Saturday, December 31, 2022

इलेक्शन पाँच साल बाद ही क्यों होते हैं?

सभी चुनाव पाँच साल में नहीं होते। हमारे संविधान के अनुच्छेद 63(2) के अनुसार लोकसभा का कार्यकाल पाँच वर्ष है। इसलिए चुनाव पाँच साल में होते हैं। विधानसभाओं के साथ भी ऐसा ही है। लोकसभा पाँच साल के पहले भी भंग की जा सकती है और आपातकाल में उसका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है। राज्यसभा में एक सदस्य का कार्यकाल छह साल होता है, पर चुनाव हर दो साल में होते हैं।

निगेटिव ब्लड ग्रुप किसे कहते हैं? यह इतना रेयर क्यों होता है?

खून के ग्रुप सिस्टम में सबसे कॉमन एबीओ सिस्टम है। रेड ब्लड सेल्स पर प्रोटीन की कोटिंग के आधार पर चार ग्रुप बनते हैं ए बी एबी और ओ। इसके बाद ए1, ए2 ए1बी या ओ2बी सब ग्रुप बनते हैं। इसके अलावा एक प्रोटीन इन ग्रुपों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसे आरएच फैक्टर कहते हैं। यदि यह खून में होता है तो खून के टाइप को पॉज़िटिव और नहीं होता तो निगेटिव कहते हैं। इनमें ओ निगेटिव का सभी रक्त समूहों से मेल हो सकता है। इसलिए इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है।

बवंडर या टॉर्नेडो क्या होते हैं?

टॉर्नेडो मूलतः वात्याचक्र हैं। यानी घूमती हवा। यह हवा न सिर्फ तेजी से घूमती है बल्कि ऊपर उठती जाती है। इसकी चपेट में जो भी चीजें आती हैं वे भी हवा में ऊपर उठ जाती हैं। इस प्रकार धूल और हवा से बनी काफी ऊँची दीवार या मीनार चलती जाती है और रास्ते में जो चीज़ भी मिलती है उसे तबाह कर देती है। इनके कई रूप हैं। इनके साथ गड़गड़ाहट, आँधी, तूफान और बिजली भी कड़कती है। जब से समुद्र में आते हैं तो पानी की मीनार जैसी बन जाती है। हमारे देश में तो अकसर आते हैं।

भारत का पहला उपग्रह प्रक्षेपक कौन सा है?

सैटेलाइट लांच वेहिकल-3 (एसएलवी-3) भारत का पहला प्रायोगिक उपग्रह प्रक्षेपण यान था। इसका पहला सफल प्रक्षेपण 18 जुलाई 1980 में श्रीहरिकोटा से आरएस-1 (रोहिणी उपग्रह) को कक्षा में स्थापित करने के साथ हुआ। इसकी कामयाबी ने भारत को दुनिया का ऐसा छठा देश बना दिया, जिसके पास अपना उपग्रह प्रक्षेपण यान था। यह परियोजना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा 1970 के दशक में शुरू हुई थी। थी। हालांकि जुलाई 1980 से पहले 10 अगस्त 1979 को भी एसएलवी-3 की पहली प्रायोगिक उड़ान हुई, परन्तु वह विफल रही।

 राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 31 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित

Wednesday, December 28, 2022

‘मोनालिसा’ की रचना किसने की?

मोनालिसा इटली के कलाकार लिओनार्दो दा विंची की बनाई विश्व-प्रसिद्ध पेंटिंग है। इसमें एक विचारमग्न स्त्री का चित्रण है जिसके चेहरे पर स्मित मुस्कान है। दुनिया की सबसे प्रसिद्ध पेंटिंगों में इसकी गिनती की जाती है। माना जाता है कि लियोनार्दो दा विंची ने यह तस्वीर 1503 से 1514 के बीच कभी बनाई थी। इस तस्वीर को फ्लोरेंस के एक व्यापारी 'फ्रांसिस्को देल जियोकॉन्डो' की पत्नी 'लीज़ा गेरार्दिनी' को देखकर बनाया था। इस समय यह पेंटिंग फ्रांस के लूव्र संग्रहालय में रखी हुई है। संग्रहालय के इस क्षेत्र में 16वीं शताब्दी की इतालवी चित्रकला की कृतियाँ रखी गई हैं। यह पेंटिंग 21 इंच लंबी और 30 इंच चौड़ी है। इसे सुरक्षित बनाए रखने के लिए इसे एक ख़ास किस्म के शीशे के पीछे रखा गया है, जो न चमकता है और न टूटता है।

संविधान सभा की पहली बैठक?

भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में 9 दिसम्बर1946 को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन हॉल में हुईजिसे अब संसद भवन के केंद्रीय कक्ष के नाम से जाना जाता है। हालांकि संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 को संविधान के प्रारूप को अंतिम रूप से स्वीकार कर लिया थापर यह तय किया गया कि इसे 26 जनवरी से लागू किया जाए क्योंकि 26 जनवरी 1930 के लाहौर कांग्रेस-अधिवेशन में पार्टी ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पास किया था और अध्यक्ष पं जवाहर लाल नेहरू ने अपने भाषण में इसकी माँग की थी। संविधान के नागरिकताचुनाव और संसद जैसी व्यवस्थाएं तत्काल लागू हो गईं थीं। राष्ट्रीय संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज 22 जुलाई 1947 को ही स्वीकार कर लिया था। वही ध्वज 15 अगस्त 1947 से औपचारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज के रूप में फहराया गया।

तीसरी दुनिया के देश नाम क्यों पड़ा?

