दुनिया की तकरीबन सभी पुरानी सभ्यताओं में शारीरिक व्यायाम और पशुओं के साथ खेलने का चलन रहा है। खासतौर से पुराने यूनान और रोम में खेलों के बड़े स्टेडियमों का चलन था। पर हम जिस आधुनिक सर्कस का ज़िक्र कर रहे हैं उसे शुरू करने का श्रेय लंदन के फिलिप एश्ले को दिया जाना चाहिए। उन्हें घुड़सवारी में महारत हासिल थी। उन्होंने 9 जनवरी 1768 को लंदन के एक रिंग में घुड़सवारी के करतब दिखाए। पर उन्होंने इसे सर्कस नाम नहीं दिया। उसे एश्लेज़ एम्फीथिएटर ऑफ इक्वेस्ट्रियन आर्ट्स कहा जाता था। सर्कस नाम दिया इस कारोबार में उनके प्रतिद्वंदी जॉन ह्यूजेस ने जिन्होंने पास में ही रॉयल सर्कस शुरू किया। एश्ले ने घुड़सवारी के करतबों के बीच के समय में दर्शकों को बाँधे रखने के लिए जोकरों, टाइटरोप पर चलने वालों, बाजीगरों और कुत्तों के खेलों की शुरूआत भी की।
एफएम गोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में प्रसारित
एफएम गोल्ड के कार्यक्रम बारिश सवालों की में प्रसारित
No comments:
Post a Comment