसरे रंगों के टायर देखे होंगे. बीसवीं सदी के पहले-दूसरे दशक में कारों के
सफेद टायर भी होते थे. यों हाल के वर्षों तक ह्वाइटवॉल टायरों का प्रचलन रहा है
जिनमें टायर का साइड वाला हिस्सा सफेद होता था.
दुनिया के पहले
कार्टूनिस्ट कौन थे?
सन 1841 में लंदन से प्रकाशित पत्रिका पंच में सबसे
पहले कार्टून छपने शुरू हुए थे. इनमें जॉन लीच के बनाए स्केच प्रमुख थे. पत्रिका
के पहले अंक का मुखपृष्ठ आर्किबाल्ड हैनिंग ने डिजाइन किया था. जॉन लीच के अलावा
रिचर्ड डॉयल, जॉन टेनियल और चार्ल्स
कीन के कार्टून भी पत्रिका में छपते थे. उन्हें भी पहले कार्टूनिस्ट मान सकते हैं.
‘भारत माता’ का प्रसिद्ध चित्र किसने बनाया था?
‘भारत माता’ की अवधारणा उन्नीसवीं सदी में बंगाल से शुरू हुई थी. सन 1873 में किरण चन्द्र बंदोपाध्याय का लिखा नाटक ‘भारत माता’ खेला गया था.
उन्हीं दिनों प्रसिद्ध चित्रकार अवनीन्द्र नाथ ठाकुर ने भारत माता का चित्र बनाया.
इसके बाद अनेक चित्रकारों ने भारत माता के चित्र बनाए हैं. वाराणसी में एक भारत
माता मंदिर भी है.
अक्षरों की छपाई
का आविष्कार कहाँ और किस तरह हुआ?
प्रारंभिक युग में मुद्रण
एक कला था, लेकिन आधुनिक युग में
पूर्णतया तकनीकी आधारित हो गया है. सामान्यतः मुद्रण का अर्थ छपाई से है, जो कागज, कपड़ा, प्लास्टिक,
टाट इत्यादि पर हो सकता है. पहले बोली और फिर
भाषा का आविष्कार हुआ. इसके बाद लिपि का आविष्कार हुआ. पत्थरों व वृक्षों की छालों
पर खोदकर इनसान लिखने लगा. इसके बाद लकड़ी को नुकीला छीलकर ताड़पत्रों और
भोजपत्रों पर लिखने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई.
प्राचीन काल के अनेक
ग्रंथ भोजपत्रों पर लिखे मिले हैं. सन् 105 में चीन में कागज का आविष्कार हुआ. चीन में ही सन् 712 में ब्लॉक प्रिंटिंग की शुरूआत हुई. इसके लिए लकड़ी का
ब्लॉक बनाया गया. सन 1041 में चीन के पाई
शेंग नामक व्यक्ति ने चीनी मिट्टी की मदद से अक्षरों को तैयार किया. इन अक्षरों को
आधुनिक टाइपों का आदि रूप माना जा सकता है. चीन में ही दुनिया का पहली छपाई हुई.
लकड़ी के टाइपों के ऊपर स्याही जैसे पदार्थ को पोतकर कागज के ऊपर दबाकर छपाई का
काम किया जाता था. यह कला यूरोप में चीन से गई अथवा वहां स्वतंत्र रूप से विकसित
हुई.
जर्मनी के मिंज़ शहर में
रहने वाले जोहानन गुटेनबर्ग ने सन् 1440 में ऐसे टाइपों का आविष्कार किया, जो बदल-बदलकर विभिन्न सामग्री को बहुसंख्या में मुद्रित कर सकता था. गुटेनबर्ग
ने ही सन् 1454 में दुनिया का
पहला छापाखाना (प्रिंटिंग-प्रेस) लगाया तथा सन् 1456 में बाइबिल की 300 प्रतियों को प्रकाशित कर पेरिस और फ्रांस भेजा. इस पुस्तक की मुद्रण तिथि 14 अगस्त, 1456 है.
धरती पर सबसे
लंबी उम्र और सबसे छोटी उम्र वाले जीव कौन हैं?
‘कोई’ नाम की जापानी मछली 250 साल तक, विशाल कछुआ
(जाइंट टर्टल) पौने दो सौ से दो सौ साल तक, ह्वेल मछली दो सौ साल तक जीती है. ‘मे फ्लाई’ नाम की मक्खी की
उम्र एक से लेकर 24 घंटे तक होती है. इसी तरह जल में रहने वाले एक
नन्हें प्राणी ‘गैस्ट्रोटिच’ की उम्र होती है तीन दिन.
बहुत अच्छी जानकारी, इस ब्लॉग पोस्ट में हमारे दैनिक टेक्नोलॉजी जीवन में उपयोग होने वाली पेन ड्राइव का आविष्कार किसने किया, उसकी विस्तृत जानकारी मिली।
ReplyDeleteसाथ ही इस ब्लॉग पोस्ट में आपको मोबाइल का आविष्कार किसने किया पूरा इतिहास जानने को मिलेगा, धन्यवाद!