तीसरी दुनिया शीतयुद्ध के समय का शब्द है। शीतयुद्ध यानी मुख्यतः अमेरिका और रूस का प्रतियोगिता काल। फ्रांसीसी डेमोग्राफर, मानव-विज्ञानी और इतिहासकार अल्फ्रेड सॉवी ने 14 अगस्त 1952 को पत्रिका ‘ल ऑब्जर्वेतो’ में प्रकाशित लेख में पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल किया था। इसका आशय उन देशों से था जो न तो कम्युनिस्ट रूस के साथ थे और न पश्चिमी पूँजीवादी खेमे के नाटो देशों के साथ थे। इस अर्थ में गुट निरपेक्ष देश तीसरी दुनिया के देश भी थे। इनमें भारत, मिस्र, युगोस्लाविया, इंडोनेशिया, मलेशिया, अफगानिस्तान समेत एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के तमाम विकासशील देश थे। यों माओत्से तुंग का भी तीसरी दुनिया का एक विचार था। पर आज तीसरी दुनिया शब्द का इस्तेमाल कम होता जा रहा है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 17 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित

Tuesday, December 27, 2022

फूलों में रंग और खुशबू कहाँ से आती है?

रासायनिक यौगिकों का एक गुण गंध भी है। फूलों में ही नहीं आप जीवन के प्रायः तमाम तत्वों में गंध पाते हैं। आपको भोजन, शराब, फलों, मसालों, सब्जियों वगैरह में गंध मिलती है। सभी फूलों में खुशबू नहीं होती। कुछ फूल गंधहीन होते हैं और कुछ दुर्गंध भी देते हैं। गुलाब की खुशबू जेरनायल एसीटेट नामक रासायनिक यौगिक के कारण होती है। चमेली की खुशबू नेरोलायडॉल के कारण होती है। पुराने ज़माने में फूलों से ही इत्र बनता था। फूलों की मुख्य भूमिका वानस्पतिक-प्रजनन में है। एक फूल से पराग कण दूसरे में जाते हैं। इसमें हवा के अलावा मधुमक्खियों, तितलियों तथा इसी प्रकार के दूसरे प्राणियों की होती है। उन्हें आकर्षित करने में भी इनके रंग और सुगंध की भूमिका होती है।

क्या फूलों का विकास हुआ है?

यह जानकारी पाना रोचक है कि फूल कब से धरती में उग रहे हैं। हाल में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पौधा खोज निकाला है जिसे दुनिया का 'पहला फूलों वाला पौधा' कहा जा सकता है। वनस्पति शास्त्रियों को मिला ये पौधा 'मॉन्टेशिया विदाली' प्रजाति का है। माना जा रहा है कि इस प्रजाति के पौधे 25 से 14 करोड़ वर्ष पहले स्पेन की झील में उगते थे। विज्ञानियों ने 'मॉन्टेशिया विदाली' के 1,000 से भी अधिक जीवाश्मों का अध्ययन किया। यह पौधा पानी के नीचे रहता था। इसपर कोई पंखुड़ी नहीं थी और यह तालाब में उगने वाले खरपतवार की तरह दिखता है। इसपर एक बीज वाला फल लगा दिखाई देता है। इस पौधे से हमें ये समझने में मदद मिलेगी कि फूल और पौधे किस तरह विकसित हुए और दुनिया भर में छा गए।

सुपरमैन क्या है?

सुपरमैन एक काल्पनिक चरित्र है, जिसकी कथाएं कॉमिक्स के रूप में छापी जाती है। इसे एक अमेरिकी प्रतीक माना जाता है। सन 1932 में इसकी रचना जैरी सीगल और जो शुस्टर दो किशोरों ने की थी जब वे क्लीवलैंड, ओहायो में रहते थे और स्कूल में पढ़ते थे। उन्होंने इस चरित्र के अधिकार डिटेक्टिव कॉमिक्स को बेच दिए थे। इसका पहला प्रकाशन सन 1938 में एक्शन कॉमिक्स #1 में हुआ था। इसके बाद यह चरित्र टेलिविजन और रेडियो आदि पर भी अवतरित हुआ। यह अब तक के रचे गए सबसे लोकप्रिय चरित्रों मे से एक है। सुपरमैन नीले रंग का परिधान पहनता है। उसके सीने पर लाल रंग की ढाल बनी होती है, जिसपर लिखा होता है एस। उसकी मूल कथा यह है कि उसका जन्म क्रिप्टॉन ग्रह पर हुआ था जहाँ उसका नाम था कैल-एल। यह क्रिप्टॉन ग्रह नष्ट हो रहा था कि उसके वैज्ञानिक पिता ने इस शिशु को रॉकेट पर रखकर धरती की ओर भेज दिया। यह बच्चा कैनसस के किसान और उसकी पत्नी को मिला। उन्होंने इसे पाला और इसका नाम रखा क्लार्क कैंट। इस बच्चे को उन्होंने गहरी नैतिक शिक्षा दी। इस बच्चे में शुरूआत से ही विलक्षण शक्तियाँ थीं, जिनका इस्तेमाल उसने अच्छे कार्यों में किया। सुपरमैन अमेरिका के एक काल्पनिक नगर मेट्रोपोलिस में रहता है। क्लार्क कैंट के रूप में वह मेट्रोपोलिस के अखबार डेली प्लेनेट में काम करता है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 3 दिसंबर, 2022 को प्रकाशित

Monday, December 26, 2022

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालक कौन है?

