एफएटीएफ यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो 1989 में जी-7 देशों के पेरिस शिखर सम्मेलन की देन है। शुरू में यह मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए बना था, पर 11 सितम्बर 2001 को न्यूयॉर्क पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से इसने आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने के खिलाफ भी सिफारिशें देना शुरू किया। अब यह जन-संहार के हथियारों के प्रसार के विरुद्ध भी नीति-निर्देश दे रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए नीतियाँ और मानक विकसित करना है। इसके लिए यह देशों की वित्तीय प्रणालियों की निगरानी करता है और ‘ग्रे लिस्ट’ और ‘ब्लैक लिस्ट’ जारी करता है, जो उन देशों को दर्शाती हैं जो मानकों का पालन नहीं करते। यह 40 सिफारिशें प्रदान करता है, जो वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए मानक हैं। 1989 में इसके 16 सदस्य थे, जो अब 39 हैं, जिनमें 37 देश और 2 क्षेत्रीय संगठन, यूरोपीय संघ और खाड़ी सहयोग परिषद हैं। इसका मुख्यालय पेरिस में है। भारत 2010 से इसका पूर्ण सदस्य है। भारत की वित्तीय इंटेलिजेंस यूनिट के डायरेक्टर जनरल इसमें देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राजस्थान
पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 5 जुलाई, 2025 के प्रकाशित
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