सन 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जर्मनी और जापान के समर्थन से दक्षिण पूर्व एशिया में ‘आर्ज़ी हुकूमत-ए-आज़ाद हिंद’ यानी स्वतंत्र भारत की कार्यवाहक सरकार की स्थापना की थी. इस सरकार का राष्ट्रगान भी रवीन्द्रनाथ ठाकुर के जन,गण मन की ध्वनि पर आधारित, पर हिंदी में था. इसे ‘शुभ सुख चैन’ गान कहा जाता है. इसे कैप्टेन आबिद अली ने लिखा था और इसकी संगीत रचना राम सिंह ने की थी. इसका पहला छंद इस प्रकार था:-
शुभ सुख चैन की बरखा बरसे , भारत भाग है जागा/पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंगा/चंचल सागर, विंध्य, हिमालय, नीला जमुना गंगा/तेरे नित गुण गाएँ, तुझसे जीवन पाएँ/हर तन पाए आशा/सूरज बन कर जग पर चमके, भारत नाम सुभागा/जय हो! जय हो! जय हो! जय जय जय जय हो!
अगस्त क्रांति का मतलब क्या है?
सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन को हम अगस्त क्रांति के नाम से जानते हैं. अगस्त क्रांति
आंदोलन की शुरूआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी. द्वितीय विश्व युद्ध में समर्थन लेने के बावजूद
जब अंग्रेज़ भारत को स्वतंत्र करने को तैयार नहीं हुए तो महात्मा गांधी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के रूप में आजादी की अंतिम जंग का ऐलान कर
दिया. इसकी शुरूआत 9 अगस्त, 1942 को हुई थी, इसीलिए भारतीय
इतिहास में 9 अगस्त के दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में जाना जाता है. इसके पहले 14 जुलाई 1942 को वर्धा में हुई
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में प्रस्ताव पास करके ब्रिटिश सरकार से माँग की गई
कि वह पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा करे. ऐसा नहीं होने पर जनांदोलन की शुरुआत की
जाएगी. इसके बाद 8 अगस्त से मुम्बई में हुए कांग्रेस के महाधिवेशन में ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ प्रस्ताव पास करके इस आंदोलन की शुरुआत की
गई.
राष्ट्रपति भवन पर पहली बार तिरंगा कब फहराया?
14-15 अगस्त की रात में संसद भवन के सेंट्रल हॉल में
तिरंगा फहराया गया. इसी
कार्यक्रम में 72 महिलाओं के एक समूह का नेतृत्व करते हुए स्वतंत्रता सेनानी श्रीमती
हंसा मेहता ने यह राष्ट्रीय ध्वज संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद को
भेंट किया. इसके बाद 15 अगस्त की भोर में इसे वायसरीगल हाउस या वर्तमान राष्ट्रपति
भवन के शिखर पर भी फहराया गया. एक जानकारी यह भी है कि 16 अगस्त 1947 को सुबह साढ़े
आठ बजे प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लालकिले के प्राचीर पर ध्वजारोहण किया था.
शेखर चक्रवर्ती की पुस्तक ‘फ्लैग्स एंड स्टैम्प्स’ में लिखा है कि 15 अगस्त 1947
के दिन वायसरीगल लॉज (अब राष्ट्रपति निवास) में जब नई सरकार को शपथ दिलाई जा
रही थी तो लॉज के सेंट्रल डोम पर सुबह साढ़े दस बजे आजाद भारत का राष्ट्रीय ध्वज
पहली बार फहराया गया था. 14 अगस्त 1947 की शाम को ही वायसराय हाउस के ऊपर से
यूनियन जैक को उतार लिया गया था. इस यूनियन जैक को आज इंग्लैंड के हैम्पशायर में नॉर्मन
ऐबी ऑफ रोमसी में देखा जा सकता है. 15 अगस्त 1947 को सुबह छह बजे राष्ट्रीय ध्वज
को सलामी दिए जाने का कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में पहले समारोहपूर्वक यूनियन
जैक को उतारा जाना था लेकिन लॉर्ड माउंटबेटन और पंडित नेहरू के विमर्श से
कार्यक्रम में कुछ बदलाव कर दिया गया.
किस देश में स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया जाता?
स्वतंत्रता दिवस उसी देश में मनाया जाता है जो कभी
परतंत्र रहा हो. यूके, रूस, फ्रांस, नेपाल, थाईलैंड, जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे अनेक देश नहीं मनाते. पर
ज्यादातर देश किसी न किसी चीज की याद में राष्ट्रीय समारोह मनाते हैं. मसलन फ्रांसीसी
क्रांति की याद में बास्तील दिवस मनाया जाता है. चीन 1 अक्तूबर को कम्युनिस्ट शासन
की शुरूआत को मनाता है. नेपाल 29 मई 2008 को संप्रभुता सम्पन्न गणतंत्र बना. इस दिन
यहाँ से राजशाही का खात्मा हुआ. पर वहाँ लोकतंत्र दिवस हर साल फाल्गुन सप्तमी को
मनाया जाता है. इस रोज सन 1951 में राजा त्रिभुवन ने देश को राणाशाही के हाथों से
निकाल कर लोकतंत्र की स्थापना की थी.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, डॉ॰ विक्रम साराभाई की ९८ वीं जयंती “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeletebahut badhiya ...ye rashtrgaan to jan gan man se bahut milta hua hai....yani isi ko modify kar diya gaya hai.
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 71वां स्वतंत्रता दिवस और श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ’वीर सपूतों का देश और ब्लॉग बुलेटिन’ में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
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