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) करती है, जिसकी स्थापना सन 1909 में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों ने मिलकर की थी। उस समय इसका नाम था इम्पीरियल क्रिकेट कांफ्रेंस। सन 1965 में इसका नाम इंटरनेशनल क्रिकेट कांफ्रेंस और 1989 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल हो गया। क्रिकेट के लगभग दो सौ साल से ज्यादा लम्बे इतिहास में इस खेल का स्वरूप लगातार बदलता गया। किसी ज़माने में टेस्ट मैच के दिन तय नहीं थे। सारे देशों को टेस्ट मैच खेलने लायक समझा भी नहीं जाता था। हालांकि भारत में सन 1792 में पहला क्रिकेट क्लब बन गया था, पर उसे टेस्ट क्रिकेट का दर्ज सन 1932 में मिला जब उसने इंग्लैंड के साथ लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट मैच खेला। टेस्ट क्रिकेट का दर्जा पाने वाली भारतीय टीम दुनिया में छठी टीम थी। उसके पहले इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और न्यूज़ीलैंड की टीमों को यह दर्जा प्राप्त था। आज दुनिया में 12 टीमों को टेस्ट खेलने का दर्जा प्राप्त है, जिनते नाम इस प्रकार हैं: 1.ऑस्ट्रेलिया, 2.इंग्लैंड, 3.दक्षिण अफ्रीका, 4.वेस्ट इंडीज, 5.न्यूज़ीलैंड, 6,भारत, 7.पाकिस्तान, 8.श्रीलंका, 9.बांग्लादेश, 10,जिम्बाब्वे, 11.आयरलैंड, अफगानिस्तान। 

क्रिकेट के नियम कौन बनाता है?

हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन आईसीसी करती है, पर क्रिकेट के नियमों का कॉपीराइट मैरिलेबोर्न क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के पास है। एमसीसी एक निजी क्लब है, पर हाल तक इंग्लैंड से बाहर जाने वाली टीम एमसीसी के नाम से जाती थी। सन 1996-97 के न्यूज़ीलैंड दौरे में इंग्लैंड की टीम ने आखिरी बार एमसीसी का कलर पहना था। बहरहाल क्रिकेट की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में नियम एमसीसी के नाम हैं। सन 1788 में एमसीसी ने क्रिकेट का पहला कोड बनाया था। इसके बाद 1835, 1884, 1947, 1980, 1992 और 2000 में कोड में संशोधन किया गया। इन नियमों का सातवाँ और अंतिम संस्करण 2017 में जारी किया गया था। इसमें भी नवीनतम परिवर्तन 1 अप्रेल 2019 को किया गया।

दुनिया का सबसे पुराना शहर?

दुनिया के कई शहर और देश सबसे पुराना होने का दावा करते हैं। इनमें सीरिया का दमिश्क, लेबनॉन का बाइब्लोस, अफगानिस्तान का बल्ख और फलस्तीन के जेरिको का नाम भी है। पर मैं अपने वाराणसी का नाम लेना चाहूँगा, जो सम्भवतः दुनिया के उन सबसे पुराने शहरों में एक है जो आज भी आबाद हैं। जनश्रुति है कि इसे भगवान शिव ने बसाया, पर इसमें दो राय नहीं कि यह शहर तीन से चार हजार साल पुराना है। मार्क ट्वेन ने इस शहर के बारे में लिखा है, ‘ बनारस, इतिहास से पुराना, परम्पराओं से पुराना, किंवदंतियों से पुराना है और इन सबको मिलाकर भी उनसे दुगना पुराना है।’

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 19 नवंबर, 2022 को प्रकाशित

Sunday, December 25, 2022

हैलोवीन क्या होता है?

 

हैलोवीन अमेरिका और यूरोप में 31 अक्तूबर को मनाया जाने वाला एक अवकाश है। अब भारत समेत दुनिया के बहुत से देशों में इसे मनाने लगे हैं। इस दिन लोग विचित्र किस्म की पोशाकें पहनते हैं। डरावनी फिल्में देखते हैं। भूत-प्रेत के खेल-खेलते हैं। खासतौर से कद्दू या सीताफल को काटकर उससे इंसान का चेहरा बनाकर उसके भीतर मोमबत्ती जलाते हैं। मैदान में होली की तरह से आग जलाते हैं। बच्चे घर-घर जाकर उपहार प्राप्त करते हैं। मोटे तौर पर गर्मी की समाप्ति और सर्दी के आगमन के इस पर्व में दुष्टात्माओं से छुटकारा पाने की कामना होती है। लौह युग की यूरोपीय सेल्टिक-संस्कृति में इसकी शुरुआत हुई थी।

जुगनू क्यों चमकते हैं?

जुगनू एक प्रकार का उड़ने वाला कीड़ा है, जिसके पेट में रासायनिक क्रिया से रोशनी पैदा होती है। इसे बायोल्युमिनेसेंस कहते हैं। इसके शरीर में ल्यूसिफेरिन नामक जटिल कार्बनिक यौगिक तथा ल्यूसिफेरेज नामक एन्जाइम पाया जाता है। इस एन्जाइम, और ऑक्सीजन तथा मैग्नीशियम आयन की उपस्थिति में ल्यूसिफेरिन पदार्थ से प्रकाश पैदा होता है। जीवधारियों के शरीर से प्रकाश  उत्पन्न होना बायोल्युमिनेसेंस कहलाता है। यह कोल्ड लाइट कही जाती है इसमें इंफ्रा रेड और अल्ट्रा वॉयलेट देनों फ्रीक्वेंसी नहीं होतीं।

एक ओवर में छह गेंदें ही क्यों?

