जेनेटिक
इंजीनियरी को समझने के लिए पहले जेनेटिक्स या अनुवांशिकी के मतलब को समझना चाहिए।
यह विज्ञान की एक शाखा है, जिसमें गुणसूत्रों
और डीएनए का अध्ययन किया जाता है। यह जीव-विज्ञान का ही हिस्सा है। इसके अंतर्गत
जीवधारियों और वनस्पतियों में होने वाली आनुवंशिक विविधताओं का अध्ययन किया जाता
है। जेनेटिक इंजीनियरी जींस की सहायता से पेड़-पौधे, जानवर और इंसानों
के सेल में बदलाव करने का प्रयास करती है। चिकित्सा, कृषि विज्ञान और पशुपालन में
काफी काम हुआ है। इसके जरिए पेड़-पौधे और जानवरों में ऐसे गुण विकसित किए जाते हैं, जिसकी मदद से उनमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती
है। इस तरह के पेड़-पौधे जीएम यानी जेनेटिकली मोडिफाइड फूड के रूप में जाने-जाते
हैं।
संस्कार से क्या अभिप्राय
है?
संस्कार शब्द के अनेक अर्थ
हैं। एक अर्थ है शुद्ध करना, परिष्कार करना, सुधारना। एक और अर्थ है तहज़ीब, मानसिक शिक्षा। मन में
अच्छी बातों का जमाना। शिक्षा, उपदेश, संगत, आदि का मन पर पड़ा हुआ
प्रभाव । दिल पर जमा हुआ असर। स्वाभाविक है कि सुशिक्षित व्यक्ति मानवीय, दूसरों
का सम्मान करने वाला, सभ्य होता है। यह संस्कारवान व्यक्ति का गुण है। इसके विपरीत
होना कुसंस्कार है। माता-पिता, गुरु, मित्र और संगति व्यक्ति की बुनियादी
मान्यताएं या विश्व-दृष्टि बनाते हैं। यही संस्कार हैं।
हिन्दू समाज में
जीवन के अलग-अलग चरणों में पूरे किए जाने वाले कर्तव्यों को भी संस्कार कहते हैं। शास्त्रों में षोडश संस्कारों का विवरण मिलता है। इनके अनुसार गर्भाधान से
लेकर मृतक कर्म तक के 16 संस्कार होते हैं। इनकी सूची के कई रूप हैं। सामान्यतः 16
संस्कार इस प्रकार हैं 1। गर्भाधान, 2। पुंसवन, 3। सीमन्तोन्नयन,
4।जातकर्म, 5। नामकरण, 6। निष्क्रमण, 7। अन्नप्राशन, 8। चूड़ाकर्म, 9। विद्यारम्भ,
10। कर्णवेध, 11। यज्ञोपवीत, 12। वेदारम्भ, 13। केशान्त, 14। समावर्तन, 15।
विवाह, 16। अन्त्येष्टि।
भारत में विमान सेवा
की शुरुआत कब और कहां से हुई?
भारत में पहली
व्यावसायिक असैनिक उड़ान 18 फरवरी 1911 को इलाहाबाद से नैनी के बीच हुई थी। इस
उड़ान में विमान ने 6 मील यानी 9।7 किलोमीटर की दूरी तय की थी। उस दिन फ्रांसीसी
विमान चालक हेनरी पेके हम्बर-सोमर बाईप्लेन पर डाक के 6,500 पैकेट लेकर गया था। यह
दुनिया में पहली आधिकारिक एयरमेल सेवा भी थी।
इसके बाद दिसम्बर
1912 में इंडियन एयर सर्विसेज ने कराची और दिल्ली के बीच पहली घरेलू सेवा की
शुरुआत की। उसके तीन साल भारत की पहली निजी वायुसेवा टाटा संस ने कराची और मद्रास
के बीच शुरू की। 15 अक्तूबर 1932 को जेआरडी टाटा कराची से जुहू हवाई अड्डे तक हवाई
डाक लेकर आए। व्यावसायिक उड़ान का लाइसेंस पाने वे पहले भारतीय थे। उनकी विमान
सेवा का नाम ही बाद में एयर इंडिया हुआ।
श्री और सर्वश्री
श्री एक व्यक्ति के लिए इस्तेमाल होगा। मसलन श्री राजीव कुमार। जब हम कई नाम एकसाथ लिखें तो शुरू में सर्वश्री लिखकर काम चलाते हैं। आशय है कि सभी श्री। मसलन सर्वश्री रमेश, सुरेश, महेश और राकेश।
No comments:
Post a Comment