Monday, November 9, 2015

हरित क्रांति क्या है?

हरित क्रांति शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल युनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) के पूर्व डायरेक्टर विलियम गॉड ने सन 1968 में किया. पर इसकी अवधारणा यूरोप की औद्योगिक क्रांति के बाद खेती-बाड़ी के काम में विज्ञान और तकनीक के इस्तेमाल से जुड़ी है. बीसवीं सदी में दूसरे विश्व युद्ध के पहले ही अन्न उत्पादन की और दुनिया का ध्यान गया था. अलबत्ता दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जब विजयी अमेरिकी सेना जापान पहुंची तो उसके साथ कृषि अनुसंधान सेवा के सैसिल सैल्मन भी थे. उस समय सबका ध्यान इस बात पर केंद्रित था कि जापान का पुनर्निर्माण कैसे हो. सैल्मन का ध्यान खेती पर था. उन्हें नोरिन-10 नाम की गेंहू की एक क़िस्म मिली जिसका पौधा कम ऊँचाई का होता था और दाना काफ़ी बड़ा होता था. सैल्मन ने इसे और शोध के लिए अमेरिका भेजा. तेरह साल के प्रयोगों के बाद 1959 में गेन्स नाम की क़िस्म तैयार हुई. अमेरिकी कृषि विज्ञानी नॉरमन बोरलॉग ने गेहूँ कि इस किस्म का मैक्सिको की सबसे अच्छी क़िस्म के साथ संकरण किया और एक नई क़िस्म निकाली.

उधर साठ के दशक में भारत में अनाज की उपज बढ़ाने की सख्त ज़रूरत थी. भारत को बोरलॉग और गेहूं की नोरिन क़िस्म का पता चला. भारत में आईआर-8 नाम का बीज लाया गया जिसे इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विकसित किया था. पूसा के एक छोटे से खेत में इसे बोया गया और उसके अभूतपूर्व परिणाम निकले. 1965 में भारत के कृषि मंत्री थे सी सुब्रमण्यम. उन्होंने गेंहू की नई क़िस्म के 18 हज़ार टन बीज आयात किए, कृषि क्षेत्र में ज़रूरी सुधार लागू किए, कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसानों को जानकारी उपलब्ध कराई, सिंचाई के लिए नहरें बनवाईं और कुंए खुदवाए, किसानों को दामों की गारंटी दी और अनाज को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम बनवाए. देखते ही देखते भारत अपनी ज़रूरत से ज़्यादा अनाज पैदा करने लगा. बहरहाल नॉरमन बोरलॉग हरित क्रांति के प्रवर्तक माने जाते हैं लेकिन भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय सी सुब्रमण्यम को जाता है.

दिल्ली राज्य कब बना और उसके पहले मुख्यमंत्री कौन थे?

दिल्ली की स्थिति देश में सबसे अलग है. केन्द्र शासित क्षेत्र होते हुए भी इसकी विधानसभा है और इसके शासन प्रमुख मुख्यमंत्री होते हैं. दिल्ली में सबसे पहले विधानसभा 17 मार्च 1952 को बनी थी. उस समय यहाँ के पहले मुख्यमंत्री थे चौधरी ब्रह्म प्रकाश. राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1956 में इसे केन्द्र शासित क्षेत्र बना दिया और विधानसभा खत्म हो गई. इसके बाद 1991 में संविधान के 69 वें संशोधन के बाद 1993 में यहाँ विधानसभा की पुनर्स्थापना हुई. दिल्ली को नेशनल कैपिटल टैरीटरी बनाया गया. सन 1991 में भारतीय संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम पास हुआ जिसके अधीन दिल्ली को राज्य का दर्जा मिला. केवल क़ानून और व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथों में रही. यह अधिनियम 1993 में लागू हुआ और विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी विजयी रही और पहले मुख्यमंत्री बने मदन लाल खुराना.

हमें छींक क्यों आती है.

छींक आमतौर पर तब आती है जब हमारी नाक के अंदर की झिल्ली, किसी बाहरी पदार्थ के घुस जाने से खुजलाती है. नाक से तुरंत हमारे मस्तिष्क को संदेश पहुंचता है और वह शरीर की मांसपेशियों को आदेश देता है कि इस पदार्थ को बाहर निकालें. जानते हैं छींक जैसी मामूली सी क्रिया में कितनी मांसपेशियां काम करती हैं....पेट, छाती, डायफ्राम, वाकतंतु, गले के पीछे और यहां तक कि आंखों की भी. ये सब मिलकर काम करते हैं और बाहरी पदार्थ निकाल दिया जाता है. कभी-कभी एक छींक से काम नहीं चलता तो कई छींके आती हैं. हाँ जब हमें जुकाम होता है तब छींकें इसलिए आती हैं क्योंकि जुकाम की वजह से हमारी नाक के भीतर की झिल्ली में सूजन आ जाती है और उससे ख़ुजलाहट होती है.

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों में सीधे बहस होती है. भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?
भारत और अमेरिका दो भिन्न प्रकार की राजनीतिक व्यवस्थाओं वाले देश हैं. वहाँ राष्ट्रपति पद का चुनाव सीधे होता है. देश की दो मुख्य पार्टियों के प्रत्याशियों का चुनाव भी वोटर सीधे करते हैं. वहाँ हर स्तर पर सीधे बहस सम्भव है क्योंकि अक्सर दो प्रत्याशियों के बीच सीधे मुकाबला होता है. हमारे देश में संसद सदस्यों का सीधे चुनाव होता है. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पद का चुनाव सीधे जनता नहीं करती. पर यदि देश की प्रमुख पार्टियाँ अपने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी घोषित भी कर दें तो उसमें भी दिक्कत है. पार्टियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि दो व्यक्तियों के बीच बहस नहीं हो सकती.

फॉरेस्ट हिल नामक स्टेडियम किस खेल से सम्बंधित है?
फॉरेस्ट हिल न्यूयॉर्क सिटी के क्वींस बोरो का इलाका है. वहाँ है फॉरेस्ट हिल टेनिस स्टेडियम. विश्व प्रसिद्ध वेस्टसाइड टेनिस क्लब के पास अनेक स्टेडियम हैं उनमें यह भी एक है. सन 1923 में बना यह स्टेडियम कुछ साल पहले तक खस्ताहाल हो गया था. सन 1975 तक यहाँ अमेरिकी ओपन टेनिस प्रतियोगिता होती थी. हाल में इस स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया गया है और अब यहाँ संगीत कार्यक्रम होने लगे हैं.
  

प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

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