सच यह है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सन 1979-80 के बाद से ही सारी दुनिया में छह गेंदों के मानक ओवर का चलन शुरू हुआ है। उसके पहले अलग-अलग समय और अलग-अलग देशों में चार, पाँच और आठ गेंदों के ओवर भी होते रहे हैं। क्रिकेट के ज्ञात इतिहास में इंग्लैंड में सन 1889 तक चार गेंदों का एक ओवर होता था। उसके बाद 1899 तक पाँच गेंद का ओवर हो गया। इसके बाद सन 1900 में एक पहल के बाद छह गेंदों के ओवर की शुरूआत हुई। शुरूआती वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में भी चार गेंद का ओवर होता था। इसके बाद जब इंग्लैंड में छह गेंद का ओवर हुआ तो वहाँ भी छह गेंद का ओवर हो गया। पर 1922-23 के सीज़न से ऑस्ट्रेलिया ने आठ गेंदों का एक ओवर करने का फैसला किया।

ऑस्ट्रेलिया की देखा-देखी इंग्लैंड ने भी सन 1939 में अपने घरेलू क्रिकेट में दो साल के लिए आठ गेंदों के ओवर का प्रयोग किया। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जब इंग्लैंड में नियमित रूप से क्रिकेट का सीज़न जब शुरू हुआ तब छह गेंदों के ओवर की वापसी हो गई। दक्षिण अफ्रीका में 1938-39 और फिर 1957-58 में आठ गेंद का ओवर चला। इसी तरह पाकिस्तान में 1974-75 और 1977-78 में आठ गेंद का ओवर रहा। गेंदों की संख्या घटाने और बढ़ाने के कारणों का विवरण दस्तावेजों में नहीं मिलता। इतना अनुमान है कि चार गेंदों का ओवर काफी छोटा लगा। उसे कुछ और बड़ा करने के प्रयास में यह संख्या आठ तक पहुँच गई।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 5 नवंबर, 2022 को प्रकाशित


Saturday, December 24, 2022

आइफ़िल टावर क्या है?

फ़्रांस की राजधानी पेरिस में कैम्प डि मार्स पर बनी मीनार है आइफ़िल टावर। लोहे की इस मीनार की ऊँचाई 986 फुट है। उसपर लगे टीवी एंटीना को भी जोड़ लिया जाए तो 1058 फ़ुट है। 1889 में जब यह बनकर तैयार हुई तो दुनिया की सबसे ऊंची इमारत थी। इसका निर्माण फ़्रांस की क्रान्ति की शताब्दी मनाने के लिए किया गया था।

बारह राशियाँ क्या हैं?

आमतौर पर हम अंतरिक्ष का अध्ययन करने के लिए हम एक काल्पनिक गोला मानकर चलते हैं, जो पृथ्वी केंद्रित है। इसे खगोल कहते हैं। पृथ्वी की भूमध्य रेखा और दोनों ध्रुवों के समांतर इस खगोल की भी मध्य रेखा और ध्रुव मानते हैं। इस खगोल में सूर्य का एक विचरण पथ है, जिसे सूरज का क्रांतिवृत्त या एक्लिप्टिक कहते हैं। पूरे साल में सूर्य इससे होकर गुजरता है। हालांकि अंतरिक्ष में हर वस्तु गतिमान है, पर यह गति इस प्रकार है कि हमें तमाम नक्षत्र स्थिर लगते हैं। इन्हें हमने अलग-अलग तारामंडलों के नाम दिए हैं। 

सूर्य के इस यात्रा पथ को एक काल्पनिक लकीर बनाकर देखें तो पता लगेगा कि पृथ्वी और सभी ग्रहों के चारों ओर नक्षत्रों की एक पेटी जैसी बन जाती है। इस पेटी को बारह बराबर भागों में बाँटने पर बारह राशियाँ बनतीं हैं, जो बारह तारा समूहों को भी व्यक्त करतीं हैं। इनके नाम हैं मेष, बृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन। सूर्य की परिक्रमा करते हुए धरती और सारे ग्रह इन तारा समूहों से गुजरते हैं। सालभर में सूर्य इन बारह राशियों का दौरा करके फिर अपनी यात्रा शुरू करता है। अंतरिक्ष विज्ञानी इसके आधार पर निष्कर्ष नहीं निकालते। इसे केवल फलित ज्योतिष ही मानता है।   

बादल फटना क्या होता है?

बादल फटने का मतलब एक छोटे से इलाके में कुछ मिनटों के भीतर भारी बरसात होना है। मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा पहाड़ी क्षेत्रों में बादल ज्यादा फटते हैं। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रति घंटा 100 मिलीमीटर (3.94 इंच) के बराबर या उससे ज्यादा बारिश होना बादल फटना है। इस दौरान जो बादल बनता है वह जमीन से 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकता है। बादल फटने के दौरान कुछ मिनटों में 20 मिलीमीटर से ज्यादा बरसात हो सकती है। जब वातावरण में बहुत ज्यादा नमी हो और बादलों को आगे बढ़ने की जगह न मिले तब ऐसा होता है। भारी मात्रा के साथ क्यूम्यूलोनिम्बस या कपासी वर्षी बादल जब ऊपर उठते हैं और उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिलता तो उनमें मौजूद पानी नीचे गिर जाता है। यह एक तरीके से पानी भरे बैलून की तरह पानी भरे बादलों का फटना है। इसकी दूसरी वजहें भी होती हैं। जैसे कि सर्द और गर्म हवाओं का टकराना। या पहाड़ रास्ते में आने की वजह से बादल का रुक जाना वगैरह।

 राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 22 अक्तूबर, 2022 को प्रकाशित


Friday, December 23, 2022

चुनाव आचार संहिता कब बनी?

