आइसक्रीम सबसे पहले किसने बनाई, और सबसे ज्यादा आइसक्रीम की खपत कहां होती है?
ईसा से 400 साल पहले फारस में गुलाबजल में फालूदा और फलों को मिलाकर जमाने का चलन था। फालूदा शब्द फारस से ही आया है। तकरीबन उसी जमाने में चीन में दूध और चावल के मिश्रण को जमाकर ठंडी मिठाई का चलन था। ज्यादातर प्राचीन सभ्यताओं ने बर्फ जमाना और उसके व्यंजन बनाना सीख लिया था। आइसक्रीम की सबसे ज्यादा खपत अमेरिका में है जहाँ औसतन एक व्यक्ति साल भर में 23 लिटर आइसक्रीम खाता है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं जहाँ 18 से 20 लिटर आइसक्रीम खाई जाती है।
पत्थर तो पानी में डूब जाता है, पर अंडे तैरते रहते हैं.. क्यों ?
पहले तैरने का सिद्धात समझ लें। आर्किमीडीज़ का सिद्धांत है कि कोई वस्तु जब पानी में डाली जाती है तब उसके द्वारा हटाए गए जल का भार उस वस्तु के भार के बराबर होता है। और हटाए गए पानी की ताकत उसे वापस ऊपर की ओर उछालती है। इसलिए लोहे का एक टुकड़ा जब पानी में डाला जाता है तब उसके द्वारा हटाए गए पानी की ऊपर को लगने वाली शक्ति को छोटा आकार मिलता है। यदि इसी लोहे के टुकड़े की प्लेट बना दी जाती तो उसका आकार बड़ा हो जाता और वह पानी के नीचे से आनी वाली ताकत का फायदा उठा सकती थी। जहाँ तक अंडे का सवाल है ताजा अंडे पानी में डूब जाते हैं पुराने नहीं डूबते। इसका कारण यह है कि पुराने अंडों के भीतर वायु कण बढ़ जाते हैं। इससे उसका आकार बढ़ जाता है। नमकीन पानी में अंडे तैरते हैं इसका कारण है कि नमक मिलने के कारण पानी का घनत्व बढ़ जाता है और अंडा तैरने लगता है। आपने देखा होगा कि जितना भारी तरल होता है उतना ही वस्तुएं उसमें तैरती हैं।
क्या डायनासोर फिर ज़िंदा हो सकते हैं ?
डायनासोर प्राणियों का एक समूह था जो अब से तकरीबन साढ़े छह करोड़ साल पहले धरती पर हुआ करता था। आज के प्राणियों में से अनेक उन्ही डायनासोरों के वंशज हैं। बहुत बड़े प्राणियों का जीवित रहना सम्भव नहीं हो सका। अब उनके दुबारा आने की उम्मीद नहीं है।
जब नया साल 1 जनवरी से शुरू माना जाता है तो फाइनैंशियल ईयर 1 अप्रैल से क्यों ?
दुनिया के सभी देशों में एक अप्रेल से नया वित्त वर्ष शुरू नहीं होता। चीन, फ्रांस और सिंगापुर में 1 जनवरी को बी नया वित्त वर्ष होता है। ऑस्ट्रेलिया, इटली, मिस्र और पाकिस्तान वगैरह में 1 जुलाई को। अमेरिका में 1 अक्टूबर को नया वित्त वर्ष होता है। इंग्लैंड में 1 अप्रेल से नया वित्त वर्ष शुरू होता है। हमने अपने यहाँ अंग्रेजों की परम्परा को बनाए रखा। हमारे लिए इसमें एक सुविधा यह थी कि यह नई फसल का समय होता है। बैसाखी का त्योहार आमतौर पर 14 अप्रेल को पड़ता है। नया संवत्सर भी इन्हीं दिनों शुरू होता है।
फ्लाइंग कार का कॉन्सेप्ट क्या है.. और इंडिया में ये कब आएगी ?
