Saturday, January 11, 2025

फुलस्टॉप या हिंदी का पूर्ण विराम?

हिंदी में हम जिन विराम चिह्नों का प्रयोग करते हैं, उनमें अधिकतर यूरोप से आए हैं। संस्कृत से हमें केवल खड़ी पाई के रूप में विराम चिह्न मिला है। अल्प विराम, कोलन, सेमी कोलन, डैश, कोष्ठक और उद्धरण चिह्न इनवर्टेड कॉमा विदेशी हैं। पूर्ण विराम के लिए खड़ी पाई का इस्तेमाल पहले से होता रहा है और यह सबसे ज्यादा प्रचलित है। कुछ लोग रोमन ‘डॉट’ से भी पूर्ण विराम बनाते हैं। देवनागरी की अपनी अंक-प्रणाली भी है, पर अब ज्यादातर रोमन अंकों का इस्तेमाल होने लगा है। इसकी वजह है, हमारे संविधान का अनुच्छेद 343 जिसके अनुसार, ‘संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। शासकीय प्रयोजनों में भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप का इस्तेमाल होगा।’ निजी तौर पर अंकों और विराम चिह्नों का प्रयोग व्यक्ति पर निर्भर करता है। हालांकि फांट निर्माता रोमन अंक ‘1’ और विराम चिह्न ‘।’ के रूपांकन में अंतर रखते हैं, फिर भी कई बार भ्रम हो सकता है। वाक्य 101 पर खत्म हो तो 101 को ‘101।’ यानी एक हजार ग्यारह भी पढ़ा जा सकता है। इसमें सही या गलत का कोई मतलब नहीं। दोनों रूप चलते हैं।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 11 जनवरी, 2025 को प्रकाशित



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