इंग्लैंड और युनाइटेड किंगडम क्या एक हैं?
श्याम कुमावत, जयपुर
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युनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड को युनाइटेड किंगडम, यूके और ब्रिटेन भी कहते हैं। यह एक स्वतंत्र सम्प्रभु देश है, जिसमें ऐतिहासिक कालक्रम में चार देश शामिल हो गए। इनके नाम हैं इंग्लैंड, नॉर्दर्न आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स। यूके में संसदीय राजतंत्र है, जिसकी एक संसद है। इसकी राजधानी तंदन है। इस देश का यह नाम सन 1927 से प्रचलन में है। इसके पहले 1801 में युनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड आयरलैंड बना था। पर 1922 तक आयरलैंड का काफी हिस्सा इससे अलग हो चुका था। इसके पहले सन 1707 में किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन बना था जिसमें किंगडम ऑफ इंग्लैंड तथा किंगडम ऑफ स्कॉटलैंड का विलय हुआ था। आपने देखा होगा कि कॉमनवैल्थ गेम्स में यूके के चारों देशों की टीमों ने हिस्सा लिया था। मोटे तौर पर यह एक सम्प्रभु देश है। हाल के वर्षों तक उत्तरी आयरलैंड की स्वायत्तता को लेकर हिंसक आंदोलन भी चलता रहा। उत्तरी आयरलैंड के नेशनलिस्ट्स, जो रोमन कैथलिक थे इसे आयरलैंड का हिस्सा बनाना चाहते थे और यूनियनिस्ट्स जो प्रोटेस्टेंट्स थे इसे यूके के साथ रखना चाहते थे। फिलहाल 1998 के गुडफ्रायडे समझौते के बाद उत्तरी आयरलैंड में सशस्त्र संग्राम खत्म हो गया।
बैक्टीरिया प्लांट है या प्राणी?
नीरू बंगाली,
पहले बैक्टीरिया को पौधा माना जाता था परंतु अब उनका वर्गीकरण प्रोकैरियोट्स के रुप में होता है। पारंपरिक रूप से बैक्टीरिया शब्द का प्रयोग सभी सजीवों के लिए होता था, परंतु यह वैज्ञानिक वर्गीकरण 1990 में हुई एक खोज के बाद बदल गया जिसमें पता चला कि प्रोकैरियोटिक सजीव वास्तव में दो भिन्न समूह के जीवों से बने है जिनका क्रम विकास एक ही पूर्वज से हुआ। इन दो प्रकार के जीवों को बैक्टीरिया एवं आर्किया कहा जाता है
बैक्टीरिया एककोशिकीय जीव है। इसका आकार कुछ मिलीमीटर तक ही होता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त-चक्राकार से लेकर छड़ आदि के आकार की हो सकती है। ये प्रोकैरियोटिक, कोशिका भित्तियुक्त, एककोशकीय सरल जीव हैं जो प्रायः सर्वत्र पाए जाते है। ये पृथ्वी पर मिट्टी में, अम्लीय गर्म जल-धाराओं में, नाभिकीय पदार्थों में, पानी में,भू-पपड़ी में, यहां तक की कार्बनिक पदार्थों में तथा पौधों एवं जन्तुओं के शरीर के भीतर भी पाये जाते हैं। साधारणतः एक ग्राम मिट्टी में 4 करोड़ जीवाणु कोष तथा एक मिलीलीटर जल में 10 लाख जीवाणु पाएं जाते हैं। ये संसार के बायोमास का एक बहुत बड़ा भाग है। ये कई तत्वों के चक्र में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, जैसे कि वायुमंडलीय नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में। बहुत सारे वंश के बैक्टीरिया का श्रेणी विभाजन भी नहीं हुआ है तथापि लगभग आधे जातियों को किसी न किसी प्रयोगशाला में उगाया जा चुका है। इनका अध्ययन बैक्टिरियोलोजी के अन्तर्गत किया जाता है जो कि सूक्ष्मजैविकी की ही एक शाखा है।
मानव शरीर में जितनी मानव कोशिकाएं है, उससे लगभग 10 गुणा अधिक जीवाणु कोष है। इनमें से अधिकांश जीवाणु त्वचा तथा आहारनाल में पाएं जाते हैं। हानिकारक बैक्टीरिया इम्यून तंत्र के रक्षक प्रभाव के कारण शरीर को नुकसान नही पहुंचा पाते है। कुछ बैक्टीरिया लाभदायक भी होते हैं।
मनीष सैनी
हिचकी का कारण होता है अचानक डायफ्राम में ऐंठन आना। फेफड़ों में अचानक हवा भरने से कंठच्छद(एपिग्लॉटिस) बंद हो जाता है। इससे हिच या हिक् की आवाज आती है। इसीलिए इसें अंग्रेजी में हिक-अप कहते हैं। हिचकी जब आती है तब कई बार आती है। हिचकी एक शारीरिक दोष के कारण भी आती है। उसे सिंग्युलटस कहते हैं। हिचकी आने की कई वजहें हैं। जल्दी-जल्दी खाना, बहुत गर्म या तीखा खाना, हँसना, खाँसना भी हिचकी का कारण बनता है। शराब पीने और धूम्रपान से भी आती है। इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस भी हिचकियाँ पैदा करता है। श्वसन पर रिसर्च करने वाले एक ग्रुप का कहना है कि मानव शरीर के विकास का एक लक्षण हिचकी है। पानी के अंदर रहने वाला मेढक पानी और हवा को उसी तरह घुटकता है जैसे हम हिचकी लेते हैं। अक्सर समय से पहले जन्मे शिशु जन्म लेते ही कुछ समय तक हिचकियाँ लेते हैं। हिचकियाँ काफी छोटे समय तक रहतीं हैं। पानी पीने शरीर की सामान्य क्रिया जल्द वापस आ जाती है।
गैस जलने से पहले भुप्प या धुप्प जैसी आवाज क्यों करती है?
ओम कुणाल निगम,
आमतौर पर हम गैस जलाते वक्त दो काम करते हैं। एक हाथ से गैस का स्विच खोलते हैं और दूसरे हाथ से लाइटर से चिंगारी पैदा करते हैं। दोनों क्रियाओं के बीच समय का अंतर होता है। पहले लाइटर जलने पर आग नहीं लगती। आमतौर पर पहले गैस निकलती है, फिर चिंगारी बनती है। बर्नर में पहले से गैस जमा होने पर वह हत्के से धमाके के साथ जलती है।
राजस्थान पत्रिका के कॉलम नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित
Pramod ji, Rochak blog banaya hai aapne, Badhayi.
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खुशहाली का विज्ञान!
ये है ब्लॉग का मनी सूत्र!