किसी भी दवा की समय सीमा एक वैज्ञानिक पद्धति से तय की जाती है। दवाइयों को सामान्य से कठिन परिस्थितियों में रखा जाता है जैसे 75 आरएच से अधिक आर्द्रता या 40 डिग्री से अधिक तापमान। फिर हर महीने या हर हफ़्ते उनकी प्रभावशीलता की जांच की जाती है। इसी आधार पर यह तय किया जाता है कि अमुक दवा की समय सीमा डेढ़ साल हो, दो साल या तीन साल। जब दवा बाज़ार में आ जाती है तो फिर उसका अध्ययन किया जाता है और उसकी प्रभावशीलता के अनुसार ही उसकी समय सीमा बढ़ाई जाती है।
गणतंत्र-परेड में पाक मेहमान?
भारत दो बार पाकिस्तान के नेताओं को गणतंत्र
दिवस में मेहमान के तौर पर आमंत्रित कर चुका है मगर 1965 के बाद से भारत ने कभी भी
पाकिस्तान के किसी नेता को न तो गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया ना ही भारत
से कोई पाकिस्तान के इस तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने ही गया। 1955 में
पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद और 1965 में वहाँ के मंत्री राना
अब्दुल हमीद मुख्य अतिथि थे।
पहला ईमेल किसने भेजा?
ईमेल
इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रुप है। दुनिया का पहला ई-मेल 1971 में अमेरिका के
कैम्ब्रिज नामक स्थान पर रे टॉमलिंसन नामक इंजीनियर ने उसी कमरे में रखे दो
कम्पयूटरों के बीच भेजा। वे कम्प्यूटर नेटवर्क अर्पानेट से जुड़े थे। अर्पानेट एक
माने में इंटरनेट का पूर्वज है। ईमेल को औपचारिक रूप लेने में कई साल लगे। अलबत्ता
भारतीय मूल के अमेरिकी वीए शिवा अय्यदुरई ने 1978
में एक कंप्यूटर प्रोग्राम तैयार किया, जिसे 'ईमेल' कहा गया। इसमें इनबॉक्स, आउटबॉक्स, फोल्डर्स, मेमो, अटैचमेंट्स ऑप्शन
थे। सन 1982 में अमेरिका के कॉपीराइट कार्यालय ने उन्हें इस आशय का प्रमाणपत्र भी
दिया। इस कॉपीराइट के बावजूद उन्हें ईमेल का आविष्कारक नहीं माना जाता।
राजस्थान
पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 9 सितंबर, 2023 को प्रकाशित
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