Thursday, May 18, 2017

भारत में प्रशासनिक सेवाओं का इतिहास क्या है?


भारत में सन 1857 की लड़ाई के बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी शासन के स्थान पर अंग्रेजी सरकार का शासन स्थापित हो गया था. गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858 के तहत भारत में नागरिक सेवाओं के लिए अफसरों की नियुक्ति के नियम भी बनाए गए. इस सेवा को पहले इम्पीरियल सिविल सर्विस और बाद में इंडियन सिविल सर्विस का नाम दिया गया. शुरुआत में उनकी भरती की परीक्षाएं केवल लंदन में होती थीं. बाद में इलाहाबाद में भी होने लगीं. नीचे के पदों को भारतीय कर्मचारियों से भरा जाता था. सन 1923 में ब्रिटिश सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में स्थानीय भागीदारी के लिए एक आयोग बनाया जिसके अध्यक्ष थे लॉर्ड ली ऑफ फेयरहैम. इसके पहले इंस्लिंगटन कमीशन और मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड आयोग ने भी भारतीयों की भागीदारी के लिए सिफारिशें की थीं. बहरहाल ली आयोग ने सिफारिश की कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में 40 फीसदी ब्रिटिश, 40 फीसदी भारतीय सीधे और 20 फीसदी स्थान प्रादेशिक सेवाओं से प्रोन्नति देकर लाए गए अफसरों को दिए जाएं. ली आयोग ने भरती के लिए एक लोक सेवा आयोग बनाने की सिफारिश भी की. इसके बाद सन 1926 में संघ लोकसेवा आयोग की स्थापना हुई. स्वतंत्रता के बाद संविधान सभा ने अनुच्छेद 315 के तहत इसे एक स्वायत्त संस्था के रूप में संविधान में स्थान भी दिया.

सुल्तान अज़लान शाह कौन थे?
सुल्तान अज़लान शाह (19 अप्रैल 1928-28 मई 2014) मलेशिया की रियासत पेराक के 34वें सुल्तान और मलेशियाई राजतंत्र के नौवें राष्ट्राध्यक्ष (यांग दी-पैरतुआन अगोंग) थे. अपने स्कूली दिनों में वे हॉकी के अच्छे खिलाड़ी थे और उन्होंने पेराक की टीम का प्रतिनिधित्व भी किया था. उन्होंने कानून की शिक्षा प्राप्त की थी और वे देश की सर्वोच्च अदालत के प्रमुख भी रहे. दूसरी बातों के अलावा उन्होंने अपने देश में हॉकी के खेल जबर्दस्त बढ़ावा दिया और उनके प्रयास से ही मलेशिया में दो बार (1975 और 2002) विश्वकप हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हो चुका है. सन 1983 में उन्होंने सुल्तान अज़लान शाह हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन शुरू किया. यह प्रतियोगिता इपोह में हर साल होती है.

धन विधेयक और वित्त विधेयक में क्या अंतर होता है?
संविधान के अनुच्छेद 109 के अनुसार धन विधेयक राज्यसभा में पुरःस्थापित (इंट्रोड्यूस) नहीं किया जाता. लोकसभा से उसके पास होने के बाद राज्यसभा की सिफारिशों के लिए भेजा जाता है, जहाँ से चौदह दिन की अवधि के भीतर राज्यसभा अपनी सिफारिशों के साथ उसे लोकसभा को लौटा देती है. लोकसभा उन सिफारिशों को स्वीकार कर भी सकती है और नहीं भी कर सकती है. अनुच्छेद 110 मे वर्णित एक या अधिक मामलों से जुड़ा धन विधेयक कहलाता है. ये मामले हैं -किसी कर को लगाना,हटाना, नियमन, धन उधार लेना या कोई वित्तीय जिम्मेदारी जो भारत की संचित निधि से धन की निकासी/जमा करना, संचित निधि से धन का विनियोग, ऐसे व्यय जिन्हें भारत की संचित निधि पर भारित घोषित करना हो, संचित निधि से धन निकालने की स्वीकृति लेना वगैरह.

वित्त विधेयक (फाइनेंशियल बिल) वह विधेयक जो धन विधेयक (मनी बिल) के एक या अधिक प्रावधानों से पृथक हो तथा गैर मनी मामलों से भी संबंधित हो. जो राजस्व और व्यय से जुड़ा हो सकता है. वित्त विधेयक में धन प्रावधानों के साथ सामान्य विधायन से जुड़े मामले भी होते है. इस प्रकार के विधेयक को पारित करने की शक्ति दोनों सदनों मे समान होती है. यदि यह प्रश्न उठता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं तो उस पर लोक सभा अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा.

दिल्ली में संसद भवन कब बना?
सन 1911 में घोषणा की गई कि भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली ले जाई जाएगी. मशहूर ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लैंडसीयर लुट्यन्स ने दिल्ली की ज्यादातर नई इमारतों की रूपरेखा तैयार की. संसद भवन की इमारत 1927 में तैयार हुई.

दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा कहाँ है?

कैरीबियन सागर के डच अधिकार वाले द्वीप सबा का जुआंचो ई रॉस्किन हवाई अड्डा दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा माना जाता है. इसका रनवे 400 मीटर लम्बा है. इस हवाई अड्डे पर जेट विमान नहीं उतरते क्योंकि उनके लिए लम्बा रनवे चाहिए.

ह्वाइट कॉलर जॉब क्या है?
ह्वाइट कॉलर शब्द एक अमेरिकी लेखक अपटॉन सिंक्लेयर ने 1930 के दशक में गढ़ा. औद्योगीकरण के साथ शारीरिक श्रम करने वाले फैक्ट्री मजदूरों की यूनीफॉर्म डेनिम के मोटे कपड़े की ड्रेस हो गई. शारीरिक श्रम न करने वाले कर्मचारी सफेद कमीज़ पहनते. इसी तरह खदानों में काम करने वाले ब्लैक कॉलर कहलाते. सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कर्मियों के लिए अब ग्रे कॉलर शब्द चलने लगा है.

किस फिल्म को पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था?
1954 में कथा-चित्र के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मराठी फिल्म ‘श्यामची आई’ को दिया गया.

3 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ’अफवाहों के मकड़जाल में न फँसें, ब्लॉग बुलेटिन पढ़ें’ में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

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  2. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन राजा राममोहन राय जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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