Friday, October 11, 2019

जम्मू कश्मीर पुनर्गठन?


जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन अधिनियम-2019 भारत की संसद से पारित एक कानून है. इसमें राज्य के पुनर्गठन की व्यवस्था की गई है. इसके अंतर्गत इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया जाएगा. एक, जम्मू कश्मीर और दूसरा लद्दाख. यह अधिनियम 31 अक्तूबर से लागू होगा. यह अधिनियम राज्य सभा से 5 अगस्त और लोकसभा से 6 अगस्त, 2019 को पास हुआ. इसपर राष्ट्रपति ने 9 अगस्त को हस्ताक्षर किए. इस अधिनियम के पास होने के पहले संविधान के अनुच्छेद 370 के अंतर्गत राष्ट्रपति के हस्ताक्षरों से एक अधिसूचना जारी हुई, जिसके द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया गया. इसमें कहा गया कि भारतीय संविधान अब पूरी तरह इस राज्य पर लागू होगा. इस अधिसूचना के बाद ही देश की संसद को राज्य के पुनर्गठन का अधिकार प्राप्त हुआ. अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर राज्य को एक विशेष दर्ज दिया गया था, जिसके कारण राज्य का अपना संविधान था और उसे विशेष प्रशासनिक स्वायत्तता प्राप्त थी. इसके तहत दूसरे अन्य उपबंधों के अलावा देश के दूसरे इलाकों के निवासी इस राज्य में जमीन और अचल संपत्ति खरीद नहीं सकते थे. यह राज्य 20 जून 2018 से राष्ट्रपति शासन के अधीन है.
इस बदलाव से क्या होगा?
अधिनियम के अनुसार दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्यों का गठन किया जाएगा. एक जम्मू कश्मीर और दूसरा लद्दाख. जम्मू कश्मीर में विधानसभा भी होगी. दोनों राज्यों में लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त होंगे. लद्दाख में लेह और करगिल क्षेत्र भी शामिल होंगे. जम्मू कश्मीर का हाईकोर्ट दोनों राज्यों के हाईकोर्ट का काम करेगा. अधिनियम में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर का प्रशासन अब संविधान के अनुच्छेद 239 के अनुसार संचालित होगा. इसके साथ ही मूल रूप से पुदुच्चेरी के लिए बनाया गया अनुच्छेद 239-ए भी जम्मू कश्मीर पर लागू होगा. राज्य की विधानसभा में 107 से 114 सदस्य होंगे. यह विधानसभा सार्वजनिक-व्यवस्था और पुलिस को छोड़कर राज्य सूची में वर्णित सभी विषयों पर कानून बना सकेगी. राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति लेफ्टिनेंट गवर्नर करेंगे. जो विषय विधान सभा के अधीन नहीं होंगे, उनपर लेफ्टिनेंट गवर्नर को निर्णय करने का अधिकार होगा.
कितने केंद्र शासित राज्य?
अभी तक देश में सात केंद्र शासित प्रदेश हैं. दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमण और दीव, लक्षद्वीप और पुदुच्चेरी. 31 अक्तूबर 2019 के बाद इस सूची में जम्मू कश्मीर और लद्दाख के नाम जुड़ जाएंगे, जिससे केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर नौ हो जाएगी. केंद्र शासित प्रदेश या संघ-क्षेत्र भारत के संघीय प्रशासनिक ढाँचे की एक उप-राष्ट्रीय प्रशासनिक इकाई है. सामान्य प्रदेशों की अपनी चुनी हुई सरकारें होती हैं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेशों में सीधे केंद्र सरकार का शासन होता है. भारत का राष्ट्रपति हर केंद्र शासित प्रदेश का सरकारी प्रशासक या लेफ्टिनेंट गवर्नर नामित करता है.


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