इस सवाल का जवाब समझना आसान
नहीं है, क्योंकि धरती घूमती रहती है। इसलिए सबसे पहले कौन
सा इलाका सूर्य के सामने सबसे पहले आता है कहना मुश्किल है। मनुष्य ने धरती को अक्षांश, देशांतर के मार्फत विभाजित किया है। धरती के गोले पर उत्तरी
ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक जो काल्पनिक देशांतर रेखाएं हैं, उनमें जो देश सुदूर पूर्व में 180 देशांतर पर पड़ेंगे, वहाँ सबसे पहले सूर्योदय मानना चाहिए। साथ ही दुनिया को अलग-अलग
टाइम ज़ोन में विभाजित किया है। इस टाइम ज़ोन से तय होता है कि सबसे पहले सूर्योदय
किस देश में होता है। सामान्यतः हम मानते हैं कि दुनिया में जापान का मिनामी तोरीशीमा
धुर पूर्व में है। इसलिए वहाँ सबसे पहले सूर्योदय मान सकते हैं। इसका दूसरा तरीका यह
है कि डेटलाइन को आधार मानें। ग्रीनविच मीन टाइम को यदि हम आधार मानते हैं तो जापान
के समय में नौ घंटे जोड़ने होंगे। यानी जब ग्रीनविच मान टाइम शून्य होगा, यानी रात के बारह बजे होंगे तब जापान में सुबह के नौ बजे होंगे।
वास्तव में जीएमटी से ठीक बारह घंटे का फर्क फिजी, तुवालू, न्यूजीलैंड और किरिबाती के मानक समयों में है, जबकि इन सबकी स्थिति में फर्क है। इस लिहाज से दुनिया का सबसे
पूर्व में स्थित क्षेत्र किरिबाती का कैरलिन द्वीप है, जहाँ के सूर्योदय को धरती का पहला सूर्योदय मान सकते हैं।
ओलिम्पिक गोल्ड मेडल में कितना
सोना होता है?
पहले यह बताना बेहतर होगा
कि 1896 और 1900 के ओलिम्पिक खेलों में गोल्ड मेडल नहीं दिए गए। उनमें चाँदी और ताँबे
के मेडल क्रमशः विजेता और उप विजेता को दिए गए। 1904 में अमेरिका के मिज़ूरी में तीन
मेडल का चलन शुरू हुआ। ओलिम्पिक के गोल्ड मेडल का आकार, डिजाइन और वज़न बदलता रहता
है। लंदन ओलिम्पिक में काफी बड़े आकार के मेडल दिए गए जो 85 मिमी व्यास के थे। इनकी
मोटाई 7 मिमी थी। सोने का मेडल भी चाँदी में ढाला जाता है और उसके ऊपर लगभग 6 ग्राम
सोने की प्लेटिंग होती है। चाँदी का मेडल .925 शुद्धता की चाँदी का होता है और कांस्य
पदक में ताँबे, टिन और ज़स्ते की मिलावट होती है।
गैस का गुब्बारा कितना ऊपर
जाता है?
गैस के गुब्बारे में हीलियम
गैस भरी जाती है। यह गुब्बारा इसलिए ऊपर उठता है क्योंकि हीलियम गैस हवा से हल्की होती
है। चूंकि हमारे वायुमंडल में आप जैसे-जैसे ऊपर जाएंगे हवा हल्की होती जाएगी। आमतौर
पर एक छोटा गुब्बारा चार पाँच सौ मीटर से ज्यादा ऊँचाई तक जाता है। साथ ही वह हवा के
प्रवाह के साथ बहने लगता है। धीरे-धीरे गुब्बारे में भरी हीलियम निकलती जाती है और
वह नीचे आने लगता है।
जुगनू क्यों चमकता है?
जुगनू एक प्रकार का उड़ने
वाला कीड़ा है, जिसके पेट में रासायनिक क्रिया से रोशनी पैदा होती
है। इसे बायोल्युमिनेसेंस कहते हैं। यह कोल्ड लाइट कही जाती है इसमें इंफ्रा रेड और
अल्ट्रा वॉयलेट देनों फ्रीक्वेंसी नहीं होतीं।