Saturday, November 1, 2025

डूरंड रेखा क्या है?

 डूरंड लाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा को निर्धारित करती है। इसे 1893 में ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव सर मॉर्टिमर डूरंड और अफगान अमीर अब्दुर रहमान खान के बीच हुए समझौते के तहत तय किया गया था। लगभग 2,640 किलोमीटर लंबी यह सीमा पश्चिमी बलोचिस्तान से पूर्वी नूरिस्तान तक फैली हुई है और पश्तून और बलोच जनजातियों के पारंपरिक क्षेत्रों को विभाजित करती है। अफगानिस्तान का कहना है कि डूरंड समझौता ब्रिटिश साम्राज्यवादी दबाव में हुआ था। डूरंड लाइन के पार के कुछ क्षेत्र, जो अब पाकिस्तान में हैं, जैसे खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के हिस्से, अफगान थे। यह समझौता 100 वर्षों के लिए था, जो 1993 में समाप्त हो चुका है। पाकिस्तान इसे वैध सीमा मानता है। संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इसे मान्यता देता है। इस रेखा ने पश्तून और बलोच जनजातियों को दो देशों में बाँट दिया, जिससे सांस्कृतिक और पारिवारिक एकता प्रभावित हुई। पश्तून समुदाय, जो दोनों देशों में फैला है, इसे अपनी एकता के लिए खतरा मानता है। कई पश्तून एकीकृत पश्तूनिस्तान की माँग करते हैं। क्षेत्र में रहने वाले कबीलों का सीमा पर स्वतंत्र आवागमन है, जिसे नियंत्रित करना काफी मुश्किल है।

राजस्थान पत्रिका के नॉलेज कॉर्नर में 1 नवंबर 2025 को प्रकाशित

 

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