चुनाव आचार संहिता का मतलब है चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती हैं। चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते है। देश में आदर्श आचार संहिता की शुरुआत सन 1960 के केरल विधानसभा चुनाव से हुई। शुरू में यह सामान्य से दिशा-निर्देश थे कि क्या करें और क्या न करें। उस समय देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे केवीके सुन्दरम। कल्याण सुन्दरम देश के पहले विधि सचिव और दूसरे चुनाव आयुक्त थे। सन 1962 के आम चुनाव में आयोग ने इस कोड को सभी मान्यता प्राप्त दलों को सौंपा। साथ ही सभी राज्य सरकारों के पास इसकी प्रति भेजी गई और अनुरोध किया गया कि इसपर राजनीतिक दलों की स्वीकृति प्राप्त करें। धीरे-धीरे यह परम्परा पुष्ट होती गई।

 पृथ्वी का सूर्य-परिक्रमा पथ गोल है या अंडाकार?

अंतरिक्ष में पूरी तरह वृत्ताकार कक्षा कहीं नहीं मिलती। पूरी तरह वृत्ताकार न तो ग्रह होते हैं और न नक्षत्र। तमाम अंतरिक्षीय पिंड एक-दूसरे की गुरुत्व शक्ति से प्रभावित होते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी पूरी परिक्रमा के दौरान घटती-बढ़ती रहती है। दोनों के बीच न्यूनतम दूरी 14 करोड़ 71 लाख 66 हजार 462 किमी जिसे रविनीच या पेरिहेलियोन (perihelion) कहते हैं। अधिकतम दूरी 15,21,71,522 किमी होती है, जिसे अफेलियोन या सूर्योच्च (aphelion) कहते हैं।

पानी की बूँदें गोल क्यों होती हैं?

बूँदों के गोल होने का कारण पृष्ठ तनाव है। यों तो पानी जिस पात्र में रखा जाता है उसका आकार ले लेता है, पर जब वह स्वतंत्र रूप से गिरता है तो धार जैसा लगता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण जैसे–जैसे उसकी मात्रा धरती की ओर जाती है उसी क्रम में आकार लेती है। इसके अलावा पानी के मॉलीक्यूल एक-दूसरे को अपनी ओर खींचते हैं और यह क्रिया केन्द्र की ओर होती है, इसलिए पानी टूटता नहीं। जैसे-जैसे पानी की बूँद का आकार छोटा होता है, वह गोल होती जाती है। यों आपने कुछ बड़ी बूँद को हल्का सा नीचे की ओर लटका हुआ भी पाया होगा। ऐसा गुरुत्वाकर्षण के कारण होता है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 8 अक्तूबर, 2022 को प्रकाशित 

Thursday, December 22, 2022

भारत में स्पीड पोस्ट सेवा कब शुरू हुई?

भारत में स्पीड पोस्ट सेवा 1 अगस्त1986 को शुरू की गई थी. इस सेवा के अंतर्गत पत्रोंदस्तावेजों और पार्सलों की डिलीवरी एक निश्‍चित अवधि के भीतर  की जाती है। यह सेवा अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भी 97 देशों में उपलब्ध है। इंटरनेट आधारित ट्रैक एंड ट्रेस सर्विस स्‍पीड नेट 3 जनवरी2002 को शुरू की गई। 

फीफा रैंकिंग क्या है?

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल एसोसिएशन का संक्षेप नाम है फीफा। यह संगठन अपने सदस्य देशों की टीमों के प्रदर्शन के आधार पर हर महीने उनके पॉइंट्स घोषित करता है ये पॉइंट टीम के पिछले चार साल के प्रदर्शन के आधार पर होते हैं। इस रैंकिंग की शुरुआत सन 1992 में हुई थी। जबसे रैंकिंग की शुरुआत हुई है दुनिया की पहली आठ-नौ टीमें आमतौर पर अर्जेंटीना, बेल्जियम, ब्राज़ील, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स, इंग्लैंड और स्पेन रहती हैं। इनके क्रम में फर्क पड़ता है। इस साल 25 अगस्त को घोषित रैंकिंग में 1837.56 अंक के साथ ब्राजील एक पर और 1821.92 अंक के साथ बेल्जियम दूसरे नम्बर पर है। भारत की टीम के पास 1198.65 अंक हैं, जिनके आधार पर उसका रैंक 104 है। यह पुरुषों की रैंक है। महिलाओं की रैंक में नंबर एक टीम अमेरिका की है, जिसके 2111.47 अंक हैं। भारत की महिलाओं की रैंक 1425.51 अंक के साथ 58वीं है। 

(6 अक्तूबर, 2022 की रैंक के अनुसार पुरुषों में 1841.3 अंक के साथ ब्राजील नंबर एक पर और 1192.09 अंक के साथ भारत का रैंक 106 है। महिलाओं की रैंक में नंबर एक टीम अमेरिका की है, जिसके 2078.50 अंक हैं। भारत की महिलाओं की रैंक 1405.79 अंक के साथ 61वीं है।

डकार क्यों आती है?

