यह इंडेक्स विश्व बैंक ने तैयार किया है, जिसमें दुनिया
के अलग-अलग देशों में व्यापार करने की सुविधा के आधार पर उनकी रैंकिंग तय की जाती
है. यानी जिन देशों के कायदे कानून सरल और सम्पत्ति के अधिकारों की रक्षा करते हों
और लालफीताशाही के अड़ंगे कम हों ऐसे देशों की रैंकिंग बेहतर होती है. इसके लिए
इसमें शामिल देशों के प्रशासन और न्याय-व्यवस्था से जुड़े तथ्य एकत्र किए जाते
हैं. इस डेटा को कई तरीकों से पुष्ट भी किया जाता है. मोटे तौर पर एक देश की
रैंकिंग 10 मामलों से जुड़ी जानकारी के आधार पर तय होती है. ये हैं:- 1.व्यापार शुरू करना-यानी
प्रक्रिया, समय, लागत वगैरह, 2. निर्माण से जुड़े परमिट, 3. बिजली का कनेक्शन
पाना, 4. सम्पत्ति का पंजीकरण, 5. ऋण प्राप्त करना, 6. निवेशकों की रक्षा, 7.
टैक्स चुकाना, 8. सीमा-पार व्यापार, 9.ऋण समझौते, 10. दिवालिया होने की व्यवस्था.
कारोबार में सुगमता से जुड़ी रिपोर्ट सबसे पहले 2002 में ‘क्वार्टरली जरनल ऑफ इकोनॉमिक्स’ में सायमन जैंकोव, राफेल ला
पोर्ता, फ्लोरेंसियो लोपेज-द-साइलेंस और आंद्रेई श्लाइफर के एक शोधपत्र के रूप में
छपी थी. इस पेपर में यह दिखाया गया था कि जिन देशों में नियमन जितना कड़ा है वहाँ
उतना ही ज्यादा भ्रष्टाचार है. विश्व बैंक ने 2003 से इस रिपोर्ट का प्रकाशन शुरू
किया.
धरती के भीतर क्या है?
आप कभी पृथ्वी में गड्ढा करने की कोशिश करें तो
बहुत सफल नहीं होंगे. उपकरणों की मदद से भी दुनिया के वैज्ञानिक 8 किमी की गहराई
तक के नमूने ले पाए हैं. दुनिया की सबसे गहरी खानें 3 किमी तक गहरी हैं. वैज्ञानिक
जानकारी के अनुसार धरती की सतह से उसके केन्द्र तक की दूरी तकरीबन 6400 किमी है. इसमें
चार परतें हैं। सबसे ऊपरी परत को क्रस्ट कहते हैं. यह करीब 15 किमी गहरी है. उसके
बाद है मैंटल जो करीब ढाई हजार किमी तक है. इसमें भी चट्टानें हैं, पर जैसे-जैसे
गहराई पर जाएंगे चट्टानें गर्म होती जाएंगी. इसके बाद है बाहरी कोर जो पिघले लावा की
है. लावा मुख्य रूप से लोहा और निकल है. इसके बाद सबसे अंदर की कोर ठोस लोहे और
निकल की है.
हमें पता कैसे चला कि भीतर क्या है?
धरती के भीतर की जानकारी पाने का सबसे अच्छा माध्यम हैं
भूकम्प. धरती के कम्पन से वैज्ञानिकों ने काफी जानकारी हासिल की है. दुनिया में
भूकम्प दर्ज करने वाले सेंसर कई जगह लगे हैं. ये सेंसर काफी दूर से भी जानकारी
देते हैं. मसलन जापान में आए भूकम्प को अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और भारत में
भी दर्ज किया जा सकता है. इन अलग-अलग जगहों पर दर्ज कम्पन कुछ और बातें भी बताते
हैं. मसलन उन्हें एक जगह से दूसरी जगह तक जाने में कितना समय लगा और कम्पन किस तरह
के हैं. इससे यह पता लगता है कि वे किस तरह के माध्यमों से गुजर कर आए हैं. कई जगह
के डेटा को एक जगह रखने के बाद धरती के भीतर की संरचना का भी पता लगता है.
डेंगू शब्द कहाँ से आया?
इस शब्द का सही उच्चारण डेंगी है. माना जाता है कि
स्वाहीली शब्द डिंगा स्पेनी के शब्द डेंगी से बना है. इस शब्द का अर्थ है
"सावधान". यह भी संभव है कि स्पेनी शब्द स्वाहीली भाषा से आया हो. कुछ
का मानना है कि "डेंगू" नाम वेस्ट इंडीज़ से आया है. वेस्ट इंडीज़ में, डेंगू से पीड़ित
लोग डैंडी की तरह तनकर खड़े होने वाले और चलने वाले कहे जाते थे और इसी कारण से
बीमारी को भी "डैंडी फीवर" कहा जाता था.
क्या जानवर आत्महत्या करते हैं?
ऐसी खबरें मिली हैं कि अंटार्कटिक में पेंग्विन
बड़ी संख्या में किसी बर्फीली चोटी पर खड़े होकर बड़ी संख्या में सागर में कूदकर
जान दे रही हैं. जानवर उस तरह आत्महत्या नहीं करते जिस तरह इंसान करते हैं. केवल
वे अपनी मौत के वक्त खुद को इस स्थिति में ले आते हैं कि जान चली जाए. मसलन खरगोश
खुले में आ जाते हैं ताकि कोई चील उन्हें उठा ले जाए.
No comments:
Post a Comment