तकनीकी दृष्टि से इसे मीट या गोश्त नहीं कहना चाहिए, पर वनस्पति-आधारित प्रोटीन से भरपूर ऐसे खाद्य-पदार्थ बाजार में आ रहे हैं, जो रूप और स्वाद में गोश्त जैसे लगते हैं। इन्हें ‘मॉक-मीट’ या ‘वैज-मीट’, ‘शाकाहारी मांस’ या वीगन फूड्स कहा जा रहा है। ऐसे सींक कबाब, नगेट्स, बर्गर और सॉसेज बाजार में उपलब्ध हैं, जो एकदम मीट के बने लगते हैं और स्वाद में भी वैसे ही होते हैं।
इन्हें मटर और सोया जैसी वनस्पतियों से प्रोटीन
निकालकर रिफाइंड नारियल के तेल, पाम ऑयल या ऐसे की किसी वनस्पति तेल की सहायता से
बनाया जाता है। इनमें चुकंदर के सत या ऐसे ही किसी वानस्पतिक-पदार्थ की सहायता से
रंग और टैक्सचर भी गोश्त जैसा दिया जाता है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद
निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने वीगन फूड्स की विदेश में बढ़ती मांग पूरी करने
के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत की है। भारत में तैयार वीगन फूड्स के
निर्यात की पहल भी शुरू हो गई है। लोग वीगन फूड्स के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण से
जुड़े लाभों को लेकर जागरूक हो गए हैं, पर स्वाद भी चाहते हैं।
कटहल शाकाहारी तत्त्वों का अच्छा स्रोत है,
जिससे गोश्त की तरह स्वाद वाले पदार्थों को तैयार किया जा सकता है। कोविड
महामारी के दौरान वीगन फूड्स ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसके पीछे धारणा
यह थी कि बीमारियों से लड़ने में ये उत्पाद शरीर में प्रतिरोध क्षमता का विकास
करते हैं। इससे देश में ‘मॉक-मीट्स’ उद्योग तेजी से आगे बढ़ा है। अमेरिका के कृषि
विभाग ने मई 2021 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भारत को
‘मांस के विकल्प के रूप में एक बड़ा बाजार बताया था’। रिपोर्ट में कहा गया है कि
भारत में प्रोटीन के स्रोत के रूप में दलहन, कटहल
एवं दुग्ध उत्पादों का लंबे समय से इस्तेमाल होता रहा है।
छींक क्यों आती है.
छींक
आमतौर पर तब आती है जब हमारी नाक के अंदर की झिल्ली, किसी बाहरी पदार्थ के घुस जाने
से खुजलाती है। नाक से तुरंत हमारे मस्तिष्क को संदेश पहुंचता है और वह शरीर की
मांसपेशियों को आदेश देता है कि इस पदार्थ को बाहर निकालें। जानते हैं छींक जैसी
मामूली सी क्रिया में कितनी मांसपेशियां काम करती हैं....पेट, छाती, डायफ्राम, वाकतंतु,
गले के पीछे और यहां तक कि आंखों की भी। ये सब मिलकर काम करते हैं। कभी-कभी
एक छींक से काम नहीं चलता तो कई छींके आती हैं। जब जुकाम होता है तब छींकें इसलिए
आती हैं क्योंकि जुकाम की वजह से हमारी नाक के भीतर की झिल्ली में सूजन आ जाती है
और उससे ख़ुजलाहट होती है।
राजस्थान
पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 26 अगस्त, 2023 को प्रकाशित