डकार को अंग्रेजी में बर्पिंग, बेल्चिंग और इरक्टेशन वगैरह कहते हैं। यह मूलतः पेट के पाचन मार्ग से गैस या हवा का मुँह के रास्ते बाहर निकलना है। कंठ के पास मार्ग सँकरा होता है और यदि गैस ज्यादा हो तो एक आवाज निकलती है वही डकार है। प्रायः हम भोजन करते वक्त हवा या गैस बनाने वाली वस्तुओं का सेवन करते हैं, जिसके कारण अतिरिक्त हवा बाहर निकलती है। ऐसा कार्बोनेटेड पेय, सॉफ्ट ड्रिंक, बीयर और शैम्पेन वगैरह पीने के बाद भी होता है। पेय से निकली कार्बन डाई ऑक्साइड डकार के रूप में बाहर आती है। पेट में अल्सर या भोजन की एलर्जी होने पर खट्टी डकारें भी आती हैं। नवजात शिशुओं को दूध पिलाने के बाद उनके पेट में हवा जमा हो जाती है, उसे थपकी देकर निकाला जाता है। केवल मनुष्यों को ही नहीं जानवरों को भी डकार आती हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर पर 24 सितंबर, 2022 को प्रकाशित

Wednesday, December 21, 2022

डॉक्टर के पर्चे में BD और OD का मतलब क्या होता है?

डॉक्टर के नुस्खे में कई तरह के संकेत संक्षेप में लिखे होते हैं, जो मूल रूप से लैटिन संकेताक्षर हैं। इनमें से सामान्यतः सबसे ज्यादा BD, OD और TDS का इस्तेमाल होता है। OD का लैटिन में पूरा रूप है ओम्नी डाय, जिसे अंग्रेजी में कहेंगे वंस ए डे यानी दिन में एकबार। BD यानी बिस इन डाय यानी दिन में दो बार। TDS का मतलब है टर्डी सुमेंडम माने दिन में तीन बार। QID माने क्वार्टर इन डाय यानी दिन में चार बार। Q2H मतलब हरेक दो घंटे में। इसी तरह SOS का मतलब है सी ओपस सिट माने जरूरत पड़ने पर। जैसे दर्द हो वगैरह।

भारत में राजनीतिक दलों की संख्या

सन 1951 के चुनाव में हमारे यहाँ 14 राष्ट्रीय और 39 अन्य मान्यता प्राप्त पार्टियाँ थीं। सन 2009 के लोकसभा चुनाव में 363 पार्टियाँ उतरीं थीं। इनमें 7 राष्ट्रीय, 34 प्रादेशिक और 242 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त पार्टियाँ थीं। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में जिन दलों ने हिस्सा लिया उनकी संख्या इस प्रकार थी-राष्ट्रीय दल 6 भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस और राकांपा. राज्य स्तर के दल 46 और पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियाँ 464। चुनाव आयोग की नवीनतम सूचना 23 सितंबर 2021 के अनुसार देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की कुल संख्या 2858 है। इनमें आठ राष्ट्रीय दल, 54 राज्यों के दल और 2796 गैर-मान्यता प्राप्त दल हैं।

जैरॉक्स मशीन की खोज किसने की?

जैरॉक्स कॉरपोरेशन ग्लोबल डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट कम्पनी है। यह 1906 में बनी थी. तब इसका नाम हैलॉइड फोटोग्राफिक कम्पनी था। यह फोटोग्राफिक पेपर और फोटोग्राफी के अन्य उपकरण बनाती थी। 1958 में इस कम्पनी का नाम हैलॉइड जैरॉक्स कॉरपोरेशन हो गया और 1961 में सिर्फ जैरॉक्स. इस कम्पनी ने 1961 में जैरॉक्स 914 के नाम से दुनिया का पहला प्लेन पेपर कॉपियर बनाया। यह एक प्रकार की क्रांति थी. इसने फोटोकॉपी या जैरोग्राफी का एक नया संसार खोल दिया। इसके बाद तमाम कम्पनियों ने पेपर कॉपियर बनाए, पर हम लोग सबको जैरॉक्स बोलते हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 10सितंबर, 2022 को प्रकाशित

Tuesday, December 20, 2022

एसएसएलवी किसे कहते हैं?

स्मॉल सैटेलाइट लांच वेहिकल का अंग्रेजी संक्षिप्त रूप है एसएसएलवी। हाल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने पहले एसएसएलवी का प्रक्षेपण किया था। यह रॉकेट छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए बनाया गया है। यह 500 किलोग्राम के उपग्रह को निम्न-भू कक्षा (लो अर्थ ऑर्बिट) पर या 300 किलोग्राम के उपग्रह को सूर्य-तुल्यकालिक (सन सिंक्रोनस) कक्षा पर स्थापित कर सकता है। इस रॉकेट को काफी कम समय में तैयार किया जा सकता है और इसकी लागत भी काफी कम है। इसे पाँच-छह लोगों की टीम 72 घंटे में तैयार कर सकती है, जबकि पीएसएलवी और जीएसएलवी को तैयार करने में 70-80 दिन लगते हैं।

भारत के एसएसएलवी की पहली परीक्षण उड़ान गत 7 अगस्त को हुई थी। हालांकि इसका प्रक्षेपण सही हुआ, पर कुछ कारणों से यह अपने उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित नहीं कर पाया। इसका पहला प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा से किया गया, पर इन रॉकेटों के प्रक्षेपण के लिए तमिलनाडु में कुलशेखरपत्तनम के पास एक नया एसएसएलवी लांच कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। ऐसे रॉकेटों के प्रक्षेपण के लिए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड नाम से एक नया कंसोर्शियम भी बनाया गया है। आज कल दुनिया में 90 फीसदी से ज्यादा छोटे उपग्रहों का प्रक्षेपण हो रहा है, इसलिए इस छोटे रॉकेट को गेमचेंजर बताया जा रहा है। अमेरिका के स्पेसएक्स ऐसे उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है।

अंतरिक्ष में सबसे भारी यान कौन सा है?