फ्लाइंग कार वस्तुतः साइंस फिक्शन की चीज़ है। यों जबसे हवाई जहाज बने हैं तबसे हवाई कार बनाने की कोशिशें हो रहीं हैं। इन दिनों अमेरिकन एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी रोडेबल एयरक्राफ्ट पर काम कर ही है। उसका लक्ष्य 2015 में ऐसा विमान पेश करने का है।
दुनिया में सबसे ज्यादा गर्मी कहां पड़ती है.. और सबसे ठंडा देश कौन है ?
उत्तरी इथोपिया का डल्लोल शहर दुनिया का सबसे गर्म आबाद स्थान माना जाता है। यहाँ 1960 से 1966 के बीच औसत दैनिक तापमान 34.4 डिग्री सैल्शियस दर्ज कया गया। इस दौरान औसत अधिकतम तापमान 41 डिग्री और किसी-कसी दिन 55 डिग्री से ऊपर चला जाता है। अमेरिका की डैथवैली में 1913 में तापमान 56.7 डिग्री दर्ज किया गया। डेनमार्क के अधीन ग्रीनलैंड प्रायः हर समय बर्फ की चादर से ढका रहता है इसलिए सबसे ठंडा इलाका कह सकते हैं। अलबत्ता कनाडा और रूस दूसरे और तीसरे नम्बर के देश कहे जा सकते हैं जहाँ -5 और -6 डिग्री औसत तापमान होता है। दुनिया की सबसे ठंडी जगह यों तो अंटार्कटिक में रिज ए मानी जाती है। वहाँ का न्यूनतम तापमान -90 डिग्री सेल्शियस से भी नीचे चला जाता होगा। यह अनुमान है, क्योंकि इस 15000 मीटर ऊँची पहाड़ी पर मनुष्य के पैर आजतक नहीं पड़े हैं। अंटार्कटिक में ही रूस के स्टेशन वोस्तोक में -89.2 डिग्री सेल्शियस तक दर्ज किया गया है। रूस के साखा गणराज्य के गाँव ओमायाकोन को दुनिया का सबसे ठंडा आबाद क्षेत्र माना जाता है। आर्कटिक के पास के इस इलाके में जनवरी में तापमान -50 से -65 डिग्री के बीच रहता है। यों 6 फरबरी 1933 को यहाँ का तापमान -69.2 दर्ज किया गया था, जो दुनिया के किसी भी बसे हुए क्षेत्र का न्यूनतम दर्ज तापमान है।
ज्यादातर पंखों में (FAN) में तीन डैने (BLADE) ही क्यों होते हैं ?
चार ब्लेड वाले पंखे भी होते हैं, पर एक दूसरे से 120 अंश की दूरी पर ब्लेड लगाने से हवा का कटान अच्छा होता है और किफायती भी। आप चार या पाँच ब्लेड लगाएंगे तो कीमत बढेगी और बिजली का खर्च भी।
कोई सपना हमें लंबे वक्त तक याद रहता है.. और कोई सपना हम बिल्कुल याद नहीं रहता.. क्यों ?
हमें ज्यादातर सपने याद नहीं रहते। जिस वक्त हम सपने देखते हैं उस वक्त की हमारी नीद को मनोचिकित्साविद आरईएम (रैपिड आई मूवमेंट) कहते हैं। उस वक्त मस्तिष्क की न्यूरोकेमिकल स्थिति ऐसी होती है कि हमें ज्यादा याद नहीं रहते। पर इसके अलावा दूसरे कारण भी हो सकते हैं। एक कारण यह बताया जाता है कि मस्तिष्क के उस हिस्से में जिसे सेरेब्रल कॉर्टेक्स कहते हैं एक हॉर्मोन नोरेपाइनफ्राइन की कमी होती है। यह हॉर्मोन याददाश्त के लिए ज़रूरी होता है।
अगर ये सही है कि इंसान पहले बंदर थे.. तो सारे बंदर इंसान क्यों नहीं बन पाए..?
