Tuesday, March 28, 2023

क्रिकेट में नेल्सन अंक का क्या अर्थ है?

नेल्सन, डबल नेल्सन और ट्रिपल नेल्सन क्रिकेट में 111, 222 और 333 के स्कोर को कहते हैं। यह एक लोक प्रयोग हैं और इसे ब्रिटेन की नौसेना के अठारहवीं सदी के मशहूर एडमिरल लॉर्ड होरेशियो नेल्सन के नाम से जोड़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस बहादुर फौजी की एक आँख, एक हाथ और एक पैर लड़ाई में जाता रहा। यह तथ्य पूरी तरह सही नहीं है। उनकी एक आँख और एक हाथ वाली बात तक ठीक है, पर उनके दोनों पैर थे। बहरहाल नेल्सन स्कोर के साथ अंधविश्वास है कि इसपर विकेट गिरता है। हालांकि यह भी सच नहीं है। ‘द क्रिकेटर’ नाम की मशहूर मैगज़ीन ने पुराने स्कोर की पड़ताल की तो इन स्कोरों पर विकेट ज़्यादा नहीं गिरे हैं। सबसे ज़्यादा विकेट 0 के स्कोर पर गिरते हैं। बहरहाल प्रसिद्ध अम्पायर डेविड शेफर्ड ने नेल्सन स्कोर को प्रसिद्ध बनाया। वे इस स्कोर पर या तो एक पैर उठा देते थे या तब तक दोनों पैरों पर खड़े नहीं होते थे, जब तक स्कोर आगे न बढ़ जाए। वे उछलते रहते थे। नेल्सन स्कोर की तरह ऑस्ट्रेलिया में 87 के स्कोर को लेकर अंधविश्वास है। 100 से 13 कम यानी 87 को खतरनाक माना जाता है। संयोग है कि ऑस्ट्रेलिया के काफी खिलाड़ी इस स्कोर पर आउट होते हैं।

बॉडी मास इंडेक्स क्या होता है?

बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई व्यक्ति की ऊँचाई और वजन के संतुलन को बताता है।  यह सिर्फ इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति का वजन कम या ज्यादा तो नहीं। इस संकेतक का आविष्कार बेल्जियम के वैज्ञानिक एडॉल्फ केटेलेट ने सन 1830 से 1850 के बीच कभी किया। उनके नाम पर इसे केटेलेट इंडेक्स भी कहते हैं। इसे निकालने का आसान तरीका है व्यक्ति अपने वजन को अपनी ऊँचाई के वर्ग मीटर से भाग दे तो जो प्राप्त होगा वह उसका बीएमआई है। आमतौर पर यह इंडेक्स 185 से 25 के बीच रहना चाहिए। 25 से ऊपर का अर्थ है व्यक्ति का वज़न ज्यादा है और 185 से कम का अर्थ है वज़न कम है। आपने जो संख्या लिखी है वह इन दो के बीच की संख्या है, इसलिए आदर्श है।

पीत-पत्रकारिता’ क्या होती है?

पीत पत्रकारिता उस पत्रकारिता को कहते हैं जिसमें सही समाचारों की अनदेखी करके सनसनी फैलाने वाले या ध्यान-खींचने वाले शीर्षकों का बहुतायत में प्रयोग किया जाता है। इसे समाचारपत्रों की बिक्री बढ़ाने का घटिया तरीका माना जाता है। मूलतः अब इससे आशय अनैतिक और भ्रष्ट पत्रकारिता है। जिन दिनों यह शब्द चला था तब इसका मतलब लोकप्रिय पत्रकारिता था। इसका इस्तेमाल अमेरिका में 1890 के आसपास शुरू हुआ था। उन दिनों जोज़फ पुलिट्जर के अख़बार ‘न्यूयॉर्क वर्ल्ड’ और विलियम रैंडॉल्फ हर्स्ट के ‘न्यूयॉर्क जर्नल’ के बीच जबर्दस्त प्रतियोगिता चली थी। इस पत्रकारिता को यलो कहने के बीच प्रमुख रूप से पीले रंग का इस्तेमाल है, जो दोनों अखबारों के कार्टूनों का प्रभाव बढ़ाता था। दोनों अखबारों का हीरो पीले रंग का कुत्ता था। यलो जर्नलिज्म शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल उन्हीं दिनों न्यूयॉर्क प्रेस के सम्पादक एरविन वार्डमैन ने किया।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 25 मार्च, 2023 को प्रकाशित

