Monday, October 30, 2017

आदम और हव्वा की कहानी क्या है?


आदम और हव्वा की कहानी इब्राहीमी धर्मों यानी पैगंबरी मतों से जुड़ी है। इब्राहीमी धर्म वे हैं जो हज़रत इब्राहीम (इब्राहीम अथवा अब्राहम) के पूजित ईश्वर को मानते हैं। इनमें ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म शामिल हैं। ईडन या ख़ुल्द इब्राहीमी धर्मों की मान्यताओं में वह जगह थी, जहाँ ईश्वर ने पहले पुरुष आदम और पहली स्त्री हव्वा या ईव की सृष्टि के बाद उन्हें रखा था।

बायबिल की कहानी के अनुसार ईश्वर ने ज़मीन से थोड़ी मिट्टी ली, फिर उससे इंसान का शरीर बनाया। उस शरीर में कोई कमी नहीं थी। तब परमेश्वर ने उसकी नाक में साँस फूँकी और आदम ज़िंदा हो गया। इसके बाद परमेश्वर ने आदम से कहा कि वह सब जानवरों के नाम रखे। जब आदम जानवरों के नाम रख रहा था, तो उसने देखा कि सब जानवरों के साथी थे, पर आदम का कोई साथी नहीं था। तब ईश्वर ने आदम की पसली की एक हड्डी निकाली और उससे एक औरत बनाई। वह औरत हव्वा थी।

इन धर्मों की कथाओं में ईडन सौंदर्य और शांति से भरे उद्यान के रूप में दर्शाया जाता है। ईडन के उद्यान में आदम और हव्वा निर्दोष स्थिति में आनंद से बच्चों की पूरी तरह नग्न रहते थे, क्योंकि उन्हें यौन संबंधों का कोई ज्ञान नहीं था और कोई शर्म नहीं होती थी। इसी उद्यान में एक वृक्ष था जिसे ‘ज्ञान का वृक्ष’ (ट्री ऑफ द नॉलेज ऑफ गुड एंड द ईवल) कहा जाता है। उसपर लगे फल का खाना ईश्वर ने आदम को वर्जित किया था। ईसाई मान्यता के अनुसार एक सर्प ने पहले हव्वा को उकसाया और फिर हव्वा ने आदम को ज्ञान का फल खाने के लिए उकसाया। आदम ने आज्ञा का उल्लंघन किया और फल खा लिया। इससे उसकी निष्कपटता ख़त्म हो गई और आदम और हव्वा को एक-दूसरे को देखकर शर्म महसूस होने लगी।

उन्होंने अंजीर के पत्तों के छोटे वस्त्र बनाकर अपने अंग ढकने का प्रयास किया। जब ईश्वर उनसे मिलने आए और यह देखा तो वह समझ गए कि आदम ने ज्ञान का फल खा लिया है। उन्होंने आदम और हव्वा को ईडन से निकाल दिया। ईसाई मान्यताओं में तब से मानव पापी अवस्था में संसार में भटक रहे हैं।

पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 क्यों होता है?
भारत में पुलिस कंट्रोल रूम का नम्बर 100 होता है। ऐसा नम्बर जो आसानी से याद रहे। यूरोप के कई देशों में यह 112 है। इंग्लैंड में 999 और अमेरिका तथा कनाडा में 911। बांग्लादेश में भी 999 है। जापान, चीन और इंडोनेशिया में 110, पाकिस्तान में 15, श्रीलंका में 119।

मंत्रिमंडल को कैबिनेट क्यों कहते हैं?


कैबिनेट एक अनौपचारिक व्यवस्था है, जिसने औपचारिक रूप धारण कर लिया है। संविधान में मंत्रिपरिषद या कौंसिल ऑफ मिनिस्टर्स की व्यवस्था है। कैबिनेट शब्द हमने ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से लिया है, जिसमें कुछ वरिष्ठ मंत्री इसके सदस्य होते हैं, जो प्रधानमंत्री के साथ मिलकर नीतिगत निर्णय करते हैं। पुराने जमाने में ये सदस्य जिस कक्ष में बैठकर मंत्रणा करते थे, उसे केबिन कहा जाता था. उससे ही कैबिनेट शब्द बना।

आधी रात में सूरज किस देश में उगता है?


उत्तरी ध्रुव के काफी करीब है नॉर्वे। इस इलाके में गर्मियों में रात के बारह बजे के बाद तक सूरज चमकता है। रातें कुछ घंटे की होती हैं, उस दौरान भी सूरज क्षितिज के करीब होता है इसलिए रातें अंधियारी नहीं होतीं। उसे अर्धरात्रि के सूर्य वाला देश कहते हैं। नॉर्वे के अलावा यूरोप से बहुत से देशों में रात देर से होती है।

http://epaper.patrika.com/1410559/Me-Next/Me-Next#page/2/1

2 comments:

  1. Sir asal mein Quran mein likha hai ki Aadam ki rooh aankho se fookhi gai hai......

    Bibile asal mein puri tarah se sahi nhi hai......
    Wo hissa hai Torah ka...jo jews ki book hai....
    Asal mein Torah puri tarah se yaad na rehne ke kaaran galti kar di...aur inshan to bhulta hi hai.....to jin logo ko yaad nhi tha ki Adam aur Eve ne fruit khaa kar galti ki.....aur unhone God se maafi maangi tab God ne unko maaf kar diya.....
    Ye baat Bible mein nhi hai aur badle mein Bible ne ye likh diya ki Adam ki galti ke liye pure Human ko saza di jaayegi....aur sahi jaankari na rehne ke kaaran aage Bible mein ye likh diya ki God ne humans ki Galti ke liye khud ka beta bheja taaki humans ke badle wo suli par chadhe....

    Inhe ye nhi pata ki Allah ne aakhri kitaab Quran mein ye baat likh di ki Allah ne Adam ko maaf kar diya tha...
    Bus yahi fark hai Christianity aur Islam mein

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