इंसान कभी बंदर नहीं था। मनुष्य जिस होमोनिड्स और होमो सेपियंस प्रजाति से विकसित हुआ है उससे पहली प्रजातियाँ आज के अफ्रीकी एप या गोरिला से जुड़ी थीं। वैज्ञानिक परीक्षणों से पता लगा है कि चिम्पांजी और मनुष्य के डीएनए काफी मिलते जुलते हैं। मनुष्य के 75 फीसदी डीएनए कद्दू से मिलते हैं और 93 फीसदी मक्खियों से। ज्यादातर डीएनए बताते है कि सेल किस तरह बनते हैं। चूंकि पूरा जीवन इन बिल्डिंग बलॉक्स से डुड़ा है इसलिए सभी प्राणियों के डीएनए मिलते-जुलते होते हैं। अभी छानबीन चल ही रही है कि इंसान में क्या खास बात थी कि वह इस रूप में विकसित हुआ।
जानवरों के क्लोन तो बनने लगे.. इंसानों की क्लोनिंग कब होगी ?
इंसानों के क्लोन का मामला बहुत नाजुक है और उससे तमाम नैतिक प्रश्न जुड़े हैं। अलबत्ता उसकी चिकित्सा में इस तकनीक का इस्तेमाल करने की कोशिशें की जा रहीं हैं।
क्या किसी दवा या प्रयोग से इंसानों की उम्र बढ़ाई जा सकती है ?
व्यक्ति के खान-पान रहन-सहन के तरीकों में बदलाव करके स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। संसार में औसत उम्र बढ़ भी रही है। इससे ज्यादा कुछ नहीं।
क्या आसमान से गिरने वाली बिजली का कोई इस्तेमाल किया जा सकता है ?
1980 के दशक से कोशिश हो रही है कि आकाशीय बिजली की उसी तरह हार्वेस्टिंक की जाए जैसे बरसात के पानी की हो रही है। चूंकि यह बिजली किसी छोटी सी जगह गिरती है और बहुत कम समय के लिए होती है इसलिए वे तरीके खोजे जा रहे हैं जिनमें इसका इस्तेमाल हो सके। मसलन पानी को गर्म करने या उसमें से हाइट्रोजन गैस को अलग करने में इसकी भूमिका हो सकती है। अमेरिका की एक कम्पनी आल्टरनेट इनर्जी होल्डिंग्स इनकॉरपोरेट ने कृत्रिम तड़ित के सहारे 60 वॉट का बल्ब बीस मिनट तक जलानेमें कामयाबी हासिल की। पर यह सब प्रयोग के स्तर पर ही है। प्राकृतिक शक्ति के रूप में आकाशीय हिजली के मुकाबले सौर ऊर्जा का इस्तेमाल ज्यादा व्यावहारिक है, पर अभी फोटोवोल्टाइक सैल की तकनीक काफी महंगी है।
बरसात का पानी नदियों में और नदियां समंदर में मिलती हैं.. फिर नदी का पानी मीठा क्यों और समंदर का पानी खारा क्यों होता है..?
समुद्र का पानी धरती के काफी बड़े हिस्से में फैला है। धरती में कई प्रकार के धातु, खनिज और लवण मौजूद हैं। नमक की चट्टाने और पहाड़ भी होते हैं। यह नमक समुद्र के पानी में घुल गया है। इसी समुद्र का पानी गर्म होकर भाप बनता है और ऊपर उठ जाता है। इस भाप के रूप में जमा पानी में नमक की मात्रा लगभग शून्य होती है। यह भाप बादल बनकर धरती पर बारिश करती है। बारिश का पानी नदियों, खेतों, झीलों और पहाड़ी चट्टानों के भीतर जाता है और धीरे-धीरे बाहर आता है। काफी पानी ऊँचे पहाड़ों में बर्फ बनकर गिरता है। यह बर्फ पिघलकर नदी बनकर बहती है। इस बर्फीले पानी में नमक कम होता है इसलिए यह पानी मीठा लगता है। सागर में खारा लगता है, क्योंकि उसमें नमक बहुत ज्यादा है। कुछ सागरों का पानी ज्यादा खारा होता है और कुछ का कम।