Monday, March 13, 2023

हींग क्या होती है?

 हींग क्या होती है?

हींग एशिया में पाए जाने वाले सौंफ की प्रजाति के फेरूला फोइटिस नामक पौधे का चिकना रस है। ये पौधे-ईरान, अफगानिस्तान, तुर्की, बलूचिस्तान, अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों में अधिक होते हैं। भारत में हींग की खेती बहुत कम मात्रा में होती है। इस पौधे की टहनियाँ 6 से 10 फ़ुट तक ऊँची हो जाती हैं। इस पर हरापन लिए पीले रंग के फूल निकलते हैं। इसकी जड़ों को काटा जाता है जहाँ से एक दूधिया रस निकलता है। फिर इसे इकट्ठा कर लेते हैं। सूखने पर यह भूरे रंग के गोंद जैसा हो जाता है, यही हींग है। ईरान में लगभग हर तरह के भोजन में इसका प्रयोग किया जाता है। भारत में हींग का काफी इस्तेमाल होता है। इसे संस्कृत में 'हिंगु' कहा जाता है। इसमें औषधीय गुण भी अनेक हैं। हाजमे के लिए हींग बहुत अच्छी है। यह खाँसी भी दूर करती है।

सनातन धर्म क्या है?

सनातन धर्म अपने मूल रूप हिन्दू धर्म का नाम है। वैदिक काल में भारतीय भूखंड के धर्म के लिए 'सनातन धर्म' नाम मिलता है। 'सनातन' का अर्थ है-शाश्वत या 'हमेशा बना रहने वाला'। जिसका न आदि है न अन्त। यह मूलत: भारतीय धर्म है, जो किसी ज़माने में वृहत्तर भारत में व्याप्त था। सिन्धु नदी को यूनानियों ने इंडस कहा जिसके आधार पर हमारे देश को यूरोप ने इंडिया नाम दिया। अरबी फारसी में स का उच्चारण ह की तरह करने पर सिन्धु नदी पार के लोगों को हिन्दू और स्थान को हिन्दुस्तान कहा गया। भारत के अपने पुराने साहित्य में हिन्दू शब्द नहीं मिलता।

जी-20 क्या है?

26 सितंबर 1999 को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में विश्व के सात प्रमुख देशों के संगठन जी-7 ने एक नया संगठन बनाने की घोषणा की थी। उभरती आर्थिक ताक़तों की खराब वित्तीय स्थिति से बने चिंता के माहौल के बीच गठित इस संगठन का नाम दिया गया-जी 20। उस वक्त यह विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के संगठन के रूप में सामने आया था, जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल थे। जी-20 के सदस्य देशों में फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इन देशों के अलावा इसके सम्मेलनों में दुनिया भर के तमाम संगठनों और देशों को समय-समय पर निमंत्रित किया जाता है। वस्तुतः इस समय दुनिया की आर्थिक परिघटनाओं, खासतौर से वैश्विक मंदी के मद्दे-नजर यह सबसे प्रभावशाली संगठन है। इस संगठन का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है, पर अब प्रयास किया जा रहा है कि स्थायी सचिवालय बने। इसकी अध्यक्षता हर साल बदलती है। इस समय यह भारत के पास है। इस साल इसका शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होगा।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 11 मार्च, 2023 को प्रकाशित


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