Sunday, June 17, 2018

दलित-प्रतिरोध का रंग नीला क्यों?

सामान्यतः दलित विचार से जुड़े संगठन नीले रंग को प्रतीक रूप से अपनाते हैं, हालांकि सत्तर के दशक में शुरू हुए दलित पैंथर के ध्वज में नीले रंग के साथ लाल रंग भी था, जो दुनिया के वामपंथियों का प्रिय रंग है। डॉ भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमाओं में नीले रंग का इस्तेमाल होता है। हाल में उत्तर प्रदेश के बदायूं में बाबा साहब डॉ भीमराव आम्बेडकर की एक प्रतिमा को कुछ शरारती लोगों ने भगवा रंग दिया था, जिसे लेकर विवाद हुआ। उस घटना के बाद काफी लोगों ने जानना चाहा कि भीमराव आम्बेडकर के साथ नीला रंग क्यों जुड़ा है? इस सिलसिले में आम्बेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी निर्मल ने कहा, ‘नीला रंग बाबा साहब को प्रिय था।’ रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर और दलित विचारक एसआर दारापुरी ने प्रेस ट्रस्ट को बताया कि सन 1942 में बाबा साहब ने शेड्यूल्‍ड कास्‍ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की स्‍थापना की थी। उसके झंडे का रंग नीला था और उसके बीच में अशोक चक्र था। इसके बाद 1956 में जब पुरानी पार्टी को खत्म कर रिपब्लिकन पार्टी का गठन किया गया तो इसमें भी इसी नीले रंग के झंडे का इस्तेमाल किया।
दारापुरी के अनुसार, नीला रंग आसमान का रंग है। ऐसा रंग जो भेदभाव से रहित दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है। बाबा साहब की भी यही दृष्टि थी। बसपा ने भी इसी रंग को अपनाया। यह दलित अस्मिता का प्रतीक बन गया। बाबा साहब की प्रतिमा हमेशा नीले रंग के कोट में दिखती है। उनके एक हाथ में संविधान की किताब और दूसरे हाथ की एक उंगली उठी रहती है, जो आगे बढ़ने की सूचक है। डॉ आम्बेडकर ने पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्यों और यहाँ तक कि सूट-बूट को दलितों की चेतना को जगाने का माध्यम बनाया। उन्हें नीले रंग का सूट बहुत पसंद था। वे अमूमन इसी रंग के थ्री पीस सूट पहनते थे। दलित चिंतक मानते हैं कि आम्बेडकर का नीला सूट दलितों के प्रतिरोध और अस्मिता का प्रतीक बन गया है। बौद्ध धर्म में भी नीला रंग महत्वपूर्ण है। अशोक चक्र का रंग नीला है। बौद्ध धम्म चक्र भी नीला है।

राजनीतिक-विचारधाराओं की पहचान रंगों से?

वैश्विक संदर्भों में नीला रंग सामान्यतः सेंटर राइट या कंजर्वेटिव पार्टियों का रंग माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र का ध्वज हल्का नीला या आसमानी है, जो शांति और सद्भाव का प्रतीक है। इसी तरह दुनियाभर में साम्यवाद और व्यापक अर्थ में समाजवाद का प्रतिनिधि रंग लाल है। लाल रंग अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधि रंग भी है, जिसे अनुदारवादी दल माना जाता है। इसके विपरीत डेमोक्रेटिक पार्टी का रंग नीला है। आप गौर करेंगे कि अमेरिकी चुनाव परिणामों के ग्राफिक में अलग-अलग राज्यों में पार्टियों की जीत को लाल और नीले रंग से दिखाया जाता है। भारत में भगवा रंग हिन्दूवादी राजनीति का प्रतिनिधि है, पर पश्चिम में उससे मिलता-जुलता नारंगी रंग क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक दलों का प्रतिनिधित्व करता है। दुनियाभर में हरा रंग इस्लाम के साथ या इस्लामिक राजनीतिक संगठनों के साथ जोड़ा जाता है। इटली में फासी पार्टी का रंग काला था। हाल के वर्षों में पश्चिम एशिया के इस्लामी स्टेट का झंडा भी काला है। अब्बासी खिलाफत का ध्वज भी काला था। भारत में पेरियार ई रामास्वामी के नेतृत्व में शुरुआती तमिल नास्तिक आंदोलन भी काले झंडे के साथ हुआ था और आज भी ज्यादातर द्रविड़ पार्टियों के झंडे में लाल और काले रंग का इस्तेमाल होता है। कांग्रेस पार्टी ने स्वतंत्रता के पहले से ही तिरंगे को अपनाया था, जो आज भी उसका रंग है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित

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