Friday, April 5, 2019

फ्रिज के आइस क्यूब का आविष्कार कैसे हुआ?


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आइस क्यूब के पहले आइस या बर्फ का आविष्कार हुआ था। यों तो बर्फ प्राकृतिक रूप से हमें मिलती है। उसके आविष्कार की बात सोची नहीं जा सकती। पर खाने-पीने की चीज़ों को सुरक्षित रखने के लिए और गर्म इलाकों में कमरे को ठंडा रखने के लिए बर्फ की ज़रूरत हुई। शुरू के दिनों में सर्दियों की बर्फ को जमीन के नीचे दबाकर या मोटे कपड़े में लपेट कर उसे देर तक सुरक्षित रखने का काम हुआ। फिर आइस हाउस बनाने का चलन शुरू हुआ। ज़मीन के नीचे तहखाने जैसे बनाकर उनमें बर्फ की सिल्लियाँ रखी जाती थीं, जो या तो सर्दियों में सुरक्षित कर ली जाती थीं या दूर से लाई जाती थीं। उधर चीन में आइसक्रीम बनाने की कला का जन्म भी हो गया था। सन 1295 में जब मार्को पोलो चीन से वापस इटली आया तो उसने आइस क्रीम का जिक्र किया। आइस हाउस के बाद आइस बॉक्स बने। फिर कृत्रिम बर्फ बनाने की बात सोची गई। इसके बाद रेफ्रिजरेटर की अवधारणा ने जन्म लिया। सन 1841 में अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन गोरी ने बर्फ बनाने वाली मशीन बना ली। आइस क्यूब ट्रे बीसवीं सदी की देन है। इस ट्रे ने आइस क्यूब को जन्म दिया। 
एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में क्या या कैसा खाना खाते हैं?

अब अंतरिक्ष यात्राएं काफी लम्बी होने लगी हैं। कई-कई महीने तक यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन पर रहना पड़ता है। उनके लिए खाने की व्यवस्था करने के पहले देखना पड़ता है कि गुरुत्वाकर्षण शक्ति से मुक्त स्पेस में उनके शरीर को किस प्रकार के भोजन की जरूरत है। साथ ही उसे स्टोर किस तरह से किया जाए। सबसे पहले अंतरिक्ष यात्री यूरी गागारिन को भोजन के रूप में टूथपेस्ट जैसी ट्यूब में कुछ पौष्टिक वस्तुएं दी गईं थीं। उन्हें गोश्त का पेस्ट और चॉकलेट सॉस भी दिया गया। 1962 में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जॉन ग्लेन ने भारहीनता की स्थिति में भोजन करने का प्रयोग किया था। शुरू में लगता था कि भारहीनता में इंसान भोजन को निगल पाएगा या नहीं। इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए टेबलेट और तरल रूप में भोजन बनाया गया। धीरे-धीरे उनके भोजन पर रिसर्च होती रही। उन्हें सैंडविच और टोस्ट दिए जाने लगे। अब उन्हें कई तरह के पेय पदार्थ और खाने की चीजें भेजी जाती हैं। अलबत्ता वहाँ स्वाद की समस्या होती है। भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स हाल में जब कुछ साल पहले भारत आईं थी तो उन्होंने बताया था कि वे अंतरिक्ष में समोसे लेकर गई थीं। साथ ही वे पढ़ने के लिए उपनिषद और गीता भी लेकर गईं थी।


महात्मा गांधी के बेटे थे या नहीं?

गांधी जी के चार बेटे थे। हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास गांधी। एक शिशु का बचपन में निधन हो गया था।


दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा?

कैरीबियन सागर के द्वीप सबा का हवाई अड्डा दुनिया का सबसे छोटा हवाई अड्डा माना जाता है। इसका रनवे 400 मीटर लम्बा है। इस हवाई अड्डे पर जेट विमान नहीं उतरते क्योंकि उनके लिए कुछ लम्बा रनवे चाहिए। 


1 comment:

  1. आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 540वीं जयंती - गुरु अमरदास और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान जरूर बढ़ाएँ। सादर ... अभिनन्दन।।

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