अब क्या होगा?
पाकिस्तान सरकार ने वियना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत
कुलभूषण जाधव को यह जानकारी दे दी है कि उन्हें कौंसुलर एक्सेस प्रदान की जाएगी. इसके
साथ ही पाकिस्तान ने भारत के सामने कौंसुलर एक्सेस का प्रस्ताव रखा है. भारत सरकार
ने कहा है कि हम इस प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं. दोनों देशों के राजनयिक इस
प्रश्न पर विचार कर रहे हैं कि कुलभूषण जाधव के साथ भारतीय राजनयिकों की मुलाकात
किस प्रकार की होगी, कितने राजनयिक मिलेंगे, कहाँ होगी और किस रूप में होगी. इस
मुलाकात के समय क्या पाकिस्तानी प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे, इसके बाद की
प्रक्रिया क्या होगी, यह भी तय होगा. चूंकि अदालत ने मामले की समीक्षा का निर्देश
दिया है, इसलिए देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार मुकदमे को किस रूप में चलाएगी.
संधि के मुख्य कार्य
इस संधि अनुच्छेद 23 के तहत मेजबान देश को यह अधिकार दिया गया है कि वह किसी
कौंसुलर स्टाफ को गैर-जरूरी घोषित करके
वापस जाने को कह सके. अनुच्छेद 31 के तहत मेजबान देश की जिम्मेदारी है कि वह कौंसुलेट में
प्रवेश न करे और उसकी रक्षा करे. अनुच्छेद 36 के तहत किसी विदेशी नागरिक की गिरफ्तारी होने पर उसके
दूतावास या कौंसुलेट को तत्काल इत्तला दी जानी चाहिए, जिसमें गिरफ्तारी के
कारणों को बताया गया हो. भारत का कहना है कि हमारे उच्चायोग को न कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी
की न तो तत्काल जानकारी दी गई और न सम्पर्क करने दिया गया.
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन अंग दान दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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