सन 1898 में निकोला टेस्ला ने अमेरिका में पहला रिमोट पेटेंट कराया जो पानी पर चल रही नाव को दूर से संचालित कर सकता था। रिमोट कंट्रोल से सामान्य तात्पर्य टीवी या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इंफ्रारेड मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम से संचालित करना है। सुदूर अंतरिक्ष में घूम रहे यानों को भी दूर से ही नियंत्रित किया जाता है। तमाम देशों में बगैर ड्राइवर की मेट्रो ट्रेन दूर से संचालित हो रहीं हैं। हम जिन रिमोट कंट्रोल गैजेट्स की बात कर रहे हैं वे कुछ दूरी यानी पाँच मीटर के आसपास तक काम करते हैं। ये रिमोट प्रायः इंफ्रारेड का उपयोग करते हैं। सत्तर के दशक से पहले के रिमोट अल्ट्रासोनिक तरंगों का इस्तेमाल करते थे। रेडियो तकनीक का आविष्कार होने के बाद रेडियो तरंगों के मार्फत संदेश भेजने की शुरुआत भी हो गई थी। शुरूआती रिमोट कंट्रोल रेडियो तरंगों के मार्फत चलते थे। अब इनमें ब्लू टूथ कनेक्टिविटी, मोशन सेंसर और वॉइस कंट्रोल भी शामिल होने लगे हैं।
परमाणु विस्फोट कितने देश कर चुके हैं?
सबसे
पहला परमाणु परीक्षण अमेरिका ने 16 जुलाई
1945 को किया था। तब से 1992 तक अमेरिका 1032 परमाणु परीक्षण कर चुका है। सोवियत संघ में 727 परीक्षण हुए, लेकिन 1992 में उसके विघटन के बाद से कोई परीक्षण नहीं हुआ।
ब्रिटेन ने 88
परीक्षण किए और
अंतिम परीक्षण 1991 में किया गया। फ़्रांस 217 परीक्षण कर चुका है, चीन 47, भारत
छह, पाकिस्तान छह और उत्तर कोरिया ने चार परीक्षण किए हैं। इसके
अलावा यह माना जाता है कि जापान, इसराइल, दक्षिण अफ़्रीका और जर्मनी ने भी परमाणु परीक्षण
किए हैं। माना जाता है कि दुनिया में अबतक 2121 नाभिकीय परीक्षण किए
जा चुके हैं।
तारे टिमटिमाते क्यों हैं?
सौरमंडल का सदस्य होने के नाते ग्रह पृथ्वी के निकट हैं।
ग्रहों और हमारी आँखों के बीच पतला सा वायुमंडल है। इससे होकर गुज़रने वाली प्रकाश
किरणों को ज़्यादा अपवर्तन का सामना नहीं करना होता। वे स्थिर प्रतीत होते हैं।
पृथ्वी और तारों के बीच दूरी बहुत ज़्यादा है। प्रकाश की किरणें अनेक माध्यमों से
गुज़र कर हम तक आती हैं। इसीलिए तारे टिमटिमाते लगते हैं।
पर्स और बेल्ट का चलन कब से है?
शब्द
बटुआ या वॉलेट सैकड़ों साल से प्रचलन में है। आज आप जो चमड़े का पर्स जेब में रखते
हैं वह भी यूरोप में अठारहवीं सदी के अंतिम वर्षों में प्रचलन में आ गया था।
पुराने ज़माने में इसमें सिक्के रखे जाते थे। कागज़ के नोटों का चलन सातवीं से
ग्यारहवीं सदी के बीच चीन में शुरू हुआ। हमारे देश में पुरानी पोटली मध्य युग में
डोरी लगे बटुए का रूप ले चुकी थी। जहाँ तक पेटी या बेल्ट का प्रश्न है, यह भी
पुराने कमरबंद का नया रूप है। इसका इस्तेमाल इंसान ने ताम्रयुग से शुरू कर दिया था।
आधुनिक चमड़े की बेल्ट का इस्तेमाल उन्नीसवीं सदी में फौजी वर्दी के साथ शुरू हुआ
था।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 8 अप्रेल, 2023 को
प्रकाशित