Thursday, October 4, 2018

मी टू आंदोलन क्या है?

मी टू आंदोलन (जिसे अंग्रेजी में #MeToo लिखा जाता है) यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक वैश्विक अभियान है, जिसके अलग-अलग देशों में अलग-अलग रूप हैं. इसका सबसे प्रचलित अर्थ है कार्यक्षेत्र में स्त्रियों का यौन शोषण. हमारे देश में इसका इस्तेमाल सामान्य उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ भी हो रहा है. अक्तूबर 2017 में अमेरिकी फिल्म निर्माता हार्वे वांइंसटाइन पर कुछ महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए. न्यूयॉर्क टाइम्स और न्यूयॉर्कर ने खबरें प्रकाशित कीं कि एक दर्जन से अधिक स्त्रियों ने वाइंस्टाइन पर यौन-विषयक परेशानियाँ पैदा करने, छेड़छाड़, आक्रमण और रेप के आरोप लगाए. इसके बाद कई और स्त्रियों ने ऐसे आरोप लगाए. इसके बाद कुछ और स्त्रियों ने कहा कि उनके साथ भी ऐसा हुआ है. पर इस वाक्यांश को लोकप्रियता दिलाई अमेरिकी अभिनेत्री एलिज़ा मिलानो ने, जिन्होंने हैशटैग के साथ इसका इस्तेमाल 15 अक्टूबर 2017 को ट्विटर पर किया. मिलानो ने कहा कि मेरा उद्देश्य है कि लोग इस समस्या की संज़ीदगी को समझें. इसके बाद इस हैशटैग का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर करोड़ों लोग कर चुके हैं.

पहला इस्तेमाल

वस्तुतः यह अब स्त्री-मुक्ति का आप्त-वाक्य बन चुका है. एलिज़ा मिलानो को इसे प्रचारित करने का श्रेय जाता जरूर है, पर इसका पहली बार इस्तेमाल सन 2006 में अमेरिकी सोशल एक्टिविस्ट और कम्युनिटी ऑर्गेनाइज़र टैराना बर्क ने किया था. बर्क का कहना है कि जब एक 13 साल की लड़की ने उन्हें अपने यौन उत्पीड़न की जानकारी दी, तो मेरे मुँह से निकला ‘मी टू.’ स्त्रियों के मन में एक-दूसरे की परेशानियों के प्रति हमदर्दी पैदा करने के उद्देश्य से उन्होंने सोशल मीडिया नेटवर्क माईस्पेस पर इसका इस्तेमाल किया. आज दुनिया के तमाम लोग इसका इस्तेमाल ‘हम तुम्हारे साथ हैं’ की भावना से कर रहे हैं. भारत में हाल में बॉलीवुड की अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के मामले में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.

गणराज्य क्या होता है?

गणराज्य या गणतंत्र शासन पद्धति है, देश सार्वजनिक विषय होता है, शासकों की निजी संस्था या सम्पत्ति नहीं. यानी कि गणतंत्र के भीतर सत्ता पारिवारिक विरासत में नहीं मिलती. यानी राज्य का प्रमुख राजा नहीं होता, बल्कि जनता द्वारा सीधे या परोक्ष पद्धति से चुना हुआ व्यक्ति होता है. यह सब सांविधानिक व्यवस्था के तहत होता है. आज दुनिया के अधिकतर देश स्वयं को गणराज्य मानते हैं. सन 2017 तक, दुनिया के 206 सम्प्रभु राज्यों में से 159 अपने आधिकारिक नाम के हिस्से में ‘रिपब्लिक’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे. यह भी समझ लिया जाना चाहिए कि राज्य प्रमुख यदि चुनाव से तय हो रहा है, पर राष्ट्राध्यक्ष सम्राट है, तो उस देश को गणराज्य नहीं कहेंगे। मसलन ब्रिटेन लोकतांत्रिक देश है, पर गणराज्य नहीं है, क्योंकि वहाँ राष्ट्राध्यक्ष राजा है. वहाँ सांविधानिक राजतंत्र है. ऐसा ही जापान में है.
प्रभात खबर अवसर में प्रकाशित

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...