दिल्ली को कई तरह से जाना जाता है। एक है दिल्ली का केन्द्र शासित
क्षेत्र। दूसरा है एनसीटी यानी नेशनल कैपिटल टेरीटरी। यह दिल्ली शहर की भौगोलिक
सीमा है। तीसरा है एनसीआर नेशनल कैपिटल रीजन। इसके अंतर्गत पंजाब, हरियाणा, उत्तर
प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के कुछ इलाके एनसीआर में शामिल किए गए हैं। सन 1962
में जब दिल्ली का पहला मास्टर प्लान जारी हो रहा था तब इसकी अवधारणा तैयार की गई
थी। इसका उद्देश्य था कि दिल्ली के इर्द-गिर्द शहरीकरण किया जाए ताकि दिल्ली पर
दबाव न पड़े। संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या अनुमान के अनुसार 2023 के शुरू में
दिल्ली महानगर की जनसंख्या 3 करोड़ 29 लाख 40,000 है। 2011 की जनगणना के अनुसार एनसीआर
क्षेत्र की आबादी 4 करोड़ 86 लाख के आसपास थी। आज यह छह करोड़ के आसपास होगी। सन
1985 में नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड अधिनियम पास किया गया, जिसके तहत इसे
कानूनी रूप दिया गया।
शंघाई
सहयोग संगठन क्या है?
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा
सहयोग का संगठन है, जिसकी शुरुआत चीन और रूस के नेतृत्व में यूरेशियाई देशों ने की
थी। अप्रैल 1996 में शंघाई में हुई एक बैठक में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान आपस में
एक-दूसरे के नस्ली और धार्मिक तनावों से निबटने के लिए सहयोग करने पर राज़ी हुए थे।
इसे शंघाई फाइव कहा गया था। शंघाई फाइव के साथ उज्बेकिस्तान के आने के बाद जून
2001 में शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना हुई। 2005 में कजाकिस्तान के अस्ताना में
हुए सम्मेलन में भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान के
प्रतिनिधियों ने पहली बार इसमें हिस्सा लिया। अब भारत और पाकिस्तान भी इस संगठन के
सदस्य बन गए हैं। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं के
मद्देनज़र सहयोग बढ़ाना है। पश्चिमी मीडिया मानता है कि एससीओ का मुख्य उद्देश्य
नेटो के बराबर खड़ा होना है। अमेरिका ने 2005 में इस संगठन में पर्यवेक्षक देश
बनने के लिए आवेदन किया था, जिसे नकार दिया गया था।
जानवर क्या कलर ब्लाइंड होते हैं?
जो देखता है उसे कोई न कोई रंग तो दीखता ही है। कलर
ब्लाइंड का मतलब है सारी चीजें एक या दो रंगों में नजर आना। चमगादड़ को ध्वनि की
तरंगे बेहतर तरीके से समझ आती है। पर वे कलर ब्लाइंड होते हैं। बंदरों में तीन रंग
देखने की क्षमता होती है। इंसान एक करोड़ तक रंगों को अलग-अलग पहचान सकता है। कुछ
पक्षियों में रंग देखने की बेहतरीन क्षमता होती है वे अल्ट्रा वॉयलेट रंग भी देख
लेते हैं।
राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 6 मई 2023 को
प्रकाशित
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