इस वक्त पृथ्वी की कक्षा में धरती से भेजा गया सबसे भारी उपग्रह अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन है, जिसका वज़न 4,40,725 किलोग्राम है, जो 2020 में पूरा हुआ। इस पूरे स्पेस स्टेशन को एकसाथ अंतरिक्ष में नहीं भेजा गया है। इसके सबसे पहले हिस्से को सन 1998 में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था। तब से  सामान्यतः यह स्टेशन धरती से सामान्यतः 330 से 435 किलोमीटर की दूरी पर रहते हुए अपनी परिक्रमा पूरी करता है। यह हर रोज धरती के 15.54 चक्कर पूरे करता है।

श्री और सर्वश्री

श्री एक व्यक्ति के लिए इस्तेमाल होगा. मसलन श्री राजीव कुमार जब हम कई नाम एकसाथ लिखें तो शुरू में सर्वश्री लिखकर काम चलाते हैं। आशय है कि सभी श्री। मसलन सर्वश्री रमेश, सुरेश, महेश और राकेश।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 27 अगस्त, 2022 को प्रकाशित


Monday, December 19, 2022

ताजमहल का आर्किटेक्ट कौन था?

ताजमहल का वास्तुकार कौन है यह दावे के साथ आज भी नहीं कहा जा सकता। इतना जरूर समझ में आता है कि वास्तुकारों और निर्माण विशेषज्ञों के समूह के साथ शाहजहाँ स्वयं भी सक्रिय रूप से इसमें शामिल थे। उस्ताद अहमद लाहौरी को इसका श्रेय देने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति माना जाता है, एक प्रधान वास्तुकार के रूप में। यह भी माना जाता है कि तुर्किये के इस्माइल अफांदी या उस्ताद ईसा से भी सलाह ली गई थी। 

वाशिंगटन डीसी में ‘डीसी’ क्या है?

वॉशिंगटन डीसी का अर्थ है वॉशिंगटन डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलम्बिया। अमेरिकी संविधान के अनुसार संघीय राजधानी एक अलग डिस्ट्रिक्ट के रूप में बनाई जा सकती है, जो किसी राज्य का हिस्सा न हो। यह शहर जॉर्ज वॉशिंगटन की स्मृति में बसाया गया है। अमेरिका में एक राज्य भी वॉशिंगटन है। उसका वॉशिंगटन डीसी से कोई सम्बन्ध नहीं है।

नैनो सैटेलाइट क्या होते हैं?

नैनो सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले लघु उपग्रहों को कहते हैं। सामान्यतः 1 किलोग्राम से 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट को नैनो की परिभाषा में रखा जाता है। इन छोटे उपग्रहों की अपनी भूमिका है। मसलन अंतरिक्ष के अनेक बिन्दुओं से जानकारी एकत्र करनी हो तो अनेक उपग्रहों की जरूरत होगी। ऐसे में एक बड़े वज़नी उपग्रह के बजाय अनेक छोटे उपग्रहों की सेवाएं ली जाती हैं। लघु उपग्रह, विशेष रूप से बड़ी संख्या में, कुछ उद्देश्यों के लिए कम, बड़े उपग्रहों की तुलना में अधिक उपयोगी हो सकते हैं-उदाहरण के लिए, वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना और रेडियो रिले वगैरह। इन दिनों कम्युनिकेशन कंपनियाँ ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं के लिए छोटे उपग्रहों का नेटवर्क बना रही हैं। इनमें स्टारलिंक और वनवैब जैसे नाम हैं। कई बार बड़े उपग्रहों की निगरानी के लिए भी छोटे उपग्रहों की जरूरत होती है। विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को उपग्रह विज्ञान की बुनियादी जानकारी देने के लिए भी इनका इस्तेमाल होता है। हाल के वर्षों में 1 से 50 किलो वज़न के उपग्रहों का चलन बढ़ा है। अब अंतरिक्ष प्रक्षेपण कम्पनियाँ छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण में अलग से विशेषज्ञता प्राप्त करने की कोशिश कर रहीं है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 13 अगस्त, 2022 को प्रकाशित

Sunday, December 18, 2022

शीशे का आविष्कार कब हुआ?

शीशे से आपका आशय दर्पण से है तो यह समझें कि पहले दर्पण की अवधारणा ने जन्म लिया, जो प्रकृति ने हमें ठहरे हुए पानी के रूप में दी थी। उसमें मनुष्य को अपनी छवि दिखाई दी। अपनी छवि को देखने की मनोकामना का ही प्रभाव था कि पत्थर युग में चिकने पत्थर में भी इंसान को अपना प्रतिबिंब नज़र आने लगा था। इसके बाद यूनान, मिस्र, रोम, चीन और भारत की सभ्यताओं में धातु को चमकदार बनाकर उसका इस्तेमाल दर्पण की तरह करने की परंपरा शुरू हुई। पर प्रकृति ने उससे पहले उन्हें एक दर्पण बनाकर दे दिया था। यह था ऑब्सीडियन। ज्वालामुखी के लावा के जमने के बाद बने कुछ काले चमकदार पत्थर एकदम दर्पण का काम करते थे। बहरहाल धातु युग में इंसान ने ताँबे की प्लेटों को चमकाकर दर्पण बना लिए। प्राचीन सभ्यताओं को शीशा बनाने की कला भी आती थी। ईसा की पाँचवीं सदी में चीन के लोगों ने चाँदी और मरकरी से शीशे के एक ओर कोटिंग करके दर्पण बना लिए थे। हमारे यहाँ स्त्रियों के गहनों में आरसी भी एक गहना है, जो वस्तुतः चेहरा देखने वाला दर्पण है।

रेशम का आविष्कार?

रेशम प्राकृतिक प्रोटीन से बना रेशा है। यह प्रोटीन रेशों में मुख्यतः फिब्रोइन (fibroin) होता है। ये रेशे कुछ कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाए जाते हैं। सबसे उत्तम रेशम शहतूत के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है। रेशम का आविष्कार चीन में ईसा से 3500 साल पहले हो गया था। इसका श्रेय चीन की महारानी ली-ज़ू को दिया जाता है। प्राचीन मिस्र की ममियों में और प्राचीन भारत में भी रेशम मिलता है। रेशम कला या सेरीकल्चर को चीनी महारानी ने छिपाने की कोशिश की, पर पहले कोरिया और फिर यह कला भारत पहुँची।

रेशम एक प्रकार का महीन चमकीला और दृढ़ तंतु या रेशा जिससे कपड़े बुने जाते हैं । यह तंतु कोश में रहनेवाले एक प्रकार के कीड़े तैयार करते हैं। रेशम के कीड़े कई तरह के होते हैं। अंडा फूटने पर ये बड़े पिल्लू के आकार में होते हैं और रेंगते हैं। इस अवस्था में ये पत्तियाँ बहुत खाते हैं। शहतूत की पत्ती इनका सबसे अच्छा भोजन है। ये पिल्लू बढ़कर एक प्रकार का कोश बनाकर उसके भीतर हो जाते हैं। उस समय इन्हें 'कोया' कहते हैं। कोश के भीतर ही यह कीड़ा वह तंतु निकालता है, जिसे रेशम कहते हैं। कोश के भीतर रहने की अवधि जब पूरी हो जाती है, तब कीड़ा रेशम को काटता हुआ निकलकर उड़ जाता है। इससे कीड़े पालने वाले निकलने के पहले ही कोयों को गरम पानी में डालकर कीड़ों को मार डालते हैं और तब ऊपर का रेशम निकालते हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 30 जुलाई, 2022 को प्रकाशित

Saturday, December 17, 2022

सबसे ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करने वाला पेड़ कौन सा है?

 

पेड़ या पौधे ऑक्सीजन तैयार नहीं करते बल्कि वे फोटो सिंथेसिस या प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं और उसके दो बुनियादी तत्वों को अलग करके ऑक्सीजन को वातावरण में फैलाते हैं। एक मायने में वातावरण को इंसान के रहने लायक बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। 

प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगों जैसे पत्ती, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बन डाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं। इस प्रक्रिया में आक्सीजन एवं ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (सक्रोज, ग्लूकोज, स्टार्च आदि) का निर्माण होता है तथा आक्सीजन गैस बाहर निकलती है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण जैव रासायनिक क्रियाओं में से एक है। सीधे या परोक्ष रूप से दुनिया के सभी सजीव इस पर आश्रित हैं।

कौन सा पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करता है, इसे लेकर अधिकार के साथ कहना मुश्किल हैपर तुलसीपीपलनीम और बरगद के पेड़ काफी ऑक्सीजन तैयार करते हैं और हमारे परम्परागत समाज में इनकी पूजा होती है। यों पेड़ों के मुकाबले काई ज्यादा ऑक्सीजन तैयार करती है।

बर्फ बनाना कब शुरू हुआ?

बर्फ प्राकृतिक रूप से हमें मिलती है। उसके आविष्कार की बात सोची नहीं जा सकती, पर खाने-पीने की चीज़ों को सुरक्षित रखने के लिए और गर्म इलाकों में कमरे को ठंडा रखने के लिए बर्फ की ज़रूरत हुई। शुरू के दिनों में सर्दियों की बर्फ को जमीन के नीचे दबाकर या मोटे कपड़े में लपेट कर उसे देर तक सुरक्षित रखने का काम हुआ। फिर आइस हाउस बनाने का चलन शुरू हुआ। ज़मीन के नीचे तहखाने जैसे बनाकर उनमें बर्फ की सिल्लियाँ रखी जाती थीं, जो या तो सर्दियों में सुरक्षित कर ली जाती थीं या दूर से लाई जाती थीं। चीन में आइसक्रीम बनाने की कला का जन्म भी हो गया था। सन 1295 में जब मार्को पोलो चीन से वापस इटली आया तो उसने आइस क्रीम का जिक्र किया। आइस हाउस के बाद आइस बॉक्स बने। फिर कृत्रिम बर्फ बनाने की बात सोची गई। इसके बाद रेफ्रिजरेटर की अवधारणा ने जन्म लिया। सन 1841 में अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन गोरी ने बर्फ बनाने वाली मशीन बना ली। आइस क्यूब ट्रे बीसवीं सदी की देन है। इस ट्रे ने आइस क्यूब को जन्म दिया।

सीनियर सिटिजन की परिभाषा क्या है?  

अमेरिका में रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है। भारत में सामान्यतः 60 साल के व्यक्ति को सीनियर सिटिजन मानते हैं। भारतीय बैंक 60 साल से ऊपर के व्यक्ति को ज्यादा ब्याज देते हैं।

डीजे का फुलफॉर्म 

डीजे का मतलब होता है डिस्क जॉकी। वह व्यक्ति जो श्रोताओं के लिए संगीत तय करता है या पेश करता है। डिस्क प्ले करता है।

अमेरिका और युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में अंतर?

अमेरिका एक महाद्वीप का नाम है जो दो बड़े उप महाद्वीपों में बँटा है. एक है उत्तरी अमेरिका और दूसरा दक्षिणी अमेरिका। अमेरिकी महाद्वीप में अनेक देश हैं। उनमें एक है युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका। यह उत्तरी अमेरिका में है। अक्सर हम यूएसए और अमेरिका को एक मान लेते हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 16 जुलाई 2022 को प्रकाशित

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